विधानसभा चुनाव के पहले मास्टर-टे्रनर्स के प्रशिक्षण का कार्य शुरू हो गया है। बेसलाइन सर्वे के लिए ५० मास्टर-ट्रेनर्स को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बुधवार को इसकी शुरुआत हुई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद एवं संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल की मौजूदगी में मास्टर-ट्रेनर्स को बेसलाइन सर्वे की बारीकी से अवगत कराया गया। मास्टर-ट्रेनर्स जिलों में जाकर 2300 प्रगणकों को प्रशिक्षित करेंगे। बेसलाइन सर्वे के लिये आर्थिक, सांख्यिकी संचालनालय नोडल एजेंसी है।
प्रशिक्षण में आर्थिक, सांख्यिकी संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मास्टर-ट्रेनर्स को चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिये सौंपे गये उत्तरदायित्व को पूरी निष्ठा से करने को कहा। उन्हें बताया गया कि सर्वेक्षण में मतदाताओं के किस प्रकार के व्यवहार का अध्ययन करना है। पंजीयन प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं की जागरूकता का स्तर, उनकी समझ एवं भागीदारी तथा संतुष्टि के स्तर का पता लगाना होगा। सर्वे में पंजीयन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारणों का अध्ययन और पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी के कारणों का आकलन भी किया जायेगा। सर्वे के लिये तैनात मैदानी अमला मतदान में कम रुचि दिखाने वाले मतदाता समूहों की पहचान भी करेगा। इस दौरान स्वीप योजना के लिये प्रचार माध्यमों की पहुंच का अध्ययन किया जाएगा। अधिकारियों ने मास्टर-ट्रेनर्स से कहा, सर्वेक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निर्धारित बिन्दुओं का अध्ययन कर सुझाव लिए जाएंगे। ताकि समय पर उचित निर्णय लिया जा सके। प्रशिक्षण के पहले दिन उज्जैन, इंदौर, भोपाल, जबलपुर और होशंगाबाद संभाग के मास्टर-ट्रेनर्स ने भाग लिया। 18 को होने वाले प्रक्षिण में चम्बल, ग्वालियर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग के मास्टर-ट्रेनर भाग लेंगे और बारियों के बारे में समझेंगे।
बुधवार को इसकी शुरुआत हुई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद एवं संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल की मौजूदगी में मास्टर-ट्रेनर्स को बेसलाइन सर्वे की बारीकी से अवगत कराया गया। मास्टर-ट्रेनर्स जिलों में जाकर 2300 प्रगणकों को प्रशिक्षित करेंगे। बेसलाइन सर्वे के लिये आर्थिक, सांख्यिकी संचालनालय नोडल एजेंसी है।
प्रशिक्षण में आर्थिक, सांख्यिकी संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मास्टर-ट्रेनर्स को चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिये सौंपे गये उत्तरदायित्व को पूरी निष्ठा से करने को कहा। उन्हें बताया गया कि सर्वेक्षण में मतदाताओं के किस प्रकार के व्यवहार का अध्ययन करना है। पंजीयन प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं की जागरूकता का स्तर, उनकी समझ एवं भागीदारी तथा संतुष्टि के स्तर का पता लगाना होगा। सर्वे में पंजीयन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारणों का अध्ययन और पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी के कारणों का आकलन भी किया जायेगा। सर्वे के लिये तैनात मैदानी अमला मतदान में कम रुचि दिखाने वाले मतदाता समूहों की पहचान भी करेगा। इस दौरान स्वीप योजना के लिये प्रचार माध्यमों की पहुंच का अध्ययन किया जाएगा। अधिकारियों ने मास्टर-ट्रेनर्स से कहा, सर्वेक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निर्धारित बिन्दुओं का अध्ययन कर सुझाव लिए जाएंगे। ताकि समय पर उचित निर्णय लिया जा सके। प्रशिक्षण के पहले दिन उज्जैन, इंदौर, भोपाल, जबलपुर और होशंगाबाद संभाग के मास्टर-ट्रेनर्स ने भाग लिया। 18 को होने वाले प्रक्षिण में चम्बल, ग्वालियर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग के मास्टर-ट्रेनर भाग लेंगे और बारियों के बारे में समझेंगे।
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