रविवार, 16 दिसंबर 2012

रिकार्ड में नहीं आई 24 गांव की फसल


24 ग्रामों में कौन सी फसल बोई, जानकारी नहीं
-आरआई-पटवारी व ग्राम सेवकों को बताना थी स्थिति
-मामला राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत फसल कटाई प्रयोग पत्रक भरने का 

भोपाल। जिले के ६ राजस्व मंडल के 24 गांवों की सोयाबीन बुवाई-कटाई और उत्पादन संबंधी जानकारी अब तक रिकार्ड में नहीं आ सकी है। ऐसा पटवारी-आरआई व ग्रामसेवकों द्वारा भू-अभिलेख शाखा को जानकारी ने देने से हुआ है। इससे एक बार फिर प्रशासन प्रणाली प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है।
दरअसल, इन्हें राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत सोयाबीन फसल कटाई प्रयोग वर्ष 2012-13 के पत्रकों में जानकारी भर कर देनी थी। बावजूद इसके किसी भी जिम्मेदार ने जानकारी नहीं दी। भू-अभिलेख शाखा में जानकारी न आने पर कुछ आरआई-पटवारियों तथा ग्रामसेवकों को एक वेतन वृद्धि रोकने संबंधी नोटिस दिया। इसके बाद भी न नोटिस का जवाब दिया और न ही जानकारी। भू-अभिलेख शाखा के अधिकारियों की माने तो अब इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह जानकारी पत्रक में दर्ज कर तीन माह पहले देनी थी।

-3 माह पहले देनी थी जानकारी 

इसी साल अगस्त में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर ने भोपाल सहित प्रदेश के सभी जिलों को एक पत्र भेजा था। पत्र के जरिए निर्देश दिए गए थे कि खरीफ मौसम की संभावित फसल का आंकलन कर पत्रक-1 और 2 में भरकर भेंजे। यह जानकारी 'राष्ट्रीय फसल कटाई प्रयोग व कृषि बीमा योजनाÓ के अंतर्गत तहसील या पटवारी हल्का स्तर सोयाबीन फसल की स्थिति दें। 22/8/12 को फंदा व बैरसिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पटवारी-आरआई तथा ग्राम सेवकों को पत्रकों में यह जानकारी भरकर देना थी। 10, 22 सितंबर और 15 अक्टूबर को इन अधिकारियों को फिर स्मरण पत्र भेजा गया, जिसमें जानकारी देने को कहा गया। बावजूद इसके जानकारी नहीं भेजी गई। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव के पास जब यह जानकारी आई तो उन्होंने लापरवाही तथा उदासीनता दिखाने वालों की एक वेतन वृद्धि रोकने के साथ कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। नोटिस 19 अक्टूबर को दिया गया। इतने सब के बाद भी न आरआई ने सुनी न पटवारी-ग्रामसेवकों ने। कुल मिलाकर अब भी जस की तस स्थिति बनी हुई है।

-नोटिस का भी जवाब नहीं 

6 राजस्व निर्माण मंडल के 24 ग्रामों की जानकारी नहीं आई है। इन ग्रामों में कौन सी फसल कितनी, रकबा और उत्पादन की स्थिति का विवरण उपलब्ध नहीं है। इन क्षेत्रों के पटवारी, आरआई व ग्रामसेवक को कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं। कारण बताओ नोटिस भी दिया। कलेक्टर के आदेश के बाद जिन्होंने जानकारियां दी, उसमें भी कई त्रुटियां सामने आई हैं। अब इन त्रुटियों को भी आरआई-पटवारी सुधारने से बच रहे हैं। इसको लेकर 29/११/12 को एक नोटिस दिया गया था। इस गलती को सुधार कर देने के लिए 4 दिसंबर तक का समय दिया गया था। साथ ही नोटिस के जवाब के लिए भू-अभिलेख शाखा में उपस्थित होना था, लेकिन जिन्हें नोटिस दिए गए उनमें से किसी ने भी जवाब नहीं दिया।

-यह हैं त्रुटियां -

- निरीक्षणकर्ता अधिकारी को पटवारी-आरआई व ग्रामसेवक द्वारा ग्राम के आधार पर भरे जा रहे पत्रक के लिए किए जा रहे सर्वे की जानकारी दी जानी थी, वह नहीं दी गई।
- पत्रक भरने में सहायक साबित होने वाली पुस्तक जो उपलब्ध कराई गई थी, का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा गया। इससे गलत जानकारियां पत्रक में भरी गई।
- पत्रक में किसान ही नहीं, बल्कि निरीक्षणकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर भी होना थे, जो नहीं कराए गए हैं।
- वजन, ग_ों की संख्या आदि की भी जानकारी पत्रक में नहीं भरी गई है।

-जहां से आनी थी जानकारी 

राजस्व निर्र्माण मंडल   ग्राम
फंदा रसूलिया पठार, खजूरी सड़क
बिलखिरिया मुगालियाकोट, प्रेमपुरा, कानासैया, जमुनियाकलां, अमझरा
नजीराबाद बिलखौ, बदरूआ, गुजरतोड़ी, नायसंमद, कढैयाकोट, गढ़ाकलां, गढ़ाखुर्द
ललरिया लंगरपुर, अर्रावती, बैरागढ़,डूंगरिया, बर्राई, हिंगोनी
बैरसिया करारिया , इमलिया नरेंद्र
रुनाहा दमिला, कचनारिया

-अब कार्रवाई होगी 

कई आरआई-पटवारियों तथा ग्रामसेवाकों ने नोटिस दिए जाने के बाद भी पत्रक में जानकारी नहीं दी है। वहीं जिन पत्रकों में त्रुटी मिली है, उन्होंने भी इसे दुरस्त नहीं किया है। इन पर अब सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।
आरएस बघेल, भू-अभिलेख अधीक्षक, भोपाल
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