-राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े बता रहे हकीकत
-12 किशोरियों से प्रतिदिन होता है बलात्कार
हेमन्त पटेल, भोपाल।
जिस प्रदेश में सरकार बेटी बचाओ और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाएं चला रही हैं, उसी मध्य प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में हर दिन 12 किशोरियां ज्यादती की शिकार हो रही हैं। साल भर में 4383 महिलाएं किसी न किसी घटना की शिकार हुई। वहीं हर रोज 20 महिलाओं से छेड़छाड़ की घटना घटित होती है।
यह चौंकाने वाला खुलासा कर रही है राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) की ताजा रिपोर्ट। यह आंकड़े किशोरियों पर अत्याचार, बलात्कार, अपहरण, अटेम टू मर्डर और आत्महत्या जैसे मामलों के हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल भर में १२६२ बलात्कार के मामले सामने आए हैं। इस हिसाब से प्रदेश में प्रतिदिन ४ किशोरियों के साथ जबर्दस्ती देहिक संबंध स्थापित किया जाता है। आंकड़ा बताता है कि इसमें एक दिन की बच्ची से लेकर 17 वर्ष तक की किशोरियां शामिल हैं। किशोरियों अपहरण में भी प्रदेश की घटनाएं कम नहीं हुई है। यह ग्राफ 517 है यानी प्रतिदिन 2 का अपहरण होता है।
-यह बता रहा है आंकड़ा
मर्डर- १२३
बालिका मृत्यु- १३
बलात्कार- १२६२
अपहरण- ५१७
वैश्यावृति- ३८
आत्महत्या- १२
जबर्दस्ती- २०
अन्य- १०५
(एससीआरबी के अनुसार साल भर में यह मामले आए सामने)
-हर दिन की सिसकियां
छेड़छाड़- २०
अपहरण- ४
मर्डर- २
अटेम टू मर्डर- २
जलाया जाता है- १
निर्वस्त्र कर घुमाया- १
(एससीआरबी के अनुसार हर दिन घटित घटनाएं)
-चिंता जनक है
हां रिपोर्ट मैंने देखी है। आंकड़ा बेहद चिंता जनक है, इस ग्राफ को लगभग खत्म करने हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं वे कार्रवाई में तेजी लाएं। महिला प्रकरण जल्द निराकृत हों, इसके लिए महिला विंग बनाई जा रही है।
उमाशंकर गुप्ता, गृहमंत्री
-पीड़ा सुनाई नहीं देती
इस आंकड़े से ही से सरकार की नींद खुल जानी चाहिए। सरकार में बैठे लोगों का प्रदेश की जनता की तरफ ध्यान ही नहीं है। सत्ता के लोभ में वे इतने खो गए हैं कि उन्हें पीडि़तों की पीड़ा न दिखाई दे रही है न सुनाई।
अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा
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