-नगर निगम के पास न संसाधन है न ही अधिकार
-हो रही केवल कागजी खानापूर्ति
भोपाल।
१० नम्बर स्थित हरेकृष्णा मार्केट में आग लगने के बाद नगर निगम ने लगभग 150 भवन, प्रतिष्ठान और संस्थाओं को नोटिस जारी कर खाना पूर्ति तो कर दी। निगम के पास फायर एक्ट और पर्याप्त संसाधन न होने पर शहर की सुरक्षा कैसे होगी? इस पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
यह स्थिति शहर की नहीं प्रदेश की है। ऐसे में राजधानी की किसी भी बहुमंजिला इमारत, होटलों, रेस्टोरेंट सहित अन्य भवनों में अग्नि सुरक्षा के न तो पर्याप्त इंतजाम हैं। दूसरी ओर निगम के जिम्मेदार अब पड़ताल करने की बात कर रहे हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले रायल मार्केट स्थित बीएसएनएल के दफ्तर सहित अन्य शासकीय इमारतों में अगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।
-नहीं है गाइडलाइन
शहर में जब अगजनी होती है, तब नगर निगम ऐहतियातन बहुमंजिला इमारतों, दफ्तर और प्रतिष्ठानों को अग्नि सुरक्षा के इंतजामों के संबंध में नोटिस भेजता है। बावजूद इसके नोटिस के निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं हो पाता। न निगम के पास पर्याप्त अमला न ही कार्रवाई करने स्वतंत्र रूप से अधिकार। ताज्जुेब की बात यह है कि प्रदेश में भूमि विकास नियम-2012 लागू कराया गया। इसके बाद बहुमंजिला भवनों की ऊंचाई बढ़ाई गई। हाइराइज बिल्डिंगों की सुरक्षा इंतजाम की कमान किसके जिम्मे होगी इस बारे कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है।
-प्रदेश का यही हाल
भले ही प्रदेश के शहर मेट्रो की तर्ज पर बढ़ रहे हो। भूमि विकास नियम-2012 लागू होने के बाद हाइराइज बिल्डिंगे बनाने में तेजी आई हो, लेकिन प्रदेश स्थापना के ५५ साल बाद भी प्रदेश में फायर एक्ट को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। गौर करने वाली बात ये है कि बड़ी बिल्डिंग और बहुमंजिला भवनों से शहर पटने के बाद भी किसी भी नगर निकाय ने प्रदेश सरकार से एक्ट बनाने के लिए नहीं कहा। वहीं न ही प्रदेश सरकार ने लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद भी सबक नहीं लिया। नगर निगम भोपाल में बहुमंजिला भवनों के लिए फायर एनओसी का प्रावधान किया गया है, लेकिन बहुमंजिला भवनों के कर्ताधर्ताओं पर दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार नहीं मिला।
-इन्हें जारी किया नोटिस
हर साल ग्रीष्म ऋतु में शहर होने वाली अगजनी के बाद कई प्रतिष्ठानों, भवनों को नोटिस जारी करता है। इस बार भी कईयों को नोटिस जारी किए हैं। पर नगर निगम नोटिस जारी करने के बाद अन्य अन्य कामों में लग जाता है। ऐसे में लापरवाही का सीधा खामियाजा जनता को उठाना पड़ता रहा है।
एमपी नगर में:- होटल सुरेंद्र विलास, गुरुकृपा भोजनालय, हांगकांग चाइनीज रेस्टोरेंट, होटल राजहंस, टेस्ट ऑफ इंडिया, आर्य भवन, होटल स्काईलार्क एंड बार, होटल लैंडमार्क लेक सिटी, होटल पंचवटी, होटल आर्य पैलेस, होटल आमेर पैलेस, रोशनपुरा स्थित ताप्ती एवं बेतवा अपार्टमेंट।
न्यू मार्केट में:- पंचानन भवन, बीएसएनएल भवन, डाक भवन, गंगोत्री भवन, आपूर्ति सुपर बाजार, अपेक्स बैंक, क्वालिटी रेस्टोरेंट, कोटरा सुल्तानाबाद के अन्नपूर्णा का पलेक्स व जीवन विहार का कॉप्लेक्स तथा माता मंदिर स्थित प्लेटिनम प्लाजा के प्रबंधकों को नोटिस थमाए जाते हैं।
-नहीं ली नसीहत
रायल मार्केट चौराहे स्थित बीएसएनएल दफ्तर में बीते साल भीषण आग लगी थी। घटना के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में अन्य होटल, रेस्टोरेंट सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हुई और दफ्तरों में इतजामात को देखा गया। अग्नि सुरक्षा की पड़ताल का पूरा काम केवल तीन दिन तक चला। चौथे दिन से हमला अवैध होर्डिंग काटने में लग गया। लिहाजा सुरक्षा की बात ठंडे बस्ते में चली गई। अब जब दस नम्बर पर पास हरेकृष्णा मार्केट में आग लगी तो फिर यादें ताजा हुई। निगम प्रशासन ने फिर बहुमंजिला भवन संचालकों को नोटिस जारी किए। पर पड़ताल अब तक नहीं की गई। निगम के प्रशासनिक अधिकारी दबी जुबान में यह बात भी स्वीकारते हैं कि आला अधिकारी चाहे तो कार्रवाई हो सकती है, लेकिन जहां से राजस्व वसूली होती है। उसी कार्य को प्राथमिकता दी जाती है।
-इस सप्ताह पड़ताल करेंगे
इस बार १५० लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें भवन, बहुमंजिला इमारत और नामी प्रतिष्ठान शामिल हैं। नोटिस जारी होने के बाद अग्नि सुरक्षा को लेकर किसने क्या व्यवस्था की इस सप्ताह में यह पड़ताल की जाएगी।
साजिद खान, इंचार्ज, फायर सर्विस, नगर निगम
-हो रही केवल कागजी खानापूर्ति
भोपाल।
१० नम्बर स्थित हरेकृष्णा मार्केट में आग लगने के बाद नगर निगम ने लगभग 150 भवन, प्रतिष्ठान और संस्थाओं को नोटिस जारी कर खाना पूर्ति तो कर दी। निगम के पास फायर एक्ट और पर्याप्त संसाधन न होने पर शहर की सुरक्षा कैसे होगी? इस पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
यह स्थिति शहर की नहीं प्रदेश की है। ऐसे में राजधानी की किसी भी बहुमंजिला इमारत, होटलों, रेस्टोरेंट सहित अन्य भवनों में अग्नि सुरक्षा के न तो पर्याप्त इंतजाम हैं। दूसरी ओर निगम के जिम्मेदार अब पड़ताल करने की बात कर रहे हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले रायल मार्केट स्थित बीएसएनएल के दफ्तर सहित अन्य शासकीय इमारतों में अगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।
-नहीं है गाइडलाइन
शहर में जब अगजनी होती है, तब नगर निगम ऐहतियातन बहुमंजिला इमारतों, दफ्तर और प्रतिष्ठानों को अग्नि सुरक्षा के इंतजामों के संबंध में नोटिस भेजता है। बावजूद इसके नोटिस के निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं हो पाता। न निगम के पास पर्याप्त अमला न ही कार्रवाई करने स्वतंत्र रूप से अधिकार। ताज्जुेब की बात यह है कि प्रदेश में भूमि विकास नियम-2012 लागू कराया गया। इसके बाद बहुमंजिला भवनों की ऊंचाई बढ़ाई गई। हाइराइज बिल्डिंगों की सुरक्षा इंतजाम की कमान किसके जिम्मे होगी इस बारे कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है।
-प्रदेश का यही हाल
भले ही प्रदेश के शहर मेट्रो की तर्ज पर बढ़ रहे हो। भूमि विकास नियम-2012 लागू होने के बाद हाइराइज बिल्डिंगे बनाने में तेजी आई हो, लेकिन प्रदेश स्थापना के ५५ साल बाद भी प्रदेश में फायर एक्ट को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। गौर करने वाली बात ये है कि बड़ी बिल्डिंग और बहुमंजिला भवनों से शहर पटने के बाद भी किसी भी नगर निकाय ने प्रदेश सरकार से एक्ट बनाने के लिए नहीं कहा। वहीं न ही प्रदेश सरकार ने लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद भी सबक नहीं लिया। नगर निगम भोपाल में बहुमंजिला भवनों के लिए फायर एनओसी का प्रावधान किया गया है, लेकिन बहुमंजिला भवनों के कर्ताधर्ताओं पर दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार नहीं मिला।
-इन्हें जारी किया नोटिस
हर साल ग्रीष्म ऋतु में शहर होने वाली अगजनी के बाद कई प्रतिष्ठानों, भवनों को नोटिस जारी करता है। इस बार भी कईयों को नोटिस जारी किए हैं। पर नगर निगम नोटिस जारी करने के बाद अन्य अन्य कामों में लग जाता है। ऐसे में लापरवाही का सीधा खामियाजा जनता को उठाना पड़ता रहा है।
एमपी नगर में:- होटल सुरेंद्र विलास, गुरुकृपा भोजनालय, हांगकांग चाइनीज रेस्टोरेंट, होटल राजहंस, टेस्ट ऑफ इंडिया, आर्य भवन, होटल स्काईलार्क एंड बार, होटल लैंडमार्क लेक सिटी, होटल पंचवटी, होटल आर्य पैलेस, होटल आमेर पैलेस, रोशनपुरा स्थित ताप्ती एवं बेतवा अपार्टमेंट।
न्यू मार्केट में:- पंचानन भवन, बीएसएनएल भवन, डाक भवन, गंगोत्री भवन, आपूर्ति सुपर बाजार, अपेक्स बैंक, क्वालिटी रेस्टोरेंट, कोटरा सुल्तानाबाद के अन्नपूर्णा का पलेक्स व जीवन विहार का कॉप्लेक्स तथा माता मंदिर स्थित प्लेटिनम प्लाजा के प्रबंधकों को नोटिस थमाए जाते हैं।
-नहीं ली नसीहत
रायल मार्केट चौराहे स्थित बीएसएनएल दफ्तर में बीते साल भीषण आग लगी थी। घटना के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में अन्य होटल, रेस्टोरेंट सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हुई और दफ्तरों में इतजामात को देखा गया। अग्नि सुरक्षा की पड़ताल का पूरा काम केवल तीन दिन तक चला। चौथे दिन से हमला अवैध होर्डिंग काटने में लग गया। लिहाजा सुरक्षा की बात ठंडे बस्ते में चली गई। अब जब दस नम्बर पर पास हरेकृष्णा मार्केट में आग लगी तो फिर यादें ताजा हुई। निगम प्रशासन ने फिर बहुमंजिला भवन संचालकों को नोटिस जारी किए। पर पड़ताल अब तक नहीं की गई। निगम के प्रशासनिक अधिकारी दबी जुबान में यह बात भी स्वीकारते हैं कि आला अधिकारी चाहे तो कार्रवाई हो सकती है, लेकिन जहां से राजस्व वसूली होती है। उसी कार्य को प्राथमिकता दी जाती है।
-इस सप्ताह पड़ताल करेंगे
इस बार १५० लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें भवन, बहुमंजिला इमारत और नामी प्रतिष्ठान शामिल हैं। नोटिस जारी होने के बाद अग्नि सुरक्षा को लेकर किसने क्या व्यवस्था की इस सप्ताह में यह पड़ताल की जाएगी।
साजिद खान, इंचार्ज, फायर सर्विस, नगर निगम