शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

गड़बड़ी मिली तो अब नोटरियों की खैर नहीं -जल्द शुरू होगा निरीक्षण

  कलेक्टर के निर्देश के बाद भी बिना स्टॉ प शुल्क चुकाए नोटरियां हो रही हैं। इन पर अब जल्द ही शिकंजा कसने जा रहा है। वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर ने कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर इन नोटरियों की जांच करने की तैयारी कर ली है। जल्द ही सभी नोटरी वालों के यहां निरीक्षण किया जाएगा। आदेश के बाद यदि ऐसे नोटरियां पाई गई, जिनमें स्टॉ प ड्यूटी की चोरी सामने आई तो नोटरियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
 गौरतलब है कि नोटरियों द्वारा 50 व 100 रुपए के स्टॉ प पर सरकारी जमीन के विक्रय, दानपत्र, एग्रीमेंट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी आदि लिखकर सत्यापित किए जा रहे हैं। भू-माफिया इन दस्तावेजों का उपयोग रजिस्टर्ड दस्तावेज की तरह कर आम लोगों को बेवकूफ बनाकर उनके साथ ठगी कर रहे हैं। यहीं नहीं इससे सरकार को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसको मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने नोटरी संचालकों को निर्देश जारी किए थे कि वह 50,100 रुपए के स्टॉ प पर बने एग्रीमेंट या पॉवर ऑफ अटॉर्नी को नोटराईज्ड करने से पहले यह जांच लें कि उस पर उचित स्टॉ प ड्यूटी देय हुई है या नहीं।यदि नहीं तो पहले उसे स्टॉ प ड्यूटी कराने के लिए कलेक्टर ऑफ स्टॉ प भेजें, उसके बाद ही नोटरी करें। निर्देश जारी होने के बाद भी नोटरियों इन आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए कलेक्टर ने वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर को सभी नोटरियों का निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान जिन नोटरियों द्वारा नियम पालन करता नहीं पाया जाएगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी। 
-यह है नियम 
नियमानुसार किसी भी अचल संपत्ति का विक्रय, दान एवं अन्य अंतरण रजिस्ट्रीकृत दस्तावेजों द्वारा ही किया जा सकता है। रजिस्ट्री कराने के लिए संपत्ति के बाजार मूल्य के अनुसार स्टां प शुल्क चुकाना अनिवार्य हैै। बिना रजिस्ट्री केवल नोटरीकृत दस्तावेजों द्वारा संपत्ति संबंधी अंतरण मान्य नहीं है। नोटरीकृत, पॉवर ऑफ अटॉर्नी (मु तारनामा) जिसमें संपत्ति के विक्रय के अधिकार दिए गए हों पर भी बाजार मूल्य के अनुसार स्टां प शुल्क चुकाकर उसका पंजीयन अनिवार्य है। अलग-अलग दस्तावेजों पर यह शुल्क अलग अलग तय है। निर्धारित स्टां प शुल्क चुकाए बिना कोई भी दस्तावेज किसी भी सरकारी कार्यालय में साक्ष्य के रूप में ग्राह्य नहीं माना जाता है।
-बोले अधिकारी
आदेश के बाद भी निर्धारित स्टां प शुल्क चुकाए बिना जमीन के सौदों के दस्तावेज नोटरियों द्वारा सत्यापित किए  जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जल्द  ही नोटरियों के रिकार्ड आदि की जांच की जाएगी। इस जांच के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए गए हैं।
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक

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