शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

मनरेगा कार्यशाला में बोले सीएम


समय पर नहीं मिलती मजदरों को मजदूरी
भोपाल।
देश की सबसे बड़ी योजना मनरेगा में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकारी। उन्होंने कहा, समय पर भुगतान एक बड़ी  चुनौती है। योजना में बिचौलियों की भूमिका भले ही न के बराबर है, लेकिन तकनीकी अमले की कमी और फंड की अवरुद्धता इस योजना के क्रियान्वयन में एक बड़ी समस्या है।
मुख्यमंत्री यहां मनरेगा-उपलब्धियां, चुनौतियों और अवसर विषय पर आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, मनरेगा गरीब मजदूरों के लिए वरदान है। इसमें मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने मप्र में अल्ट्रा बैंकिंग इकाई और मोबाईल बैंकिंग की व्यवस्था की गई है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्तुत करने का समय वर्षा ऋ तु में होना चाहिए ताकि सितम्बर माह में राशि मिल जाए तथा सितम्बर से जून माह तक विकास कार्य किये जा सकें। मार्च माह में बजट प्रस्तुत होने से काम करने के दो-तीन माह हिसाब-किताब में निकल जाते हैं।

कृषि को भी जोड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा, मनरेगा से कृषि को भी जोड़े जाने की जरूरत है। ऐसा होता है तो कृषि का लाभ बढ़ जाएगा। मनरेगा का लक्ष्य हो कि श्रमिक मजदूरी पर निर्भर नहीं रहें और आत्मनिर्भर बनें। जब देश में मनरेगा की जरूरत नहीं रहेगी यही इसकी सबसे बड़ी सफलता होगी। उन्होंने कहा कि केवल कुछ लोगों का विकास, विकास नहीं है यह समझना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मनरेगा को श्रमिकों के लिए अधिक उपयोगी बनाया जाना चाहिए। मनरेगा के माध्यम से श्रमिकों के हाथों में हुनर दिया जाय तो वे ज्यादा मेहनत कर अच्छी आमदानी अर्जित कर पाएंगे।

30 नए कामों को जोड़ा गया
कार्यशाला में डा. मिहिर शाह ने कहा, इसके क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने के लिए और सुझाव देने के लिए केंद्र ने उनकी अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। समिति ने सभी योजनाओं में फ्लेक्सि फंड का प्रस्ताव रखा है और राज्यों की मांग पर 30 नए कार्य मनरेगा में जोड़े हैं। मनरेगा में जोड़े जाने वाले नए कार्य ग्रामीण आजीविका जैसे गौ-पालन, मछली पालन और प्रकृति आधारित हैं। इनमें आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन के सुझाव ग्रामीण विकास मंत्रालय को दिये जा सकेंगे।

बढ़ी है सिंचाई
कार्यशाला में उपस्थित अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा ने कहा, मनरेगा के जरिए प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ी है। प्रदेश में मनरेगा में स्वीकृत कार्यों में से 65 प्रतिशत पूरे किये जा चुके हैं, जो राष्ट्रीय औसत 56 प्रतिशत से बेहतर है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में भूमिहीन मजदूरों और लघु कृषकों के लिये अलग-अलग कार्ययोजना बनायी जाये। उन्होंने मनरेगा की चुनौतियों, अपेक्षाओं, क्रियान्वयन और कमियों पर प्रस्तुतिकरण दिया।

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