सोमवार, 29 अप्रैल 2013

नहीं बना फायर एक्ट, कैसे हो प्रदेश सेफ?

-नगर निगम के पास न संसाधन है न ही अधिकार
-हो रही केवल कागजी खानापूर्ति 
भोपाल। 
१० नम्बर स्थित हरेकृष्णा मार्केट में आग लगने के बाद नगर निगम ने लगभग 150 भवन, प्रतिष्ठान और संस्थाओं को नोटिस जारी कर खाना पूर्ति तो कर दी। निगम के पास फायर एक्ट और पर्याप्त संसाधन न होने पर शहर की सुरक्षा कैसे होगी? इस पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। 
यह स्थिति शहर की नहीं प्रदेश की है। ऐसे में राजधानी की किसी भी बहुमंजिला इमारत, होटलों, रेस्टोरेंट सहित अन्य भवनों में अग्नि सुरक्षा के न तो पर्याप्त इंतजाम हैं। दूसरी ओर निगम के जिम्मेदार अब पड़ताल करने की बात कर रहे हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले रायल मार्केट स्थित बीएसएनएल के दफ्तर सहित अन्य शासकीय इमारतों में अगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। 

-नहीं है गाइडलाइन 
शहर में जब अगजनी होती है, तब नगर निगम ऐहतियातन बहुमंजिला इमारतों, दफ्तर और प्रतिष्ठानों को अग्नि सुरक्षा के इंतजामों के संबंध में नोटिस भेजता है। बावजूद इसके नोटिस के निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं हो पाता। न निगम के पास पर्याप्त अमला न ही कार्रवाई करने स्वतंत्र रूप से अधिकार। ताज्जुेब की बात यह है कि प्रदेश में भूमि विकास नियम-2012 लागू कराया गया। इसके बाद बहुमंजिला भवनों की ऊंचाई बढ़ाई गई। हाइराइज बिल्डिंगों की सुरक्षा इंतजाम की कमान किसके जिम्मे होगी इस बारे कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। 

-प्रदेश का यही हाल 
भले ही प्रदेश के शहर मेट्रो की तर्ज पर बढ़ रहे हो। भूमि विकास नियम-2012 लागू होने के बाद हाइराइज बिल्डिंगे बनाने में तेजी आई हो, लेकिन प्रदेश स्थापना के ५५ साल बाद भी प्रदेश में फायर एक्ट को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। गौर करने वाली बात ये है कि बड़ी बिल्डिंग और बहुमंजिला भवनों से शहर पटने के बाद भी किसी भी नगर निकाय ने प्रदेश सरकार से एक्ट बनाने के लिए नहीं कहा। वहीं न ही प्रदेश सरकार ने लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद भी सबक नहीं लिया। नगर निगम भोपाल में बहुमंजिला भवनों के लिए फायर एनओसी का प्रावधान किया गया है, लेकिन बहुमंजिला भवनों के कर्ताधर्ताओं पर दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार नहीं मिला। 

-इन्हें जारी किया नोटिस 
हर साल ग्रीष्म ऋतु में शहर होने वाली अगजनी के बाद कई प्रतिष्ठानों, भवनों को नोटिस जारी करता है। इस बार भी कईयों को नोटिस जारी किए हैं। पर नगर निगम नोटिस जारी करने के बाद अन्य अन्य कामों में लग जाता है। ऐसे में लापरवाही का सीधा खामियाजा जनता को उठाना पड़ता रहा है। 

एमपी नगर में:- होटल सुरेंद्र विलास, गुरुकृपा भोजनालय, हांगकांग चाइनीज रेस्टोरेंट, होटल राजहंस, टेस्ट ऑफ इंडिया, आर्य भवन, होटल स्काईलार्क एंड बार, होटल लैंडमार्क लेक सिटी, होटल पंचवटी, होटल आर्य पैलेस, होटल आमेर पैलेस, रोशनपुरा स्थित ताप्ती एवं बेतवा अपार्टमेंट।
न्यू मार्केट में:- पंचानन भवन, बीएसएनएल भवन, डाक भवन, गंगोत्री भवन, आपूर्ति सुपर बाजार, अपेक्स बैंक, क्वालिटी रेस्टोरेंट, कोटरा सुल्तानाबाद के अन्नपूर्णा का पलेक्स व जीवन विहार का कॉप्लेक्स तथा माता मंदिर स्थित प्लेटिनम प्लाजा के प्रबंधकों को नोटिस थमाए जाते हैं। 

-नहीं ली नसीहत 
रायल मार्केट चौराहे स्थित बीएसएनएल दफ्तर में बीते साल भीषण आग लगी थी। घटना के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में अन्य होटल, रेस्टोरेंट सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हुई और दफ्तरों में इतजामात को देखा गया। अग्नि सुरक्षा की पड़ताल का पूरा काम केवल तीन दिन तक चला। चौथे दिन से हमला अवैध होर्डिंग काटने में लग गया। लिहाजा सुरक्षा की बात ठंडे बस्ते में चली गई। अब जब दस नम्बर पर पास हरेकृष्णा मार्केट में आग लगी तो फिर यादें ताजा हुई। निगम प्रशासन ने फिर बहुमंजिला भवन संचालकों को नोटिस जारी किए। पर पड़ताल अब तक नहीं की गई। निगम के प्रशासनिक अधिकारी दबी जुबान में यह बात भी स्वीकारते हैं कि आला अधिकारी चाहे तो कार्रवाई हो सकती है, लेकिन जहां से राजस्व वसूली होती है। उसी कार्य को प्राथमिकता दी जाती है। 

-इस सप्ताह पड़ताल करेंगे
इस बार १५० लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें भवन, बहुमंजिला इमारत और नामी प्रतिष्ठान शामिल हैं। नोटिस जारी होने के बाद अग्नि सुरक्षा को लेकर किसने क्या व्यवस्था की इस सप्ताह में यह पड़ताल की जाएगी। 
साजिद खान, इंचार्ज, फायर सर्विस, नगर निगम 

बीएमएचआरसी के डॉक्टर करते हैं भेदभाव

-इंडियन कांउसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर से गैस पीडि़तों ने की शिकायत 
भोपाल। 
भोपाल मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टर गैस पीडि़त और प्राईवेट मरीजों से भेदभाव करते हैं। गैस पीडि़त मरीज इलाज के लिए भटकते हैं। मरीज कर्राहते रहते हैं। रविवार को यह शिकायत गैस पीडि़तों ने इंडियन कांउसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर जनरल टीएस जवाहर से की। 
दरअसल, यहां गैस पीडि़तों व पीडि़तों के लिए काम करने वाले संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भोपाल मेमोरियल अस्पताल में बैठक का आयोजन किया गया था। अस्पताल के इतिहास में ऐसा पहली हुआ, जब बड़े स्तर के अधिकारी ने गैस पीडि़तों व गैस संगठनों के साथ बैठक आयोजित कर गतिविधियों और व्यवस्था को जाना। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फारमेंशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने श्री जवाहर को बताया, बीएमएचआरसी में गैस पीडि़त मरीजों के साथ भेदभाव हो रहा है। अस्पताल के सारे कंसल्टेंट बाहर निजी प्रेक्टिस कर रहे हैं। अस्पताल में दवाईयों का टोटा है। उपकरणों की समस्या भी गंभीर है। गैस पीडि़तों में सबसे अधिक मरीज सांस की बीमारियों के हैं, लेकिन अस्पताल में पल्मोनरी विभाग में आईसीयू ही नहीं है। 
भोपाल गैस पीडि़त महिला उोग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने सीनियर डिप्टी डायरेक्टर आईसीएमआर को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें डॉक्टरों की कमी, तीन साल से उपकरणों का अपग्रेडेशन नहीं होने, डिपार्टमेंट के काम नहीं करने और दवाईयों की कमी का भी मुद्दे पर भी बहस हुई। श्री जवाहर ने सभी गैस पीडि़तों व गैस संगठनों को आश्वासन दिया कि अगले दो महीने में अस्पताल में भारी परिवर्तन होंगे। वह खुद बीएमएचआरसी की निगरानी करेंगे और हर पन्द्रह दिन में आकर प्रोग्रेस देखेंगे। उन्होंने कहा कि वह जब भी यहां आएंगे,गैस पीडि़तों से मिलेंगे। गैस पीडि़त उन्हें अपनी समस्या बता सकते हैं। 

बीएमएचआरसी से आधा दर्जन कंसल्टेंट छोड़ेंगे नौकरी,भोपाल

भोपाल मेमोरियल अस्पताल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आईसीएमआर द्वारा संचालित की गई चयन प्रक्रिया में जैसे-तैसे 12 नए कंसल्टेंट आने को तैयार हुए है, वहीं अस्पताल के पुराने करीब आधा दर्जन कंसल्टेंट ने नौकरी छोडऩे का मन बना लिया है।
कंसल्टेंट कम वेतनमान से असंतुष्ट हैं। भोपाल मेमोरियल अस्पताल के कंसल्टेंट को पहले प्राईवेट पैशेंट के इलाज से होने वाली आय का एक निश्चित भाग मिलता था,लेकिन आईसीएमआर ने प्राईवेट शेयर देना बंद कर दिया। इसके बाद कसंल्टेंट नाराज हैं। आईसीएमआर ने छटवां वेतनमान लागू भी किया तो कंसल्टेंट को ऊंचा स्केल नहीं दिया। यह भी उनकी नाराजगी की वजह है। इसके चलते कंसल्टेंट नौकरी छोड़कर जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन कंसल्टेंट ने अस्पताल के डायरेक्टर को मौखिक रूप से इस बारे में अवगत भी करा दिया है। अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के एक मात्र कंसल्टेंट डॉ.महेन्द्र कुमार अठलानी अपना इस्तीफा प्रबंधन को सौंप चुके हैं। पहले से ही कंसल्टेंट की कमी से जूझ रहे बीएमएचआरसी में अगर और कंसल्टेंट नौकरी छोड़कर जाते हैं,तो समस्या विकराल हो जाएगी। 
भोपाल मेमोरियल अस्पताल में कंसल्टेंट के करीब 68 पद हैं,जिसके विरूद्ध वर्तमान में केवल 28 कंसल्टेंट ही कार्य कर रहे हैं। आईसीएमआर ने नए कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए लगभग पांच महीने पहले प्रक्रिया शुरू की थी। चार महीने पहले 12 कंसल्टेंट का चयन भी कर लिया गया,लेकिन पुलिस वेरीफिकेशन में हो रही देरी के कारण यह 12 डॉक्टर अभी तक ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। इस मामले में गैस संगठनों ने आईसीएमआर के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर टीएस जवाहर से भी की है। उन्होंने खुद ध्यान देकर पुलिस वेरीफिकेशन करवाने का आश्वासन दिया है। 
वर्जन 
भोपाल मेमोरियल अस्पताल में 12 नए कंसल्टेंट आने वाले हैं। पुराने कंसल्टेंट ने नौकरी छोडऩे के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है।
डॉ.केके मोद्दार, संचालक भोपाल मेमोरियल अस्पताल

हमीदिया अस्पताल में हीमोफिलिया मरीज का हुआ जटिल ऑपरेशन

इंदौर में खर्च 2 लाख, हमीदिया में हुआ नि:शुल्क
भोपाल। 
हमीदिया अस्पताल में हीमोफिलिया बीमारी से पीडि़त 25 वर्षीय मरीज का जटिल ऑपरेशन किया गया। इंदौर में इस ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों ने 2 लाख रूपये खर्च बताया था,जबकि हमीदिया अस्पताल में यह ऑपरेशन आर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.दीपक एस मरावी द्वारा नि:शुल्क किया गया। 
हीमोफिलिया एक जन्मजात बीमारी होती है,जिसमें मरीज के शरीर में रक्त का थक्का जमाने वाले फेक्टर 8 नहीं बनते। इससे एक बार रक्तस्त्राव शुरू होने के बाद रूकता नहीं है,जिससे मरीज की मौत हो जाती है। इसी कारण साधारण डॉक्टर हीमोफिलिया के मरीज का ऑपरेशन नहीं करते हैं।
हीमोफिलिया से पीडि़त शुजालपुर निवासी 25 साल के जगदीश को गिरने के कारण कूल्हे ही हड्डी में फ्रेक्चर हो गया था। हीमोफिलिया होने के कारण इंदौर में डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन करने से मना कर दिया। कुछ डॉक्टरों ने ऑपरेशन पर दो लाख रूपये खर्च बताया। बाद में मरीज के परिजन उसे भोपाल ले आए। यहां डॉ.मरावी ने उसका ऑपरेशन किया और गांधी मेडिकल कालेज की हीमोफिलिया सोसायटी ने दो लाख रूपये के फेक्टर 8 उसे नि:शुल्क उपलब्ध कराए। उसे ऑपरेशन से पहले,ऑपरेशन के दौरान व बाद फेक्टर 8 दिए गए,जिससे उसका रक्तस्त्राव नहीं हुआ। उसका ऑपरेशन सफल रहा। डॉ.मरावी ने हीमोफिलिया मरीजों के ऑपरेशन की ट्रेनिंग क्रिश्चियन मेडिकल कालेज वैल्लूर से प्राप्त की है।
एक दर्जन आएंगे,आधा दर्जन छोड़कर जाने की तैयारी में

बीआरटीएस

लेकिन, किन्तु, परंतु नहीं केवल परिणाम चाहिए 
-बैठक में अधिकारियों से बोले कलेक्टर निर्माण में ढिलाई बरदाश्त नहीं
भोपाल। 
कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने अधिकारियों से कहा- बीआरटीएस कारीडोर का शेष निर्माण जल्द करें। इसको लेकर लेकिन, किन्तु, परंतु नहीं, बल्कि परिणाम चाहिए। भोपाल नगर में कारीडोर पर बसों का संचालन तय समय पर ही शुरू होगा। 
कलेक्टोरेट कार्यालय में श्री श्रीवास्तव शनिवार को बीआरटीएस निर्माण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जहां निर्माण कार्य से जुड़े विभागों के अधिकारियों को निर्माण कार्य पर नजर रखने को कहा। वहीं कान्ट्रेक्टर्स (ठेकेदारों) को निर्माण कार्य को तय समय में पूरा करने को कहा। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा, बीआरटीएस में बसों का संचालन हमारी पहली प्राथमिकता है। इसमें लेटलतीफी का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। इस सिलसिले में लेकिन, परंतु जैसी बातों को अब नहीं सुना जाएगा। केवल परिणाम देखा जाएगा। उन्होंने सभी सभी विभाग और बीआरटीएस से जुड़ी एजेंसियों को परस्पर समन्वय से कार्य करने की हिदायद दी। इस दौरान कारीडोर में चलने वाली बसों को लेकर भी चर्चा हुई। 
ेबैठक में डीआईजी डी. श्रीनिवास वर्मा, कमिश्नर नगर निगम विशेष गढ़पाले, एडीशनल एसपी ट्रेफिक मोनिका शुक्ला, आरटीओ एमएल सोनी सहित अन्य अधिकारी व कान्ट्रेक्टर्स मौजूद थे। डीआईजी श्री वर्मा ने एडीशनल एसपी ट्रेफिक को कहा, वे नगर में चल रहे वाहनों की लगातार चैकिंग करें। शहर में कोई भी वाहन अवैध रूप से चलता मिलता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। अवैध परिवहन वाहनों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के लिए आरटीओ को प्रकरण प्रस्तुत करें। इसके साथ यह भी तय किया गया कि जिन वाहनों को जिस रूट का परमिट दिया गया है वह उसी रूट पर चलेंगे। दूसरे रूट पर चलते पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

गेहंू परिवहन में लेटलतीफी, हजारों टन गेहूं भीगा

0 प्रशासन पर भारी पड़ रहे ठेकेदार
भोपाल। 
प्रशासन के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी गेहूं परिवहन में लगी एजेंसियों ने परिवहन में तेजी नहीं दिखाई। इसके बाद प्रशासन ने 12 अप्रैल को परिवहन करने वाली दोनों कंपनियों भारत ट्रांसपोर्ट कंपनी और ग्लोबल रोड लाइंस को नोटिस जारी कर कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए। बावजूद इसके परिवहन ठेकेदारों ने परिवहन कार्य उसी गति से चालू रखा। नतीजा यह हुआ कि खुले में पड़ा करीब 12 हजार मीट्रिक टन गेहूं गत दिनों बरसात की भेंट चढ़ गया।
सूत्रों के अनुसार,खरीदी केंद्रों से गेहूं एफसीआई के गोदामों तक ले जाने के लिए सरकार परिवहन हेतु ट्रांसपोर्ट कंपनियों को ठेका देती है। ट्रांसपोर्ट कंपनियों भी यह ठेका न्यूनतम दरों पर ले लेती है जबकि इनके पास परिवहन के लिए गाडिय़ां भी उपलब्ध नहीं होती है। सूत्रों के अनुसार,इन ठेकेदार ट्रांसपोर्टरों को जिला प्रशासन तथा आरटीओ के अधिकारी फील्ड से वाहन पकड़कर उपलब्ध कराते हैं। पकड़े गए वाहनों को परिवहन में लगाकर मात्र डीजल का पैसा दिया जाता है। राजधानी के एक ट्रांसपोर्टर के मुताबिक,उसकी 3 गाडिय़ां विगत 4 दिनों से मात्र डीजल के बदले परिवहन कार्य में लगाई गई हैं। गाड़ी के पेपर आरटीओ के अधिकारियों के पास है। अब जब तक उनकी मर्जी काम करवाएंगे। एक अन्य ट्रांसपोर्टर के अनुसार,इससे सबसे ज्यादा नुकसान बाहर से आने वाली गाडिय़ों का होता है। अधिकारी और ठेकेदार मिलकर उनसे 10-10 दिन तक काम करवाते है,फिर गाड़ी छोड़ते है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार,यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यही कारण है कि गेहूं खरीदी केंद्रों पर स्टॉक तो लगातार बढ़ता रहता है परंतु इन गेहूं के स्टॉकों गोदाम तक परिवहन समय पर नहीं हो पाता है। 

मंदाकिनी को जमीन, महाकाली के सदस्यों को मिलेगी राशि


-अपर कलेक्टर ने दिया आश्वासन 
भोपाल। 
अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने मंदाकिनी और महाकाली गृह निर्माण समितियों के सदस्यों से चर्चा कर आश्वासन दिया कि उनका हक उन्हें मिलेगा। मंदाकिनी की जहां ०.७५ एकड़ भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई जाएगी। महाकाली के सदस्यों को 12 फीसदी ब्याज के साथ राशि लौटाई जाएगी। 
मंदाकिनी और महाकाली सोसायटीज की समीक्षा बैठक में अपर कलेक्टर ने दोनों समितियों के सदस्यों से चर्चा की। बैठक में उपायुक्त सहकारिता आरएस विश्वकर्मा के साथ सोसायटी सदस्या भी मौजूद थे। मंदाकिनी के सदस्यों ने बताया, उनकी कुछ भूमि पर अतिक्रमण है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है तो करीब १२ सदस्यों को प्लाट मिल सकते हैं। वहीं ०.७५ एकड़ जमीन पर बहुमंजिला इमारत बनाकर उसमें सदस्यों को ६२ फ्लैट तैयार हो सकते हैं। मंदाकिनी सोसायटी के पदाधिकारियों ने श्री कुर्रे को बताया, १२ प्लॉट अलग-अलग स्थिति में फंसे हैं। इसमें ४ प्लॉट जवाहर स्कूल का कब्जा है, वहीं ८ प्लॉट नदी की सीमा में आ गए हैं। श्री कुर्रे ने सदस्यों से कहा, वे जल्द ही इन स्थानों का निरीक्षण कराएं, इसके बाद इन भूमियों अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। वहीं नदी वाले प्लॉट का भी निरीक्षण किया जाएगा। इसमें देखेंगे यदि यह आवंटन की स्थिति में होंगे तो जरूर इस पर विचार किया जाएगा। संचालकों ने जानकारी दी कि ७५ डेसीमल जमीन जो है, यदि वह मिलती है तो उस पर मल्टी स्टोरी बनाई जा सकती है। इससे कई को फ्लैट मिल सकते हैं। इस पर श्री कुर्रे ने १५ दिन में इसका ले-आउट एप्रूवल के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को निर्देशित किया। वहीं जिन सदस्यों ने केवल १०५ और ५०० रुपए जमा किए हैं, उनकी सदस्यता खत्म की जाएगी। महाकाली के पदाधिकारियों से श्री कुर्रे ने चर्चा की। श्री कुर्रे ने समिति सदस्यों की यह बात सुन की उन्हें राशि जमा करने के बाद भी प्लॉट नहीं दिए गए, तो उन्होंने कहा- जिन सदस्यों के साथ ऐसा हुआ है। उन्हें १२ फीसदी ब्याज के साथ राशि वापस दिलाई जाएगी। यहां गुलाबी नगर सोसायटी की समीक्षा भी हुई। इसमें सदस्यों को ५ लाख रुपए लौटाने पर फैसला हुआ। 

गेहूं उपार्जन : संशोधित लक्ष्य भी पूरा होना मुश्किल

- 3.25 लाख से घटाकर किया 2.75 लाख मेट्रिक टन
- 1650 रुपए किलो तक मंडी में बिक रहा गेहूं
भोपाल। 
गेहूं की फसल बंपर आने के बाद गेहूं उपार्जन भी लक्ष्य से अधिक होता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। गेहूं उत्पादन अधिक होने के बाद भी उपार्जन केंद्रों पर कम ही किसान गेहूं बेचने पहुंच रहे हैं। इसके चलते मजबूरन शासन को भोपाल जिले का गेहूं उपार्जन लक्ष्य बढ़ाने की बजाए घटाकर कम करना पड़ा है। वर्तमान में गेहूं उपार्जन लक्ष्य 3.25 लाख मेट्रिक टन से घटाकर 2.75 मेट्रिक टन कर दिया गया है। अब यह लक्ष्य भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
गौरतबल है कि पिछले दो वर्ष में जिस तरह गेहूं खरीदी हुई थी, उससे शासन ने अनुमान लगाया था कि इस बार भी लक्ष्य 3.25 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूं का उपार्जन भोपाल जिले के 47 केंद्रों पर होगा। यह अनुमान गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले 26 हजार से अधिक किसानों को देखकर लगाया गया था। जैसे-जैसे गेहूं की खरीदी आगे बढ़ी लक्ष्य पूरा होने की संभावनाएं घटती चली गई। अंतत: 20 अप्रैल को शासन ने लक्ष्य में संशोधन करने फैसला लिया। लक्ष्य को बढ़ाने के बजाय 50 हजार मेट्रिक टन घटाकर 2.75 मेट्रिक टन किया गया। इसका मु य कारण मंडी में गेहूं की कीमतों का बढऩा है। मंडी वर्तमान में क्वालिटी वाले गेहूं को 1650 रुपए तक में खरीद रही है, जबकि केंद्रों पर गेहूं केवल 1500 रुपए ही बिक रहा है। इस हालात के तहत संशोधित किए गए लक्ष्य को भी कम करने की तैयारी चल रही है। 27 अप्रैल तक की स्थिति में सभी 47 उपार्जन केंद्रों पर कुल 1.50 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। यह गेहूं करीब 16 हजार किसानों द्वारा बेचा गया है। इसमें से करीब 1.25 लाख मेट्रिक टन गेहूं का परिवहन भी हो चुका है।

-किसान पहले मंडी फिर आते हैं केंद्र 
बीते 15 दिनों में गेहूं की कीमतों में उछाल आया है। मंडी में गेहूं 1450 से 1650 रुपए में खरीदा जाने लगा है। इसको देखते हुए पहले किसान मंडी में अपनी ट्राली लगाते हैं। यदि गेहूं की बोली 1550 रुपए में भी लगती है तो किसान मंडी में खाली कर देता है।यदि गेहूं की कीमत 1500 से कम लगती है तो किसान सीधा गेहूं को खरीदी केंद्र पर ले जाता है और 1500 रुपए प्रति क्विंटल में तुलवा देता है। इन हालातों के चलते ऐसे खरीदी केंद्रों पर गेहूं खरीदी घट गई हैं। जहां मंडी पास में ही है। यही नहीं जिन 500 किसानों ने अपने केंद्र परिवर्तन कराए हैं, उनमें से अधिकतर ने यही प्रक्रिया अपनाई है।

-20 हजार मेट्रिक टन से भी अधिक खरीदा गेहूं 
मंडी व्यापारियों को गेहूं यदि अच्छा मिल रहा है तो वह उसके 1650 रुपए प्रति क्विंटल तक के दाम दे रहे हैं। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक मंडी व्यापारियों ने करीब 20 हजार मेट्रिक टन गेहूं की खरीद कर डाली है, जो एक रिकार्ड हे। भोपाल की मंडी में जहां 13 हजार तथा बैरसिया में 8 हजार मेट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है। हालांकि यह आंकड़े 18 से 22 अप्रैल तक है। अब तक यह खरीदी कितनी बढ़ गई होगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

कलेक्टर भोपाल के तीन साल पूरे ,आधी हकीकत, आधा फसाना

प्रशासन का इकबाल कायम करने और सेवा के क्षेत्र में नवाचार प्राथमिकता रही
भोपाल। 
ेबतौर कलेक्टर भोपाल का पद संभाले निकुंज कुमार श्रीवास्तव को शनिवार को तीन साल हो गए। 27 अप्रैल, 2010 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिले में उन्होंने ेजनता और शासन के बीच सेतू का काम किया। कुछ ऐसे रहे जिनके चलते शासन को अच्छा राजस्व मिला। हुजूर ग्रामीण से अतिक्रमण हटा, बिल्डरों पर नकेल कसी गई। बावजूद इसके कई आदेश-निर्देश चंद दिनों के रहे। दर्जनों आदेश ऐसे भी हैं, लेकिन पालन नाम मात्र का ही हुआ। 

जेपी, हमीदिया में आधुनिकीकरण 
भोपाल जिला चिकित्सालय में बीते तीन सालों बदलाव हुआ। सशक्त निर्णय और नजर का ही नतीजा है जो जेपी और हमीदिया आधुनिकीकरण से लैस हुए। जेपी अस्पताल में डायलेसिस सुविधा, आधुनिक गहन चिकित्सा इकाई, सोनोग्राफी, आदि की उपलब्धियां शामिल हैं। बाजार में जहां ढाई हजार से कम में एक बार डायलेसिस नहीं होती वहीं जेपी में यह सुविधा बीपीएल को नि:शुल्क और एपीएल के मरीजों को पांच सौ रुपए में दी जा रही है। 
                                
बैरसिया अस्पताल
बैरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इस वित्तीय वर्ष से सोनोग्राफी शुरू हो गई है और इस अस्पताल में सिजेरियन डिलेवरी की सुविधा शुरू हुई है। 

ट्रांसपोर्ट नगर
ट्रांसपोर्ट नगर का काम पूरा हुआ। लगभग 500 ट्रांसपोटर्स ने ट्रांसपोर्ट नगर में आवंटित भूखंडों की पूरी राशि जमा कर अपना निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। सुभाष नगर मेकेनिक मार्केट शिफ्ट हुआ। भारी वाहनों के प्रवेश पर दिन के समय रोक लगी। 

खुर्द-बुर्द पर लगी रोक 
जिले में शासकीय जमीनों की खुर्द-बुर्द होने पर रोक लगी है। शासकीय जमीनों को निजी स्वामित्व में लेने और उसका व्यवसायी करण होने पर रोक लगभग रोक लगी है। शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वालों पर कार्रवाई भी हुई। 50 से अधिक पट्टे निरस्त किए गए हैं। इसके चलते ढाई सौ एकड़ से अधिक भूमि को दोबारा शासकीय मद में दर्ज किया गया। दो हजार खातों की डेढ़ हजार एकड़ से अधिक भूमि को खसरा प्रवृष्टियों में अहस्तांतरणीय टीप अंकित कराई गई जिससे इन भूमियों की खरीद फरोख्त पर रोक लगी। 

बटाक नक्शों में कायम
तीन सालों में राजस्व विभाग चलाया गया। अभियान के तहत छ: हजार से अधिक बटाक नक्शे में कायम किए गए। जिले में नक्शा बटाक पंजी का संधारण शुरू किया गया है। मिनाल रेसीडेंसी में आने वाली करीब 141 एकड़ बेशकीमती जमीन अतिक्रमण मुक्त कराया। मास्टर प्लान की सड़क निर्माण थोड़ी गति आई। यहां बसी झुग्गियों का विस्थापन किया गया। 

समाधान एक दिन
समाधान एक दिन में 13 नई सेवाएं प्रारंभ कर आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, नजूल एनओसी, लायसेंस रिन्युअल को सरल बनाया। 

छोला आरओबी तैयार 
छोला आरओबी का निर्माण पूरा कराया। यहां से मकानों का विस्थापन बढ़ी समस्या थी। हलके विवाद के बीच काम पूरा हुआ। पुराने शहर की बैरसिया रोड, छोला रोड, नेवरी रोड का ट्रेफिक अब हलका होने लगा है। 

खनिज राजस्व चार सौ गुना 
जिले में खनिज राजस्व में चार सौ गुना से अधिक की वृद्धि हुई। 2009-10 में 466 लाख रुपए का राजस्व मिला। 2010-11 में 911, वर्ष 2011-12 में 1354 और 2012-13 में 1616 लाख रुपए का राजस्व शासन के खाते में दर्ज हुआ। 
इस साल अवैध उत्खनन के दस प्रकरणों में 80 लाख 85 हजार 770 रुपए और अवैध परिवहन के 92 प्रकरणों में 12 लाख 84 हजार 275 रुपए। अवैध भंडारण के सात प्रकरणों में 51 करोड़ 83 लाख 40 हजार 550 रुपए का अर्थदण्ड वसूला। 

दो गुना से अधिक स्टॉप ड्यूटी 
वर्ष 2009-10 में 2 अरब 65 करोड़ 73 लाख 8 हजार 310 का राजस्व मिला था। इसमें वृद्धि के लिए जमीन की गाइडलाइन को बाजार भाव के करीब लाया गया। नतीजा ये रहा कि रजिस्ट्री की दरें बाजार भाव पर आने से जहां स्टाम्प कर चोरी पर वहीं राजस्व बढ़ा। 2010-11 में तीन अरब 59 करोड़ 85 लाख 66 हजार 801 रुपए, २०11-12 में चार अरब 64 करोड़ 35 लाख 68 हजार 911 और इस साल पांच अरब 73 लाख 58 हजार 818 रुपए का आंकड़ा पार हो गया। 

भोपाल में भी एडवेंचर स्पोटर्स 
बड़े शहरों की तर्ज पर जिला प्रशासन ने 2011 में साहसिक खेलों की शुरुआत की। कलियासोत डेम पर एडवेंचर स्पोर्टस का आयोजन किया गया। पहले वर्ष एक सप्ताह दूसरे वर्ष एक पखवाड़ा और तीसरे वर्ष एक माह तक इन खेलों का आनन्द लोगों ने लिया। आगे भी इसका आयोजन व्यवस्थित ढंग से हो। इसको लेकर संस्थागत ढांचा भी अमल में लाया गया। भोपाल टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल असितत्व में है जो इन खेलों के आयोजन का जिम्मा संभाल रही है। 

यहां व्यर्थ रहे आदेश 

जांच ठंडे बस्ते में 
कलेक्टर ने राशन दुकानों की नियमित जांच के निर्देश दिए, लेकिन कुछ दिनों तक तो जांच हुई। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वर्तमान में यही स्थिति जारी है। गुटका पाउजों की बिक्री पर प्रदेश में रोक है, जिले में कलेक्टर निर्देश जारी किए। औषधि प्रशासन ने कार्रवाई भी की। गुटके पाउजों की बोरियां अभी भोपाल स्टेशन पर उतर रही हैं, और पिछले दरवाजे से रिटेल बाजार में बिक रहा है। 

जारी है स्कूलों की मनमर्जी 
निर्देश दिए, स्कूल प्रबंधन पाठ्यक्रम की सूची सार्वजनिक करेगा। नियत दुकान से डे्रस और पाठ्यक्रम की खरीदी की बाध्यता नहीं रहेगी। कुछ दिनों कुछ स्कूलों ने इसका पालन किया, लेकिन सब आया गया हो गया। अब भी स्कूलों की मनमर्जी जारी है। 

बेसमेंट पर कार्रवाई नहीं 
बेसमेंट में चल रही दुकानों, प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन इक्का-दुक्का पर ही कार्रवाई की गई। यहां पार्किंग व्यवस्था की जानी थी। कोलार में कार्रवाई हुई। शेष भोपाल में स्थिति यथावत है। 

परमिट निरस्त करें 
कलेक्टर ने नापतौल और आरटीओ अफसरों को निर्देश दिए थे कि वे बिना मीटर के आटो सड़क पर किसी भी कीमत पर नजर न आएं। इसके लिए समय सीमा भी तय की गई। समय सीमा निकल गई, लेकिन इसका पालन अधिकारियों ने नहीं किया। 

-उठवाएं गाडिय़ां 
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात को कलेक्टर ने पीरगेट, इब्राहिमपुरा, बुधवारा, जहांगीराबाद सहित अन्य व्यस्ततम इलाकों से अनियंत्रित रूप से खड़े वाहनों को उठवाने के निर्देश दिए थे। इसके अतिरिक्त कंडम वाहनों को भी उठाने को कहा था। हुआ इसके उलट। अनियंत्रित पार्किंग अब भी जारी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए थे कि जिन टे्रवल एजेंसियों के पास वाहन खड़े करने पर्याप्त जगह नहीं है, उनकी गाडिय़ां जब्त कर ली जाएं। शहर में दर्जनों एजेंसियां संचालित चल रही हैं। इनके पास जगह नहीं है, ये सड़कों पर ही वाहन खड़े कर रहे हैं। आलम यह रहा कि अब तक एक एजेंसी संचालक पर भी कार्रवाई नहीं की गई। 

-हेलमेट मुहिम फैल 
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव के निर्देश पर ही हेलमेट मुहिम शुरू की गई। वहीं पेट्रोल पंप संचालकों को आदेशित किया गया था, बिना हेलमेट पेट्रोल न दिया जाए। एक माह तक यह मुहिम चली। पंप संचालकों ने भी इसका पालन किया, इसे धारा १४४ में शामिल किया गया था। पुलिस ने भी धड़ल्ले से चालान काटे। दस में से तीन दो पहिया चालक तो हेलमेट पहन रहे हैं, लेकिन मुहिम फैल हो गई। 

-अवैध कब्जे जारी 
ेशासकीय जमीनों पर अवैध कब्जे अब भी हो रहे हैं। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें प्रशासन के कुछ निचले स्तर के कर्मचारी भी शामिल हैं। बावजूद एक भी अधिकारी-कर्मचारी गाज नहीं गिरी। दर्जनों बार अवैध कालोनी निर्माण रोकने को लेकर निर्देश दिए। वर्तमान में हुजूर ग्रामीण ५२ कालोनियों को अवैध घोषित किया गया। बाकी जगह निर्देश बेअसर ही रहे। 

RKDF Group का सटोरिया प्रोफ़ेसर गिरफ्तार

IPL पर इंजीनियरिंग कॉलेज में लगवाता था सट्टा 
सीहोर।
छात्रों को जोड़-घटना, गुणा-भाग समझाने वाला एक शिक्षक गुरूवार को स्वयं पुलिस के गणित मे उलझ गया। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नगर के पचामा सोया प्लांट के सामने स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट से एक शिक्षक को रंगे हाथों आईपीएल मैच सट्टा का खिलाते पकड़ा।
शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद को कलंकित करने वाले इस शिक्षक के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन, सट्टा पर्ची, सहित 8326 रूपए नकदी जब्त की है। कोतवाली टीआई सतीश महलवाला ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि नगर में आईपीएल मैच का सट्टा खिलाया जा रहा है। सूचना की जांच करने के बाद गुरूवार शाम चार बजे पुलिस टीम ने सत्यसांई कॉलेज में पढ़ाने वाले मनीष शर्मा पिता केके शर्मा नामक व्यक्ति को कॉलेज के गेट पर पकड़ा। महलवाला ने बताया कि शिक्षक द्वारा आईपीएल मैचों पर सट्टा खिलाया जा रहा था। आरोपी के विरूद्ध धूत अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

मध्य प्रदेश  से  आमिर खान की रिपोर्ट 

तालाब के किनारे 6 वर्षीय मासूम को बनाया हवस का शिकार

बेहोश बच्ची को तलब में फकने की थी तैयारी 


सीहोर अभी सिवनी की मासूम गुडिया कौमा से बाहर नहीं आ पाई थी कि, कि उसी की भांति सीहोर जिले की आष्टा तहसील के ग्राम मैना की एक छह वर्षीय मासूम को दरिंदे ने अपनी हवस का शिकार बना डाला। मामला सामने आने पर पुलिस ने मासूम का आष्टा अस्पताल मे मेडिकल करवाया। मासूम की हालत खराब होने के कारण उसे सीहोर अस्पताल रैफर किया गया है।

अभी तक आरोपी की शिनाख्त नही हो सकी है। जिला कलेक्टर , एसपी, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच गए है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम पांच बजे तहसील मुख्यालय आष्टा के ग्राम मैना में एक छह वर्षीय बालिका के साथ रेप का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि बालिका को एक व्यक्ति बहला फुसला कर तालाब किनारे ले गया जहां पर उसने उपरोक्त बालिका के साथ दुष्कर्म किया जिससे बालिका बेहोश हो गई। पीडि़त बालिका के पिता ने अस्पताल में मौजूद मीडियाकर्मियों को बताया कि आरोपी द्वारा उसे तालाब में फेंकने का प्रयास किया जा रहा था तभी गांव के किसी एक आदमी ने देख लिया जिसे आता देख आरोपी बालिका को वहीं छोड़ कर भाग गया।

इसकी खबर जब तक गांव पहुंची तब तक आरोपी वहां से नदारद हो चुका था गांव वाले बालिका को आष्टा अस्पताल लाए जहां हालत गंभीर होने पर उसे सीहोर रैफर कर दिया गया। सीहोर अस्पताल में बालिका का इलाज शुरु हो गया पर बालिका अभी भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है।

कलेक्टर-एसपी पहुंचे अस्पताल
मामले की जानकारी मिलते ही मासूम के जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही कलेक्टर कविन्द्र कियावत व एसपी केबी शर्मा अस्पताल पहुंच गए थे। कलेक्टर कियावत ने पूरी गोपनीयता बरतने व मासूम के पुख्ता उपचार के निर्देश चिकित्सकों को दिए, इधर एसपी शर्मा ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को क्षेत्र मे सर्चिग के लिए रवाना किया है।
मध्य प्रदेश  से  आमिर खान की रिपोर्ट 

कब्रस्तान का कवरेज पड़ा मंहगा


तीन पत्रकारों पर धारा 107,16 तहत प्रकर्ण दर्ज 
सिरोंज-नगर के तीन पत्रकारों पर समाचार कवरेज करने को लेकर सिरोंज पुलिस ने एक बार झूठा प्रकर्ण कायम किया है जिसमें विगत दिनों हाई स्कूल के पास स्थित कब्रस्तान में खोदी  गई कब्रों का विरोध करने और दोषीयो पर कार्यवाही करने को लेकर मुस्लिम समुदाय थाना पहुचा था जिसका कवरेज करने गयें नगर के पत्रकारों में से तीन पत्रकारों पर शडयंत्र के चलते धारा 107,16 के तहत प्रकर्ण कायम किया गया जिसको लेकर कल स्थानीय पत्रकारों ने एक ज्ञापन राजपाल के नाम एसडीएम आफिस में दिया और पत्रकारो पर किये गये झूठे प्रकर्ण को वापस लेने कि मांग कि गई ज्ञात हेा कि विगत तीन सालों से सिरोज मे पदस्थ थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा अपनी निष्क्रयता का सबूत दे रहे थे इन तीन सालों मे नगर अस्माजिक तत्वों का अड्ड्ा बनता गया साथ ही नगर में जुआ सट्ट्ा अन्य मादक पदार्थो का मिलना भी आम हो गया था साथ ही नगर मे चोरीया भी बड गई थी जिसकी रिपोर्ट भी थाने मे लिखी जाना बंद करदी  जिसकी खबरे प्रमुखता से स्थानीय पत्रकार अपने समाचार पत्रो में प्रकाषित करते थे जिसको लेकर आऐ दिन थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने स्थानीय पत्रकारो को धमकाना शुरू कर दिया यहा तक कि उनकी गाडीया रोकक्र झूठे चालान भी काटे यह सब करके थाना प्रभारी चौथे स्तम्भ कि आवाज न दबा सके तो उन्होनें पत्रकारो से मीडिया कि आजादी छीनने व निष्पक्ष पत्रकारतिा न करने का दबाव बनाकर पत्रकारो पर झूठे प्रकर्ण दर्ज कर दिये   विगत कई महीनो से थाना प्रभारी मिश्रा के स्थानंतरण कि मांग स्थानीय समाज सेवी संगठन ,व काग्रेंस कार्य क्रता भी कर रहे थे वही जिले भर के पत्रकार ने भी डीजीपी श्री नंदन दुबे व आई जी श्री  विजय यादव के साथ ही गृह मंत्री उमांषकर गुफप्ता से थाना प्रभारी मिश्रा के स्थानंतरण कि मंाग कि थी जिसके बाद विगत कुछ दिन पहले उनका स्थानतरण सिरोंज से करारिया कर दिया गया  विगत तीन सालों से इसी तरह सिरोंज मे पदस्थ थाना प्रभारी मिश्रा निर्दोष लोगो पर अपने उपर होने वाले विरोध का गुस्सा निकालते आऐं है वही इस संबध मे काग्रेंस नेताओ का कहना है कि यह पत्रकार पुलिस की समस्याओ के अलावा क्षेत्र की समस्यओ को भी बाखूबी उठा रहे थे  जिसको लेकर सत्त पक्ष के नेता भी खासा परेषान थे और माना तो यह भी जा रहा है कि थाना प्रभारी मिश्रा सत्ता पक्ष के कुछ नेताओ के खास भी थे जिनके साथ साठ गाठ करके इन मीडिया कर्मीयो कि आवाज दबाने कि कोशिश कि जा रही है काग्रेंस नेताओ ने कहा किस  तरह पत्रकारो पर झूठे प्रकर्ण दर्ज करना चौथे स्थम्भ का अपमान है वो भी म0प्र शासन के जन्सम्पर्क मंत्री के गृह नगर में जिसपर काबू पाने के लिये मंत्री महेादय कोई प्रयास नही कर रहे है काग्रेंस नेताअेा ने थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा को निलंमबित करने व जन्समर्पक मंत्री से इस्तिफा देने कि बात कही है इस दौरान ज्ञापन देने वालों में पत्रकार सईद खांन ,रोहित शर्मा,राजेष सहेले,डॉ0 मो वसीम,प्रमोद साहू,मुकेष रघुवंषी,जावेद साहिल,अषोक खर्चा,अमीर उद्धीन,नसीमं इंजीनियर,षोभित गांधी,संजीव त्रिपाठी,इरषाद गौरी,अजमल शेर खांन,वाजिद कुरैषी,हेमंत शर्मा,रजी अहमद,नईम गौरी,षब्बू गौरी, आदि मोजूद थे !
मध्य प्रदेश  से  आमिर खान की रिपोर्ट 

वरिष्ठ पत्रकार श्री अंबादत्त भारतीय को 50 हजार का चैक प्रदान, कलेक्टर पहुंचे अस्पताल

सीहोर : वरिष्ठ पत्रकार श्री अंबादत्त भारतीय के उपचार हेतु मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान मद से 50 हजार रूपये की राशि मंजूर की गई है। इस राशि का चैक जिला पंचायत सीईओ श्री बी. एस.जामौद ने आज जिला चिकित्सालय में भर्ती श्री अंबादत्त भारतीय को प्रदान किया।



कलेक्टर पहुंचे अस्पताल
    जिला चिकित्सालय के प्रायवेट वार्ड क्रमांक तीन में भर्ती वरिष्ठ पत्रकार श्री अंबादत्त भारतीय का हाल जानने कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत अस्पताल पहुंचे। उन्होंने श्री भारतीय से चर्चा कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी हासिल की। कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान मद से 50 हजार रूपये की राशि उपचार हेतु उपलब्ध कराई गई है। श्री भारतीय ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे उपचार से वे पूर्णत: संतुष्ट हैं। कलेक्टर श्री कियावत एवं सीईओ जिला पंचायत श्री जामौद ने श्री भारतीय के शीध्र स्वस्थ्य होने की कामना की। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ.टी.एन.चतुर्वेदी, डॉ.बी.के.चतुर्वेदी, पत्रकार  प्रदीप चौहान, 
पत्रकार आमिर खान  पत्रकार राजकुमार गुप्ता, पत्रकार बलजीत सिंह ठाकुर, पत्रकाररघुवर दयाल गोहिया, आदि मौजूद थे। मध्य प्रदेश  से  आमिर खान की रिपोर्ट 

शनिवार, 27 अप्रैल 2013

भूरिया को मानहानि का नोटिस

सीनियर रिपोर्टर, भोपाल। 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को मानहानि का नोटिस दिया गया है। नोटिस अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अधिवक्ता ने दिया। दरसअल, श्री भूरिया ने 23 अप्रैल को रतलाम में भाजपा और भाजपा से जुड़े सभी संगठनों के संठगन मंत्रियों को आतंकवादी करार दिया था। 
ेअपने उद्बोधन में अभाविप व उसके कार्यकर्ताओं पर मनमानी करने के आरोप लगाए थे। इस पर अभाविप ने अपने अधिवक्ता के जरिए विधिक सूचना पत्र भेजा। इसमें उन्होंने भूरिया से दोबारा मीडिया में लिखित माफीनामा भेजकर बयान वापस लेने को कहा है। अभाविप के प्रांत महामंत्री विजय अठवाल ने कहा, यदि श्री भूरिया बयान वापस नहीं लेते हैं तो परिषद न्यायालय की शरण में जाएगा। अठवाल ने बताया, भूरिया ने बिना ेेतथ्य और साक्ष्यों के परिषद के पदाधिकारियों को आतंकवादी बताया है, जोकि बेहद निंदनिय है। 

एयरपोर्ट विस्तार के लिए दी जाएगी 100 एकड़ जमीन

  - एयरपोर्ट की 106 एकड़ से नहीं हट पा रहा अतिक्रमण
  - संभागायुक्त ने दिए प्लान बनाकर लाने के निर्देश
 भोपाल। 
गांधीनगर स्थित एयरपोर्ट अथारिटी की करीब 106 एकड़ जमीन पर पसरा सालों पुराना अतिक्रमण इतनी जल्दी हटने वाला नहीं है। इससे एयरपोर्ट विस्तार की योजनाएं खतरे में पड़ती जा रही है। इसको देखते हुए निर्णय लिया गया है कि एयरपोर्ट की भारी 50 वर्ष की संभावनाओं को देखते हुए इस जगह के बदले में 100 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथारिटी को दी जाएगी। हालांकि इस भूमि के प्रस्ताव तभी भेजा जाएगा, जब अथारिटी प्लान बनाकर प्रस्तुत करेगी।
 संभागायुक्त एसबी सिंह की अध्यक्षता में एयरपोर्ट अथॉरिटी और जिला प्रशासन के अधिकारियों की आयोजित बैठक में यह सहमति बनी है। संभागायुक्त ने एयपोर्ट अधिकारियों से कहा कि वह अगले 50 साल की जरूरत को देखते हुए प्लानिंग करें। उसके बाद ही जमीन संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों ने एयरपोर्ट के विस्तार के लिए कुल 100 एकड़ जमीन की मांग की है। इस पर जिला प्रशासन के अधिकारियेां ने भी सहमति दी और मांगी जा रही जमीन को लेकर उन्होंने एक नक्शा भी दि ााया। जिसमें शासकीय उपलब्ध जमीन दशाई गई है। यह नक्शा एयरपोर्ट अथॉरिटी को दे दिया गया है। वह इसमें से 100 एकड़ जमीन चिन्हित कर उसका प्लान बनाकर देंगे त ाी यह प्रस्ताव भेजा जा सकेगा। संभागायुक्त ने अधिकारियों को बताया कि एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन देने की राज्य सरकार ाी सैद्धांतिक स्वीकृति दे चुकी है।
 बैठक में संभगायुक्त ने सं ाागायुक्त ने जमीन की सुरक्षा को लेकर भी मुद्दा उठा। इस पर संभागायुक्त ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से अपनी जमीन की स्वयं सुरक्षा करने के निर्देश ाी दिए।

 सालों पुराने मकान नहीं टूटेंगे - अतिक्रमण को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 153 लोगों को जारी किए गए बेदखली के आदेश पर भी प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा। हालांकि सालों पुराने मकान नहीं तोड़े जाएंगे। केवल जिन्होंने जबरिया शासकीय भूमि पर आवश्यकता से अधिक कब्जा कर रखा है उन पर कार्रवाई कर व्यवस्थित किया जाएगा।

अवैध कालोनी बनी तो नपेंगे सरपंच-सचिव

-एसडीएम ने जारी किए निर्देश
-52 अवैध कालोनियों पर लगाई जा चुकी है रोक 
भोपाल। 
ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से कालोनी बसने पर अब सरपंच और सचिव नप सकते हैं। ेइन्हें धारा 40 के तहत कार्रवाई करते हुए पद से हटाया जाएगा। यह निर्देश अनुविभागीय अधिकारी हुजूर ग्रामीण राजेश श्रीवास्तव ने जनपद पंचायत फंदा के सरपंच-सचिवों के लिए जारी किए। हालांकि पूर्व से ही कालोनी के लिए डायवर्सन व नजूल एनओसी जरूरी है, ऐसा न होने पर अब इसकी पूरी जिम्मेदारी सरपंच-सचिव की होगी। 
श्री श्रीवास्तव ने बताया, कालोनी के लिए शासकीय अनुमति न होने के बाद भी सरपंच-सचिव अनुमति दे देते थे। यह सब जवाबदारी तय न होने के कारण हो रहा था। अब ऐसा नहीं होगा। अब इन्हें ही अपने क्षेत्र में बन रही कालोनियों को निगरानी करनी होगी। 
उल्लेखनीय है कि पूर्व में कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन व अनुमति के प्लाट काटकर बेचना, सरपंच द्वारा इसके लिए बाला बाला अनुमति दे देना जैसे कई मामले सामने आने के बाद एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव ने इन कालोनियों में काटे जा रहे प्लाट की खरीदी बिक्री पर रोक लगाने के साथ-साथ रजिस्ट्री व नामांतरण पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके काम धड़ल्ले से चल रहा था। 
इधर सस्ती कीमतों में  प्लाट मिलने के चलते लोग ाी धड़ल्ले से प्लाट खरीदकर अपना नुकसान कर रहे थे। इन्हीं बस बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एसडीएम श्री श्रीवास्तव ने जनपद पंचायत फंदा के सरपंच व सचिवों को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अवैध कालोनी का निर्माण करने वाले कालोनाईजर/व्यक्तियों द्वारा कालोनाइर्जर लायसेंस, टीएनसीपी स्वीकृत, अनुमोदित अ िान्यास, डायवर्सन आदेश, नजूल अनापत्ति व कालोनी विकास के लिए अनुमति लिए बिना कालोनी का निर्माण शुरू नहीं कर सकेंगे। यह अनुमतियां बहुत जरूरी है। उन्होंने आदेश में कहा है कि ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिसमें सरपंच व सचिव द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जो नियम विरूद्ध है। उन्होंने सरपंच व सचिवों को निर्देशित किया है कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के अवैध कालोनी निर्माण करने वाले कालोनाइजर पर नजर र ो। शासकीय अनुमति नहीं लेने वालों को पंचायत एनओसी जारी न करें। इसका पालन नहीं करने वालों पर मप्र ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

-यहां लग चुकी है रोक 
ग्रामीण क्षेत्र में जहां रोक लगाई गई है, उनमें कलखेड़ा, नीलबड़ , बरखेड़ा नाथू, मेण्डोरी, बेरखेड़ी बाज्या त, रातीबड़, छापरी, पिपलिया जाहिरपीर, पिपलिया बाज खां, चौपड़ा कलां, इमलिया, इस्लामनगर, अरवलिया, घाटखेड़ी, चीचली, मुगालिया कोट, खामखेड़ा, बंगरसिया, मुगालिया कोट,  रसूलिया पठार, कुराना, खामखेड़ा व मोरगा में बन रहीं थी। खास बात तो यह है कि इन कालोनियों का निर्माण नामचीन बिल्डर व कॉलोनाईजर करवा रहे थे।
 
-होगी कार्रवाई 
ग्रामीण क्षेत्रों में जो कालोनियां अवैध रूप से बन रही थीं, उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। 52 ऐसी अवैध कालोनियों पर अब तक रोक लगाई जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कालोनियां काटने की बात सामने आती है तो सरपंच-सचिव पर धारा ४० के तहत कार्रवाई की जाएगी। 
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र हुजूर
 

अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास पारित

-जिला पंचायत की बैठक में दिखी गुटबाजी 
-सात दिन के भीतर होगी जांच, तभी होगी अलगी बैठक 
भोपाल। 
जिला पंजायत, भोपाल की शुक्रवार को हुई बैठक में अध्यक्ष मीना हिम्मत सिंह गोलय और उपाध्यक्ष कल्पना बृजेश मीना के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव जिला पंचायत के छह सदस्यों ने पारित किया। अब उपायुक्त जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट देंगे। 
कलेक्टर सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जमकर गुटबाजी देखने को मिली। कमिश्नर एसबी सिंह के बाहर होने पर पंचायत सदस्यों ने कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को इस प्रस्ताव से अवगत कराया। 
सभी छह सदस्यों ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव रखा। अविश्वास प्रस्ताव की खास बात यह रही कि इस प्रस्ताव को लाने में अहम भूमिका भाजपा सदस्यों की रही। पंचायती राज अधिनियम के अनुसार 7 दिनों के भीतर ही कमिश्नर को इस अविश्वास प्रस्ताव का निराकरण करना होगा तभी अगली बैठक हो सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। इस चुनावी वर्ष में ग्रामीण विकास की बहुत सी योजनाओं का संचालन भी होना है।

नाराजगी एक बड़ा कारण
जिला पंचायत के भाजपा सदस्यों में अपने संगठन को लेकर भी भारी नाराजगी है। सदस्यों के नाराजगी का एक बड़ा कारण यह है कि जब अध्यक्ष का चुनाव हुआ था तो उस समय यह तय हुआ था कि मीना हिम्मत गोयल व भगवती मेहर का कार्यकाल ढाई-ढाई साल का होगा। इस समझौते के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,हाऊसिंग बोर्ड अध्यक्ष रामपाल सिंह,बीडीए अध्यक्ष सुरेन्द्रनाथ सिंह व भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष भक्तपाल सिंह भी उपस्थित थे। सदस्यों का कहना है कि तीन साल बीत जाने के बाद भी मीना गोयल अपने पद पर कायम है जबकि उन्हें उक्त समझौते के अनुसार पद भगवती मेहर को सौंप देना चाहिए था। सदस्यों ने आरोप लगाया कि संगठन भी अध्यक्ष से इस समझौते का पालन कराने में विफल रहा है फेेेेेेलस्वरुप वे अविश्वास प्रस्ताव लाने को बाध्य हुए हैं।

निराधार है आरोप
पंचायत सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के और उसमें लगाए गए आरोपों के संबंध में जब अध्यक्ष मीना हि मत गोयल से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हे लालबत्ती गाड़ी शासन की तरफ से प्रदान की गई है और वे इस वाहन के लिए पात्र है। जहां तक प्रतिमाह बैठक आयोजित न करने की बात है तो यह आरोप पूर्णतया निराधार है। पद को लेकर हुए समझौते पर अध्यक्ष मीना गोयल ने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है। मैं पूरे पांच साल के लिए चुनकर आई हूं।

ये अध्यक्ष के खिलाफ
1.बैठक प्रतिमाह नहीं आयोजित की जाती है जिससे ग्रामीण विकास अवरुद्ध हो रहा है।
2.जिला पंचायत का वास्तविक बजट वित्तीय वर्ष में प्रस्तुत नहीं किया जाता है जिससे आय-व्यय का ब्यौरा संदिग्ध।
3.अध्यक्ष को लालबत्ती की नहीं, बल्कि पीली बत्ती की पात्रता। उनके वाहन का उपयोग उनके पति द्वारा किया जाना।
4. अध्यक्ष के लेटर पैड का इस्तेमाल अधिकारियों-कर्मचारियों की झूठी शिकायतें करने में
5.डीजल व्यय आवश्यकता से अधिक करना।
उपाध्यक्ष के खिलाफ
1.जिला पंचायत शिक्षा स्थाई समिति की बैठक प्रतिमाह नहीं होना।
2.ग्रामीण विकास में कोई रुचि नहीं लेना।
3.वाहन पर पीली बत्ती लगाकर घूमना। वाहन का उपयोग उनके पति द्वारा किया जाना।
4.अधिकारियों-कर्मचारियों को धमकाना। 

नायक गोलीकाण्ड के आरोपी की गिरफ्तारी की मांग

घायल युवक के भाई ने खोला मोर्चा, दर्जन भर युवकों के साथ गृहमंत्री को सौंपा ज्ञापन, कार्यवाही के आदेश
भोपाल। 
शिवपुरी जिले में चर्चित सौरभ नायक गोली काण्ड के मुख्य आरोपी गोलू व्यास पुत्र रामजी व्यास की गिरफ्तारी ना होने से घायल के परिजनों में काफी रोष व्याप्त है। इस मामले में घायल के भ्राता व पत्रकार गौरव नायक ने शुक्रवार की देापहर अपने सैकड़ों साथियों के साथ एकत्रित होकर भोपाल स्थित गृहमंत्री निवास का घेराव किया और इस पूरे मामले से अवगत कराते हुए शीघ्र आरोपी की गिरफ्तार की मांग की। इस मामले में गृहमंत्री के निज सहायक ने शिवपुरी के पुलिस व प्रशासन को जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही के आदेश दिए है। 
    यहां बता दें कि बीती 22 अप्रैल की रोज शहर के प्रायवेट बैंक कर्मचारी सौरभ पुत्र महेन्द्र नायक निवासी शांतिनगर अपने मौसी के लड़के विकास शर्मा के साथ घर के बाहर खड़ा हुआ था तभी किसी पुराने विवाद की रंजिश के चलते गोलू पुत्र रामजी व्यास आया और सौरभ से विवाद करने लगा जिस पर कुछ देर बाद ही गोलू ने सौरभ को गोली मार दी जो उसके बाऐं पैर में जा लगी। इसके बाद घायल सौरभ को अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया और उसने पुलिस को इकबालिया बयान दिया कि गोली गोलू व्यास ने मारी है जिसका प्रत्यक्षदर्शी उसका मौसी का लड़का विकास शर्मा उर्फ जिम्मी भी है जिसने भी पुलिस को यही बयान दिए। उसके बाद भी घटना के दिन प्रतिदिन गुजरने के बाद कोई कार्यवाही ना होने परिजनों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। हालांकि परिजन इस बात से संतुष्ट है कि घटना के तुरंत बाद एसपी ने इस मामले में तत्परता दिखाई और आरोपी के विरूद्ध धारा 307 का मामला दर्ज हुआ लेकिन  जब मामले की विवेचना की जा रही है तभी एसडीओपी शिवपुरी व टीआई कोतवाली के विरोधीभासी बयानों में इस मामले को संदिग्ध बताया है जिससे पजिनों ने पुलिस कोतवाली व एसडीओपी के विरूद्ध भी इस मामले में निष्पक्षता से जांच की मांग की है और आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए प्रदेश के गृहमंत्री को भी मामले से अवगत कराया गया है। 
 

जल्द नियुक्त होगी महिला डॉक्टर

0 नगर निगम कमिश्नर गढ़पाले ने शासन को भेजा प्रस्ताव
भोपाल। 
नगर निगम चिकित्सालय में जल्द ही महिला डॉक्टर की कमी पूरी हो जाएगी। निगम प्रशासन ने इस दिशा में प्रयास शुरु कर दिए है। निगम कमिश्नर विशेष गढ़पाले के निर्देश पर महिला डॉक्टर की पदस्थापना के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार,एक-दो दिन में इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,नगर निगम चिकित्सालय में पिछले 7 वर्षों से महिला डॉक्टर की कमी के चलते महिला मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच निगम से विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने महापौर से लेकर कमिश्नर के सामने यह समस्या रखी,लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। लेकिन बीते दिनों ननि. भोपाल सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल ने निगम कमिश्नर विशेष गढ़पाले से मुलाकात में उन्हें इस परेशानी से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार द्वारा डॉक्टर की पदस्थापना नहीं करने तक निगम प्रशासन को अपने स्तर पर महिला डॉक्टर की संविदा नियुक्ति करने का सुझाव भी दिया। कमिश्नर ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए अपर आयुक्त (स्वास्थ्य) को तत्काल महिला डॉक्टर की पदस्थापना के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव पहुंचाने के निर्देश दिए। कमिश्नर के निर्देशों पर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने 25 अप्रैल को सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।
वर्तमान में 1 डॉक्टर संभाल रहा है सभी काम
एक समय था कि नगर निगम चिकित्सालय में चार डॉक्टर हुआ करते थे। इनमें डा.जी.के.व्यास(शिशु रोग विशेषज्ञ),डा.हबीबा सुल्तान (महिला रोग विशेषज्ञ),डॉ.प्रशांत बाजपेयी(नेत्र रोग विशेषज्ञ) और डॉ.विजय केशव शर्मा(हो योपैथी डॉक्टर) शामिल थे।  यह सभी डॉक्टर इलाज के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था,जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने आदि की जि मेदारी भी संभालते थे। लेकिन पिछले 10 वर्षों में एक-एक कर डॉ. व्यास,डॉ.हबीबा और डॉ. शर्मा रिटायर हो गए। इस वक्त डॉ. बाजपेयी मरीजों के इलाज के साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण व वैवाहिक पंजीयन आदि की जि मेदारी संभाल रहे है। लेकिन डॉक्टरों विशेषकर डॉ. हबीबा के रिटायर होने के बाद से ही महिला मरीजों को मलिा डॉक्टरों की कमी खल रही है।
डॉ. काले को मिल सकती है जि मेदारी
सूत्रों के अनुसार,निगम चिकित्सालय में राज्य सरकार के  स्वास्थ्य विभाग की डॉ.कीर्ति डाले (महिला रोग विशेषज्ञ) की पदस्थापना हो सकती है। डॉ.डाले वर्तमान में किलोल पार्क स्थित सहायक संचालक स्वास्थ्य के कार्यालय में पदस्थ है और वह निगम में अपनी सेवाएं देने को तैयार है। बताया जाता है कि डॉ. डाले की मंशा को देखते हुए ही निगम प्रशासन ने उनकी पदस्थापना करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।
डॉ.शर्मा की संविदा नियुक्ति
सूत्रों के अनुसार,निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संगठन ने निगम कमिश्नर को सौंपे एक ज्ञापन में निगम से सेवानिवृत्त हो योपैथी डॉक्टर विजय केशव शर्मा को दवाखाने में संविदा नियुक्ति देने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है डॉ. शर्मा अनुभवी डॉक्टर है और वे उक्त पद्धति से सभी प्रकार के रोगों को उपचार करने में सक्षम है। कमिश्नर गढ़पाले ने इस संबंध में अपर आयुक्त (स्वास्थ्य) को निर्देश दिए है।

अजाक्स का प्रतिनिधि मंडल मिला श्री श्रीवास्तव से

-मिला जल्द कार्रवाई का आश्वासन 
भोपाल। 
मप्र अनुसूचित जाति-जन जाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) का एक प्रतिनिधि मंडल शुक्रवार को प्रांतीय महासचिव ओपी अहिरवार के नेतृत्व में लंबित मांगों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मिला। प्रतिनिधी मण्डल ने इस दौरान अपनी मांगों के कुछ दस्तावेज भी दिए। संघ ने 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर कर्मचारी संघों के प्रतिनीधियों से बैकलॉग तथा आरक्षण अधिनियम 1994 के उल्लघंन करने वाले विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। संघ द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने सैद्धंातिक सहमति व्यक्त करते हुए शीघ्र कार्रवाई करनेे का आश्वासन दिया। प्रमुख सचिव श्री श्रीवास्तव ने संघ की अन्य मांगों पर विश्वास जताते हुए कहा की सम्पूर्ण प्रदेश में शीघ्र ही दलित बेरोजगार युवकों व्यावसायिक भूखण्ड एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत 25 लाख रुपए तक का ऋण दिलाया जाएगा। उन्होंने पात्र हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा। प्रतिनिधी मण्डल ने मुख्यमंत्री सहित प्रमुख सचिव का धन्यवाद ज्ञापित किया है। 
 

ेतहसीलदारों की गांधीगिर खत्म, आज से बनेंगे प्रमाण-पत्र

-प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन, अंहिसावादी तरीके से तीन दिन तक चला संघ का आंदोलन 
भोपाल। 
आय, जाति, स्थानीय निवासी सहित गैर-राजस्व दस्तावेज बनाने के लिए बीते तीन दिनों से परेशान हो रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। उनके यह प्रमाण-पत्र आज से बनेंगे। दरअसल, मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के बैनर तले चल रही तहसीलदार-नायब तहसीलदारों की 'गांधीगिरीÓ खत्म हो गई है। शनिवार से ये गैर राजस्व दस्तावेजों पर भी कलम चलाएंगे। 
संघ के प्रांताध्यक्ष पीएस त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया, संघ की अधिकतर मांगों पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने वर्ष 2012 के तहसीलदारों की पदोन्नति एक सप्ताह के भीतर करने, वर्ष 2013 के तहसीलदारों की दो माह में तथा लोक सेवा गारंटी की सेवाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने का आवश्सन दिया है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों प्रदेश भर के तहसीलदार राजधानी में रणनीति बनाने के लिए जुटे थे। इसके बाद 24 अप्रैल से गांधीगिरी का रास्ता अपनाया था। 

-पहले ली बैठक 
आंदोलन समाप्ति से पहले, संघ के पदाधिकारियों ने एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि आश्वास मिला है तो सरकार की मंशानुसार वक्त दिया जाना चाहिए। श्री त्रिपाठी ने कहा, इसके के चलते आंदोलन को वापस लिए जाना का निर्णय लिया है। इससे पहले प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री से संघ का एक एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवर को मिला था। इसमें अधिकतर मांगों पर सहमति बनी। इसके बाद संघ के पदाधिकारियों ने बैठक बुलाई। 

-२४ से की थी गांधीगिरी 
मांगों पर सहमति न बन पाने के बाद 24 अप्रैल से तहसीलदार-नायब तहसीलदार गांधीगिरी के रास्ते पर चल पड़े थे। यह अहिसात्मक आंदोलन तीन दिन तक चला। तीन दिनों तक प्रदेश भर के तहसीलदार-नायब तहसीलदार ने राजस्व प्रकरणों व निर्वाचन कार्य को छोड़ किसी भी काम में अपनी भूमिका नहीं निभाई। बीते दिनों से आय, जाति, स्थानिय निवासी सहित अन्य सेवाओं के लिए लोग खासे परेशान हुए। वहीं लॉ एण्ड आर्डर व वीआईपी ट्रीट मेंट जैसी व्यवस्थाओं पर भी खासा असर दिखाई दिया। 

-इन पर बनी सहमति 
१. लोक सेवा गांरटी कानून के तहत जिन तहसीलदार-नायब तहसीलदारों पर लगाया गया जुर्माना, जल्द वापस लिए जाने की कार्यवाही होगी। 
२. बिना सुनवाई आगे से तहसीलदार-नायब तहसीलदार जुर्माना अधिरोपित नहीं किया जाएगा। 
३. लोसेगां को सफल बनाने सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को एक-एक कंप्यूटर आपरेटर और कंप्यूटर दिया जाएगा। इस तरह प्रदेश भर में कुल 1348 कंप्यूटर आपरेटरों की भर्ती होगी। 
४. सभी तहसीलदार को वाहन दिए जाएंगे। तीन करोड़ से 158 वाहन राजस्व विभाग के जरिए दिए जाएंगे। 
५. तहसीलदार-नायब तहसीलदारों को गैर-राजस्व से संबंधित सेवाओं से मुक्ति के लिए आदेश दिए जाएंगे। 
६. नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरण यदि न्यायालय में होंगे तो उन्हें लोसेगां में शामिल नहीं किया जाएगा। 
७. समयसीमा, वेतनमान एवं वेजेस देने में शासन की सहमति दी जाएगी। 
८. २०१२ के में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर के पद जिन्हें पदोन्नति दी जानी है उनके आदेश एक सप्ताह में जारी होंगे। 
९. दो माह के भीतर २०१३ की तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर के पदो पर पदोन्नति होगी। 
१०. कैबिनेट द्वारा स्वीकृत डिप्टी कलेक्टर के ४४ अतिरिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। 

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

'मिशन २०१३': कांग्रेस का चुनावी शंखनाद-अब टिकट के लिए खत्म होगी दिल्ली की दौड़

 ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटियां तय करेंगी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार
- 'राहुल' ने टटोली मप्र में कांग्रेस की नब्ज, नेताओं को दी एकजुट रहकर पार्टी को मजबूत करने की नसीहत
- कांग्रेस एक परिवार की तरह, हमें एक-दूसरे का सम्मान करना होगा
- ब्लॉक एवं जिला अध्यक्षों को पॉवर देने आया हूं 
- गुटबाजी पर कहा, चुनावों में भीतरघात पार्टी के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक 
- प्रतिनिधियों से की वन-टू-वन चर्चा, कहा- केंद्र योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें 
 भोपाल ।
 मप्र में इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस की नब्ज तलाशने आए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को पूरा भरोसा दिलाया कि पार्टी गुटबाजी से उबरकर एकजुटता के साथ चुनावी चुनौती से निपटने में सक्षम है। राहुल अपने दो दिवसीय मप्र के सांगठनिक दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को भोपाल पहुंचे और पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों से 'वन-टू-वन' संवाद किया। इस दौरान उन्होंने गुटबाजी के अलावा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा एवं चुनावों में भीतरघात को पार्टी के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब कार्यकर्ताओं की बात पर हमें ध्यान देना होगा। धार जिले के मोहनखेड़ा ओर भोपाल में यूं तो कांग्रेस के 'युवराज' ने संवाद के जरिए मिशन 2013 और 2014 की तैयारियों को टटोलने का प्रयास किया, लेकिन राजनीतिक पंडित इसे कांग्रेस का चुनावी शंखनाद ही मान रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में नेताओं को आह्वान करते हुए श्री गांधी ने कहा कि वे नए जोश, नए संकल्प और नई प्रतिबद्वता के साथ कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाने के लिए एकजुट हो जाएं। उन्होंने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए अब दिल्ली तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार कौन होगा यह ब्लॉक, जिला कांग्रेस कमेटियां एवं निचले स्तर के कार्यकर्ता ही करेंगे। 

मैं आपको पॉवर देने आया हूं 
भोपाल एयरपोर्ट से सीधे मानस भवन पहुंचे राहुल गांधी ने जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों में उत्साह भरने के लिए उनकी शिकायतें और सुझाव सुने। उन्होंने शिकायतें तो सुनीं, लेकिन किसी नेता विशेष की शिकायत को सुनने में रुचि नहीं ली। उनका स्पष्ट मत था कि ब्लॉक और जिला स्तर के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी स्वयं मजबूज बनें, क्योंकि नेता तो आज भी मजबूत हैं, और कल भी मजबूत रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं आपको पॉवर देने आया हूं, आप अपने पॉवर को पहचानें। नेताओं के आगे-पीछे घूमने से न तो आपका भला होगा और न ही पार्टी का। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार जिला एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी चुनें इसका प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ टिकट आम जनता की राय जानकर भी दिए जाएंगे। दक्षिण भारत के एक राज्य में इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है, उसकापरिणाम भी सामने आ जाएगा। इससे पहले राहुल गांधी का भोपाल आगमन पर शानदार स्वागत किया गया। 
जन-जन तक पहुंचाएं केंद्र की योजनाएं 
मानस भवन में श्री गांधी ने 15 संसदीय क्षेत्रों के 25 जिलों के वर्तमान कांग्रेस सांसद और विधायक, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव 2008 और लोकसभा चुनाव 2009 के कांग्रेस प्रत्याशी तथा कांग्रेस के मोर्चा संगठनों के अध्यक्षों से चर्चा कर कांग्रेस को मजबूत बनाने और एकजुट रहने का संदेश दिया। प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने साफ  तौर पर कहा कि वे केंद्र द्वारा चालित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें। राहुल गांधी ने मानस भवन में पदाधिकारियों से चर्चा के समय सिर्फ  बीके हरिप्रसाद को ही अपने साथ रखा। बाकि प्रदेश के सभी नेता चर्चा स्थल पर नहीं थे। इसके पीछे मकसद यह था कि किसी भी गुट का समर्थक पदाधिकारी हो अपनी बात खुलकर सामने रख सकें। मानस भवन में चर्चा के दौरान सीहोर की रुकमणि रोहला ने राहुल गांधी से कहा कि मप्र के नेता बड़े दमदार हैं आपकी यहां नहीं चलने देंगे, हालांकि इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला को टिकट दिया जाना चाहिए। 
योग्य को ही मिलेगा टिकट, अयोग्य को नहीं
इधर, दूसरी रवींद्र भवन में हुई दूसरी बैठक में उन्होंने पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनावों में अयोग्य (हारे हुए) प्रत्याशियों के लिए कोई जगह नहीं है, सिर्फ जीते हुए प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि जो पार्टी के लिए काम करेगा, उसे ही पार्टी में जगह दी जाएगी, इसलिए पार्टी के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि गुटबाजी से पार्टी को नुकसान पहुंच रहा है, एकजुट होकर मप्र में कांग्रेस को जिताने के लिए जुट जाएं। राहुल गांधी ने सागर और दमोह के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बीना के पदाधिकारियों को और मजबूत बनाना होगा। ताकि आने वाले समय में वे अपनी उचित भागीदारी दें सकें। 
मैं घास को सींचने आया हूं 
गुटबाजी को लेकर की गई शिकायत में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे गुटबाजी से अपने को दूर रखें और पार्टी की मजबूती के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार की तरह है, हमें पार्टी के भीतर एक-दूसरे का सम्मान करना होगा। राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया कि कांग्रेस जमीन है और उसकी घास कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस घास को सींचने आया हूं, यह जितनी हरी-भरी होगी कांग्रेस की जमीन उतनी ही हरी-भरी होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ऐसे युवाओं को भी मौका देगी जो काबिल हैं और जो जीतकर आ सकते हैं। 
बुंदेलखंड के नेताओं से मिले राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विशेष तौर से बुंदेलखंड के नेताओं से मुलाकात की। सुर्खी से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कार्यकर्ताओं के साथ राहुल से मिले, इस दौरान उन्होंने राहुल को बताया की बुंदेलखंड के विकास के लिए जो राशि केंद्र सरकार ने मुहैया की थी, वह भ्रष्टाचार की बली चढ़ चुकी है। उन्होंने राहुल गांधी को बताया कि बुंदेलखंड पैकेज में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी जांच केंद्रीय स्तर पर करवाई जानी चाहिए। 
पीसीसी में बनी चुनावी रणनीति 
पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद दोपहर करीब २.४० बजे पीसीसी पहुंचे राहुल गांधी ने देर शाम तक नेताओं से बंद कमरे में चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान मप्र में 'मिशन 2013' की रणनीति पर विशेष विमर्श हुआ। विधानसभा चुनाव में मप्र फतह करने के लिए राहुल ने जहां नेताओं को एकजुट होकर काम करने की सलाह दी, वहीं पार्टी की मजबूती के लिए सुझाव भी मांगे। इस दौरान श्री गांधी ने कांग्रेसजनों का आव्हान किया कि वे वर्ष 2003 और 2008 के विधान सभा चुनावों में हुई पार्टी की पराजय को भुलाकर नए जोश, नए संकल्प और नई प्रतिबद्वता के साथ कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाने के लिए अभी से जुट जाएं। अगला विधान सभा चुनाव मप्र के प्रत्येक कांग्रेसी के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के सभी कांग्रेसजन एकजुट होकर इस चुनौती को स्वीकार करेंगे और पार्टी को वह सब पुन: दिलाएंगे, जो उसने 2003 और 2008 में खोया था। पीसीसी में नेताओं से बैठक के बाद राहुल गांधी शाम को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए।