गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

मेट्रो के लिए तैयार होने लगा 'ट्रेक'

-धीरे-धीरे पटरी पर दौडऩे तैयार हो रही मेट्रो 
-प्री बिड बैठक में दस कंपनियों ने दिखाई डीपीआर तैयार करने रुचि 

भोपाल और इंदौर में जल्द ही मेट्रो टे्रन का जाल (टे्रक) डलता दिखाई देगा। मधम गति से ही बुधवार को फिर आशातीत संभावनाएं जांगी हैं। दरसअल, मेट्रो ट्रेन के संबंध में बुलाए जा रहे टेंडर को लेकर नगरीय प्रशासन संचालनालय में प्री-बिड बैठक आयोजित की गई थी। डीपीआर तैयार करने के लिए १० कंपनियों ने रुचि दिखाई, इन्होंने साल भर का समये मांगा है। 
इससे पहले बीते कई महिनों से वित्त विभाग में प्रोजेक्ट अटका पड़ा था। बैठक में नगरीय प्रशासन ने कंपनियों के सामने सात माह में मेट्रो डीपीआर तैयार करेने की शर्त रखी है। दोपहर बारह बजे शुरू हुई बैठक में अहमदाबाद, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी कंपनियों ने हिस्सा लिया। बैठक में अधिकारियों ने डीपीआर बनाने की इच्छुक कंपनी को टेंडर के नियम व शर्तो को समझाया। इस दौरान सभी कंपनियां ने भी अपने प्रोजेक्ट्स का प्रजेंटेशन दिया। बैठक अधिकांश कंपनियों ने डीपीआर के लिए समय सीमा एक साल करने की बात कही। इस पर संचालनालय के अधिकारियों ने इसमें संशोधन की बात स्वीकार कर ली। कंपनियों के अधिकारियों ने टेंडर भरने की तारीख चार जनवरी को भी बढ़ाने की मांग की। 
उल्लेखनीय है राज्य सरकार ने डेढ़ साल पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से भोपाल में मेट्रो के लिए प्रीफिजिबिलिटी सर्वे कराया था। इसमें शहर में करीब 28 किमी लंबे तीन रूटों पर मेट्रो की जरूरत बताई गई थी। पिछले साल नवंबर में डीएमआरसी के एमडी मंगू सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर डीपीआर बनाने पर सहमति जताई थी। बाद में वित्त विभाग की आपत्ति के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने ग्लोबल टेंडर निकालने का फैसला लिया। केन्द्र सरकार ने हाल ही में इसकी सहमति देकर अपना 50 फीसदी अंशदान देने का रास्ता साफ कर दिया। इसके बाद से मेट्रो दौडऩे की उम्मीदें जागी हैं। 

-ट्रेक पर खर्च होगा 8 करोड़ 
इस पूरे प्रोजेक्ट (डीपीआर) में करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें पचास प्रतिशत की राशि केन्द्र और बाकी की राज्य सरकार व्यव करेगी। यह अनुसान प्रोजेक्ट से जुड़ अधिकारियों का है। इन्हीं की मानें तो आगामी सात महीनों में मेट्रो की डीपीआर को तैयार कर लिया जाएगा। 
-सर्वे के बाद हकीकत
मेट्रो भोपाल-इंदौर में लाने के लिए नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से भोपाल में सर्वे करवाया था। सर्वे में प्रथम चरण में 28.5 किमी लंबे तीन कॉरीडोर और 28 स्टेशन बनाने का सुझाव दिया था। इसी हिसाब से मेट्रो कॉरीडोर और स्टेशनों को बनाने में करीब आठ हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। इसमें वाकेई कितना खर्च आए इसकी हकीकत प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ही सामने आएगी। 

-बढ़ेगी शहर की आबादी 
मेट्रो २०२१ में भोपाल की आबादी का आंकलन कर लाई जा रही है। उस वक्त भोपाल की अनुमानित आबादी 30 लाख के आसपास होगी। इसी हिसाब से कितने स्टेशन और टे्रक की जरूरत होगी, का आंकलन विभाग ने किया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मेट्रो रेल के लिए 21 सड़कों का अध्ययन किया था। इसके को लेकर मेट्रो के पूर्व एमडी श्रीधरन और वर्तमान एमडी मंगू सिंह भी जायजा ले चुके हैं। 

-राजधानी में मेट्रो का टे्रक 
पहला कॉरीडोर- कपिला नगर से हबीबगंज दूरी 10.05 किमी 
स्टेशन -कपिला नगर , बैरसिया रोड, डीआईजी बंगला, शाहजहांनाबाद, भोपाल रेलवे स्टेशन, ऐशबाग, पुल पुख्ता, एमपी नगर, हबीबगंज
दूसरा कॉरीडोर- सुरुचि नगर से भेल दूरी 9 किमी
स्टेशन- सुरुचि नगर, टीटी नगर, न्यू मार्केट, राजभवन, पुरानी विधानसभा, पुल बोगदा, गोविंद पुरा, भेल
तीसरा कॉरीडोर- लालघाटी से प्लेटीनम प्लाजा दूरी 9 किमी लालघाटी, ईदगाह हिल्स, परी बाजार, मंगलवारा, मोती मस्जिद, कमला पार्क, न्यू मार्केट, टीटी नगर, प्लेटिनम प्लाजा

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