रविवार, 23 फ़रवरी 2014

चुनाव आयोग के निशाने पर आए भोपाल कलेक्टर

- वाह-वाही लूटने अचानक किए थे आरआई के तबादले 
दबंग रिपोर्टर, भोपाल। 
बीते दिनों भोपाल कलेक्टर निशांत बरबडे ने जिले के सभी सर्किलों में पदस्थ राजस्व परीक्षक (आरआई) के तबादले कर दिए थे। इससे उन्होंने वाह-वाही तो लूटी, लेकिन चुनाव आयोग के निशाने पर भी आ गए। वहीं अब एक खास व्यक्ति को राजस्व मंत्री के स्टॉक में पदस्थ किया जा रहा है। इससे प्रदेश भर के वे राजस्व निरीक्षक और पटवारी परेशान होंगे, जो लोक सभा निर्वाचन में लगे हुए है। उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर 2013 को लगी आचार संहिता के बाद पूरे जनवरी शुरुआत तक लोगों के सामान्य काम भी नहीं हो पाए थे। हालांकि भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि वह जन सामान्य से संबंधित कोई भी काम को न रोकें। अब राजस्व निरीक्षकों के बदलाव से नामांतर, अविवादित नामंतरण, नप्ती, जैसे काम अटक गए है। एन मौके पर चुनाव के पूर्व आरआई के ताबदलों के निर्णय को वरिष्ठ अफसरों ने अविवेकपूर्ण निर्णय करार दिया था। 
इस तबादले में कई नौसिखिए राजस्व निरीक्षकों को अति महत्वपूर्ण सर्किलों में पदस्थ कर दिया गया जिनको समझ में ही नहीं आ रहा है कि काम कैसे शुरू करे। वहीं दबाव पड़ने से असुविधाजनक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। 
... तो ऐसा क्यो?
कलेक्टर द्वारा स्थानांतरण सूची में ऐसे राजस्व निरीक्षकों को स्थानांतरिक करने का तर्क दिया है जिनको एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक हो गए थे परंतु उनके इस तर्क पर प्रश्नचिन्ह लग गया जब टीटी नगर में पदस्थ पटवारी अमित दीक्षित एवं बैरागढ़ सर्किल में पदस्थ पटवारी को तीन साल से अधिक समय तक पदस्थ रहने के बाद भी स्थानांतरित नहीं किया गया जबकि अमित दीक्षित तो राजस्व निरीक्षक सर्किल में एनएमएस के रूप में कार्य कर रहे है, जो कि नियम के विरूद्ध है। उक्त स्थानांतरण सूची में जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाया गया है ऐसी भी चर्चा जोरों पर है क्योंकि वर्तमान में जिला प्रशासन में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी आरक्षित वर्ग है।

मंगलवार, 4 फ़रवरी 2014

दोनों दलों के उम्मीदवारों के सामने पुनर्मतगणना आज

-9 बजे से सुभाष स्कूल में होगी गिनती 
भोपाल। 
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर निगम वार्ड-35 के मतपत्रों की पुनर्गणना मंगलवार को सात नंबर स्टाप स्थित सुभाष उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय में होगी। सुबह 9 बजे से होने वाली इस गणना में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवार उपस्थित होंगे। गणना की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। 
उपजिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह ने बताया, हाईकोर्ट के निर्देश पर वार्ड-35 के मतपत्रों की पुनर्गणना की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम के नवम्बर 2009 में चुनाव हुए थे। उस दौरान भाजपा के उम्मीदवार संजय शर्मा को इंडियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस) के प्रत्याशी आशाराम शर्मा ने 9 वोटों से हराया था। संजय शर्मा को यहां 3509 मत मिले थे। वहीं आशाराम शर्मा को 3518 वोट। केवल 9 वोटों से जीत हार का फैसला हुआ। इसमें संजय शर्मा को मिली हार के बाद उन्होंने 2013 में एक याचिका जिला एवं सत्र न्यायालया, भोपाल में दायर कराई। याचिका में वार्ड-35 के चुनाव में हुई मतगणना को दोबारा कराने की मांग की थी। 
याचिका में उन्होंने कोर्ट को बताया था कि मतगणना सही नहीं हुई। कोर्ट ने संजय शर्मा की याचिका स्वीकार करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को 18 अप्रैल 2013 को निर्देशित किया कि वह पुर्नगणना कर 26 जून को होने वाली सुनवाई में वस्तु स्थिति से अवगत कराए। 

-वर्जन 
4 फरवरी को सुभाष स्कूल ग्राउंड में सुबह 9 बजे वार्ड-35 के मतपत्रों की पुनर्गणना की जाएगी। इसके लिए प्रशासनिक सभी तैयारियों कर ली गई हैं। 
अक्षय सिंह, उप   जिला निर्वाचन अधिकारी

किसको कितने मिले थे मत 
प्रत्याशी         -                 - प्राप्त वोट
आशाराम शर्मा - इंडियन नेशनल कांग्रेस      - 3518
संजय शर्मा      - भारतीय जनता पार्टी     - 3509

हड़बड़ाए 3 बिल्डरों ने सरेंडर किए 90 करोड़ , भोपाल

आयकर विभाग के छापे के बाद हड़बड़ाए भोपाल के तीन बिल्डरों 90 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए हैं। बीते पांच दिन से आयकर विभाग बिल्डरों के यहां से छापे के बाद आयकर चोरी संबंधी जब्त दस्तावेजों का परीक्षण कर रहे हैं। आयकर विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो परीक्षण में करोड़ों रुपए का हेर-फेर सामने आ रहा है। वहीं कुछ बिल्डरों के दस्तावेजों में अचल संपत्तियों के साथ बैंक लॉकर के दस्तावेज भी मिले हैं। आयकर विभाग की इस कायर्वाही के बाद आकृति बिल्डर ने 50 करोड़, फारच्यून बिल्डर ने 30 करोड़ और स्वदेश बिल्डर ने दस करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। फारच्यून और आकृति के दस्तावेजों का दोबारा बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है। 
 

अब बेटे के लाकर ने उगले जेवरात-दस्तावेज , भोपाल

लोकायुक्त पुलिस टीम ने सोमवार को निलंबित प्रमुख सचिव राजस्व कार्यालय के ज्वाइंट कमिश्नर रविकांत द्विवेदी के बड़े बेटे अंकित द्विवेदा के लॉकरों को खंगाला। अरेरा कालोनी स्थित विदिशा-भोपाल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के लॉकर ने 165 चांदी और 120 ग्राम सोने के जेवरात उगले। 
इसी के साथ संपत्ति के दस्तावेज भी मिले। हालांकि छापे में संपत्ति के इन असली दस्तावेजों की प्रतिलिपि मिल चुकी है। लोकायुक्त पुलिस की टीम अब आरके द्विवेदी की गोविन्दपुरा स्थित प्रिटिंग प्रेस की तलाशी लेगी। इसके अलावा इंदौर में भी द्विवेदी और उनके परिजनों के नाम मकान और प्लाट का पता किया जाएगा। इसके अलावा हरदा, विदिशा और दतिया में भी जमीनों की जानकारी जुटाई जाएगी।
 

पांच हजार लेते पकड़ाया पटवारी , भोपाल

लोकायुक्त पुलिस संगठन भोपाल इकाई ने सोमवार को सीहोर जिले की आष्टा तहसील के पटवारी अमरजीत सिंह लांबा को किसान सुनील केलिया निवासी कोठरी, तहसील आष्टा से पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। पटवारी ने रिश्वत की यह राशि सुनील से जमीन के नामांतरण संबंधी प्रकरण के निराकरण के लिए मांगी थी। इसके लिए फरियादी को लंबे समय से परेशान किया जा रहा था। शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी को योजनाबद्ध तरीके से पांच रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा।

जोशी दंपति मामले में 18 के खिलाफ होगा चालान पेश

जिला सत्र न्यायालय से ली जाएगी अभियोजन पेश करने की तिथि
प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल
केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय एवं प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा निलंबित आईएएस अफसर अरविन्द जोशी और टीनू जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में अभियोजन की दी गई स्वीकृति के बाद इस सप्ताह में जोशी दंपति समेत इस मामले में अन्य 18 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा। इसके लिए जिला एवं सत्र न्यायालय से अभियोजन पेश करने के लिए तिथि ली जाएगी।
आयकर विभाग द्वारा फरवरी 2010 में जोशी दंपति के यहां आयकर के छापे के बाद लोकायुक्त पुलिस ने अक्टूबर 2010 में अरविन्द जोशी के यहां छापे की कायर्वाही की थी। इसके बाद जोशी दंपति तथा उनसे जुड़े लोगों के दिल्ली, गुवाहाटी समेत अन्य स्थानों पर छापे की कायर्वाही कर आय से अधिक संपत्ति का मामला उजागर किया था। इस मामले केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को अभियोजन के लिए राज्य शासन ने प्रस्ताव भेजा था। लंबे समय से यह मामला केन्द्र में लंबित था। हाल ही में केन्द्र ने उनके खिलाफ   अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। अनुमति संबंधी पत्र सोमवार को लोकायुक्त पुलिस संगठन को मिल गया है। अब जिला एवं सत्र न्यायालय में आवेदन लगाकर चालान पेश करने की तिथि ली जाएगी। इसके बाद जोशी दंपति समेत उनके माता-पिता एवं अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
इनके खिलाफ होगा चालान
आय से अधिक संपत्ति के मामले में अरविन्द जोशी, टीनू जोशी, उनके माता-पिता, दोनों अप्रवासी बहनें आभा एवं विभा पटेल के अलावा पवन अग्रवाल, अरविन्द के खास सहयोगी एसके कोहली, हर्षा कोहली, सीमांत कोहली, साहिल, ललित जग्गी, आईसीआईसीआई बैंक की अधिकारी रहीं सीमा जायसवाल, मनोज जायसवाल, मिरज अली, दिल्ली के बिल्डर श्रीदेव शर्मा आदि 18 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा। श्रीदेव शर्मा के माध्यम से गुवाहाटी में लैट खरीदे गए थे। अरविन्द जोशी और टीनू जोशी की इसी साल सेवानिवृत्ति है।
विशेष न्यायालय में संपत्ति का मामला
जोशी दंपत्ति समेत अन्य आरोपियों की आय से अधिक करीब 22 करोड़ रुपए की संपत्ति राजसात करने का मामला विशेष न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले में अरविन्द जोशी की दोनों बहनें विभा और आभा को न्यायालय द्वारा लगातार नोटिस जारी करने के बाद भी उन्होंने न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष नहीं रखा है। जोशी दंपत्ति समेत एसके कोहली और दोनों बहनों समेत अन्य आरोपियों की संपत्ति राजसात करने का मामला विशेष न्यायालय में विचाराधीन है।

भंडारी 17 फरवरी तक रहेंगे न्यायिक हिरासत में, भोपाल (प्रसं)

पीएमटी फर्जीवाड़े मामले में आरोपी बनाए गए अरविंदो मेडिकल कॉलेज, इंदौर के सीएमडी विनोद भंडारी को सोमवार को एसटीएफ ने अदालत में पेश किया। यहां से उन्हें 17 फरवरी तक की न्यायिक जांच के लिए भोपाल केंद्रीय जेल भेज दिया गया। स्पेशल टास्क फोर्स ने सीजेएम पंकज माहेश्वरी के सामने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की। गौरतलब है कि एसटीएफ ने 30 जनवरी को देर रात उन्हें गिर तार किया था। इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने उन्हें 3 फरवरी तक के लिए रिमांड पर भेजा था। रिमांड पूरी होने के बाद सोमवार के दिन भंडारी को सीजेएम पंकज माहेश्वरी की अदालत में पेश किया गया था। जिला अदालत में उनकी जमानत याचिका भी दायर की गई थी, लेकिन सीजेएम माहेश्वरी ने यह कहकर जमानत याचिका खारिज कर दी, कि उन पर लगे सभी आरोप काफी गंभीर है। इन गंभीर आरोपों को देखते हुए उनकी जमानत मंजूर नहीं की जा सकती।

लायसेंस बनवाने का आज आखरी दिन

-16 हजार ने लिया लायसेंस-रजिस्ट्रेशन, 6 हजार बाकी 
भोपाल। 
अगर आप की खाद्य पदार्थ विक्रय की दुकान या प्रतिष्ठान है और खाद्य लायसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो आज करा लें। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत मंगलवार चार फरवरी को तारीख समाप्त हो रही है। 
अब तक जिले में 16 हजार व्यापारियों ने तो रजिस्ट्रेशन व लायसेंस बना लिया है। आंकड़ों के अनुसार छह हजार व्यापारी बाकी हैं। इनके आवेदन आने शेष हैं। 4 फरवरी के बाद रजिस्ट्रेशन व लायसेंस नहीं होने पर दुकानदार पर जहां 25 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना अधिरोपित किया जा सकता है। 
प्रदेश में यह खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 पूरे देश में 5 अगस्त 2011 से लागू कर दिया गया था। इस अधिनियम के तहत व्यापारियों को विभाग से लायसेंस लेना अनिवार्य किया गया है। आॅनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है। 

-इन्हें लेना होगा रजिस्ट्रेशन-लायसेंस
हॉस्टल, सरकारी व निजी गेस्ट हाउस, राशन दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल, चाट ठेले, फुल्की ठेले, सब्जी वाले, किराना दुकानें, शराब आहते, पान दुकानें, अंडे के ठेले, जूस व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन व लायसेंस लेना अनिवार्य किया गया। 

-यह है फीस
प्रतिवर्ष 12 लाख से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को खाद्य पदार्थ व उससे बने सामान बेचने या तैयार करने के लिए लायसेंस लेना होगा। जिला व राज्य स्तर के लायसेंस के लिए 2 से 5 हजार रुपए तक की फीस अदा करनी होगी। इधर सेंट्रल का लायसेंस लेने के लिए साढ़े पांच हजार रुपए फीस अदा करनी होगी। प्रतिवर्ष 12 लाख से कम का टर्नओवर वाले व्यापारियों को खाद्य पदार्थ व उससे बने सामान बेचने के लिए विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए 100 रुपए फीस अदा करनी होगी। 

तस्लीम के साथ महिलाएं उतरी सड़कों पर

-6 सूत्री मांग पत्र में कहा, इलाज और नि:शुल्क अनाज दिया जाए 
भोपाल। 
पार्षद तस्लीम वहीद लश्करी के नेतृत्व में बुजुर्ग महिलाओं ने रोशनपुरा चौराहे पर पेंशन बढ़ाने को लेकर धरना प्रदर्शन किया। यह महिलाएं बीते पांच महीने से सामाजिक सुरक्षा एवं वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने के विरोध में सड़कों पर आर्इं। इस दौरान 6 सूत्री मांग पत्र में राज्य शासन से पेंशन राशि बढ़ाने और नि:शुल्क अनाज दिए जाने की मांग की। 
तस्लीम लश्करी ने कहा, पेंशन न मिलने से गरीब और बेसहारा वृद्ध महिलाओं को पेट पालना मुश्किल हो रहा है। महिलाएं पेंशन के लिए हर हफ्ते नगर निगम और पोस्ट आफिस के चक्कर काट रही हैं। मुख्यमंत्र को संबोधित 6 सूत्री मांग पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा। इसमें पेंशन राशि बढ़ाकर 1 हजार रुपए, हर माह नियमित पेंशन मिलना, मुफ्त अनाज वितरण, संपूर्ण इलाज और पेंशनधारियों को जाति प्रमाण पत्र से नि:शुक्ल दिया गया। 
इस मौके पर पार्षद तस्लीम वहीद लश्करी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष पीसी शर्मा, पूर्व पार्षद वहीद लश्करी, माया विश्वकर्मा, रवि मालवीय, सुरेश भागचंदानी, उत्तम कुहिटे, विनोद यादव, संदीप तिवारी, आशीष देरवाल, मुकेश सेन, वासुदेव गोस्वामी, पिन्टू पाटिल, नईम खां, राजकुमार, बुन्दन खां, गायत्री पांडेय, ताई बाई, आशा सरकार, भागा बाई, सेना बाई और झूमा बाई सहित कई पेंशनभोगी उपस्थित थे। 

रविवार, 2 फ़रवरी 2014

गरीबों को बांटे फल, मनाया जन्मदिन , भोपाल

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक एसके मुद्दीन का जन्मदिन रविवार को राजधानी में मनाया गया। इस अवसर पर मंच के भोपाल संभाग प्रभारी अलीम कुरैशी के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंगलवारा चौराहा पर केक काटा गया तथा श्री मुद्दीन की लंबी जिंदगी और उनके द्वारा चलाई जा रही मुहिम की सफलता के लिए दुआ मांगी गई। इस मौके पर इतवारा क्षेत्र में गरीबों को फल वितरित किए गए। कार्यक्रम में तारीक कुरैशी, जाहिद खान, अनीस खान, वीरा स्वामी, दिनेश कुमार सहित बड़ी सं या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे। 

समग्र पोर्टल को लेकर कितनी आई दावे-आपत्ति? पता नहीं

-संक्षिप्त समय पर खड़े हुए प्रश्न 
भोपाल। 
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता प्राप्त परिवारों के नाम समग्र सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज किए जाने के साथ दावे-आपत्तियां बुलाई गर्इं थीं। लेकिन इस पर स्पष्ट आंकड़े अब तक सामने नहीं आए हैं। इसको लेकर जुबानी जंग भर चल रही है। 
इधर, संक्षिप्त समय पर भी कई प्रश्न खड़े हो गए हैं। पोर्टल पर पात्र परिवारों की सूची की कोई ठीक जानकारी ही सामने नहीं आ पाई है। जिन विभागों को इन दावे-आपत्तियों को लेने के निर्देशित किया गया था, वह भी अंजान बने हुए हैं। अब दावे-आपत्तियों के निराकरण को लेकर संकट पैदा हो गया है। 

-यह है मामला 
27 जनवरी को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र परिवारों के नाम समग्र सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज किए जाने का वाचन किया गया। इस सूची में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल किए गए। इसके बाद पात्रता प्राप्त परिवारों को अवगत कराया गया था कि जिन परिवारों के पास बीपीएल कार्ड है और उनका नाम पात्रता सूची में नहीं जुड़ा है। इसी प्रकार अन्य गड़बड़ी होने पर वह 28 से 30 जनवरी दावे-आपत्तियां दे सकते हैं। इसके लिए पोर्टल पर जानकारी देने को कहा गया। नगर निगम क्षेत्र के लोगों को संबंधित वार्ड कार्यालय में लिखित में शिकायत व दाव प्रस्तुत करना था। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लोग ग्राम पंचायत में यह जमा कर सकते थे। कई ने दावे-आपत्तियां दीं, लेकिन इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। सूत्रों की मानें तो यह संख्या 300 से 500 के बीच हो सकती है। इतने सब के बाद भी वरिष्ठ अफसरों का इस ओर ध्यान नहीं है। 

दो दिवसीय मेगा कैंप में मौके पर बंटेगा मानदेय

-वंचित रह गए कर्मियों के लिए की नई व्यवस्था
भोपाल। 
मानदेय से वंचित रह गए कर्मचारियों को दो दिवसीय मेगा कैंप में मौके पर मानदेय दिया जाएगा। जिले की सात विधानसभा चुनाव में लगे पी-1, पी-2 तथा पी-3 अधिकारियों तथा कर्मचारियों को ही मानदेय दिया जाएगा। सोमवार से आयोजित होने वाले इस मेगा कैंप को जिला कोषालय में आयोजित किया जा रहा है। 
विधानसभा निर्वाचन के दौरान सातों विधानसभा में जिन पी-1, पी-2 और पी-3 अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, उनका मानदेय देने के लिए सोमवार से दो दिवसीय कैंप लगाया जा रहा है। जिला कोषालय में लगने वाले इस केंद्र में ही उनका मानदेय दिया जाएगा। कैंप जिला निर्वाचन आयोग द्वारा लगाया जा रहा है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह ने बताया, कैंप में सिर्फ वे ही अधिकारी-कर्मचारी शामिल हो पाएंगे जिन्होंने ड्यूटी की थी। उन्होंने कहा, सामग्री वितरण तथा लाइंग स्क्वॉड के काम में लगे कर्मचारियों को किसी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाएगा। 
 

एक बार फिर डूब सकता है शारदा नगर

- नाले के किनारे तेजी से हो रहे निर्माण कार्य, फिर भरने लगा नाले में पानी
- कॉलोनाइजर ने छोड़ा, सरपंच ने मुंह मोड़ा
दबंग रिपोर्टर, भोपाल। 
लांबा खेड़ा स्थित शारदा नगर कॉलोनी के नाले के किनारे बसाहट और निर्माण कार्य दोबारा चालू हो गया है जिसके चलते यहां के रहवासियों को 14 अगस्त 2006 की रात बाढ़ के कारण सैकड़ों परिवारों की मौत का मंजर याद आ रहा है। यहां के रहवासियों का यह मानना है कि अगर निर्माण कार्य को जल्दी न रोका गया तो ऐसी स्थिति फिर से निर्मित हो सकती है। जिस पर इस बार काबू पाना असंभव हो जाएगा। परिणामत: यह कॉलोनी डूब जाएगी।
 
सरपंच व कॉलोनाइजर से की थी शिकायत शारदा नगर निवासियों की माने तो उन्होंने कई बार क्षेत्र के सरपंच और कालोनाइजर ‘गौरी गणेश गृह निर्माण समिति’ से इस संबंध में शिकायत की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। न ही नाले के किनारे पर हो रहे निर्माण को रोका उल्टा निर्माण की अनुमति दे दी गई, जिससे कॉलोनी में जलभराव की स्थित निर्मित हो गई है। 
विधायक को सौंपा ज्ञापन रहवासियों की समस्याओं के निराकरण और कॉलोनी विकास के लिए गठित शारदा नगर सामाजिक विकास समिति के पदाधिकारियों ने इस संबंध में गत दिवस क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री से मुलाकात की। उन्होंने विधायक को ज्ञापन सौपते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की। इस अवसर पर समिति के संरक्षक आरपी सोनी, अध्यक्ष यूके उपाध्याय, कोषाध्यक्ष बीबी शर्मा, सचिव एसएस यादव, उप सचिव कमल बोहत सहित कैलाश चंद्र सेन, बबलू ठाकुर मौजूद थे।

पिछले साल ही कराया गया था नाले का चौड़ीकरण करीब 20 साल पहले वर्ष 1993 में निर्मित इस कॉलोनी के पास बहते नाले के किनारे ताबड़तोड़ तरीके कब्जा कर लोगों ने अपने मकानों की बाउंड्रीवाल व अन्य निर्माण कर लिये हैं। सवाल यह उठता है कि यह कब्जे नाजायज हैं अथवा कॉलोनाइजर या जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से किए गए हैं। रहवासियों का कहना है कि नाले के किनारे हो रहे निर्माण के कारण नाले का जल भराव बढ़ेगा। हालांकि पिछले साल ही सरपंच द्वारा लाखों रुपए खर्च करके इस नाले का चौड़ीकरण कराया गया था। बावजूद इसके बैरसिया रोड की पुलिया से नीचे नाले का आकार बिल्कुल संकरा होने से जलनिकास का मार्ग बंद होने के कगार पर है। 

प्रशिक्षण के बहाने सीमांकन भी करना सीखेंगे पटवारी-आरआई

 - सीमांकन कार्य का प्रशिक्षण आज से, एक दल में 15 पटवारी-आरआई होंगे शामिल
दबंग रिपोर्टर, भोपाल। 
जिले में पदस्थ सभी आरआई-पटवारियों को टीएसएम(टोटल स्टेशन मशीन) को चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग जिले में उपलब्ध चार टीएसएम से सीमांकन कार्य के लिए दी जा रही है। यह प्रशिक्षण तीन फरवरी से शुरू होगा और तीन मार्च को समाप्त होगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पटवारी व आरआई के 15 सदस्यीय दल गठित कर दिए गए है। प्रत्येक दल को तीन या चार दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, इसके लिए बाहर से टीम भी बुला ली गई है। इस टीम के प्रत्येक सदस्य सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सभी सदस्यों को टीएसएम मशीन का विधिवत प्रशिक्षण देंगी।
इस संबंध में 24 जनवरी को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने हुजूर वृत्त में बने सायबर रिकार्ड रूम का निरीक्षण करने के दौरान वृत्त में रखी दो टीएसएम मशीनों की जानकारी ली थी। जिसमें इन मशीनों से किए गए सीमांकन आदि के बारे में जानकारी ली, तो सामने आया था कि ग्वालियर से प्रशिक्षण लेकर आए 22 पटवारी-आरआई में से एक ने भी टीएसएम मशीन से सीमांकन नहीं किया था। इसका कारण पूछने पर पता चला कि प्रशिक्षण प्राप्त पटवारी टीएसएम मशीन चलाने में असमर्थ है। इस पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर श्री वरवड़े ने एसएलआर को निर्देशित किया था कि वह जिले में पदस्थ सभी आरआई व पटवारी को टीएसएम चलाने का प्रशिक्षण दिलवाएं। जरूरत पड़े तो यह प्रशिक्षण निजी कंपनी से दिलावाया जाए।

प्रशिक्षण के साथ सीमांकन के कार्य भी होंगे पूरे
15 सदस्यीय पहला दल जहां 3 से 5 फरवरी तक नीलबड़ में प्रशिक्षण लेगा, जबकि दूसरा दल 6 से 10 फरवरी तक रातीबढ़ में, तीसरा दल 11 से 13 फरवरी तक मिसरोद में, चौथा दल 17 से 19 फरवरी तक जाटखेड़ी में, पांचवा दल 20 से 22 फरवरी तक सलैया में छठवां दल 24 से 26 फरवरी तक बिलखैया में तथा सातवां यानि अंतिम दल 28 फरवरी से 3 मार्च तक खजूरीखुर्द में सीमांकन करने का प्रशिक्षण लेगा। अधिकारियों की माने तो अलग अलग जगह प्रशिक्षण दिए जाने के पीछे उद्देश्य यह है कि प्रशिक्षण के साथ-साथ इन क्षेत्रों में लंबित पड़े सीमांकन भी पूर्ण हो जाएंगे। पटवारी-आरआई प्रशिक्षण के माध्यम से जिन जमीनों को नापेंगे , उनकी रिपोर्ट भी बनाकर देंगे ताकि प्रकरणों का निराकरण भी हो सके।

...तो अगले सत्र में फिर लेंगे प्रशिक्षण 
प्रत्येक दल सही तरीके से प्रशिक्षण ले। इसके लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह पटवारी-आरआई के प्रशिक्षण की दक्षता पर निगाह रखेगा और उनकी दक्षता संबंधी रिपोर्ट यानि प्रमाण पत्र व उपस्थिति भेजेगा। यदि वह किसी आरआई या पटवारी के टीएसएम को चलाने में दक्ष न होने संबंधी रिपोर्ट भेजता है, अगले सत्र में उस पटवारी-आरआई को दोबारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

आवेदन निरस्त क्यों किए, करें जांच

 - कलेक्टर ने एडीएम को दिए निर्देश
 भोपाल। 
आवेदनों के लगातार निरस्त होने की शिकायतों को गं ाीरता से लेते हुए कलेक्टर निशांत वरवड़े ने शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थापित लोक सेवा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में रखे मूल निवासी के निरस्त प्रकरणों में पांच प्रकरण उठाते हुए एडीएम बीएस जामोद को निर्देशित किया कि वह इन सभी प्रकरणों की जांच करें कि यह आवेदन क्यों निरस्त किए गए। यदि आवेदन सही और वास्तविक तथ्यों के आधार पर रिजेक्ट किए गए हैं तो ठीक, नहीं तो संबंधित अधिकारी से इसको लेकर सवाल जवाब किया जाए। उन्होंने रिजेक्ट हुए आवेदनों के संबंध में कारण जानना चाहा तो लोक सेवा केन्द्र संचालक और अन्य अधिकारी जवाब नहीं दे सके। इस पर श्री वरवड़े ने एडीएम से साफ कहा कि  वह जांच कर बताएं कि यह आवेदन जानबूझकर या समय सीमा से बचने के लिए तो रिजेक्ट नहीं किए गए हैं। श्री वरवड़े ने निरीक्षण के दौरान कहा कि जरूरी और संधारित किए जाने वाले रिकार्ड को रिकार्ड रूम में जमा करायें। ऐसा रिकार्ड जिसको संधारित नहीं किया जाना है उसको विनिष्ट किया जाये। उन्हेांने यह निर्देश केंद्र में पड़े आवेदनों व अन्य दस्तावेजों को लेकर दिए। उन्होंने केन्द्र संचालक को ाी निर्देशित किया कि वह आवेदन जमा करते समय ही सेवा मिलने की तारी ा आवेदक को बताये, ताकि आवेदक को सेवा पाने के लिए बार-बार चक्कर न लगाने पडे। एक तिथि निश्चित कर उस दिन अनिवार्यत: सेवा दी जाए। एेसा न होने पर आवेदक को पहले ही एसएमएस या फोन कर सूचित करें। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ एडीएम बीएस जामोद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

 जांच में सामने आई हकीकत - पांच निरस्त मूल निवासी आवेदनों की जांच कर रहे एडीएम बीएस जामोद ने बताया कि पांचों आवेदनों की जांच के बाद सामने आया है कि छोटे-छोटे कारणों से आवेदन निरस्त हुए हैं। इसमें मु य कारण नोटरी द्वारा आवेदक को आईडेंटीफाईड करना है। यदि आवेदन को नोटरी आईडेंटीफाईड कर रहा है तो यह आवेदन निरस्त करने का आधार नहीं है। इस संबंध में संबंधित अधिकारी या तहसीलदार को तलब किया जाएगा और कुछ हिदायतें दी जाएगी। श्री जामोद ने बताया कि एक प्रकरण में नोटरी की गलती भी सामने आई है। नोटरी ने 8 साल के नाम से शपथ पत्र बना दिया है, जबकि नियमानुसार यह गलत है। 8 साल का बच्चा खुद शपथ पत्र पेश नहंी कर सकता है। इसके लिए पिता या पालक का शपथ पत्र बनता है। इसके चलते नोटरी से ाी पूछताछ की जा रही है।

मार्च तक मिलेंगे 2 सिलेंडर, अप्रैल से होगी संख्या 12

-एजेंसियों पर सॉफ्टवेयर हुआ अपडेट, उपभोक्ता दिन भर रहे परेशान 
भोपाल। 
केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा 9 से 12 रियायती घरेलू सिलेंडर किए जाने के औपचारिक आदेश के बाद शनिवार से इस दिशा में काम शुरू हुआ। भोपाल जिले की सभी 34 गैस एजेंसियों पर नया सॉफ्वेयर अपडेट किया गया। शनिवार को पूरे दिन एजेंसियों से सिलेंडर वितरण का काम नहीं हुआ। 
इससे उपभोक्ताओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन इसे अपवाद करार दे रही है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है, सुबह जरूर काम नहीं हुआ, लेकिन जैसे-जैसे सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ। काम शुरू कर दिया गया। अपडेशन का यह काम आॅल इंडिया  लेवर पर किया गया। 
इक्का-दुक्का गैस एजेंसियां ही ऐसी हैं, जिनके यहां से सिलेंडरों की डिलेवरी नहीं हो सकी। बहरहाल, उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर ये है कि सॉफ्टवेयर अपडेट होने के साथ ही उनके खाते में चालू वित्तीय वर्ष (2013-14) के लिए 2 रियायती सिलेंडर बढ़ गए हैं। फरवरी और मार्च माह के लिए क्रमश: एक-एक। वहीं नवीन वित्तीय वर्ष (2014-15) में 12 रियायती सिलेंडर मिलेंगे। 

-60 फीसदी ने ले लिए पूरे सिलेंडर 
एसोसिएशन से जुड़े एक पदाधिकारी की माने तो भोपाल जिले के करीब 60 फीसदी घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं ने अपने सभी 9 रियायती सिलेंडर खत्म कर लिए हैं। राजधानी में करीब 4 लाख 50 हजार   घरेलू गैस सिलेंडर के उपभोक्ता हैं। इसमें सबसे ज्यादा खपत वाला क्षेत्र पुराना भोपाल है। वहीं नए शहर में इसका रेशो हर दूसरे घर में 3 माह के बीच एक सिलेंडर की खपत का है। पुराने शहर में हर माह एक सिलेंडर खपत होने का कारण संयुक्त परिवार भी है, जिसके चलते एक ही चूल्हे पर चार परिवारों का खाना पकता है। 

-लिंक की झंझट खत्म 
ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने आधार कार्ड से बैंक खाते के जरिए गैस अकाउंट लिंक करा लिया है। वहीं जो आधार कार्ड न होने के कारण अकाउंट लिंक नहीं करा पाएं हैं। ऐसे दोनों ही उपभोक्ताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं। इन्हें ऐसे ही रियायती दाम पर सिलेंडर मिलेंगे। सॉफ्टवेयर अपडेट होने के साथ खातों में सिलेंडरों की संख्या बढ़ा दी गई। सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम तीनों आॅइल कंपनी इंडियन आॅइल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने किया। अपडेशन का काम आॅल इंडिया  लेवर पर किया गया। 

-वर्जन 
भोपाल जिले की सभी गैस एजेंसियों का सॉफ्टवेयर शनिवार को अपडेट किया गया। इसी के साथ इस वित्तीय वर्ष में मार्च माह तक 2 और 2014-15 के लिए 12 सिलेंडर उपभोक्ताओं के खाते में दर्ज कर दिए गए हैं। 
आरके गुप्ता, अध्यक्ष, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन भोपाल 

इस बात के लिए बेहद खेद है कि लोग परेशान हुए। लेकिन सॉफ्टवेयर अपडेट करने से उपभोक्ताओं के खाते में ही सब्सीडी वाले सिलेंडरों में बढ़ोतरी हुई। इसका लाभ इसी माह से मिलेगा। तीनों आॅइल कंपनियों ने यह सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम किया। 
संजय दुबे, संचालक, च्रदकांत गैस एजेंसी 

खाद्य विभाग ने जब्त किए 39 सिलेंडर , भोपाल

सिलेण्डरों की अवैध खरीदी-बिक्री लगातार जारी है। ऐसा ही खुलासा खाद्य विभाग के जांच अभियान में सामने आया है। उन्होंने जेपी नगर स्थित एक घर से घरेलू गैस सिलेण्डर की हो रही बिक्री का भांडाफोड़ किया है। जांच में सामने आया है कि उपभोक्ताओं और व्यापारियों को यह सिलेण्डर सप्लाई होते थे। सिलेण्डर बेचने का वाले का एक ही फंडा था, 825 रुपए लाओ और भरा गैस सिलेण्डर ले जाओ। जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कायर्वाही के दौरान 39 सिलेण्डर जब्त कर प्रकरण पंजीबद्ध किया। 
जानकारी के अनुसार विभाग ने जांच अभियान के दौरान परवलिया सड़क पर टाटा -407 वाहन एमपी-04, जीए -6281 को पकड़ा। यह गैस सिलेण्डरों से भरा हुआ इमसें पुलिस ने भी सहयोग किया। यहां ड्रायवर राजेश रायकवार से पूछताछ की तो उसने घरेलू सिलेण्डर की अवैध खरीदी बिक्री की बात कबूली। राजेश ने बताया कि वाहन में रखे 39 सिलेण्डर श्यामपुर (सीहोर) स्थित इंडेन ग्रामीण वितरक से 750 रुपए में खरीदकर लाए गए हैं। इन सिलेण्डरों की बिक्री यूनियन कार्बाइड के सामने जेपी नगर स्थित एक घर से की जाती है। एक सिलेण्डर 825 रुपए में बेचा जाता है।

-जांच अभियान में यह भी बने प्रकरण 
टीलाजमालपुरा स्थित अचर्ना गैस एजेंसी के गोदाम से खाद्य विभाग की टीम ने 184 घरेलू सिलेण्डर जब्त किए। टीम को शिकायत मिली थी कि उपभोक्ताओं को गोदाम से दिए जा रहे भरे सिलेण्डर पर 16 रुपए की रिबेट नहीं दी जा रही है। जांच के इसकी पुष्टि हुई और एजेंसी संचालक के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।

-करोंद स्थित हैप्पी इंडेन एजेंसी पर नवीन गैस कनेक्शन लेने के फार्म 50-50 रुपए में उपभोक्ताओं को दिए जा रहे थे। विभाग ने मौके पर ही यह स्थिति देखने के बाद प्रकरण पंजीबद्ध किया। यहीं नहीं उप ोक्ताओं से बातचीत से दौरान सामने आया कि एजेंसी पर काम कर रहे कमर्चारी लोगों से बदतमीजी भी करते हैं। इसकी भी पुष्टि हुई।
 - प्रियंका एजेंसी की जांच में सामने आया कि वह उपभोक्ताओं की आॅनलाइन बुकिंग के बाद भी समय से उन्हें रिफिल उपलब्ध नहीं कराता है। विभाग ने प्रकरण पंजीबद्ध कर उपभोक्ताओं के भी बयान दर्ज किए हैं।
 - बीएचईएल क्वापरेटिव सोसायटी की जांच के दौरान वितरण रिकार्ड ठीक नहीं पाया गया। इसके चलते प्रकरण बनाया गया। 

बनेगा नया कलेक्टर कार्यालय, भूमि की तलाश शुरू

-परीबाजार, गोलघर और पुरानी अदालत परिसर घूमे कलेक्टर   
-पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत काम करने की कोशिश 
भोपाल। 
जिला कलेक्टर कार्यालय जल्द ही नए स्थान पर आकार ले सकता है। इसके लिए शनिवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े सहित प्रशासनिक अफसरों ने जगह तलाशी। कलेक्टर ने शाहजहांनाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले परी बाजार, गोलघर और पुरानी अदालत परिसर का भ्रमण किया। 
बताया जाता है कि नए कलेक्टर कार्यालय के लिए पुर्नघनत्वीकरण (रीडेंसीफिकेशन) के तहत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। शनिवार को कलेक्टर ने इसके तहत शासकीय कार्यालयों को स्थान दिए जाने के संबंध में अधिकारियो से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से चर्चा के दौरान जानकारी ली कि यहां पर कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित अन्य कार्यालय एक ही स्थान पर बन सकते हैं या नहीं? इस विषय पर अधिकारियों से चर्चा करते हुए निर्देशित दिए। इस संबंध में अफसरों से एक आंकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। ताकि प्रस्तावित पुर्नघनत्वीकरण (रीडेंसीफिकेशन) के तहत बनाई गई योजना में शासकीय कार्यालयों के लिए स्थान मिल सके। उनके साथ एडीएम बीएस जामोद व अन्य अधिकारी भी थे। सूत्रों के अनुसार कलेक्टर श्री वरवड़े चाहते हैं कि वर्तमान की तरह ही कलेक्टर कार्यालय के आसपास के कार्यालय एक ही स्थान पर हों। उल्लेखनीय है इससे पहले कमिश्नर रहते हुए मनोज श्रीवास्तव ने यह प्रस्ताव बनाया था। इसके तहत उन्होंने पुरानी जेल को उपयुक्त स्थान माना था। 

‘थर्ड आई’ में कैद रहे विवादित ईवीएम

-प्रेस कॉन्फ्रेस में कांग्रेस नेता अब्दुल नफीस ने की मांग, मामला मध्य विधानसभा की चुनाव मशीनों का 
भोपाल। 
मध्य विधानसभा क्षेत्र की क्र.-153 की ईवीएम को सीसीटीवी कैमरे की नजर में रखा जाए। अन्यथा इनसे छेड़छाड़ की जा सकती है। यह मांग जिला निर्वाचन अधिकारी से प्रदेश कांग्रेस के सचिव अब्दुल नफीस ने की। 
नफीस ने ईवीएम को जीरो करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी है। पत्रकार वार्ता में श्री नफीस ने कहा, ईवीएम की सुरक्षा को खतरा है। वहीं कुछ कतिपय नेता उनसे छेड़छाड़ कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान कई मशीनों की सीलें टूटी मिली थीं। इस पर हमने आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उस समय हमारी सुनवाई ही नहीं हुई। इससे कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। हमें अभी भी प्रशासन पर
भरोसा नहीं है। इधर मामले में जबलपुर हाईकोर्ट से होकर वापस आए उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह ने बताया, फिलहाल हाईकोर्ट के आदेशानुसार मशीनों को जीरो करने पर रोक लगाकर उन्हें पहले ही सील किया जा चुका है। अब कोर्ट के आदेश के बाद ही मशीनों को जीरो करने का काम होगा। 

जानकारी के अ ााव में नहीं मिल रहा ला ा, अ ाी तक 15 प्रतिशत छात्रों ने किया आवेदन, जिले में तीन हजार छात्र, भोपाल।

अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को राहत देने के लिए मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई आवास सहायता योजना का ला ा छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। जिले में ही इसके बुरे हाल हैं। बताया जा रहा है कि अ ाी तक साढ़े तीन सौ छात्रों ने ही आवास योजना के तहत आवेदन किये हैं। जबकि जिले में करीब तीन हजार छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है। ऐसे में कम आवेदन को लेकर कालेज प्रबंधन से लेकर सरकारी मुलाजिम ाी कटघरे में हैं। जिले सहित प्रदेश ार में आए कम आवेदनों को दे ाते हुए शासन ने इस योजना के प्रचार-प्रसार के साथ ही  छात्रों को ला ा देने के लिए वि ााग प्रमु ों को पत्र जारी किया है। हालांकि पत्र आने के बाद से ोपाल में आदिम जाति कल्याण वि ााग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत स ाी कालेज संचालकों से सूची ाी मांगी जा रही है।
क्या है आवास सहायता योजना
इस योजना के तहत बहार से आने वाले छात्रों को शासन द्वारा मकान किराये के लिए दो हजार की राशि दी जाती है। यह राशि छात्र के बैंक ााते में डाली जाती है। वहीं छात्र को ाी राशि का ाुगतान किरायेदार को चैक के माध्यम से करना होगा। इस योजना के लिए जुलाई से सित बर के बीच आवेदन किया जा सकता है।
महानगरों में मिलते हैं 2 हजार रुपए
इस योजना के तहत ोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन जैसे शहरों में आवास योजना के लिए दो हजार रुपए की राशि हर माह छात्र को दी जाती है। जिला मु यालयों पर प्रति विद्याथिर्यों को 12 सौ 50 रुपए एवं तहसील व विकास ाण्ड पर 1 हजार आवास सहायता राशि छात्र-छात्राओं को दिए जाते हैं। 
यह देना होगा प्रमाण
छात्र शासकीय-अशासकीय महाविद्यालय में अध्ययन कर रहे हो, साथ ही इन छात्र-छात्राओं को पालक के आवासीय निवास नहीं होने का प्रमाण पत्र ाी देना होगा। 
इन्हें हैं स्वीकृति के अधिकार
छात्रों द्वारा दिए गए शपथ पत्र एवं मकान मालिकों के सहमति पत्र के आधार पर स्वीकृति के अधिकार शासकीय संस्थाओं के प्राचार्यों एवं अशासकीय संस्थाओं से संबद्ध शासकीय संस्थाओं के नोडल प्राचार्य को होंगे।
दो हजार को ही माना मान्य
वि ाागीय सूत्रों की माने तो महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर जिले के तीन हजार छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इनमें 5 सौ के करीब शासकीय हॉस्टल में निवास करते हैं, वहीं इतने ही छात्र ाुद के या रिश्तेदारों के घरों में निवास करते हैं। यही कारण है कि दो हजार को ही आवास योजना के तहत पात्र माना गया है। 

तीन दिवसीय 14वां राष्ट्रीय वेन्डर विकास कार्यक्रम और औद्योगिक प्रदशर्नी भोपाल में , भोपाल, 01 फरवरी, 2014

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के इन्दौर स्थित एम.एस.एम.ई. विकास संस्थान और गोविन्दपुरा औद्योगिक संगठन, भोपाल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 14वां राष्ट्रीय वेन्डर विकास कार्यक्रम और औद्योगिक प्रदशर्नी आज से गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में शुरू हुआ। मध्य प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिन्धिया ने प्रदशर्नी और विकास कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि औद्योगिक विकास के   लिए हमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और देश के विकास को नई रफ्तार देने के लिए उद्योगों की श्रीमती सिन्धिया ने कहा कि उद्योगों के विस्तार से जहां देश की आत्म निर्भरता बढेगी वहीं बडी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष के अन्दर प्रदेश के उद्योगों को पर्याप्त विद्युत उपलब्ध करा दी जाएगी। कार्यक्रम में प्रदेश के उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव पी.के.दास, विकास आयुक्त अरूण कुमार भट्ट और लघु उद्योग निगम मध्य प्रदेश के प्रबन्ध संचालक अनुपम राजन सहित बड़ी संख्या में उद्योग जगत से जुड़े लोग उपस्थित थे।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास संस्थान, एम.एस.एम.ई, इंदौर के निदेशक डॉ. मन्डलोई ने इस अवसर पर बताया कि छोटे-छोटे उद्योगों और बड़े औद्योगिक संस्थानों के बीच व्यापारिक संबंधों के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक प्रदशर्नी और विकास कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन में रक्षा मंत्रालय की जबलपुर स्थित गन केरिज फैक्ट्री, आडिर्नेन्स फैक्ट्री, व्हीकल फैक्ट्री, ग्रे आयरन फाउन्ड्री, रेल स्प्रिंग कारखाना, सिंथौली, ग्वालियर, रेल कोच पुनर्निर्माण कारखाना, भोपाल और अश्रु गैस निर्माण संस्थान, बीएसएफ टेकनपुर सहित 118 से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और उनके प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। तीन दिवसीय 
कार्यक्रम में कई प्रशिक्षण सेमीनार भी आयोजित किये जायेंगे। 

 

वरिष्ठता और वेतन सुधार पर अडे कमर्चारी , भोपाल

बीएमएचआरसी (भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) के कमर्चारी वरिष्ठता निर्धारण और वेतन सुधार करवाने के लिए अड गए हैं। भोपाल मेमोरियल अस्पताल एंप्लाइज एसोसिएशन के आव्हान पर फेडरेशन आफ आल इंडियाा आईसीएमआर एंप्लाइज की मीटिंग हुई। इसमें तय किया गया कि, कमर्चारियों की वरिष्ठता निर्धारण और वेतन विसंगति के मुद्दे पर रविवार को भोपाल आ रहे आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल विश्वमोहन कटोच से सीधी बात की जाए।
इससे पहले कमर्चारियों को फेडरेशन के अध्यक्ष राजेश शर्मा और महामंत्री श्यामलेंदु घोष ने संबोधित किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा और मीडिया प्रभारी सुशील सिंह ने बताया कि मीटिंग की शुरुआत में कमर्चारियों को तनावमुक्त करने के लिए स्टेÑस मैनेजमेंट वकर्शाप का आयोजन भी किया गया। इसमें डॉ. शुभांजलि सिंह और डॉ. शिरीन खान ने कमर्चारियों को तनाव से बचने के टिप्स दिए। सिंह ने बताया कि अस्पताल की सेवाओं में सुधार एवं बेहतर इलाज के लिए कमर्चारियों की ओर से प्रस्ताव पारित किया गया, जोकि आईसीएमआर डीजी को सौंपा जाएगा। 

फेडरेशन आफ आल इंडिया आईसीएमआर एंप्लाइज की मीटिंग

रविवार को आईसीएमआर के डीजी से आमने सामने होगी बात
गैस पीडितों ने बीएमएचआरसी का घेराव करके दिया अल्टीमेटम
महीनेभर में सुधार नहीं तो दिल्ली में घेरेंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को
भोपाल। 
बीएमएचआरसी (भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) से एक एक करके विशेषज्ञ डॉक्टरों के नौकरी छोडकर जाने और सालों पुराने चिकित्सा उपकरणों से ही इलाज करवाने के विरोध में गैस पीडित सडक पर उतर आए हैं। गैस पीडितों ने बीएमएचआरसी का घेराव करते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गौरतलब होगा कि, बीएमएचआरसी की बदहाली के बारे में पीपुल्स समाचार ने 17 जनवरी,2014 के अंक में समाचार प्रकाशित किया था। दूसरी ओर, बीएमएचआरसी एंप्लाइज एसोसिएसन के आव्हान पर फेडरेशन आफ आल इंडिया आईसीएमआर एंप्लाइज की मीटिंग में नियमितीकरण और वेतन विसंगति सहित लंबित मुद्दों पर रविवार को भोपाल आ रहे आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल विश्वमोहन कटोच से आमने सामने बात करने का निर्णय लिया गया।
बीएमएचआरसी की बदहाली के खिलाफ गैस पीडित महिला उद्योग संगठन के अध्यक्ष अब्दुल जब्बार, विधायक आरिफ अकील और जिला कांग्रेस अध्यक्ष पीसी शर्मा की अगुवाई में शनिवार को बीएमएचआरसी के मुख्य द्वार के सामने सैकडों गैस पीडितों और उनके परिजन ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर पीसी शर्मा ने कहा कि, भोपाल मेमोरियल अस्पताल अंदर से खोखला हो चुका है। अस्पताल प्रबंधन और आईसीएमआर जिम्मेदारी निभाने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। राज्य और केंद्र सरकार को असलियत का पता होने के बाद भी सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं। इसका खामियाजा गैस पीड़ितों को भुगतना पड़ रहा है, जिनको इलाज के बिना लौटाया जा रहा है। विधायक आरिफ अकील ने बदइंतजामी पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि, मरीजों को सुपर स्पेशलिटी कहे जाने वाले अस्पताल से कमला नेहरु अस्तपाल और हमीदिया अस्पताल रिफर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, अस्पताल डायरेक्टर डॉ. मनोज पांडे सहित आईसीएमआर झूठ बोल रहे हैं और उपकरणों की खरीदी या डॉक्टरों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। जब्बार ने इस मौके पर चेतावनी दी कि, अगर अस्पताल को बचाने और आगे बढाने में इसी तरह लापरवाहीभरा रवैया जारी रहा तो भोपाल के बाद दिल्ली में आईसीएमआर डीजी कटोच और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद का घेराव करने के लिए कूच करेंगे। 

बंद होते विभाग और पलायन करते डॉक्टर
गेस्ट्रो मेडिसिन विभाग में इंट्रोस्कोप सितम्बर 2009 से बंद है। इंडोस्कोप 9000 जुलाई 2010 से,इंडो अल्ट्रोसाउंड सितम्बर 2012 से, इंडोस्कोप(साइड व्यू)अगस्त 2012 से और इंडोवाशर नवम्बर 2011 से बंद है। वहीं नेत्र रोग विभाग में येग लेजर नवम्बर 2011 से,मल्टी लीनियर विजन फॉर न्यूरोआॅप्थलमोलॉजी मार्च 2012 से और आॅटोक्लेव मशीन जनवरी 2010 से बंद है। इन मशीनों के साथ ही नेत्र रोग विभाग में 8 मशीनें बंद हैं, जबकि गैस पीड़ितों में सबसे ज्यादा मरीज आंखों के पाए जाते हैं। मेडिकल रिसर्च के अनुसार एमआईसी गैस का सबसे ज्यादा घातक प्रभाव आंखों पर ही हुआ था। अस्पताल के अन्य विभागों में यूरोलॉजी के 11, मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी के 23, रेडियोलॉजी के 7, गेस्ट्रोमेडिसिन के 6 व गेस्ट्रोसजर्री के 15 उपकरण बंद पड़े हैं। गौरतलब होगा कि, अस्पताल के सभी विभागों में कुल 60 डॉक्टरों और कंसल्टेंटों के पद स्वीकृत थे। बाद में कुछ विभागों के बंद होने के बाद डॉक्टरों की संख्या में कटौती कर दी गई। वतर्मान में यहां 44 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 27 पद रिक्त हैं।

शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

नगर निगम परिषद की बैठक में फ्री पानी को लेकर हंगामा

बहुमत के बाद भी पारित नहीं हो सका कांग्रेस का प्रस्ताव
11 सदस्यीय कमेटी तय करेगी 74 गांव शामिल का मुद्दा
60 वार्डों में 77 करोड से विकास कार्य की डीपीआर तय

संवाददाता, भोपाल
राजधानी में तीन मल्टी लेवल पार्किंग बनाने के साथ ही बडे तालाब सहित राजधानी के दस तालाबों को संवारने के प्रस्तावों को नगर निगम परिषद ने हरी झंडी दिखा दी है। इसके साथ ही 60 वार्डों में करीब 77 करोड से करवाए जाने वाले विकास कार्यों के प्रस्ताव की डीपीआर (डीपीआर) मंजूर होने के बाद राज्य शासन के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। हालांकि, बहुमत में होने के बाद भी कांग्रेस पार्षद दल फ्री वॉटर सप्लाई का प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाया। दूसरी ओर, अपनी आवाज दबाने से बिफरी कांग्रेस की महिला पार्षदों ने मोर्चाबंदी कर डाली और जबर्दस्त विरोध करते हुए नए वाहनों की बिक्री पर लगने वाले कर के प्रस्ताव को अगली बैठक तक टलवा दिया।
नगरनिगम परिषद की बैठक शुक्रवार को करीब 11:45 बजे से आचार्य नरेंद्रदेव पुस्तकालय में शुरु होते ही कांग्रेस पार्षदों ने मुफ्त पानी सप्लाई की मांग को लेकर हंगामा मचा दिया। शाहिद अली, सुधीर गुप्ता, नाजमा अंसारी, तस्लीम लश्करी, हेमलता, मनोज मालवीय, कल्पना गोहिल, अकबर खान, अनवर खान, चांद बी, संतोष कसाना, कल्पना शर्मा, शोभा नरवडे आदि ने पहले तो अध्यक्ष की आसंदी का घेराव किया और फिर धरना दे दिया। पार्षदों की मांग थी कि, बहुमत के आधार पर प्रस्ताव को पारित करके राज्य शासन को भेज दिया जाए। अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने प्रस्ताव को बिना पारित किए सीधे कमिश्नर को देकर राज्य शासन को भिजवाने का भरोसा दिलाया। इस पर कांग्रेस पार्षद राजी नहीं हुए। हंगामा बढने पर अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी। इसके बाद फिर से बैठक शुरु होने पर महापौर परिषद सदस्य आशाराम शर्मा, कृष्ण मोहन सोनी, महेश मकवाना आदि ने फ्री पानी का विरोध किया। लंबी बहस के बाद अध्यक्ष ने बिना पारित किए ही प्रस्ताव को कमिश्नर को सौंप दिया।

60 वार्डों की डीपीआर फाइनल
76.93 करोड से 60 वार्डों में विकास कार्य करवाए जाएंगे। इसकी डीपीआर निगम परिषद की बैठक में फाइनल होने के बाद राज्य सरकार के जरिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजी जाएगी। गौरतलब होगा कि, कांग्रेस पार्षदों का दल केंद्रीय मंत्री कमलनाथ से मिला था, जिस पर नाथ ने 262 करोड रुपए की मदद का वादा किया था। इसी के तहत पहले चरण में 77 करोड के काम होंगे।

यह प्रस्ताव किए गए पारित
-15 करोड से बडे तालाब व अन्य तालाबों के संरक्षण-संवर्धन के प्रस्ताव के पहले फे ज में 9.85 करोड के काम
-न्यू मार्केट, एमपी नगर जोन-2 और बैरागढ में मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित
-ट्रांसपोर्ट नगर के 122 आवंटियों को रजिस्ट्री कराने के लिए दूसरा मौका दिया गया
-संपत्तिकर की दरों में बिना किसी परिवर्तन के यथावत लागू किया गया
-फायर एंड सेफ्टी का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट 750 रुपए में दिए जाने को मंजूरी

इन प्रस्तावों को रोका गया
-70 वार्डों में अवैध नल कनेक्शनों को वैध करके शुल्क वसूली के लिए नियम निर्धारण। महापौर कृष्णा गौर ने पहले नियम निर्धारण करने पर जोर दिया, ताकि वैध करने के साथ ही वसूली हो सके। हालांकि, कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया और प्रस्ताव को अगली बैठक तक टाल दिया गया। इस दौरान पुराने भोपाल के कई वार्डों में अवैध नल कनेक्शन में पार्षदों के शामिल होने के आरोप भी लगे।
-मालवीय नगर के प्लॉट नंबर 98, 144 और 198 ए की लीज नवीनीकरण के प्रस्ताव को गडबडियों के आरोप के चलते संशोधन के बाद अगली बैठक में पेश करने पर सहमति बनी।
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यहां बनेंगे मल्टी लेवल पार्किंग         लागत
एमपी नगर जोन-1 होटल आर्क मेनोर के सामने     63.61करोड
न्यू मार्केट कम्युनिटी हॉल के बगल में         36.33 करोड
बैरागढ की नवीन सब्जी मंडी में             16.00 करोड  
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महिला पार्षदों के मोर्चा ने रोका प्रस्ताव
अपनी अनसुनी से बिफरी कांग्रेस की महिला पार्षदों ने मोर्चा खोलते हुए नवीन वाहन बिक्री कर वसूली के प्रस्ताव को रोक दिया। नाजमा अंसारी, तस्लीम लश्करी, स्वाति कौशल, शबिस्ता सुल्तान, शोभा नरवडे, कल्पना शर्मा, मोनिका जैन, संतोष कसाना आदि ने महिलाओं की आवाज दबाने का आरोप लगाते हंगामा किया। इस पर पहले नेता प्रतिपक्ष मोहम्मद सगीर और फिर अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने मनाने की कोशिश की, लेकिन पार्षदों का साफ कहना था कि, सिर्फ दो-चार पार्षदों को ही बोलने का मौका मिलता है और बाकी श्रोता बना दिए जाते हैं, क्या महिलाओं को संख्याबल दिखाने के लिए मुंडी गिनवाने के लिए बुलाते हैं। इसी विरोध के चलते वाहन बिक्री कर का प्रस्ताव अगली बैठक तक के लिए टालना पडा। इस प्रस्ताव में निगम प्रशासन पहली बार बिकने वाले वाहनों पर विक्रेता से शुल्क वसूलने का प्रावधान है।
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74 गांव के लिए 11 सदस्यीय कमेटी
नगर निगम सीमा में आस पास के 74 गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव का परीक्षण 11 सदस्यीय कमेटी करेगी। अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने निर्देश दिए कि, 11 सदस्यीय कमेटी के नाम चौबीस घंटे में   तय करके प्रस्ताव पर विचार शुरु हो जाएगा। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही इस प्रस्ताव के बारे में आगे तय किया जाएगा।
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जेसीबी मशीन के सवाल को टाला गया
पार्षद अजीजउद्दीन ने जेसीबी मशीन का बिना इंजन बदले ही नया इंजन लगाने के नाम पर करीब साढे आठ लाख रुपए परिवहन प्रभारी संतोष गुप्ता पर लगाया। अजीज का सवाल प्रश्नोत्तरी में चौथे क्रम पर था। इससे पहले अब्दुल शफीक के सवाल पर मुख्यमंत्री अधो संरचना के कामोें पर बेवजह की लंबी और उबाऊ बहस के चलते प्रश्नकाल पूरा हो गया। महापौर परिषद सदस्य विष्णु राठौर के स्पष्ट जवाब के बाद भी घंटेभर तक अर्थहीन बहस चलती रही। इससे नाराज अजीज ने आरोप लगाया कि, उनके सवाल को टालने के लिए साजिश की गई। जेसीबी एमपी04-3806 का इंजन बदलने का सवाल लगाते ही फाइल ही गायब कर दी गई और कंप्यूटर तक से डिटेल इरेज कर दी गई।

तीन को मुख्य आयुक्त की शपथ

-राजपत्र में सभी के नामों को हुआ प्रकाशन
भोपाल।
मप्र के राजपत्र में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के नामों का प्रकाशन हो गया है। मुख्य सूचना आयुक्त को 3 फरवरी को शपथ दिलाई जाएगी।
यह शपथ मुख्य सूचना आयुक्त बनाए गए करीम दाद खान को राजभवन में राज्यपाल राम नरेश दिलाएंगे। राज्य शासन ने राज्य सूचना आयोग ने जिन्हें पदधारी घोषित किया है, उनमें गोपाल कृष्ण दण्डोतिया, आत्मदीप, जयकिशन शर्मा, सुखराज सिंह और हीरालाल त्रिवेदी राज्य सूचना आयुक्त बनाए गए हैं। सभी की पदावधि पद ग्रहण के दिनांक से पांच वर्ष के लिए या पैंसठ वर्ष की आयु होने तक प्रभावी रहेगी।
राज्यपाल के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाए जाने के गाद मुख्य सूचना आयुक्त पांचों सूचना आयुक्तों को कार्यालय में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

-त्यागेंगे पद
मुख्य सूचना आयुक्त बनाए जाने के साथ ही केडी खान प्रमुख सचिव, विधि विभाग का पद त्यागेंगे। राज्य शासन इसको लेकर आदेश जारी करेगा। इसी प्रकार लोकायुक्त पुलिस संगठन के डीजी सुखराज सिंह को भी नौकरी छोड़नी होगी। बताया जा रहा है उनके इस्तीफे में समय लगेगा। लेकिन समय रहते वे पद से त्याग पत्र देंगे। राज्य शासन शपथ ग्रहण के साथ ही उनका प्रस्ताव केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय, दिल्ली को भेजेगा।

महानिदेशक होंगे दो आईपीएस

-जल्द हो सकता है आदेश
भोपाल।
आईएएस अफसरों को प्रमुख सचिव वेतनमान दिए जाने के बाद पुलिस महकमे में भी जल्द दो आईपीएस महानिदेशक होंगे। इसी तरह सात आईजी को एडीजी, छह डीआईजी को आईजी और तीन एसपी को डीआईजी बनाया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार यह पदोन्नति आदेश आगामी सप्ताह में होने की संभावना है। 1984 बैच के वीके सिंह एडीजी एसएएफ तथा मैथिलीशरण गुप्ता एडीजी रेल को डीजी को पद पर पदस्थ किया जाएगा। इधर ईओडब्ल्यू में डीजी का एक पद खाली है। यहां सुखराज सिंह को सूचना आयुक्त बनाए जाने की पूरी संभावनाएं हैं। लोकायुक्त पुलिस संगठन में डीजी का एक पद रिक्त हो जाएगा। 1989 बैच के आईपीएस अजय शर्मा होशंगाबाद, जीपी सिंह आईजी लोकायुक्त संगठन, सुषमा सिंह आईजी महिला प्रकोष्ठ, जीआर मीणा आईजी एसएएफ, राजेश चावला आईजी होमगार्ड जबलपुर, पीएस फर्णीकर आईजी मुख्यालय और बीबीएस ठाकुर आईजी दूरसंचार को एडीजी बनाया जाना है। वहीं 1996 बैच के योगेश चौधरी डीआईजी खरगोन, आरके चौधरी परिवहन उपायुक्त ग्वालियर, एसके सक्सेना डीआईजी रतलाम, जेएस संसवाल डीआईजी ग्वालियर, वीके सूर्यवंशी डीआईजी छतरपुर और पीके माथुर डीआईजी ग्रामीण इंदौर को आईजी के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इसी तरह 2000 बैच के संतोष कुमार सिंह एसपी ग्वालियर, केसी जैन एसपी सतना, एसपी सिंह एसपी झाबुआ को डीआईजी के पद पर पदोन्नत किया जाना है।
-भोपाल पर भी विचार
राजधानी में भोपाल जोन आईजी का पद लंबे समय से खाली है। यहां आईपीएस के पदोन्नति तथा पदस्थापना आदेश के बाद दो जोनल आईजी, पांच रेंज डीआईजी, तीन एसपी के पदों पर नए सिरे से पदस्थापना किए जाने की बातें सामने आ रही हैं। पुलिस मुख्यालय की बात करें तो जो लंबे समय से आराम फरमा रहे हैं, उन्हें मैदान में दौड़ाया जाएगा। कुल मिलाकार मैदानी स्तर पर भी व्यापक फेरबदल किया जाएगा। गृहमंत्री बाबूलाल गौर   की अनुशंसा के लिए सूची भेजी जा चुकी है। इसमें एएसपी, डीएसपी और निरीक्षकों के थोक में तबादलों की भी सूची शामिल है।

स्वदेश बिल्डर ने दस करोड़ किए सरेंडर , भोपाल

आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के बाद राजधानी के स्वदेश बिल्डर ने दस करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए हैं। विभाग ने प्रदेश के कई शहरों में छापामार कार्रवाई की थी। इसके बाद अब टीम वापस मुख्यालय लौट आई है।
इनमें से कुछ टीमें देर रात तक वापस आ जाएंगी। इसके बाद छापे में जब्त दस्तावेजों का परीक्षण शुरू होगा। सूत्रों की माने तो कुछ अन्य बिल्डर भी कर चोरी की राशि सरेंडर कर सकते हैं। वहीं जांच उपरांत बिल्डरों के पास से कर चोरी के मामले सामने आ सकते हैं। अब इनका परीक्षण किया जाएगा।

अलमारी की दीवार तोड़कर भागे 7 बाल अपचारी

- जहांगीराबाद पुलिस में एफआईआर दर्ज, तलाश जारी
भोपाल।
जहांगीराबाद स्थित बाल संप्रेषण गृह से गुरूवार की रात सात बाल अपचारी अलमारी की दीवार तोड़कर भाग निकले। भागने वालों में से तीन बाल अपचारी विदिशा के तथा भोपाल, सीहोर, रायसेन व राजगढ़ का एक-एक है। बाल अपचारी ने पूरी योजना से इस गतिविधि को अंजाम दिया। वह अलमारी की दीवार तोड?े तथा उसमें से निकलने के बाद बाल संप्रेषण गृह की दीवार फांदने में भी कामयाब रहे। इधर संप्रेषण गृह की अधीक्षक ने इस मामले में सातों बाल अपचारी के भागने की एफआईआर जहांगीराबाद थाने में दर्ज करा दी है। पुलिस ने भी अपचारियों की तलाश शुरू कर दी है, जबकि शहर वृत्त के एसडीएम जीएस धुर्वे सहित अन्य आला अधिकारी भी संप्रेषण गृह का निरीक्षण करने पहुंचे।

-ऐसे भागे बाल अपचारी
बाल संप्रेषण गृह के अधिकारियों की माने तो गुरूवार की रात साढ़े नौ बजे टीवी पर कार्यक्रम देखने के गृह में उपस्थित तीस बाल अपचारियों को सोने के लिए भेज दिया था। सभी अपचारी लगभग सो ही रहे थे कि इस बीच 7 अपचारी ने पूरी योजना के तहत पहले से ही एक अलमारी की दीवार पर छुपाकर किए गए बड़े छेद से बाहर निकल आए और संप्रेषण गृह की बाहरी बाउंड्रीवाल को फांदना शुरू कर दिया। बाहर मौजूद चौकीदार व गार्ड ने उन्हें देखा तो वह उन्हें पकड?े दौड़े, लेकिन तब तक सभी भाग निकले। अन्य बाल अपचारी और न भाग निकले , इसको ध्यान में रखते हुए चौकीदार-गार्ड सहित मौके पर मौजूद   स्टॉफ ने उस कक्ष में सो रहे अन्य अपचारियों को दूसरे कक्ष में ले जाकर सुलाया। संप्रेषण गृह की अधीक्षक मोहनी यादव ने बताया कि जैसे ही बाल अपचारियों के भागने की सूचना मिली, तत्काल मौके पर पहुंचकर थाना जहांगीराबाद में सभी सात अपचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि भागने वाले अपचारियों में भोपाल का एक, विदिशा के तीन तथा सीहोर, रायसेन व राजगढ़ का एक-एक अपचारी शामिल हैं। यह सभी 12 से 17 वर्ष की उम्र के हैं। इधर सूत्र बताते हैं कि भागने वाले बच्चों ने बाउंड्रीवाल से सटकर बने शौचालय व स्थानागार की दीवार का उपयोग किया। जहां बाउंड्रीवाल पर कांच के टुकड़े नहीं लगे हुए हैं।

-छोड़ गए कई सवाल
बाल अपचारी अलमारी की दीवार में छेद करने में कैसे सफल हुए? उन्होंने छेद किया तो इसकी जानकारी दिन भर तैनात रहने वाले कमर्चारियों को क्यों नहीं लगी? बाउंड्रीवाल का भ्रमण करने के दौरान भी एक-चार की टुकड़ी को यह छेद क्यों नहीं दिखा? छेद करने के दौरान किसी हथियार या लोहे की राड आदि का उपयोग किया गया, वह उन्हें कहां से मिली? जैसे कई सवाल बाल अपचारी भागने के बाद पीछे छोड़ गए हैं। यह संप्रेषण गृह में तैनात कमर्चारी व गार्डों की कार्यप्रणाली व सतकर्ता पर सवालियां निशान भी खड़े कर रहे हैं।

-बाउंड्रीवाल ऊंची होती तो नहीं भाग पाते अपचारी
जुलाई-13 में भागे 11 बाल अपचारी के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल संप्रेषण गृह की व्यवस्थाओं में सुधार किया था। संपे्रषण गृह के नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की गई तथा एक-चार की टुकड़ी को सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया। इसके अतिरिक्त बाल अपचारियों की बढ़ती सं या को देखते हुए अतिरिक्त कक्ष भी बनाए गए और सभी अपचारियों को उम्र के आधार पर कमरों में रखा जाने लगा था। यह व्यवस्था वतर्मान में भी लागू है। यही नहीं बोर्ड का गणन भी कर दिया गया था, जो अपना काम कर रहा है। हालांकि इसी दौरान संप्रेषण गृह की बाउंड्रीवाल व सीसीटीवी कैमरे लगने तथा किचन के लिए अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने के लिए भी प्रस्ताव डायरेक्टरेट व कलेक्ट्रेट कार्यालय भेजा गया था, लेकिन यह प्रस्ताव अभी भी अधर में लटके हुए हैं। यदि संप्रेषण गृह की बाउंड्रीवाल ऊंची होती या सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो बाल अपचारी की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रहती ओर यह घटना भी घटित नहीं होती।

-पहले भी भाग चुके हैं 11 अपचारी
ऐसा नहीं है कि 7 बाल अपचारी पहली बार बाल संप्रेषण गृह से भागे हैं। इससे पहले 21 जुलाई 2013 को 11 बाल अपचारी भाग निकले थे। उसमें से दो-तीन तो दूसरे दिन ही पकड़े गए थे, जबकि बचे हुए सभी अपचारी धीरे-धीरे वापस संप्रेषण गृह लौट आए थे।

कलेक्टर ने किया रैन बसेरा का निरीक्षण , भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद शुक्रवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने हमीदिया अस्पताल के रैन बसेरा का औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने इस दौरान यहां व्यवस्थाएं की जानकारी ली। उन्होंने कहा, अब वह रात में रैन बसेरा का किसी दिन औचक निरीक्षण करेंगे। उस समय गड़बड़ी सामने आई तो आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। 
 

नेत्रदान के लिए हो जागरुकता

-जिला प्रबंध समिति की बैठक में बोले कलेक्टर 
भोपाल। 
रेडक्रॉस की जिला प्रबंध समिति की बैठक में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने कहा, ऐसे प्रयास किए जाएं जिससे लोग नेत्रदान के लिए प्रेरित हों। लोगों को बताएं हमारी मानवीय और नेतिक जिम्मेदारियां क्या हैं? जब इसे बेहतर तरीके से समझाया जा सकेगा तभी ऐसे कामों में लोग आगे आएंगे। 
बैठक में जिला रेडक्रास समिति के अध्यक्ष मिथन सिंह ने कहा, जिले में नेत्रदान और जागरुकता कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंपों में स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार के साथ-साथ नेत्रदान की जानकारी दी जाएगी। बैठक में समिति के अन्य सदस्यों सहित वरिष्ठ अफसर उपस्थित थे। 

पुरस्कृत होंगे स्वैच्छिक संगठन , भोपाल

15 मार्च को उपभोक्ता दिवस पर उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करनी वाली स्वैच्छिक संस्थाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए पंजीयन किया जा रहा है। 
संस्थाओं में से पहले पुरस्कार स्वरूप 6000, द्वितीय पुरस्कार 4000और तृतीय पुरस्कार 2000 रुपए दिए जाएंगे। इस राशि के साथ प्रशस्ति-पत्र भी दिया जाएगा।  जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया, भोपाल संभाग अंतर्गत विगत तीन वर्षों से सक्रिय एवं पंजीकरण अधिनियम 1960 या ऐसे ही किसी अन्य कानून के तहत पंजीकृत स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों में से पुरस्कार पाने वाली संस्था का चयन किया जाएगा। 

अजमेर और जगन्नाथपुरी फिर जाएंगे बुजुर्ग , भोपाल

जिले के ऐसे बुजुर्ग जो तीर्थ करना चाहते हैं। वे मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत  23 फरवरी को अजमेर शरीफ, 26 फरवरी को जगन्नाथपुरी और 22 माच को तिरुपति के लिए रवाना हो सकते हैं। 
शासन ने यह यात्रा प्रस्तावित की हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि 23 फरवरी को अजमेर शरीफ की प्रस्तावित यात्रा के आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 फरवरी है। 26 फरवरी के लिए प्रस्तावित जगन्नाथपुरी यात्रा के 17 फरवरी और तिरूपति के लिए 13 मार्च तक आवेदन किए जा सकते हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदक सीईओ जनपद पंचायत फन्दा या बैरसिया, नगर पालिका कोलार या बैरसिया के आवेदक नगर पालिका कोलार या बैरसिया में तथा नगर निगम के आवेदक आयुक्त, नगर निगम कार्यालय भोपाल में अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। 

औद्योगिक प्रदर्शनी कल से , भोपाल

एमएसएमई-विकास संस्थान, इंदौर, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, उद्योग संचालनालय, मप्र और गोविन्दपुरा औद्योगिक संगठन शनिवार से तीन दिवसीय औद्योगिक प्रदर्शनी आयोजित कर रहे हैं। 
गोविन्पुरा इण्डस्ट्रीज एसोशिएसन कॉम्पलेक्स में लगने वाली इस प्रदर्शनी का शुभारंभ वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया करेंगी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार पीके दास होंगे। प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर एमएसएमई-विकास संस्थान के निदेशक, डॉ. डीएस मंडलोई, गोविन्दपुरा औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष आरएस खर्ब, पीथमपुर औद्योगिक संघ के अध्यक्ष गौतम कोठारी एवं मप्र लघु उद्योग संघ के उपाध्यक्ष दीपक शर्मा उपस्थित रहेंगे। प्रदर्शनी का उद्देश्य सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों तथा सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बड़े उद्योगों को एक एसा साजा मंच तैयार करना है। इसमें 100 से अधिक छोटे, मध्यम तथा बड़े उद्योग भाग ले रहे हैं।