सोमवार, 31 दिसंबर 2012

56 साल बाद भी उपेक्षित मध्य प्रदेश का 'जनक' -पं. रविशंकर शुक्ल की समाधि पर नहीं उनके नाम का जिक्र


-१ नवम्बर को जलसा, ३० दिसंबर, 2 अगस्त को छोटा सा कार्यक्रम भी नहीं 
-उनके नाम से प्रदेश सरकार नहीं देती सम्मान
हेमन्त पटेल, भोपाल। 


मैं मध्य प्रदेश! १ नवंबर २०१२ को ५६ वर्ष का हो गया। जहन में बात उठना लाजमी है, आज ३१ दिसंबर को यह बात क्यों कह रहा हूं? दरअसल, मेरा 'जनक' (पं. रविशंकर शुक्ल) जिसने मेरा श्रृजन किया मेरे नाम की कृति देश ही नहीं दुनिया में फैलाई। उसी विराट पुरुष का अपनी ही माटी में बैगानों जैसा हाल है। रवि की आज ५६वीं पुण्य तिथि है। 
इन ५६वर्षों में मप्र में काफी कुछ बदला। दर-ओ-दीवार से लेकर गुम्बदे मीनार तक, लेकिन अब तक रवि की समाधि पर उसके नाम का पत्थर तक न लग सका। न ही मप्र सरकार उसके नाम से किसी प्रकार का जलसा-सम्मान आयोजित करती है। रवि तब-तब याद आता है। जब-जब राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेरी बात चलती है। मुझे याद है! १९९२ में नागपुर में पहला हिन्दी सम्मेलन आयोजित हुआ, रवि ने ही इसे मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन नाम दिया और अध्ययक्षता करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मप्र को प्रथक राज्य का दर्जा दिलाने दमदारी से बात रखी। 

-अपने भी भूल गए 
विधायक विश्रामगृह-1 के सामने पं. शुक्ल की समाधि है। यहां शुक्ल की मूर्ति तो लगी है, वहीं उद्यान में भी पं. रशिशंकर शुक्ल वाटिका का बोर्ड लगा है, लेकिन समाधि पर शुक्ल न नाम है न कोई संकेतिक बोर्ड। यहां कहीं ऐसा भी नहीं लिखा जो यह दर्शाए कि उक्त समाधि पं. शुक्ल की ही है। गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा तो दूसर कांग्रेस के प्रत्याशी भी उन्हें भूल गए हैं। कांग्रेसियों ने भी कभी पं. शुक्ल को लेकर किसी प्रकार के सामूहिक कार्यक्रम, उनके नाम से सम्मान, योजना चलाने का प्रयास नहीं किया। 

पं. शुक्ल एक परिचय 
जन्म- 2 अगस्त 1877 को सागर में। 
शिक्षा- सागर तथा रायपुर में। स्नातक और कानून की शिक्षा प्राप्त की। 
पहला काम- 1902 में खैरागढ़ रियासत में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त हुए। 
यह भी- कानून की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद राजनांदगांव में वकालत शुरू की। 
प्रभाव- लोकमान्य तिलक के विचारों से प्रभावित रहे, उनके द्वारा संचालित होम रुल आंदोलन का समर्थन किया। 
सदस्यता- 1921 में कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की। 
प्रकाशन- 1935 में महाकोशल साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन किया। 
आंदोलन- 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व का भार छत्तीसगढ़ में संभाला।
लेखक भी- राजनेता होने के साथ शुक्ल अच्छे वक्ता और लेखक भी थे। 
 ...और इतिहास- 1946 में राज्य विधानसभा में मध्यप्रांत के मुख्यमंत्री और फिर अविभाजित मप्र के प्रथम मुख्यमंत्री बने। 
इसलिए निर्माता- स्वतंत्रता के बाद रियासतों के विलय में भी आपने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसलिए आधुनिक मध्यप्रदेश का निर्माता कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्रांति के समर्थक थे। भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना का श्रेय शुक्ल को ही है। 

-छग का भी श्रेय शुक्ल को 
संसद में छत्तीसगढ राज्य के गठन के विधेयक प्रस्तुत करते समय भारत के तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवानी ने यह स्पष्ट कहा कि छत्तीसगढ़ को राज्य का दर्जा दिलाने का श्रेय यदि किसी एक व्यक्ति को जाता है तो वे पं. रविशंकर शुक्ल हैं। 
-...और छग करता है यह 
छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृती में सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक क्षेत्र में अभिनव प्रयत्नों के लिए पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान स्थापित किया है।


-सरकार में रखेंगे पक्ष 
मैं इसकी जानकारी लेता हूं। इस संबंध में सरकार के सामने भी पक्ष रखा जाएगा कि पुण्यतिथि व जयंती पर कार्यक्रम आयोजित हों। साथ ही उनके नाम से योजना व सम्मान समारोह कराने की बात सरकार में रखेंगे। 
नरोत्तम मिश्रा, संसदीय कार्य मंत्री, मप्र शासन 

-मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा...
निश्चित ही यह दु:खद है कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल की स्मृति में स्थापित मूर्ति और पार्क इतना बदहाल है और सरकार की अपेक्षा का शिकार है। यह भाजपा सरकार की उस उदार मानसिकता का झूठ बतलाती है जो वह प्रचारित करने के लिए बोलती और दिखाती है। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर जैंसा वे कहते हैं प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल की मूर्ति और उनकी स्मृति में स्थापित पार्क को सम्मान प्रदान करे ताकि भोपाल सुंदर होने के साथ ही अपने गौरवशाली अतीत को भी स्मृति पटल में अंकित रख सके।
अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष 

-उनके नाम से स्कॉलरशिप शुरू की जाए
पं. शुक्ल की नातिन विजयालक्ष्मी शुक्ल (७५) कहती हैं मुझे ही नहीं पता कि नानाजी (पं. शुक्ल) की समाधि भोपाल में है, तो आम व्यक्ति को कैसे पता चलेगा? एक सवाल के जवाब में वह कहती हैं कि यह विडंबना और आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है कि जिसने मप्र गढ़ा उसी के नाम और काम को सरकार व सरकार के लोग भूल गए। पुण्यतिथि को आज ५६ साल हो गए। श्रीमती शुक्ल ने कहा वे बच्चों से प्रेम करते थे, वे हमेशा शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करते थे। मप्र सरकार चाहे तो उनके नाम से स्कॉलरशिप योजना शुरू कर सकती है। मप्र के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ की भी निर्माण किया। छग में उनके नाम से सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। उसी तरह मप्र सरकार को भी करना चाहिए। मैं विद्याचरण से कहूंगी कि वे प्रदेश व केंद्र सरकार में उनके नाम से किसी प्रकार कोई आयोजन व योजना शुरू करने का अग्रह करें। 

-अपने भी भूल गए
मप्र काफी बड़ा था, इसे मूलरूप देने उन्होंने हर संभव प्रयास किया। भले ही वे कांग्रेस में थे, लेकिन जब मप्र की बात आती तो वे किसी की न सुनते। मप्र के निर्माण के लिए कांग्रेस के दिग्गजों से भी जूझे और प्रदेश का हक दिलाया। यह कहना है पं. शुक्ल की बेटी क्रांति त्रिवेदी का। फोन पर चर्चा में उन्होंने कहा भोपाल में उनके नाम से एक मार्केट (पं. रविशंकर मार्केट) और सड़क भर है। १ नवंबर (मप्र स्थापना दिवस) तो आयोजित होता है। इसमें लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन मप्र के युग पुरुष की गाथा मप्र के युवाओं तक पहुंचे ऐसा प्रयास किसी भी सरकार ने नहीं किया। मुझे बेहद खेद है कि अपने (कांग्रेस) भी उन्हें भूल गए। वर्तमान सरकार को भी दायित्व बनता है कि उनके नाम को और ऊंचाइयां दी जाएं।

'समर्थन' पाने पंजीकृत हुए ५ हजार कृषक

  सरकार द्वारा नय साल के मार्च से प्रदेश की मंडियों में 'समर्थन' मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हो जाएगी। गेहूं पर 'समर्थन' पाने अब तक जिले में ५ हजार कृषकों ने पंजीयन कराया है। पंजीयन १५ दिसंबर से जिले के ४६ केन्द्रों पर शुरू हो गया है। 
अब तक पंजीयनों में करीब २ हजार के आसपास ऑनलाइन हो सके हैं। किसान १५ जनवरी तक पंजीयन करा सकते हैं। इस हिसाब से रहे किसानों के पास पंजीयन कराने के लिए 16 दिन हैं। अच्छी बात यह है कि अब किसान अपने समीपवर्ती केन्द्रों पर ही पंजीयन करा सकते हैं, इसके लिए उन्हें केवल पंजीयन फार्म भर कर देना होगा। वहीं उनका ऑनलाइन पंजीयन भी यहीं होगा। 

-सुबह से पंजीयन 
विभागीय सूत्रों की माने तो कुछ केंद्रों पर बिजली की समस्या के चलते पंजीयन फार्म तो जमा हो गए लेकिन उनको ऑनलाइन करने का काम लाइट आने के बाद किया जा रहा है। यह पंजीयन कार्य सुबह 10 से शाम पांच बजे तक किया जा रहा है। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक एचएस परमार ने बताया कि भोपाल जिले के किसानों का पंजीयन कार्य जारी है। इस बार पंजीयन के लिए जितने केंद्र स्थापित किए गए, उनके एरिये भी बंाट दिए गए हैं, ताकि दूसरे एरिया वाला किसान किसी अन्य केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन न करा सके। अब तक 5000 किसानों ने अपना पंजीयन करवा लिया है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष कुल 18 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। इस बार यह सं या 20 हजार का आंकड़ा पार कर सकती है।

ये हैं केन्द्र 
ईंटखेड़ी, निपानिया जाट, परवलिया सड़क, गोंदरमउ, रायपुर, आदमपुर छावनी, सूखी सेवनिया, अमझरा, रातीबढ़, फंदा, कोडिया, मुगालिया छाप, टीलाखेड़ी, तूमड़ा, मिसरोद, समरधा, रापडिय़ा, बैरागढ़ चीचली, अमरावत कलां, सेमरी कलां, दिल्लौद, हर्राखेड़ा, गुनगा, रतुआ-रतनपुर, धमर्रा, ललरिया, सोहाया, बबचिया, कुल्हौर, ललोई, बरखेड़ा, नजीराबाद, बहरावल, रूनाहा, गढ़ाकलां, नायसमंद में एक एक केंद्र बनाए गए हैं तथा बैरसिया मंडी प्रांगण में चार, कृषि उपज मंडी करोंद में तीन तथा भैंसाखेड़ी उपमंण्डी प्रांगण में तीन केंद्र स्थापित किए गए हैँ।

तीन को दी फांसी की सजा - न्यायालय ने सुनाया फैसला

 देश दिल्ली गैंगरेप मामले के बाद देश भर में गुस्सा उबाल पर है और आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की जा रही है। वहीं मप्र में तीन आरोपियों को न्यायालय ने फांसी की सजा दी है। धार जिले में चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप पर विशेष न्यायालय ने 36 दिन में यह फैसला दिया है। वहीं बुरहानपुर में प्रेमिका के साथ मिलकर पत्नी की हत्या करने के आरोप में पति और प्रेमिका को भी बुरहानपुर कोर्ट ने फांसी देने का एलान किया है। उल्लेखनीय है कि पुलिस अपराध अनुसंधान द्वारा ऐसे सनीसनीखेज मामलों की विवेचना कराई जाती है, जिसकी हर महीने समीक्षा होती है। यही कारण है कि संगीन अपराधों में सजा का प्रतिशत बढ़ा है। चालू साल में 203 संगीन मामलों में से 114 प्रकरणों में 196 लोगों को सजा हुई है। इनमें से 82 आरोपियों का आजीवन कारवास मिला है। पांच साल में प्रदेश में 9 मामलों में 16 आरोपियों को फांसी की सजा मिल चुकी है। 

मामला-१ 
धार जिले के मनावर थाना क्षेत्र में 31 अक्टूबर को 2012 को आरोपी सुनील बलई ने एक चार वर्षीय बच्ची के साथ सरसो के खेत में दुष्कर्म किया और गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने एक माह के भीतर चालान पेश किया और न्यायालय ने 5 दिसंबर को मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी को फांसी की सजा सुनाई।

मामला-२
एक अन्य प्रकरण में बुरहानपुर जिले के लालबाग थाने में दिसंबर 2011 को आरोपी जितेन्द्र ने अपनी प्रेमिका भारती के साथ मिलकर पत्नी की हत्या कर दी थी। कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए 10 जुलाई को दोनों आरोपियों को फांसी की सजा से दंडित किया।

2012 में अपराधों की स्थिति
संगीन मामले     203
निराकृत मामले    114
सजा मिली    196
आजीवन    82
फांसी        3


वर्जन 
इस साल दो मामलों में तीन आरोपियों को फांसी की सजा दी गई है। एक मामले में मात्र 36 दिन में निर्णय हुआ। वहीं सनसनीखेज अपराधों में सजा का प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे मामलों की हर महीने समीक्षा की जाती है।
एमआर कृष्णा, एडीजीपी, सीआईडी


प्रदेश में इस साल पुलिस बल बढ़ा -पुलिस महानिदेशक ने कुर्सी पर आते ही उठाए कई कदम

-बनाया जा रहा है २०१३ के लिए लक्ष्य 
साल २०१२ में पुलिस कार्य प्रणाली पर सुस्ती के आरोप लगे। पुलिस को इस छवि से निकालने पुलिस महानिदेशक ने कदम उठाए, इसमें महत्वपूर्ण भर्ती में पारदर्शिता और प्रक्रिया में बदलाव अहम रहा। पुलिस मुख्यालय ने अब २०१३ के लिए भी लक्ष्य तैयार कर लिया है।
 मप्र शासन ने पुलिस मुख्यालय ने बल बढ़ाने, भर्ती प्रक्रिया में बदलाव लाने, पुलिस जवानों की समस्या को लेकर भेजे प्रस्ताव को मंजूरी दिलाई। मुख्यालय ने जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में पुलिस बल बढ़ाने के प्रस्ताव पर अमल किया। इस तरह 21 हजार नवीन पद स्वीकृत किए। वहीं शहीद होमगार्ड के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता समेत अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया। अब तक ढाई हजार से अधिक आवास मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने बनवाए। इसी साल शासन ने घोषणा भी कि अब हर साल 4 हजार आवास बनाए जाएंगे। इसके लिए हुडको से कर्ज लिया गया है। इस तरह पुलिसकर्मियों की आवास की मांग पूरी की जा सकेगी। 

फैसले पुलिस मुख्यालय के 
महिला डेस्क तैयार हुई १४१ थानों में 
मप्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष महिला प्रकोष्ठ गठित की गई। इसके तहत अब तक १४१ थानों में महिला डेस्क तैयार की गई हैं। इसकी कमान अतिरिक्त महानिदेशक स्तर की महिला अधिकारी को सौंपी गई है। 

ट्रैफिक के लिए बना संचालनालय 
महानगरों में बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए अलग से टै्रफिक संचालनालय का गठन किया है। जिसकी कमान एडीजीपी स्तर के अधिकारी के पास है। हालांकि गठन का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है। इसके अलावा मानव दुव्र्यापार को रोकने 16 इकाइयों का गठन किया गया।

पूर्व सैनिक हुए लाभांवित 
सैनिक कल्याण द्वारा पूर्व सैनिकों की 14 विधवा को सरकारी नौकरी दी गई। इसके अलावा बैंकों 100 पूर्व सैनिकों को सुरक्षा गार्ड तैनात कराया गया है। सहायक पुलिस निरीक्षक एवं पुलिस निरीक्षक के 54 और वन रक्षक के 58 पद पर भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति की गयी। इसके साथ ही 439 भूतपूर्व सैनिक को शासन ने निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाई है। हर जिले में लोक अभियोजन अधिकारी नियुक्त संगीन अपराधों की सुनवाई में तत्परता लाने की मंशा से लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा हर जिले में सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों की पदस्थापना की है। इसके बाद से चिह्नित अपराधों में सजा का ग्राफ बढ़ा है।

पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू
मप्र में पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू की गई। गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इसकी पहल की थी। हालांकि इसे एक जनवरी से लागू किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। योजना के तहत पुलिस जवान प्रदेश के 30 और प्रदेश के बाहर 31 हॉपिस्टलों में अपना इलाज करा सकेंगे। एक जवान पर शासन आठ लाख रुपए तक का उपचार राशि खर्च करेगी।

सुरक्षा बल गठित 
प्रदेश में उद्योगों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल की दो बटालियन गठित करने का फैसला शासन ने लिया है। इस बल के गठित होने से उद्योगों की सुरक्षा कर्मियों की मांग की पूर्ति की जा सकेगी। इसी तरह पूर्व सैनिकों की एक बटालियन भी गठित की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत एक हजार से अधिक पुलिस जवानों को भर्ती किया जाएगा।

भर्ती प्रक्रिया बदली 
पिछले कुछ सालों में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने इस बार भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बना दिया है। जिससे गड़बड़ी की संभावना काफी कम हो गई है। सिपाही की भर्ती प्रक्रिया से साक्षात्कार प्रक्रिया हटा दी है। अब केवल लिखित परीक्षा और 800 मीटर की दौड़ करवाई जाती है। दौड़ का समय रिकार्ड करने के लिए कंप्यूटर लगाये गए।

ऑनलाइन हुए थाने 
सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश के साी थानों को अप्रैल 2013 तक ऑनलाइन किया जाना है। पहले चरण में राजधानी भोपाल एवं इंदौर के थानों को ऑनलाइन किया जाएगा। अभी इंस्टालेशन का काम जारी है। ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ एफआईआर ऑनलाइन लिखी जाएगी और अपराधियों की कुंडली भी ऑनलाइन रहेगी।

पदोन्नति में तेजी 
पुलिस महकमे में यह विसंगति थी कि कई जवान सिपाही से भर्ती होकर उसी पद से रिटायर हो जाते थे। इस परंपरा को अब समाप्त कर दिया गया है। नए नियमानुसार नियमित सेवा पूरी करने के बाद पुलिस जवान को पदोन्नति मिलेगी। पदोन्नति के लिए होने वाली परीक्षा को बंद कर दिया है। अब पदोन्नति काम के आधार पर दी जाएगी। यह सब पुलिस की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए किया गया है। 

अब मिलेगा नगर इनाम
मुठभेड़ के दौरान बदमाशों से जूझने वाले बहादुर जवानों को अब समय पूर्व पदोन्नति नहीं मिलेगी। अब जवानों को उत्कृष्ठ कार्य करने पर नगद ईनाम दिया जाएगा। पुलिस मुयालय ने पुलिस अधिकारियों द्वारा ओटी की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की शिकायत मिलने के बाद आउट ऑफ टर्न प्रमोशन को बंद किया है। 
 

कैलेंडर का विमोचन आज

 नववर्ष के एक दिन पूर्व सोमवार को राजस्व अधिवक्ताओं के कैलेंडर का विमोचन होगा। सुबह 10 बजे पूर्व सांसद एवं स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, एमपी एमएलए क्वाटर स्थित अपने निवास पर कैलेंडर का विमोचन करेंगे। राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद द्वारा तैयार किए इस कैलेंडर में न्यायालय अवकाश व अन्य संबंधी जानकारियों को सामाहित किया गया है। कार्यक्रम में परिषद के संस्थापक अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार गुप्ता, संस्थापक सचिव सैय्यद खालिद कैस, अध्यक्ष कैलाश गुप्ता, सचिव रवीन्द्र कुमार गुप्ता सहित परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित रहेंगे।

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

फर्जी सदस्य बेच रहे सोसायटी की जमीन

-कलेक्टर से की एमवाय खान व अन्य ने शिकायत, लालालाजपत राय सोसायटी का मामला 
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ऐशबाग निवासी एमवाय खान सहित अन्य सदस्यों ने शुक्रवार को कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि फर्जी सदस्य लाला लाजपतराय गृह निर्माण सहकारी समिति की बेशकीमती जमीन बेच रहे हैं। यह लोग समिति के कागजों में भी हेरफेर कर रहे हैं। 
यह लोग सोसायटी द्वारा मैदान और पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर प्लॉट काट रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि इसमें संस्था के कर्ताधर्ताओं का ही हाथ है। संस्था संचालकों ने गैर सदस्यों से संचालक मंडल में शामिल कर लिया है। अब यह मनमाने तरीके से सोसायटी की जमीन को बेच रहे हैं। इन्होंने दिए आवेदन में सदस्यों की वरिष्ठता सूची से छेड़छाड़ करने तथा संस्था का ऑडिट न कराए जाने की भी बात कही। शिकायतकर्ताओं ने इसकी जांच करने की मांग की है। श्री खान ने बताया कि संस्था के पास शाहपुरा में 23.20 एकड़, पुल बोगदा में 15.10 एकड़ तथा गोविंदपुरा में 10.54 एकड़ जमीन है। इस तरह संस्था के पास कुल 48.84 एकड़ जमीन है तथा इस जमीन के कुछ हिस्से पर 60 सदस्यों को प्लाट काटकर आवंटित कर दिये गए हैं। शेष जमीन फर्जी सदस्य बनाकर बेच दी गई है। श्री खान ने बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2010 में जनसुनवाई में शिकायत करने के बाद संचालक ने अपने जवाब में संस्था के 61 सदस्य  होने की जानकारी दी थी, जबकि सहकारिता विभाग के वर्ष 2010-11 की ऑडिट रिपोर्ट में 97 सदस्य बताए गए हैं। इस तरह संचालक मंडल ने फर्जी सदस्यों के नाम पर बेशकीमती जमीन की हेराफेरी की है। उन्होंने बताया कि संस्था की पुलबोगदा स्थिल लाला लाजपत राय कॉलोनी में प्रस्तावित 180 फीट रोड के कारण खुले मैदान के रूप में जो जमीन छोड़ी गई थी, उस पर प्लॉट क्रमांक- 36 ए काटकर बेच दिया है। 

-चुनाव में भी गड़बडिय़ां 
इसी साल इस संस्था के संचालक मंडल के चुनाव हुए थे। इसमें गड़बडिय़ां सामने आई थी। बावजूद इसके संचालक मंडल का गठन किया गया। इसमें अधिकांश संस्था के
सदस्य ही नहीं हैं। सोसायटी का अध्यक्ष ज्योति चौहान को बनाया गया है जो कि पूर्व में भंग किए गए संचालक मंडल के उपाध्यक्ष राधेश्याम चौहान की पत्नी हैं। संस्था का संचालन भी पंजीकृत पते पर संचालित नहीं हो रहा है। गौर करने वाली बात यह है कोर्ट में संस्था का प्रकरण भी चल रहा है। 

लाला लाजपत राय सोसायटी की शिकायत जनसुनवाई के जरिए सहकारिता को मिली है। इसमें मैं देख रहा हूं। शिकायत के आधार पर जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। 
आरएस विश्वकर्मा, उपायुक्त, सहकारिता

प्रदेश के विकास में हो आंकड़ों का उपयोग: राजौरा -दो दिवसीय जनगणना कार्यशाला शुरू

 जनगणना के आंकड़ों का प्रदेश के समग्र विकास में उपयोग किया जाए। इन आंकड़ों के साथ आने वाले १० सालों तक प्रदेश के विकास योजना बनाई जाएंगी, लिहाजा आंकड़ों का विशलेषण बेहद जरूरी है। ग्रामीण विकास के सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने यह बात होटल लेक व्यू अशोक में आयोजित जनगणना निदेशलाय द्वारा आयोजित कार्यशाला में कही। राजौरा ने यहां बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। 
कार्यशाला में मप्र की तुलना देश के आंकड़ों से करते हुए इसका प्रस्तुतिकरण किया। इस दौरान बताया कि मप्र की जनगणना दो चरणों में संपन्न हुई। इस पर आधारित विश्लेषणात्म पुस्तकों का प्रकाशन किया है। वहीं द्वितीय चरण की जनसंख्या की गणना को जनगणना कार्य निदेशालय मप्र ने उन्हें सीडी फार्म में भी तैयार किया है। दो दिवसीय इस कार्यशाला का समापन शनिवार को होगा। कार्यशाला में शासकीय-गैर शासकीय संगठन भाग ले रहे हैं। 
राजौरा ने कहा केन्द्र एवं राज्य सरकार की अनेक योजनाएं है, जिनमें आवास, पेयजल, विद्युतीकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि शामिल है, इनकी जमीनी हकीकत जानने जनसंख्या के साथ आंकड़ों होना बेहद जरूरी है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के सलाहकार वसीम अख्तर ने कहा- इन आंकड़ों को जिला-स्तर पर भी पहुंचाने की आवश्यकता है। हर जिले की अपनी सामाजिक एवं भौगोलिक स्थिति है। इन आंकड़ों का उनके लिए सही तरीके से उपयोग किया जा सकता है। सचिन सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में 7 मई से 22 जून, 2010 तक मकान सूचीकरण का काम किया गया है। इसमें एक लाख 20 हजार प्रगणक लगे। इसमें लगभग 19 हजार पर्यवेक्षकों ने कार्य की निगरानी की। कार्यशाला को यूनीसेफ के प्रतिनिधि कुमार प्रेमचंद और एक्शन ऑफ सोशल एडवांस के प्रतिनिधि आशीष मण्डल भी उपस्थित थे। 

वाहन संचालकों पर 2.33 लाख का जुर्माना


-अवैध खनिज परिवहन करते पकड़ाए थे यह वाहन 
भोपाल। जिले में अवैध तरीके से खनिज का परिवहन करते पकड़े १८ वाहनों के संचालकों पर कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने अर्थदण्ड आरोपित किया है। सभी 18 प्रकरणों में कलेक्टर ने 2.33 लाख का जुर्माना लगाया है। इस राशि को वसूलने खनिज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। 

इनसे होगी वसूली 
वाहन क्रमांक   - मालिक या ड्रायवर   - जुर्माना
एमपी-04- जीए-5342  - मंगल     - 12100
एमपी-04- एचई-1736 - मोह मद शाहबाज   - 12100
एमपी-04- जीए - 2008 - रामू भाई    - 22100
एमपी-04- जीए - 3635 - गणेश साहू    - 13200
एमपी-04- के - 4237  - दूल्हे सिंह   - 3300
एमपी-01- टी- 6300 - विक्रम सिंह   - 3300
एमपी-04-सीए -7569 - वृंदावन सिंह   - 3300
एमपी-04-सी-6343 - बल्लू सिंह    - 3300
एमपी-04-जीए-2558 - लछलू मामा   - 24310
एमपी-04-जीए-2022 - वफीन मोह मद   - 22000
एमपी-04-एचई-2655 - सरोज कुमार साहू   - 13200
एमपी-04-एचई-2656 - भागचंद    - 13200
एमपी-04-एचई-0473  - धनसिंह    - 13200
एमपी-04-एचई-2158  - करध्वज     - 13200
डीएलआईएलडी-2195 - अनिल चौकसे   - 8800
एमपी04-के-8855  - मेहताब सिंह   - 22000
एमपी-04एनजी-0594  - पी. गणेश    - 19360
एमपी-04-जीए -4187  - पतिराम पटेल   - 11000

जांच


-ईओडब्ल्यू ने रेनबो स्मार्ट सोल्यूशन कंपनी का दर्ज किया प्रकरण, प्रलोभन दे ठगी का आरोप ........
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने धनबाद झारखंड की चिटफंड कंपनी के कर्ताधर्ताओं पर प्रकरण पंजीबद्ध किया है। इन पर १४ माह में रकम दोगुना व अन्य प्रलोभनों का आरोप है। 
ईओडब्ल्यू की टीम ने इससे पहले जांच में मामला सही पाया। धनबाद की रेनबो स्मार्ट सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी दस-दस हजार जोड़ों के रूप में जमा करने को कहते थे। पूरा खेल चेन सिस्टम के जरिए होता था। निवेशकों से कंपनी संचालकों ने राशि तो जमा कर ली, लेकिन वापसी के समय लौटाया नहीं। ऐसा न होने पर निवेशकों ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। 

-यह है मामला 
मूल रूप से कंपनी धनबाद की है, जिसके प्रबंध संचालक धीरेन रावानी, संचालक मुकेश सिंह निवासी धनबाद और दिवाकर गुप्ता निवासी रांसी जबलपुर हैं। इन्होंने दस-दस हजार रुपए कंपनी में निवेश कर 'सिस्टमैटिक इनकम प्लानÓ के नाम की योजना के तहत 14 महीने में 3 लाख 27 हजार 660 रुपए लौटाने का वायदा किया था। इस प्रलोभन 102 निवेशक आए, जिन्होंने 10 लाख 20 हजार रुपए जमा कराए थे। संचालकों ने निवशकों से कहा कि वह रांझी क्षेत्र के मोहनिया गांव में 50 करोड़ की लागत से अस्पताल के लिए जमीन खरीद रही है। कंपनी संचालकों ने ऐसा कुछ नहीं किया। बात कुछ निवेशकों पता चली, इस पर संचालकों से धन लौटाने की मांग की, लेकिन निवेशक तब तक राशि डकार चुके थे। 

-पड़ताल में सामने आई हकीकत 
ईओडब्ल्यू ने निवेशकों की शिकायत के उपरांत पड़ताल की। इसमें पता चला कि रेनबो स्मार्ट सोल्यूशन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का व्यवसाय करने के लिए पंजीकृत ही नहीं है। निवेशकों की लिखित शिकायत के आधार पर ही ईओडब्ल्यू ने जांच को आगे बढ़ाया, और कंपनी संचालकों धोखाधड़ी करने का आरोपी मानते हुए प्रकरण पंजीबद्ध किया। ईओडब्ल्यू ने दो कंपनी संचालक और एक अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर किया है। साथ ही ईओडब्ल्यू की टीम इससे जुड़े अन्य आरोपियों के खिलाफ भी विवेचना में लगी हुई है। 


भाजपा राज में किसान, आम आदमी कंगाल
-नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने लगाए आरोप
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि भाजपा सरकार के 9 साल के कार्यकाल में भाजपा का असली चेहरा उजागर हो गया है। भाजपा राज में किसान और आम आदमी रोजी रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है। जबकि भारतीय जनता पार्टी के नता मालामाल हो गए है। वे 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर  बाड़ी ब्लॉक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के समेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद उदयप्रताप सिंह, विधायक भगवान सिंह राजपूत समेत कार्यकर्ता मौजूद थे।
    कार्यक्रम में श्री सिंह ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रदेश का किसान त्रस्त है। किसान अपनी मंाग उठाते हैं तो सरकार दमन उनकी मांगों को कुचल देता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश में सभी रिकॉर्ड टूट चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रदेश के बदहाली के कगार पर पहुंचा दिया। श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सत्ता पलटने का संकल्प लेने का आहवान किया था। नेता प्रतिपक्ष ने केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 1385 रुपए करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसान हित में कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने भाजपा सरकार की करतूतों से आमजन को अवगत कराने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है। 

गांव छोड़ शहर जा रहे श्रमिक

  भारतीय मजदूर संघ के अभ्यास वर्ग में श्रमिकों ने बताई पीड़ा ........
सरकारी योजनाओं की जानकारी तो हमें नहीं है, और दूसरा ग्रामों में रोजगार नहीं है। हे भी तो जब फसलों के कटाई का समय होता है तब। श्रमिकों ने यह बात भारतीय मजदूर संघ से संबंधित अखिल भारतीय कंस्ट्रक्शन मजदूर महासंघ के तीन दिवसीय प्रांतीय अभ्यास वर्ग कही। कार्यक्रम के बाद संघ के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर व्यास ने मीडिया को बताया कि रोजगार के अवसरों में कमी और श्रमिकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं होती गांवों से शहरों की ओर पलायन बढ़ा है। इसके लिए मुहिम चलाई जाएगी और सीधे श्रमिकों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, श्रमिकों का पंजीयन अभी भी पूरी तरह नहीं हो पा रहा है। इससे कार्य के दौरान घायल होने, बीमार होने और महिला पमजदूरों को प्रसव के दौरान मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। अभी भी ठेकेदार काम करवाने के बाद दिहाडी देकर भगा देते हैं। ऐसे में महासंघ ने तय किया है कि श्रमिक बस्तियों में सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाए और श्रमिकों का शत प्रतिशत पंजीयन कराया जाए। छात्र शक्ति भवन में तीन दिन चले अभ्यास वर्ग में भामसं के मंत्री जयंतीलाल, संगठन मंत्री सुनील किरवई, प्रदेश महामंत्री सुल्तान सिंह शेखावत, धर्मदास शुक्ला, राज्य अधिकारी संघ के बीआर विश्वकर्मा, राजयस्वास्थ्य कर्मचारी संघ के श्रम विभाग के सुरक्षा अधिकारी अजय नेमा आदि ने संबोधित किया। इसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के श्रमिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। 

गड़बड़ी मिली तो अब नोटरियों की खैर नहीं -जल्द शुरू होगा निरीक्षण

  कलेक्टर के निर्देश के बाद भी बिना स्टॉ प शुल्क चुकाए नोटरियां हो रही हैं। इन पर अब जल्द ही शिकंजा कसने जा रहा है। वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर ने कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर इन नोटरियों की जांच करने की तैयारी कर ली है। जल्द ही सभी नोटरी वालों के यहां निरीक्षण किया जाएगा। आदेश के बाद यदि ऐसे नोटरियां पाई गई, जिनमें स्टॉ प ड्यूटी की चोरी सामने आई तो नोटरियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
 गौरतलब है कि नोटरियों द्वारा 50 व 100 रुपए के स्टॉ प पर सरकारी जमीन के विक्रय, दानपत्र, एग्रीमेंट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी आदि लिखकर सत्यापित किए जा रहे हैं। भू-माफिया इन दस्तावेजों का उपयोग रजिस्टर्ड दस्तावेज की तरह कर आम लोगों को बेवकूफ बनाकर उनके साथ ठगी कर रहे हैं। यहीं नहीं इससे सरकार को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसको मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने नोटरी संचालकों को निर्देश जारी किए थे कि वह 50,100 रुपए के स्टॉ प पर बने एग्रीमेंट या पॉवर ऑफ अटॉर्नी को नोटराईज्ड करने से पहले यह जांच लें कि उस पर उचित स्टॉ प ड्यूटी देय हुई है या नहीं।यदि नहीं तो पहले उसे स्टॉ प ड्यूटी कराने के लिए कलेक्टर ऑफ स्टॉ प भेजें, उसके बाद ही नोटरी करें। निर्देश जारी होने के बाद भी नोटरियों इन आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए कलेक्टर ने वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर को सभी नोटरियों का निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान जिन नोटरियों द्वारा नियम पालन करता नहीं पाया जाएगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी। 
-यह है नियम 
नियमानुसार किसी भी अचल संपत्ति का विक्रय, दान एवं अन्य अंतरण रजिस्ट्रीकृत दस्तावेजों द्वारा ही किया जा सकता है। रजिस्ट्री कराने के लिए संपत्ति के बाजार मूल्य के अनुसार स्टां प शुल्क चुकाना अनिवार्य हैै। बिना रजिस्ट्री केवल नोटरीकृत दस्तावेजों द्वारा संपत्ति संबंधी अंतरण मान्य नहीं है। नोटरीकृत, पॉवर ऑफ अटॉर्नी (मु तारनामा) जिसमें संपत्ति के विक्रय के अधिकार दिए गए हों पर भी बाजार मूल्य के अनुसार स्टां प शुल्क चुकाकर उसका पंजीयन अनिवार्य है। अलग-अलग दस्तावेजों पर यह शुल्क अलग अलग तय है। निर्धारित स्टां प शुल्क चुकाए बिना कोई भी दस्तावेज किसी भी सरकारी कार्यालय में साक्ष्य के रूप में ग्राह्य नहीं माना जाता है।
-बोले अधिकारी
आदेश के बाद भी निर्धारित स्टां प शुल्क चुकाए बिना जमीन के सौदों के दस्तावेज नोटरियों द्वारा सत्यापित किए  जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जल्द  ही नोटरियों के रिकार्ड आदि की जांच की जाएगी। इस जांच के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए गए हैं।
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक

मप्र में मकान बढ़े, सुविधाएं अब भी कोसों दूर

जनगणना कार्य निदेशालय के जारी ताजा आंकड़ों में हुआ खुलासा 
   मध्य प्रदेश के जिलों में २००१ की अपेक्षा २०११ में क्रमश: १४० की जगह १८५ लाख मकान बढ़े हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि दर ३२ प्रतिशत है। बावजूद इसके जमीनी सुविधाएं कोसो दूर हैं। प्रदेश की मात्र २९ फीसदी आबादी को शौचालय उपलब्ध हैं, वहीं ४८ प्रतिशत लोगों ही छतवाले स्नानगृह (बाथरूम) का उपयोग कर रहे हैं। यह खुलासा कर रही जनगणना कार्य निदेशालय की ताजा रिपोर्ट। मप्र की स्थिति हालांकि कुछ क्षेत्रों में पहले से बेहतर हुई है, लेकिन रफ्तार धीमी ही रही। कछुआ चाल गति के चलते मप्र पिछड़ा बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनीसेफ ने भी माना है कि २१ फीसदी लोगों तो पीने योग्य पानी ही नसीब नहीं हो पाता। प्रदेश ने बीते १० सालों में कृषि विकास दर में भले ही देश में परचम लहराया हो और अग्रणि राज्यों की पंक्ति में गिना जाने लगा। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र में ही सबसे ज्यादा सुविधाओं का आभाव बना हुआ है। ७४.७ फीसदी ग्रामीणों के पास गंदे पानी की निकासी की सुविधा नहीं है। वहीं ६६.४ प्रतिशत परिवार जलाऊ लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं, इसमें ४०.८५ प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 
 
-हकीकत बताते आंकड़े 
जनगणना के ताजा आंकड़ों के हिसाब से मात्र २३.३ फीसदी परिवार पेयजल नल से प्राप्त कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ९.९ व नगरीय क्षेत्र में ६२.२ प्रतिशत परिवार नल के जरिए पानी ले रहे हैं। एक दश के दौरान २६.५ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन राष्ट्रीय ग्राफ पर यह रैंक २९ है। जाति आधार पर अनुसूचित जाति के २०.४ और अनुसूचित जनजाति के ८.८ पर्सेन्ट परिवार ही नलों जरिए पानी ग्रहण कर रहे हैं। प्रदेश में हैंडपंप पर निर्भर रहने वालों का प्रतिशत ४७ है। गांवों में ५८.३ और शहर में १४.६ फीसदी रहवासी पीने के पानी इनसे ले रहे हैं। कुंए की बात करें तो २० प्रतिशत लोग इसे उपयोग में ले रहे हैं। ७.६ प्रतिशत परिवारों को ट्यूबवेल का पानी उपलब्ध है। गांव में यह आंकड़ा ४.९ व शहरी इलाकों में १५.३ प्रतिशत के आसपास है। 

-अच्छी खबर भी 
नवीन आंकड़ों में अच्छी खबर भी है। वह ये कि बीते १० वर्ष की तुलना में ६७ फीसदी परिवारों को बिजली मिली उपलब्ध हुई है। वृद्धि दर की बात करें तो यह ३१.४ प्रतिशत है। ग्रामीण इलाकों में करंट दौड़ा है। यहां यह प्रतिशत ५८.३ तो शहरों में ९२.७ प्रतिशत परिवार प्रकाश का उपभोग कर रहे हैं। अजा-अजजा का प्रतिशत भी क्रमश: ६५.२ व ५४.० प्रतिशत है। अब ग्रामीण क्षेत्रों ०.२ प्रतिशत परिवारों के यहां खाना पकाने के लिए एलपीजी का उपयोग हो रहा है। नगरीय क्षेत्र में यह ग्राफ ४.५ के आसपास है। 
संचार क्रांति में भी ग्रामीण मप्र आगे है। ग्रामों में १८.६ व नगरीय क्षेत्रों में ७१.३ प्रतिशत परिवारों के पास टेलीवीजन है। दशक के दौरान यह वृद्धि प्रतिशत ४८.६ है। ४६ प्रतिशत परिवार बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं, इनमें गांव में ४.७ तों शहरों में ६३.५ फीसदी परिवारों के पास बैंकों के अकाउंट हैं। सबसे गजब की वृद्धि बैंकिंग सेक्टर में दिखाई दी है। यह वृद्धि दर १२८.८ प्रतिशत है। जो सर्वोच्य है। 

न पहनी वर्दी और न लगाई नेमप्लेट- आदेश हुआ काफूर, पहले दिन ही नहीं हुई कार्रवाई

   कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने धारा144 के तहत आदेश जारी करते हुए पब्लिक वाहनों के ड्रायवरों व कंडक्टरों को यूनिफार्म व नेमप्लेट लगाकर चलने को कहा था। यहीं नहीं इसके लिए बुधवार सुबह तक का समय दिया था। खास बात तो यह है कि इस आदेश का पालन किसी भी पब्लिक वाहनों के ड्रायवरों व कंडक्टरों ने नहीं किया। खास बात तो यह है कि इस आदेश का पालन कराने वाले विभागों ने भी आदेश की गंभीरता को हवा में उड़ाते हुए कार्रवाई तक करना उचित नहीं समझा। हालात यह बने कि धारा 144 लागू होने के पहले ही दिन न तो आटो, मिनी बस, मैजिक के चालक वर्दी पर नजर आए और न ही उन्होंने नेमप्लेट लगाई। सभी सिविल ड्रेस में नजर आए। हालांकि कुछ ड्रायवरों ने कार्रवाई के डर से यूनिफार्म तो पहनी लेकिन वह भी आधी-अधूरी।

गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

तम्बाकू गुटखा पाउच जब्त

  खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की त बाकू गुटखा के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। बुधवार को टीम ने शिवा एसटीडी पीसीओ व आईस्क्रीम पार्लर से गुटखा पाउच जब्त किए हैं। इन गुटखा पाउचों की सं चा 500 से अधिक हैं, लेकिन यह एक कंपनी के नहीं बल्कि कई कंपनियों के हैं। टीम ने पार्लर के संचालक गिरधारी नामक व्यक्ति पर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। यहीं नहीं सभी गुटखा पाउच जब्त कर लिए गए हैं। 

भोपाल विंटर फेस्ट 28 से

 राजधानी में २८ दिसंबर से 'भोपाल विंटर फेस्ट' आयोजित किया जा रहा है। इसमें शहर के सभी स्कूलों के जूनियर और सीनियर विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। तीन दिवसीय यह उत्सव न्यू मार्केट के पास जीटीवी कॉम्पलेक्स स्थित स्वामी विवेकानंद लायब्रेरी में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में पर्पल टर्टल प्री स्कूल और आदर्श स्कूल बुक्स सह आयोजक हैं। कार्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया है, जूनियर और सीनियर। जूनियर में आर्टब्रीट (स्केचिंग कम्पटीशन), 29 को लिटरेरी क्विज (लोकप्रिय पुस्तकों और लेखकों पर आधारित क्विज), और 30 को नो जनरेशन गैप (माता पिता और उनके बच्चों की समझ के स्तर के लिए एक यूनिक इवेंट) होगा। कार्यक्रम विद्यार्थी फ्री रजिस्टे्रशन करा सकते हैं। 

रेस्टोरेन्ट में चल रहा था हुक्का लाउंज, लायसेंस निरस्त

खसुओ की टीम ने की तीन अन्य की जांच .......
केरवा डेम पर इंड्रिज ब्लू नाम के रेस्टोरेन्ट में हुक्का लाउंज चल रहा था। यहां से हुक्का के अलग-अलग फ्लेवर के पैकेट मिले हैं। बुधवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने शहर के विभिन्न स्थानों पर संचालित रेस्टोरेन्ट, कैफे और लाउंज की जांच की। हलांकि इंड्रिज ब्लू का लायसेंस पहले ही निरस्त किया जा चुका है। टीम ने दोबारा यहां जांच पड़ता की। 
इसी के साथ चार ऐसे ही प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की। कार्रवाई विभाग की दो अलग-अलग टीमों ने की। जांच में तीन लाउंजों पर हुक्का और अन्य सामग्री तो नहीं मिली, लेकिन हुक्का लेवर के पैकेट मिले। इससे उजागर हुआ कि यहां पर एक दो दिन पहले तक हुक्का चल रहा था। टीम ने कार्यवाही कर प्रकरण बनाए हैं। इंड्रिज का लायसेंस निरस्त करने के बाद टीम ने संबंधी आदेश रेस्टोरेंट की दीवार पर बुधवार को चस्पा किया।

मिले खाली पैकेट .......
वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज ङ्क्षसंह धाकड़ ने बताया कि शहर में दो टीमों ने यह कार्रवाई की है। इंड्रिज ब्लू में जब टीम पहुंची तो यहां कोई कश लगाता तो नहीं मिला, लेकिन जांच में हुक्का लेवर के पैकेट मिले। यह पैकेट अल्फकर लेवर के थे। इसके बाद टीम कोहेफिजा स्थित नरग्ले रेस्टोरेंट पहुंची यहां पर भी लायसेंस निरस्तीकरण का आदेश चस्पा किया गया। रेस्टोरेंट को बंद करने के निर्देश दिए। इधर दूसरी टीम ने विन्स कैफे, लॉ कैफे व शीशा हुक्का लाउंज की जांच की। टीम को लॉ कैफे जहां बंद मिला वहीं विन्य कैफे व शीशा हुक्क लाउंज में हुक्का व अन्य सामग्री तो नहीं मिली, लेकिन उनके लेवर के पैकेट मिले। यह पैकेट खाली थे। टीम ने दोनों कैफे का प्रतिवेदन तैयार कर लिया है। 

मेट्रो के लिए तैयार होने लगा 'ट्रेक'

-धीरे-धीरे पटरी पर दौडऩे तैयार हो रही मेट्रो 
-प्री बिड बैठक में दस कंपनियों ने दिखाई डीपीआर तैयार करने रुचि 

भोपाल और इंदौर में जल्द ही मेट्रो टे्रन का जाल (टे्रक) डलता दिखाई देगा। मधम गति से ही बुधवार को फिर आशातीत संभावनाएं जांगी हैं। दरसअल, मेट्रो ट्रेन के संबंध में बुलाए जा रहे टेंडर को लेकर नगरीय प्रशासन संचालनालय में प्री-बिड बैठक आयोजित की गई थी। डीपीआर तैयार करने के लिए १० कंपनियों ने रुचि दिखाई, इन्होंने साल भर का समये मांगा है। 
इससे पहले बीते कई महिनों से वित्त विभाग में प्रोजेक्ट अटका पड़ा था। बैठक में नगरीय प्रशासन ने कंपनियों के सामने सात माह में मेट्रो डीपीआर तैयार करेने की शर्त रखी है। दोपहर बारह बजे शुरू हुई बैठक में अहमदाबाद, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी कंपनियों ने हिस्सा लिया। बैठक में अधिकारियों ने डीपीआर बनाने की इच्छुक कंपनी को टेंडर के नियम व शर्तो को समझाया। इस दौरान सभी कंपनियां ने भी अपने प्रोजेक्ट्स का प्रजेंटेशन दिया। बैठक अधिकांश कंपनियों ने डीपीआर के लिए समय सीमा एक साल करने की बात कही। इस पर संचालनालय के अधिकारियों ने इसमें संशोधन की बात स्वीकार कर ली। कंपनियों के अधिकारियों ने टेंडर भरने की तारीख चार जनवरी को भी बढ़ाने की मांग की। 
उल्लेखनीय है राज्य सरकार ने डेढ़ साल पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से भोपाल में मेट्रो के लिए प्रीफिजिबिलिटी सर्वे कराया था। इसमें शहर में करीब 28 किमी लंबे तीन रूटों पर मेट्रो की जरूरत बताई गई थी। पिछले साल नवंबर में डीएमआरसी के एमडी मंगू सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर डीपीआर बनाने पर सहमति जताई थी। बाद में वित्त विभाग की आपत्ति के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने ग्लोबल टेंडर निकालने का फैसला लिया। केन्द्र सरकार ने हाल ही में इसकी सहमति देकर अपना 50 फीसदी अंशदान देने का रास्ता साफ कर दिया। इसके बाद से मेट्रो दौडऩे की उम्मीदें जागी हैं। 

-ट्रेक पर खर्च होगा 8 करोड़ 
इस पूरे प्रोजेक्ट (डीपीआर) में करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें पचास प्रतिशत की राशि केन्द्र और बाकी की राज्य सरकार व्यव करेगी। यह अनुसान प्रोजेक्ट से जुड़ अधिकारियों का है। इन्हीं की मानें तो आगामी सात महीनों में मेट्रो की डीपीआर को तैयार कर लिया जाएगा। 
-सर्वे के बाद हकीकत
मेट्रो भोपाल-इंदौर में लाने के लिए नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से भोपाल में सर्वे करवाया था। सर्वे में प्रथम चरण में 28.5 किमी लंबे तीन कॉरीडोर और 28 स्टेशन बनाने का सुझाव दिया था। इसी हिसाब से मेट्रो कॉरीडोर और स्टेशनों को बनाने में करीब आठ हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। इसमें वाकेई कितना खर्च आए इसकी हकीकत प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ही सामने आएगी। 

-बढ़ेगी शहर की आबादी 
मेट्रो २०२१ में भोपाल की आबादी का आंकलन कर लाई जा रही है। उस वक्त भोपाल की अनुमानित आबादी 30 लाख के आसपास होगी। इसी हिसाब से कितने स्टेशन और टे्रक की जरूरत होगी, का आंकलन विभाग ने किया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मेट्रो रेल के लिए 21 सड़कों का अध्ययन किया था। इसके को लेकर मेट्रो के पूर्व एमडी श्रीधरन और वर्तमान एमडी मंगू सिंह भी जायजा ले चुके हैं। 

-राजधानी में मेट्रो का टे्रक 
पहला कॉरीडोर- कपिला नगर से हबीबगंज दूरी 10.05 किमी 
स्टेशन -कपिला नगर , बैरसिया रोड, डीआईजी बंगला, शाहजहांनाबाद, भोपाल रेलवे स्टेशन, ऐशबाग, पुल पुख्ता, एमपी नगर, हबीबगंज
दूसरा कॉरीडोर- सुरुचि नगर से भेल दूरी 9 किमी
स्टेशन- सुरुचि नगर, टीटी नगर, न्यू मार्केट, राजभवन, पुरानी विधानसभा, पुल बोगदा, गोविंद पुरा, भेल
तीसरा कॉरीडोर- लालघाटी से प्लेटीनम प्लाजा दूरी 9 किमी लालघाटी, ईदगाह हिल्स, परी बाजार, मंगलवारा, मोती मस्जिद, कमला पार्क, न्यू मार्केट, टीटी नगर, प्लेटिनम प्लाजा

ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया पूर्व सरपंच-सचिव पर केस


 एक करोड़ से अधिक की राशि गबन करने का आरोप........
    राज्य आर्थिक अपराध अनवेष्ण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने कटनी जिले के ग्राम सलैया के पूर्व सरपंच और सचिव पर एक करोड़ से अधिक की राशि गबन करने का मामला दर्ज किया है। इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इंदिरा आवास योजना और निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं की, इसकी ब्यूरो ने जांच उपरांत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। 
ईओडब्ल्यू के अनुसार कटनी जिले सलैया के पूर्व सरपंच शेख रजा मंसूरी और सचिव सरिता मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय खजाने को लूटा। इंदिरा आवास योजना के तहत हितग्राही सूफीशाह को 25 हजार रुपए स्वीकृत किए थे। जांच के दौरान मौके पर मकान मिला। वहीं निर्माण कार्यों में फर्जी बिल लगाकर धन निकाला जाना मिला। पूर्व सरपंच सचिव ने निर्माण कार्यों में जिस ट्रैक्टर एमपी 21-0775 एवं एमपी 21-0575 को भुगतान किया था। परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन नंबर की तलाशी के दौरान पहला नंबर स्कूटर तथा दूसरा लूना का पाया गया था। सरपंच सचिव ने फर्जीबाड़ा कर 1 करोड़ 19 लाख का गबन किया था। जांच उपरांत पूर्व सरंपच समेत अन्य दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन एवं अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इसे ब्यूरो ने विवेचना में ले लिया है। 

यह भी निर्देश -


-चैकिंग पॉइंट लगा करें ऑटो के मीटरों व उसकी रीडिंग जांच। 
-१ जनवरी से पहले बंद पड़े ट्रेफिक सिग्नल ठीक कराएं। 
-चौराहों व सड़कों पर ब्लिंकर लगाए जाएं। ताकि दुर्घटनाएं कम हों।
-एमपी नगर थाने की रोटरी को छोटा करें। 
-सड़क सुरक्षा सप्ताह में भी चेकिंग जारी रहे। 
-न्यू मार्केट के दुकानदार रंगमहल के पास चिन्हित की गई 5000 वर्गफीट की जमीन पर अपने वाहन पार्किंग करें। वहीं पेड पार्किं ग को जनता के वाहनों को लिए छोड़ा जाए। 
-जो राशि सड़क सुरक्षा के लिए मिली है उसका सड़क पर ही उपयोग हो। 
-जेब्रा क्रासिंग की पुताई का कार्य तुरंत कराएं।
-शहर के प्रमुख चिन्हित स्थानों पर मल्टी लेवल पार्किंग व्यवस्था के कार्यों में गति लाई जाए। 
-एमपी नगर में खाली जमीन का तुरंत सर्वे कर मल्टी लेवल पार्किंग का कार्य प्रारंभ करें। 

'खूंटे' पर टंगी रही वर्दी


पहले दिन ही नहीं दिखा आदेश का असर .........
    धारा १४४ के तहत कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने नगर वाहन सेवा के चालकों को वर्दी और नेमप्लेट लागने के आदेश भले ही दे दिए हों, लेकिन बुधवार को इसका असर नहीं दिखा। बेधड़क वाहन चालक परिचालक वाहनों में चलते दिखे। वहीं इसको लेकर कार्रवाई भी नहीं दिखी।
   आलम यह रहा है कि दिन भर पब्लिक वाहनों पर ड्रायवर व कंडक्टर आदेश को हवा करते हुए दिखाई दिए। उल्लेखनीय है कि राजधानी में वाहन चालकों को वर्दी व नेम प्लेट अनिवार्य करने के लिए एक साल में आधा दर्जन बार मुहिम छेड़ी गई, लेकिन अफसरों की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते इस मुहिम को सफलता कभी नहीं मिल सकी। 26 दिसंबर से इसे अनिवार्य कर दिया गया। बावजूद इसके इसका असर नहीं दिखाई दिया।

...तो निरस्त होगा ठेका



  बैठक में कलेक्टर ने निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेड पार्किंग पर ठेेकेदार के कर्मचारी यूनिफार्म में उपस्थित नहीं होते हैं तो ऐसे ठेकेदारों के ठेके निरस्त करें।
  उन्होंने कहा इन कर्मचारियों के लिए एक यूनिफार्म कोड निर्धारित करें। व्यवस्था लागू करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया है। यदि दोंनों व्यवस्थाएं नहीं पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार का ठेका निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।



वाहनों के अंदर लगेगी नंबर प्लेट, लिखा जाएगा वाहन मालिक का नाम -वाहन पार्किंग कर्मचारी



    सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर ने दिए अधिकारियों को निर्देश.......
दिल्ली में चलती बस में गैंग रेप का मामले के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह नगर वाहन सेवकों को वाहनों के भीतर भी नम्बर प्लेट लगवाएं। इसी के साथ मालिक का नाम नम्बर, पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर व जल्द शुरू होने जा रही महिला हेल्प लाइन का नम्बर भी लिखना होगा।
  समिति की बैठक में विभागीय अधिकारियों को से कहा शहर में चल रहे आटो, मैजिक, मिनी बस, लो फ्लोर बस संचालकों को इसका पालन सख्ती से करना होगा। कलेक्टर ने नगर निगम के अधिकारियों को पैड पार्किंग के कर्मचारियों को डे्रस कोड में रहने के भी निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने १५ दिन की समय सीमा निर्धारित की है। साथ ही पार्किंग पर 15 जनवरी से यह व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है दिल्ली की घटना के बाद से बीते तीन दिनों से पुलिस वाहनों में जाकर महिलाओं-युवतियों से जानकारी एकत्र कर व्यवस्थाएं दुरस्त करने चर्चा कर रही है। वहीं कलेक्टर ने बैठक ले वाहनों के चालक व संचालकों पर नकेल डालने का प्रयास किया है। कलेक्टर ने कहा वाहन के भीतर नम्बर प्लेट होने से युवति अभद्रता होने पर ड्रायवर, कंडेक्टर या अन्य व्यक्ति की शिकायत तत्काल कर सकेंगी। इसके अलावा चालक-परिचालकों को यूनिफार्म में ही वाहन चलाने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों का पालन न होने पर यातायात पुलिस को धारा १४४ के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
    उन्होंने कहा- १ से 7 जनवरी,13 तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। इसे अधिकारी-कर्मचारी औपचारिकता न समझें। गंभीरता से काम करें। वहीं आटो रिक्शा के मीटर की खासतौर से चैकिंग की जाए। 

अब मंडी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी - भाजपा के समर्थन का इंतजार



   कृषि उपज मंडी में वियजी पताका लहराने वाले प्रत्याशियों में से कुछ ने अब मंडी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जतानी शुरू कर दी है। करोंद कृषि उपज मंडी में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षित चार महिला उम्मीदवारों में से दो की दावेदारी पक्की बताई जा रही है। हालांकि श्यामा पाटीदार की दावेदारी पर मोहर लगाना अंतिम माना जा रहा है।
श्यामा के नाम की आम सहमति बनने के साथ भारतीय जनता पार्टी द्वारा अधिकृत किया जाता है तो नए साल के प्रथम सप्ताह में वह अध्यक्ष हो सकती हैं। श्यामा, भागीरथ पाटीदार की पत्नी हैं। चुनाव में शुरू से ही उनके पक्ष में माहौल दिखाई दिया था। वहीं भागीरथ की छवि का भी श्यामा को फायदा मिला। अध्यक्ष के लिए उन्हें प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिला है। इसी के साथ वार्ड नं.- 7 से विजयी राजदुलारी संजय पाराशर भी पीछे नहीं हैं। राजदुलारी के समर्थकों की भी कमी नहीं है, हालांकि मतगणित को देखें तो लहर श्यामा की है। वहीं सूत्रों के अनुसार भाजपा ने भी दोनों उम्मीदवारों को लेकर सोचा विचारी शुरू कर दी है। 6 जनवरी से पहले पहले पार्टी इसको लेकर अंतिम फैसला ले लेगी। ७ जनवरी को अध्यक्ष पद की ताजपोशी होनी है। निर्विवाद ताजपोशी के लिए समर्थन के साथ पार्टी का साथ अहम है। हलांकि भागीरथ पाटीदार ने इसको लेकर कुछ भी न कहते हुए मतदाताओं को आभार व्यक्त किया है।

रोजगार मेला कल से.....




जिला रोजगार कार्यालय भोपाल में 28 व २९ दिसंबर को रोजगार मेला लगाया जा रहा है। इसमें रोजगार चाहने वाले युवक-युवतियां भाग ले सकती हैं।
   जिला रोजगार कार्यालय के उप संचालक ने बताया है कि मेले में 29 को वर्धमान यार्न न्यू इंडस्ट्रीयल एरिया सतलापुर में प्रोडक्शन ट्रेनी पद के 250 पदों के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे। यह केवल महिलाओं के लिए है। वहीं 28 दिसम्बर को प्रसन्ना परपल मोबाइलिटी सोलूशन प्राइवेट लिमिटेड में परिचालक के 100 पदों और 29 दिसम्बर को हैवी ड्रायवर के 50 पदों के लिए साक्षात्कार लिया जाएंगे। इच्छुक उम्मीदवारों के लिए शैक्षिक योग्यता पांचवी से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण रखी गई है। इसमें 18 से 24 वर्ष तक के आयु वर्ग के युवा भाग ले सकते हैं।

उच्च शिक्षा ऋण शिविर आज-भोपाल



  आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों जो उच्च शिक्षा हांसिल करना चाहते हैं, के लिए जिला प्रशासन ऋण शिविर लगाने जा रही है। गुरुवार को यह शिविर श्यामला हिल्स रोड स्थिति पॉलीटेक्निक कालेज में लगाया जाएगा। शिविर का उद्घाटन कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव सुबह १०.३० पर करेंगे। शिविर में भोपाल क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी बैंक अधिकारी उपस्थित रहेंगे। लीड बैंक मैनेजर आलोक श्रीवास्तव ने बताया है कि शिविर में सभी पात्र विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। वहीं अभिभाव भी शिक्षा ऋण संबंधित जानकारी हांसिल कर सकते हैं।

छोटी सोच एक अपराध है, बड़े स्वप्न देखें: डॉ. कलाम


- डॉ. कलाम ने किया सर्च एण्ड रिसर्च यूथ कॉन्क्लेव का शुभारंभ
- युवाओं को दिए अनेक टिप्स, दिलाई शपथ
- कहा, अपनी मां को खुश रखो, विश्व में खुशहाली आएगी
- सर्च एण्ड रिसर्च ग्रुप के युवाओं को डॉ. कलाम ने सराहा
- दिन भर चले प्रजेंटेशन, पोस्टर और मॉडल की लगी प्रदर्शनी
भोपाल,
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने युवाओं से आह्वान किया है कि आगे बढऩे के लिए और अपनी अलग पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे। यह एक लड़ाई के जैसा काम है और इस लड़ाई में आपका हथियार कोई बंदूक नहीं होगी, बल्कि यह लड़ाई ज्ञान के हथियार से लड़ें। यही प्रयास आपको दुनिया में सबसे अलग साबित कर देगा। उन्होंने युवाओं से कहा कि छोटी सोच या छोटा लक्ष्य एक अपराध के समान है। इसलिए हमेशा बड़ा सोचें और आगे बढ़ें। सर्च एण्ड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी द्वारा आयोजित सर्च एण्ड रिसर्च यूथ कॉन्क्लेव 2012 का शुभारंभ करते हुए डॉ. कलाम यह बात कही।
इससे पहले ग्रुप की सर्च एण्ड रिसर्च की चेयरपर्सन डॉ. मोनिका जैन ने स्वागत भाषण में कॉन्क्लेव के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दो दिनी आयोजन में देशभर से 800 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उन्होंने ग्रुप के कार्यों की जानकारी देते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। कॉन्क्लेव के एजूकेशन पार्टनर आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आशीष डोंगरे ने युवा प्रतिभा को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि डॉ कलाम ने अपनी प्रतिभा से युवाओं को कई मामलों में पीछे छोड़ दिया है। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के ईडी एसएस गुप्ता ने कॉन्क्लेव को संबोधित किया। सर्च एण्ड रिसर्च ग्रुप के सेक्रेटरी अनिल सिरवैयां और राजीव जैन ने अतिथियों का स्वागत किया। 
डा. कलाम ने कहा कि बड़ी सोच और बड़े लक्ष्यों को लेकर दुनिया में विख्यात अविष्कारकों और मानवता की सेवा करने वाले थॉमस एडीसन अल्वाए राईट ब्रदर्सए ग्राहम बेलए सर सीवी रमनए गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजनए मदर टेरेसा और मेडम क्यूरी के उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी ने बड़े लक्ष्य रखे थे। इन सभी को हम इसलिए पहचानते हैं कि उनमें अपनी एक विशिष्टता थी। ग्रेट ह्यूमन लाइफ  की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि महान लक्ष्य, ज्ञान प्राप्ति, कड़ी मेहनत और बाधाओं से लडऩे की हिम्मत होना जरूरी है। डॉ. कलाम ने युवाओं में जोश भरने के लिए सूफी कवि जलालउद्दीन रूमी की प्रसिद्ध कविता 'आई विल फ्लाय एण्ड फ्लाय' सुनाते हुए कहा कि हर युवा को यह मानना चाहिए कि उसका जन्म एक महान विचार और बड़े स्वप्न के लिए हुआ है। डॉ. कलाम ने कहा कि शिक्षा उड़ान के लिए पंख देती है। उपलब्धियां तभी आती हैं जब आपके मन में यह बात हो कि मैं जीतूंगा। डॉ. कलाम ने यहां युवाओं को कई शपथ भी दिलाई।
युवाओं को दिलाई ये शपथ
उन्होंने युवाओं को शपथ दिलाई कि देश के युवा होने के नाते मैं हम सफलता पाने के लिए पूरे साहस से काम करेंगे और दूसरों की सफलता से खुश होंगेए अखण्ड रहेंगेए परिवार के अच्छे सदस्य बनेंगे और अपनी मां को खुश रखेंगे। तिरंगा मेरे में मन लहराएगा और मैं अपने देश का सम्मान बरकरार रखूंगा। मैं समय की कीमत समझूंगा। 
विश्व का ज्ञान कैसे प्राप्त करें
डॉण् कलाम ने कहा कि यदि युवाओं को संपूर्ण विश्व का ज्ञान प्राप्त करना है तो उन्हें स्वामी विवेकानंद की तरह एकाग्र होना पड़ेगा। विश्व आपको अपना संपूर्ण ज्ञान देने के लिए तैयार हैए बस आपको यह पता होना चाहिए कि ये कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि मानव मस्तिष्क की ताकत असीमित हैए जितनी एकाग्रता आएगीए उतनी सफलता मिलेगी। 
मिशन 2020 
यूथ कॉन्क्लेव की थीम डा. कलाम का इंडिया विजन 2020 है। अपने विजन पर बोलते हुए डॉ ने युवाओं से कहा कि इस विजन में उन्होंने 5 क्षेत्र कृषि और खाद्य प्रसंस्करणए शिक्षा और स्वास्थ्यए सूचना और संचार तकनीकए अद्योसंरचना विकास तथा क्रिटिकल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता बताए हैं। ये सभी आपस में जुड़े हैं जिससे आर्थिक संपन्नता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा भी आएगी। 
युवाओं को सुझाए दस उद्देश्य
डॉ. कलाम ने युवाओं को दस उद्देश्य सुझाते हुए कहा कि युवा इनमें से किसी भी एक को पूरा करके अपने देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं। 
मध्यप्रदेश ऐसे होगा खुशहाल
डॉ. कलाम ने युवाओं से कहा कि जीवन में खुशी तभी आएगी जब आपका परिवार खुशहाल होगा। परिवार की खुशहाली के लिए मां का खुश रहना जरूरी है। खुशहाल परिवार से खुशहाल समाज, समाज से आपका शहर भोपाल और अच्छे शहर से आपका मध्यप्रदेश खुशहाल होगा। 
स्मारिका विमोचन
इस अवसर पर डॉ. कलाम ने सर्च एण्ड रिसर्च यूथ कॉन्क्लेव की स्मारिका का विमोचन किया। कॉन्क्लेवम में प्रस्तुत होने वाले रिसर्च पेपर और डॉ. कलाम के विजन 2020 का संकलन किया गया है। 
पोस्टर एण्ड मॉडल प्रजेंटेशन 
डॉ. कलाम के इंडिया विजन 2020 पर आधारित और इसके क्रियान्वयन के लिए हुए शोध कार्यों के रिसर्च पेपरए पोस्टर और मॉडल की प्रदर्शनी भी यहां लगाई गई। डॉ. कलाम ने इस प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया और युवाओं का उत्साहवर्धन किया। 
आज होगा समापन
दो दिवसीय सर्च एण्ड रिसर्च यूथ कॉन्क्लेव 2012 का समापन 13 दिसंबर गुरूवार को होगा। दोपहर ढाई बजे समन्वय भवन में महामहिम राज्यपाल रामनरेश यादव समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। अध्यक्षता उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा करेंगे तथा विशेष अतिथि मप्र विधानसभा के अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी तथा मैनिट के डायरेक्टर प्रो. अप्पू कुट्टन होंगे।

मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं ......

 
-राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े बता रहे हकीकत 
-12 किशोरियों से प्रतिदिन होता है बलात्कार 
हेमन्त पटेल, भोपाल। 
जिस प्रदेश में सरकार बेटी बचाओ और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाएं चला रही हैं, उसी मध्य प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में हर दिन 12 किशोरियां ज्यादती की शिकार हो रही हैं। साल भर में 4383 महिलाएं किसी न किसी घटना की शिकार हुई। वहीं हर रोज 20 महिलाओं से छेड़छाड़ की घटना घटित होती है। 
यह चौंकाने वाला खुलासा कर रही है राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) की ताजा रिपोर्ट। यह आंकड़े किशोरियों पर अत्याचार, बलात्कार, अपहरण, अटेम टू मर्डर और आत्महत्या जैसे मामलों के हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल भर में १२६२ बलात्कार के मामले सामने आए हैं। इस हिसाब से प्रदेश में प्रतिदिन ४ किशोरियों के साथ जबर्दस्ती देहिक संबंध स्थापित किया जाता है। आंकड़ा बताता है कि इसमें एक दिन की बच्ची से लेकर 17 वर्ष तक की किशोरियां शामिल हैं। किशोरियों अपहरण में भी प्रदेश की घटनाएं कम नहीं हुई है। यह ग्राफ 517 है यानी प्रतिदिन 2 का अपहरण होता है। 

-यह बता रहा है आंकड़ा 
मर्डर-        १२३
बालिका मृत्यु-    १३
बलात्कार-        १२६२
अपहरण-        ५१७
वैश्यावृति-        ३८
आत्महत्या-    १२
जबर्दस्ती-        २०
अन्य-        १०५
(एससीआरबी के अनुसार साल भर में यह मामले आए सामने)

-हर दिन की सिसकियां 
छेड़छाड़-        २०
अपहरण-        ४
मर्डर-        २
अटेम टू मर्डर-    २
जलाया जाता है-     १
निर्वस्त्र कर घुमाया-    १
(एससीआरबी के अनुसार हर दिन घटित घटनाएं)

-चिंता जनक है 
हां रिपोर्ट मैंने देखी है। आंकड़ा बेहद चिंता जनक है, इस ग्राफ को लगभग खत्म करने हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं वे कार्रवाई में तेजी लाएं। महिला प्रकरण जल्द निराकृत हों, इसके लिए महिला विंग बनाई जा रही है। 
उमाशंकर गुप्ता, गृहमंत्री 

-पीड़ा सुनाई नहीं देती
इस आंकड़े से ही से सरकार की नींद खुल जानी चाहिए। सरकार में बैठे लोगों का प्रदेश की जनता की तरफ ध्यान ही नहीं है। सत्ता के लोभ में वे इतने खो गए हैं कि उन्हें पीडि़तों की पीड़ा न दिखाई दे रही है न सुनाई। 
अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा