रविवार, 2 फ़रवरी 2014

जानकारी के अ ााव में नहीं मिल रहा ला ा, अ ाी तक 15 प्रतिशत छात्रों ने किया आवेदन, जिले में तीन हजार छात्र, भोपाल।

अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को राहत देने के लिए मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई आवास सहायता योजना का ला ा छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। जिले में ही इसके बुरे हाल हैं। बताया जा रहा है कि अ ाी तक साढ़े तीन सौ छात्रों ने ही आवास योजना के तहत आवेदन किये हैं। जबकि जिले में करीब तीन हजार छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है। ऐसे में कम आवेदन को लेकर कालेज प्रबंधन से लेकर सरकारी मुलाजिम ाी कटघरे में हैं। जिले सहित प्रदेश ार में आए कम आवेदनों को दे ाते हुए शासन ने इस योजना के प्रचार-प्रसार के साथ ही  छात्रों को ला ा देने के लिए वि ााग प्रमु ों को पत्र जारी किया है। हालांकि पत्र आने के बाद से ोपाल में आदिम जाति कल्याण वि ााग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत स ाी कालेज संचालकों से सूची ाी मांगी जा रही है।
क्या है आवास सहायता योजना
इस योजना के तहत बहार से आने वाले छात्रों को शासन द्वारा मकान किराये के लिए दो हजार की राशि दी जाती है। यह राशि छात्र के बैंक ााते में डाली जाती है। वहीं छात्र को ाी राशि का ाुगतान किरायेदार को चैक के माध्यम से करना होगा। इस योजना के लिए जुलाई से सित बर के बीच आवेदन किया जा सकता है।
महानगरों में मिलते हैं 2 हजार रुपए
इस योजना के तहत ोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन जैसे शहरों में आवास योजना के लिए दो हजार रुपए की राशि हर माह छात्र को दी जाती है। जिला मु यालयों पर प्रति विद्याथिर्यों को 12 सौ 50 रुपए एवं तहसील व विकास ाण्ड पर 1 हजार आवास सहायता राशि छात्र-छात्राओं को दिए जाते हैं। 
यह देना होगा प्रमाण
छात्र शासकीय-अशासकीय महाविद्यालय में अध्ययन कर रहे हो, साथ ही इन छात्र-छात्राओं को पालक के आवासीय निवास नहीं होने का प्रमाण पत्र ाी देना होगा। 
इन्हें हैं स्वीकृति के अधिकार
छात्रों द्वारा दिए गए शपथ पत्र एवं मकान मालिकों के सहमति पत्र के आधार पर स्वीकृति के अधिकार शासकीय संस्थाओं के प्राचार्यों एवं अशासकीय संस्थाओं से संबद्ध शासकीय संस्थाओं के नोडल प्राचार्य को होंगे।
दो हजार को ही माना मान्य
वि ाागीय सूत्रों की माने तो महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर जिले के तीन हजार छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इनमें 5 सौ के करीब शासकीय हॉस्टल में निवास करते हैं, वहीं इतने ही छात्र ाुद के या रिश्तेदारों के घरों में निवास करते हैं। यही कारण है कि दो हजार को ही आवास योजना के तहत पात्र माना गया है। 

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