- कलेक्टर ने एडीएम को दिए निर्देश
भोपाल।
आवेदनों के लगातार निरस्त होने की शिकायतों को गं ाीरता से लेते हुए कलेक्टर निशांत वरवड़े ने शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थापित लोक सेवा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में रखे मूल निवासी के निरस्त प्रकरणों में पांच प्रकरण उठाते हुए एडीएम बीएस जामोद को निर्देशित किया कि वह इन सभी प्रकरणों की जांच करें कि यह आवेदन क्यों निरस्त किए गए। यदि आवेदन सही और वास्तविक तथ्यों के आधार पर रिजेक्ट किए गए हैं तो ठीक, नहीं तो संबंधित अधिकारी से इसको लेकर सवाल जवाब किया जाए। उन्होंने रिजेक्ट हुए आवेदनों के संबंध में कारण जानना चाहा तो लोक सेवा केन्द्र संचालक और अन्य अधिकारी जवाब नहीं दे सके। इस पर श्री वरवड़े ने एडीएम से साफ कहा कि वह जांच कर बताएं कि यह आवेदन जानबूझकर या समय सीमा से बचने के लिए तो रिजेक्ट नहीं किए गए हैं। श्री वरवड़े ने निरीक्षण के दौरान कहा कि जरूरी और संधारित किए जाने वाले रिकार्ड को रिकार्ड रूम में जमा करायें। ऐसा रिकार्ड जिसको संधारित नहीं किया जाना है उसको विनिष्ट किया जाये। उन्हेांने यह निर्देश केंद्र में पड़े आवेदनों व अन्य दस्तावेजों को लेकर दिए। उन्होंने केन्द्र संचालक को ाी निर्देशित किया कि वह आवेदन जमा करते समय ही सेवा मिलने की तारी ा आवेदक को बताये, ताकि आवेदक को सेवा पाने के लिए बार-बार चक्कर न लगाने पडे। एक तिथि निश्चित कर उस दिन अनिवार्यत: सेवा दी जाए। एेसा न होने पर आवेदक को पहले ही एसएमएस या फोन कर सूचित करें। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ एडीएम बीएस जामोद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जांच में सामने आई हकीकत - पांच निरस्त मूल निवासी आवेदनों की जांच कर रहे एडीएम बीएस जामोद ने बताया कि पांचों आवेदनों की जांच के बाद सामने आया है कि छोटे-छोटे कारणों से आवेदन निरस्त हुए हैं। इसमें मु य कारण नोटरी द्वारा आवेदक को आईडेंटीफाईड करना है। यदि आवेदन को नोटरी आईडेंटीफाईड कर रहा है तो यह आवेदन निरस्त करने का आधार नहीं है। इस संबंध में संबंधित अधिकारी या तहसीलदार को तलब किया जाएगा और कुछ हिदायतें दी जाएगी। श्री जामोद ने बताया कि एक प्रकरण में नोटरी की गलती भी सामने आई है। नोटरी ने 8 साल के नाम से शपथ पत्र बना दिया है, जबकि नियमानुसार यह गलत है। 8 साल का बच्चा खुद शपथ पत्र पेश नहंी कर सकता है। इसके लिए पिता या पालक का शपथ पत्र बनता है। इसके चलते नोटरी से ाी पूछताछ की जा रही है।
भोपाल।
आवेदनों के लगातार निरस्त होने की शिकायतों को गं ाीरता से लेते हुए कलेक्टर निशांत वरवड़े ने शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थापित लोक सेवा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में रखे मूल निवासी के निरस्त प्रकरणों में पांच प्रकरण उठाते हुए एडीएम बीएस जामोद को निर्देशित किया कि वह इन सभी प्रकरणों की जांच करें कि यह आवेदन क्यों निरस्त किए गए। यदि आवेदन सही और वास्तविक तथ्यों के आधार पर रिजेक्ट किए गए हैं तो ठीक, नहीं तो संबंधित अधिकारी से इसको लेकर सवाल जवाब किया जाए। उन्होंने रिजेक्ट हुए आवेदनों के संबंध में कारण जानना चाहा तो लोक सेवा केन्द्र संचालक और अन्य अधिकारी जवाब नहीं दे सके। इस पर श्री वरवड़े ने एडीएम से साफ कहा कि वह जांच कर बताएं कि यह आवेदन जानबूझकर या समय सीमा से बचने के लिए तो रिजेक्ट नहीं किए गए हैं। श्री वरवड़े ने निरीक्षण के दौरान कहा कि जरूरी और संधारित किए जाने वाले रिकार्ड को रिकार्ड रूम में जमा करायें। ऐसा रिकार्ड जिसको संधारित नहीं किया जाना है उसको विनिष्ट किया जाये। उन्हेांने यह निर्देश केंद्र में पड़े आवेदनों व अन्य दस्तावेजों को लेकर दिए। उन्होंने केन्द्र संचालक को ाी निर्देशित किया कि वह आवेदन जमा करते समय ही सेवा मिलने की तारी ा आवेदक को बताये, ताकि आवेदक को सेवा पाने के लिए बार-बार चक्कर न लगाने पडे। एक तिथि निश्चित कर उस दिन अनिवार्यत: सेवा दी जाए। एेसा न होने पर आवेदक को पहले ही एसएमएस या फोन कर सूचित करें। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ एडीएम बीएस जामोद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जांच में सामने आई हकीकत - पांच निरस्त मूल निवासी आवेदनों की जांच कर रहे एडीएम बीएस जामोद ने बताया कि पांचों आवेदनों की जांच के बाद सामने आया है कि छोटे-छोटे कारणों से आवेदन निरस्त हुए हैं। इसमें मु य कारण नोटरी द्वारा आवेदक को आईडेंटीफाईड करना है। यदि आवेदन को नोटरी आईडेंटीफाईड कर रहा है तो यह आवेदन निरस्त करने का आधार नहीं है। इस संबंध में संबंधित अधिकारी या तहसीलदार को तलब किया जाएगा और कुछ हिदायतें दी जाएगी। श्री जामोद ने बताया कि एक प्रकरण में नोटरी की गलती भी सामने आई है। नोटरी ने 8 साल के नाम से शपथ पत्र बना दिया है, जबकि नियमानुसार यह गलत है। 8 साल का बच्चा खुद शपथ पत्र पेश नहंी कर सकता है। इसके लिए पिता या पालक का शपथ पत्र बनता है। इसके चलते नोटरी से ाी पूछताछ की जा रही है।
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