- जहांगीराबाद पुलिस में एफआईआर दर्ज, तलाश जारी
भोपाल।
जहांगीराबाद स्थित बाल संप्रेषण गृह से गुरूवार की रात सात बाल अपचारी अलमारी की दीवार तोड़कर भाग निकले। भागने वालों में से तीन बाल अपचारी विदिशा के तथा भोपाल, सीहोर, रायसेन व राजगढ़ का एक-एक है। बाल अपचारी ने पूरी योजना से इस गतिविधि को अंजाम दिया। वह अलमारी की दीवार तोड?े तथा उसमें से निकलने के बाद बाल संप्रेषण गृह की दीवार फांदने में भी कामयाब रहे। इधर संप्रेषण गृह की अधीक्षक ने इस मामले में सातों बाल अपचारी के भागने की एफआईआर जहांगीराबाद थाने में दर्ज करा दी है। पुलिस ने भी अपचारियों की तलाश शुरू कर दी है, जबकि शहर वृत्त के एसडीएम जीएस धुर्वे सहित अन्य आला अधिकारी भी संप्रेषण गृह का निरीक्षण करने पहुंचे।
-ऐसे भागे बाल अपचारी
बाल संप्रेषण गृह के अधिकारियों की माने तो गुरूवार की रात साढ़े नौ बजे टीवी पर कार्यक्रम देखने के गृह में उपस्थित तीस बाल अपचारियों को सोने के लिए भेज दिया था। सभी अपचारी लगभग सो ही रहे थे कि इस बीच 7 अपचारी ने पूरी योजना के तहत पहले से ही एक अलमारी की दीवार पर छुपाकर किए गए बड़े छेद से बाहर निकल आए और संप्रेषण गृह की बाहरी बाउंड्रीवाल को फांदना शुरू कर दिया। बाहर मौजूद चौकीदार व गार्ड ने उन्हें देखा तो वह उन्हें पकड?े दौड़े, लेकिन तब तक सभी भाग निकले। अन्य बाल अपचारी और न भाग निकले , इसको ध्यान में रखते हुए चौकीदार-गार्ड सहित मौके पर मौजूद स्टॉफ ने उस कक्ष में सो रहे अन्य अपचारियों को दूसरे कक्ष में ले जाकर सुलाया। संप्रेषण गृह की अधीक्षक मोहनी यादव ने बताया कि जैसे ही बाल अपचारियों के भागने की सूचना मिली, तत्काल मौके पर पहुंचकर थाना जहांगीराबाद में सभी सात अपचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि भागने वाले अपचारियों में भोपाल का एक, विदिशा के तीन तथा सीहोर, रायसेन व राजगढ़ का एक-एक अपचारी शामिल हैं। यह सभी 12 से 17 वर्ष की उम्र के हैं। इधर सूत्र बताते हैं कि भागने वाले बच्चों ने बाउंड्रीवाल से सटकर बने शौचालय व स्थानागार की दीवार का उपयोग किया। जहां बाउंड्रीवाल पर कांच के टुकड़े नहीं लगे हुए हैं।
-छोड़ गए कई सवाल
बाल अपचारी अलमारी की दीवार में छेद करने में कैसे सफल हुए? उन्होंने छेद किया तो इसकी जानकारी दिन भर तैनात रहने वाले कमर्चारियों को क्यों नहीं लगी? बाउंड्रीवाल का भ्रमण करने के दौरान भी एक-चार की टुकड़ी को यह छेद क्यों नहीं दिखा? छेद करने के दौरान किसी हथियार या लोहे की राड आदि का उपयोग किया गया, वह उन्हें कहां से मिली? जैसे कई सवाल बाल अपचारी भागने के बाद पीछे छोड़ गए हैं। यह संप्रेषण गृह में तैनात कमर्चारी व गार्डों की कार्यप्रणाली व सतकर्ता पर सवालियां निशान भी खड़े कर रहे हैं।
-बाउंड्रीवाल ऊंची होती तो नहीं भाग पाते अपचारी
जुलाई-13 में भागे 11 बाल अपचारी के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल संप्रेषण गृह की व्यवस्थाओं में सुधार किया था। संपे्रषण गृह के नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की गई तथा एक-चार की टुकड़ी को सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया। इसके अतिरिक्त बाल अपचारियों की बढ़ती सं या को देखते हुए अतिरिक्त कक्ष भी बनाए गए और सभी अपचारियों को उम्र के आधार पर कमरों में रखा जाने लगा था। यह व्यवस्था वतर्मान में भी लागू है। यही नहीं बोर्ड का गणन भी कर दिया गया था, जो अपना काम कर रहा है। हालांकि इसी दौरान संप्रेषण गृह की बाउंड्रीवाल व सीसीटीवी कैमरे लगने तथा किचन के लिए अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने के लिए भी प्रस्ताव डायरेक्टरेट व कलेक्ट्रेट कार्यालय भेजा गया था, लेकिन यह प्रस्ताव अभी भी अधर में लटके हुए हैं। यदि संप्रेषण गृह की बाउंड्रीवाल ऊंची होती या सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो बाल अपचारी की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रहती ओर यह घटना भी घटित नहीं होती।
-पहले भी भाग चुके हैं 11 अपचारी
ऐसा नहीं है कि 7 बाल अपचारी पहली बार बाल संप्रेषण गृह से भागे हैं। इससे पहले 21 जुलाई 2013 को 11 बाल अपचारी भाग निकले थे। उसमें से दो-तीन तो दूसरे दिन ही पकड़े गए थे, जबकि बचे हुए सभी अपचारी धीरे-धीरे वापस संप्रेषण गृह लौट आए थे।
भोपाल।
जहांगीराबाद स्थित बाल संप्रेषण गृह से गुरूवार की रात सात बाल अपचारी अलमारी की दीवार तोड़कर भाग निकले। भागने वालों में से तीन बाल अपचारी विदिशा के तथा भोपाल, सीहोर, रायसेन व राजगढ़ का एक-एक है। बाल अपचारी ने पूरी योजना से इस गतिविधि को अंजाम दिया। वह अलमारी की दीवार तोड?े तथा उसमें से निकलने के बाद बाल संप्रेषण गृह की दीवार फांदने में भी कामयाब रहे। इधर संप्रेषण गृह की अधीक्षक ने इस मामले में सातों बाल अपचारी के भागने की एफआईआर जहांगीराबाद थाने में दर्ज करा दी है। पुलिस ने भी अपचारियों की तलाश शुरू कर दी है, जबकि शहर वृत्त के एसडीएम जीएस धुर्वे सहित अन्य आला अधिकारी भी संप्रेषण गृह का निरीक्षण करने पहुंचे।
-ऐसे भागे बाल अपचारी
बाल संप्रेषण गृह के अधिकारियों की माने तो गुरूवार की रात साढ़े नौ बजे टीवी पर कार्यक्रम देखने के गृह में उपस्थित तीस बाल अपचारियों को सोने के लिए भेज दिया था। सभी अपचारी लगभग सो ही रहे थे कि इस बीच 7 अपचारी ने पूरी योजना के तहत पहले से ही एक अलमारी की दीवार पर छुपाकर किए गए बड़े छेद से बाहर निकल आए और संप्रेषण गृह की बाहरी बाउंड्रीवाल को फांदना शुरू कर दिया। बाहर मौजूद चौकीदार व गार्ड ने उन्हें देखा तो वह उन्हें पकड?े दौड़े, लेकिन तब तक सभी भाग निकले। अन्य बाल अपचारी और न भाग निकले , इसको ध्यान में रखते हुए चौकीदार-गार्ड सहित मौके पर मौजूद स्टॉफ ने उस कक्ष में सो रहे अन्य अपचारियों को दूसरे कक्ष में ले जाकर सुलाया। संप्रेषण गृह की अधीक्षक मोहनी यादव ने बताया कि जैसे ही बाल अपचारियों के भागने की सूचना मिली, तत्काल मौके पर पहुंचकर थाना जहांगीराबाद में सभी सात अपचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि भागने वाले अपचारियों में भोपाल का एक, विदिशा के तीन तथा सीहोर, रायसेन व राजगढ़ का एक-एक अपचारी शामिल हैं। यह सभी 12 से 17 वर्ष की उम्र के हैं। इधर सूत्र बताते हैं कि भागने वाले बच्चों ने बाउंड्रीवाल से सटकर बने शौचालय व स्थानागार की दीवार का उपयोग किया। जहां बाउंड्रीवाल पर कांच के टुकड़े नहीं लगे हुए हैं।
-छोड़ गए कई सवाल
बाल अपचारी अलमारी की दीवार में छेद करने में कैसे सफल हुए? उन्होंने छेद किया तो इसकी जानकारी दिन भर तैनात रहने वाले कमर्चारियों को क्यों नहीं लगी? बाउंड्रीवाल का भ्रमण करने के दौरान भी एक-चार की टुकड़ी को यह छेद क्यों नहीं दिखा? छेद करने के दौरान किसी हथियार या लोहे की राड आदि का उपयोग किया गया, वह उन्हें कहां से मिली? जैसे कई सवाल बाल अपचारी भागने के बाद पीछे छोड़ गए हैं। यह संप्रेषण गृह में तैनात कमर्चारी व गार्डों की कार्यप्रणाली व सतकर्ता पर सवालियां निशान भी खड़े कर रहे हैं।
-बाउंड्रीवाल ऊंची होती तो नहीं भाग पाते अपचारी
जुलाई-13 में भागे 11 बाल अपचारी के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल संप्रेषण गृह की व्यवस्थाओं में सुधार किया था। संपे्रषण गृह के नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की गई तथा एक-चार की टुकड़ी को सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया। इसके अतिरिक्त बाल अपचारियों की बढ़ती सं या को देखते हुए अतिरिक्त कक्ष भी बनाए गए और सभी अपचारियों को उम्र के आधार पर कमरों में रखा जाने लगा था। यह व्यवस्था वतर्मान में भी लागू है। यही नहीं बोर्ड का गणन भी कर दिया गया था, जो अपना काम कर रहा है। हालांकि इसी दौरान संप्रेषण गृह की बाउंड्रीवाल व सीसीटीवी कैमरे लगने तथा किचन के लिए अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने के लिए भी प्रस्ताव डायरेक्टरेट व कलेक्ट्रेट कार्यालय भेजा गया था, लेकिन यह प्रस्ताव अभी भी अधर में लटके हुए हैं। यदि संप्रेषण गृह की बाउंड्रीवाल ऊंची होती या सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो बाल अपचारी की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रहती ओर यह घटना भी घटित नहीं होती।
-पहले भी भाग चुके हैं 11 अपचारी
ऐसा नहीं है कि 7 बाल अपचारी पहली बार बाल संप्रेषण गृह से भागे हैं। इससे पहले 21 जुलाई 2013 को 11 बाल अपचारी भाग निकले थे। उसमें से दो-तीन तो दूसरे दिन ही पकड़े गए थे, जबकि बचे हुए सभी अपचारी धीरे-धीरे वापस संप्रेषण गृह लौट आए थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें