वारेन को मुख्यमंत्री और सीएस के मौखिक आदेश पर छोड़ा था एयरपोर्ट
-पूर्व पुलिस महानिदेशक स्वराजपुरी ने दर्ज कराए बयान
भोपाल।
मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और मुख्य सचिव ब्रम्हस्वरुप के मौखिक आदेश पर वारेन एंडरसन को एयरपोर्ट तक सुरक्षित छोड़ा था। एंडरसन को कार में ले गए थे। उस वक्त शहर में माहौल बिगड़ चुका था। गुरुवार को पूर्व पुलिस महानिदेशक स्वराजपुरी ने यह बयान दर्ज कराए जहरीली गैस रिसाव जांच आयोग के सामने।
आयोग को उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और सीएस के आदेश पर ही सारी कार्रवाई की गई। पहले एंडरसन के भोपाल पहुंचने पर तत्काल गिरफ्तार करने के लिखित आदेश दिए गए थे। इसके पालन में तत्कालीन कलेक्टर मोती सिहं के साथ वह एयरपोर्ट पहुंचे और एंडरसन को विमान से उतरते ही गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद एंडरसन को वीआईपी गेस्ट हाउस में लाया गया। पुरी ने बताया कि यहां एंडरसन को रखा गया था, तभी अर्जुन सिंह और सीएस ने मौखिक आदेश दिया कि शहर में गैसकांड के कारण माहौल बहुत खराब हो गया है। माहौल और भी बिगड़ सकता है, ऐसे में एंडरसन को सुरक्षित छोड़ा ही उचित होगा। इन्हीं के कहने पर एंडरसन को पुलिस की सुरक्षा में सीधे एयरपोर्ट ले जाया गया और विमान में बिठाया गया।
फुटेज गिरफ्तारी के हैं
पुरी से जब पूछा गया कि उस समय के वीडियो फुटेज में एंडरसन को छोड़ते हुए दिखाया जाता है? तो उन्होंने कहा वह गिरफ्तारी के ही फुटेज हैं। आदेश मिलने के बाद ही एंडरसन की सुरक्षित रिहाई की गई थी। वह फुटेज वास्तव में गिरफ्तारी के समय के ही हैं। इसी से तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह साथ में दिखाई दे रहे हैं। उस समय गाडी मैं ही चला रहा था।
मोती के बयान अब 22 जनवरी को
आयोग के सामने समयाभाव के कारण तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह के बयान पूरे नहीं हो सके। मोती के बयान अब 22 जनवरी, 2013 को होंगे। मोती सिंह ने बताया कि रात को सबसे पहली सूचना मिली कि शहर में हालात खराब है और 5 लोग मारे जा चुके हैं। संभागायुक्त रणजीत सिंह का फोन आया कि कुछ गैस मास्क लेकर उनके चार इमली स्थित आवास पर पहुंचे। इस पर गैस मास्क लेकर चार इमली पहुंचे तो रणजीत सिहं की पत्नी ने बताया कि, वह तो 1250 अस्पताल जा चुके हैं। इस पर तत्काल ही जेपी अस्पताल पहुंचे, जहां मरीज और उनके परिजन भरे पड़े थे और हालात बिगड़ते जा रहे थे। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम में आपातकालीन बैठक करके तत्कालीन एडीएम एचएल प्रजापति के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन और मेडिकल टीमें गठित करके कार्रवाई शुरू करवाई गई।
मांगा स्पष्टीकरण
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एसएल कोचर ने इस दौरान नाराजगी जाहिर की। दरअसल, जहरीली गैस रिसाव जांच आयोग ने तत्कालीन टीआई सुरेंद्र सिंह का समंस तामील नहीं हो पाने पर अप्रसन्नता जताई। इस पर कोचर ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने पूछा आखिर तत्काली टीआई को पुलिस अब तक ढ़ूढ नहीं पाई। ऐसा क्यों? इससे कार्रवाई में प्रभाव पड़ता है।
-पूर्व पुलिस महानिदेशक स्वराजपुरी ने दर्ज कराए बयान
भोपाल।
मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और मुख्य सचिव ब्रम्हस्वरुप के मौखिक आदेश पर वारेन एंडरसन को एयरपोर्ट तक सुरक्षित छोड़ा था। एंडरसन को कार में ले गए थे। उस वक्त शहर में माहौल बिगड़ चुका था। गुरुवार को पूर्व पुलिस महानिदेशक स्वराजपुरी ने यह बयान दर्ज कराए जहरीली गैस रिसाव जांच आयोग के सामने।
आयोग को उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और सीएस के आदेश पर ही सारी कार्रवाई की गई। पहले एंडरसन के भोपाल पहुंचने पर तत्काल गिरफ्तार करने के लिखित आदेश दिए गए थे। इसके पालन में तत्कालीन कलेक्टर मोती सिहं के साथ वह एयरपोर्ट पहुंचे और एंडरसन को विमान से उतरते ही गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद एंडरसन को वीआईपी गेस्ट हाउस में लाया गया। पुरी ने बताया कि यहां एंडरसन को रखा गया था, तभी अर्जुन सिंह और सीएस ने मौखिक आदेश दिया कि शहर में गैसकांड के कारण माहौल बहुत खराब हो गया है। माहौल और भी बिगड़ सकता है, ऐसे में एंडरसन को सुरक्षित छोड़ा ही उचित होगा। इन्हीं के कहने पर एंडरसन को पुलिस की सुरक्षा में सीधे एयरपोर्ट ले जाया गया और विमान में बिठाया गया।
फुटेज गिरफ्तारी के हैं
पुरी से जब पूछा गया कि उस समय के वीडियो फुटेज में एंडरसन को छोड़ते हुए दिखाया जाता है? तो उन्होंने कहा वह गिरफ्तारी के ही फुटेज हैं। आदेश मिलने के बाद ही एंडरसन की सुरक्षित रिहाई की गई थी। वह फुटेज वास्तव में गिरफ्तारी के समय के ही हैं। इसी से तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह साथ में दिखाई दे रहे हैं। उस समय गाडी मैं ही चला रहा था।
मोती के बयान अब 22 जनवरी को
आयोग के सामने समयाभाव के कारण तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह के बयान पूरे नहीं हो सके। मोती के बयान अब 22 जनवरी, 2013 को होंगे। मोती सिंह ने बताया कि रात को सबसे पहली सूचना मिली कि शहर में हालात खराब है और 5 लोग मारे जा चुके हैं। संभागायुक्त रणजीत सिंह का फोन आया कि कुछ गैस मास्क लेकर उनके चार इमली स्थित आवास पर पहुंचे। इस पर गैस मास्क लेकर चार इमली पहुंचे तो रणजीत सिहं की पत्नी ने बताया कि, वह तो 1250 अस्पताल जा चुके हैं। इस पर तत्काल ही जेपी अस्पताल पहुंचे, जहां मरीज और उनके परिजन भरे पड़े थे और हालात बिगड़ते जा रहे थे। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम में आपातकालीन बैठक करके तत्कालीन एडीएम एचएल प्रजापति के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन और मेडिकल टीमें गठित करके कार्रवाई शुरू करवाई गई।
मांगा स्पष्टीकरण
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एसएल कोचर ने इस दौरान नाराजगी जाहिर की। दरअसल, जहरीली गैस रिसाव जांच आयोग ने तत्कालीन टीआई सुरेंद्र सिंह का समंस तामील नहीं हो पाने पर अप्रसन्नता जताई। इस पर कोचर ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने पूछा आखिर तत्काली टीआई को पुलिस अब तक ढ़ूढ नहीं पाई। ऐसा क्यों? इससे कार्रवाई में प्रभाव पड़ता है।
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