प्रशासन का इकबाल कायम करने और सेवा के क्षेत्र में नवाचार प्राथमिकता रही
भोपाल।
ेबतौर कलेक्टर भोपाल का पद संभाले निकुंज कुमार श्रीवास्तव को शनिवार को तीन साल हो गए। 27 अप्रैल, 2010 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिले में उन्होंने ेजनता और शासन के बीच सेतू का काम किया। कुछ ऐसे रहे जिनके चलते शासन को अच्छा राजस्व मिला। हुजूर ग्रामीण से अतिक्रमण हटा, बिल्डरों पर नकेल कसी गई। बावजूद इसके कई आदेश-निर्देश चंद दिनों के रहे। दर्जनों आदेश ऐसे भी हैं, लेकिन पालन नाम मात्र का ही हुआ।
जेपी, हमीदिया में आधुनिकीकरण
भोपाल जिला चिकित्सालय में बीते तीन सालों बदलाव हुआ। सशक्त निर्णय और नजर का ही नतीजा है जो जेपी और हमीदिया आधुनिकीकरण से लैस हुए। जेपी अस्पताल में डायलेसिस सुविधा, आधुनिक गहन चिकित्सा इकाई, सोनोग्राफी, आदि की उपलब्धियां शामिल हैं। बाजार में जहां ढाई हजार से कम में एक बार डायलेसिस नहीं होती वहीं जेपी में यह सुविधा बीपीएल को नि:शुल्क और एपीएल के मरीजों को पांच सौ रुपए में दी जा रही है।
बैरसिया अस्पताल
बैरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इस वित्तीय वर्ष से सोनोग्राफी शुरू हो गई है और इस अस्पताल में सिजेरियन डिलेवरी की सुविधा शुरू हुई है।
ट्रांसपोर्ट नगर
ट्रांसपोर्ट नगर का काम पूरा हुआ। लगभग 500 ट्रांसपोटर्स ने ट्रांसपोर्ट नगर में आवंटित भूखंडों की पूरी राशि जमा कर अपना निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। सुभाष नगर मेकेनिक मार्केट शिफ्ट हुआ। भारी वाहनों के प्रवेश पर दिन के समय रोक लगी।
खुर्द-बुर्द पर लगी रोक
जिले में शासकीय जमीनों की खुर्द-बुर्द होने पर रोक लगी है। शासकीय जमीनों को निजी स्वामित्व में लेने और उसका व्यवसायी करण होने पर रोक लगभग रोक लगी है। शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वालों पर कार्रवाई भी हुई। 50 से अधिक पट्टे निरस्त किए गए हैं। इसके चलते ढाई सौ एकड़ से अधिक भूमि को दोबारा शासकीय मद में दर्ज किया गया। दो हजार खातों की डेढ़ हजार एकड़ से अधिक भूमि को खसरा प्रवृष्टियों में अहस्तांतरणीय टीप अंकित कराई गई जिससे इन भूमियों की खरीद फरोख्त पर रोक लगी।
बटाक नक्शों में कायम
तीन सालों में राजस्व विभाग चलाया गया। अभियान के तहत छ: हजार से अधिक बटाक नक्शे में कायम किए गए। जिले में नक्शा बटाक पंजी का संधारण शुरू किया गया है। मिनाल रेसीडेंसी में आने वाली करीब 141 एकड़ बेशकीमती जमीन अतिक्रमण मुक्त कराया। मास्टर प्लान की सड़क निर्माण थोड़ी गति आई। यहां बसी झुग्गियों का विस्थापन किया गया।
समाधान एक दिन
समाधान एक दिन में 13 नई सेवाएं प्रारंभ कर आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, नजूल एनओसी, लायसेंस रिन्युअल को सरल बनाया।
छोला आरओबी तैयार
छोला आरओबी का निर्माण पूरा कराया। यहां से मकानों का विस्थापन बढ़ी समस्या थी। हलके विवाद के बीच काम पूरा हुआ। पुराने शहर की बैरसिया रोड, छोला रोड, नेवरी रोड का ट्रेफिक अब हलका होने लगा है।
खनिज राजस्व चार सौ गुना
जिले में खनिज राजस्व में चार सौ गुना से अधिक की वृद्धि हुई। 2009-10 में 466 लाख रुपए का राजस्व मिला। 2010-11 में 911, वर्ष 2011-12 में 1354 और 2012-13 में 1616 लाख रुपए का राजस्व शासन के खाते में दर्ज हुआ।
इस साल अवैध उत्खनन के दस प्रकरणों में 80 लाख 85 हजार 770 रुपए और अवैध परिवहन के 92 प्रकरणों में 12 लाख 84 हजार 275 रुपए। अवैध भंडारण के सात प्रकरणों में 51 करोड़ 83 लाख 40 हजार 550 रुपए का अर्थदण्ड वसूला।
दो गुना से अधिक स्टॉप ड्यूटी
वर्ष 2009-10 में 2 अरब 65 करोड़ 73 लाख 8 हजार 310 का राजस्व मिला था। इसमें वृद्धि के लिए जमीन की गाइडलाइन को बाजार भाव के करीब लाया गया। नतीजा ये रहा कि रजिस्ट्री की दरें बाजार भाव पर आने से जहां स्टाम्प कर चोरी पर वहीं राजस्व बढ़ा। 2010-11 में तीन अरब 59 करोड़ 85 लाख 66 हजार 801 रुपए, २०11-12 में चार अरब 64 करोड़ 35 लाख 68 हजार 911 और इस साल पांच अरब 73 लाख 58 हजार 818 रुपए का आंकड़ा पार हो गया।
भोपाल में भी एडवेंचर स्पोटर्स
बड़े शहरों की तर्ज पर जिला प्रशासन ने 2011 में साहसिक खेलों की शुरुआत की। कलियासोत डेम पर एडवेंचर स्पोर्टस का आयोजन किया गया। पहले वर्ष एक सप्ताह दूसरे वर्ष एक पखवाड़ा और तीसरे वर्ष एक माह तक इन खेलों का आनन्द लोगों ने लिया। आगे भी इसका आयोजन व्यवस्थित ढंग से हो। इसको लेकर संस्थागत ढांचा भी अमल में लाया गया। भोपाल टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल असितत्व में है जो इन खेलों के आयोजन का जिम्मा संभाल रही है।
यहां व्यर्थ रहे आदेश
जांच ठंडे बस्ते में
कलेक्टर ने राशन दुकानों की नियमित जांच के निर्देश दिए, लेकिन कुछ दिनों तक तो जांच हुई। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वर्तमान में यही स्थिति जारी है। गुटका पाउजों की बिक्री पर प्रदेश में रोक है, जिले में कलेक्टर निर्देश जारी किए। औषधि प्रशासन ने कार्रवाई भी की। गुटके पाउजों की बोरियां अभी भोपाल स्टेशन पर उतर रही हैं, और पिछले दरवाजे से रिटेल बाजार में बिक रहा है।
जारी है स्कूलों की मनमर्जी
निर्देश दिए, स्कूल प्रबंधन पाठ्यक्रम की सूची सार्वजनिक करेगा। नियत दुकान से डे्रस और पाठ्यक्रम की खरीदी की बाध्यता नहीं रहेगी। कुछ दिनों कुछ स्कूलों ने इसका पालन किया, लेकिन सब आया गया हो गया। अब भी स्कूलों की मनमर्जी जारी है।
बेसमेंट पर कार्रवाई नहीं
बेसमेंट में चल रही दुकानों, प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन इक्का-दुक्का पर ही कार्रवाई की गई। यहां पार्किंग व्यवस्था की जानी थी। कोलार में कार्रवाई हुई। शेष भोपाल में स्थिति यथावत है।
परमिट निरस्त करें
कलेक्टर ने नापतौल और आरटीओ अफसरों को निर्देश दिए थे कि वे बिना मीटर के आटो सड़क पर किसी भी कीमत पर नजर न आएं। इसके लिए समय सीमा भी तय की गई। समय सीमा निकल गई, लेकिन इसका पालन अधिकारियों ने नहीं किया।
-उठवाएं गाडिय़ां
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात को कलेक्टर ने पीरगेट, इब्राहिमपुरा, बुधवारा, जहांगीराबाद सहित अन्य व्यस्ततम इलाकों से अनियंत्रित रूप से खड़े वाहनों को उठवाने के निर्देश दिए थे। इसके अतिरिक्त कंडम वाहनों को भी उठाने को कहा था। हुआ इसके उलट। अनियंत्रित पार्किंग अब भी जारी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए थे कि जिन टे्रवल एजेंसियों के पास वाहन खड़े करने पर्याप्त जगह नहीं है, उनकी गाडिय़ां जब्त कर ली जाएं। शहर में दर्जनों एजेंसियां संचालित चल रही हैं। इनके पास जगह नहीं है, ये सड़कों पर ही वाहन खड़े कर रहे हैं। आलम यह रहा कि अब तक एक एजेंसी संचालक पर भी कार्रवाई नहीं की गई।
-हेलमेट मुहिम फैल
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव के निर्देश पर ही हेलमेट मुहिम शुरू की गई। वहीं पेट्रोल पंप संचालकों को आदेशित किया गया था, बिना हेलमेट पेट्रोल न दिया जाए। एक माह तक यह मुहिम चली। पंप संचालकों ने भी इसका पालन किया, इसे धारा १४४ में शामिल किया गया था। पुलिस ने भी धड़ल्ले से चालान काटे। दस में से तीन दो पहिया चालक तो हेलमेट पहन रहे हैं, लेकिन मुहिम फैल हो गई।
-अवैध कब्जे जारी
ेशासकीय जमीनों पर अवैध कब्जे अब भी हो रहे हैं। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें प्रशासन के कुछ निचले स्तर के कर्मचारी भी शामिल हैं। बावजूद एक भी अधिकारी-कर्मचारी गाज नहीं गिरी। दर्जनों बार अवैध कालोनी निर्माण रोकने को लेकर निर्देश दिए। वर्तमान में हुजूर ग्रामीण ५२ कालोनियों को अवैध घोषित किया गया। बाकी जगह निर्देश बेअसर ही रहे।
भोपाल।
ेबतौर कलेक्टर भोपाल का पद संभाले निकुंज कुमार श्रीवास्तव को शनिवार को तीन साल हो गए। 27 अप्रैल, 2010 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिले में उन्होंने ेजनता और शासन के बीच सेतू का काम किया। कुछ ऐसे रहे जिनके चलते शासन को अच्छा राजस्व मिला। हुजूर ग्रामीण से अतिक्रमण हटा, बिल्डरों पर नकेल कसी गई। बावजूद इसके कई आदेश-निर्देश चंद दिनों के रहे। दर्जनों आदेश ऐसे भी हैं, लेकिन पालन नाम मात्र का ही हुआ।
जेपी, हमीदिया में आधुनिकीकरण
भोपाल जिला चिकित्सालय में बीते तीन सालों बदलाव हुआ। सशक्त निर्णय और नजर का ही नतीजा है जो जेपी और हमीदिया आधुनिकीकरण से लैस हुए। जेपी अस्पताल में डायलेसिस सुविधा, आधुनिक गहन चिकित्सा इकाई, सोनोग्राफी, आदि की उपलब्धियां शामिल हैं। बाजार में जहां ढाई हजार से कम में एक बार डायलेसिस नहीं होती वहीं जेपी में यह सुविधा बीपीएल को नि:शुल्क और एपीएल के मरीजों को पांच सौ रुपए में दी जा रही है।
बैरसिया अस्पताल
बैरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इस वित्तीय वर्ष से सोनोग्राफी शुरू हो गई है और इस अस्पताल में सिजेरियन डिलेवरी की सुविधा शुरू हुई है।
ट्रांसपोर्ट नगर
ट्रांसपोर्ट नगर का काम पूरा हुआ। लगभग 500 ट्रांसपोटर्स ने ट्रांसपोर्ट नगर में आवंटित भूखंडों की पूरी राशि जमा कर अपना निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। सुभाष नगर मेकेनिक मार्केट शिफ्ट हुआ। भारी वाहनों के प्रवेश पर दिन के समय रोक लगी।
खुर्द-बुर्द पर लगी रोक
जिले में शासकीय जमीनों की खुर्द-बुर्द होने पर रोक लगी है। शासकीय जमीनों को निजी स्वामित्व में लेने और उसका व्यवसायी करण होने पर रोक लगभग रोक लगी है। शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वालों पर कार्रवाई भी हुई। 50 से अधिक पट्टे निरस्त किए गए हैं। इसके चलते ढाई सौ एकड़ से अधिक भूमि को दोबारा शासकीय मद में दर्ज किया गया। दो हजार खातों की डेढ़ हजार एकड़ से अधिक भूमि को खसरा प्रवृष्टियों में अहस्तांतरणीय टीप अंकित कराई गई जिससे इन भूमियों की खरीद फरोख्त पर रोक लगी।
बटाक नक्शों में कायम
तीन सालों में राजस्व विभाग चलाया गया। अभियान के तहत छ: हजार से अधिक बटाक नक्शे में कायम किए गए। जिले में नक्शा बटाक पंजी का संधारण शुरू किया गया है। मिनाल रेसीडेंसी में आने वाली करीब 141 एकड़ बेशकीमती जमीन अतिक्रमण मुक्त कराया। मास्टर प्लान की सड़क निर्माण थोड़ी गति आई। यहां बसी झुग्गियों का विस्थापन किया गया।
समाधान एक दिन
समाधान एक दिन में 13 नई सेवाएं प्रारंभ कर आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, नजूल एनओसी, लायसेंस रिन्युअल को सरल बनाया।
छोला आरओबी तैयार
छोला आरओबी का निर्माण पूरा कराया। यहां से मकानों का विस्थापन बढ़ी समस्या थी। हलके विवाद के बीच काम पूरा हुआ। पुराने शहर की बैरसिया रोड, छोला रोड, नेवरी रोड का ट्रेफिक अब हलका होने लगा है।
खनिज राजस्व चार सौ गुना
जिले में खनिज राजस्व में चार सौ गुना से अधिक की वृद्धि हुई। 2009-10 में 466 लाख रुपए का राजस्व मिला। 2010-11 में 911, वर्ष 2011-12 में 1354 और 2012-13 में 1616 लाख रुपए का राजस्व शासन के खाते में दर्ज हुआ।
इस साल अवैध उत्खनन के दस प्रकरणों में 80 लाख 85 हजार 770 रुपए और अवैध परिवहन के 92 प्रकरणों में 12 लाख 84 हजार 275 रुपए। अवैध भंडारण के सात प्रकरणों में 51 करोड़ 83 लाख 40 हजार 550 रुपए का अर्थदण्ड वसूला।
दो गुना से अधिक स्टॉप ड्यूटी
वर्ष 2009-10 में 2 अरब 65 करोड़ 73 लाख 8 हजार 310 का राजस्व मिला था। इसमें वृद्धि के लिए जमीन की गाइडलाइन को बाजार भाव के करीब लाया गया। नतीजा ये रहा कि रजिस्ट्री की दरें बाजार भाव पर आने से जहां स्टाम्प कर चोरी पर वहीं राजस्व बढ़ा। 2010-11 में तीन अरब 59 करोड़ 85 लाख 66 हजार 801 रुपए, २०11-12 में चार अरब 64 करोड़ 35 लाख 68 हजार 911 और इस साल पांच अरब 73 लाख 58 हजार 818 रुपए का आंकड़ा पार हो गया।
भोपाल में भी एडवेंचर स्पोटर्स
बड़े शहरों की तर्ज पर जिला प्रशासन ने 2011 में साहसिक खेलों की शुरुआत की। कलियासोत डेम पर एडवेंचर स्पोर्टस का आयोजन किया गया। पहले वर्ष एक सप्ताह दूसरे वर्ष एक पखवाड़ा और तीसरे वर्ष एक माह तक इन खेलों का आनन्द लोगों ने लिया। आगे भी इसका आयोजन व्यवस्थित ढंग से हो। इसको लेकर संस्थागत ढांचा भी अमल में लाया गया। भोपाल टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल असितत्व में है जो इन खेलों के आयोजन का जिम्मा संभाल रही है।
यहां व्यर्थ रहे आदेश
जांच ठंडे बस्ते में
कलेक्टर ने राशन दुकानों की नियमित जांच के निर्देश दिए, लेकिन कुछ दिनों तक तो जांच हुई। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वर्तमान में यही स्थिति जारी है। गुटका पाउजों की बिक्री पर प्रदेश में रोक है, जिले में कलेक्टर निर्देश जारी किए। औषधि प्रशासन ने कार्रवाई भी की। गुटके पाउजों की बोरियां अभी भोपाल स्टेशन पर उतर रही हैं, और पिछले दरवाजे से रिटेल बाजार में बिक रहा है।
जारी है स्कूलों की मनमर्जी
निर्देश दिए, स्कूल प्रबंधन पाठ्यक्रम की सूची सार्वजनिक करेगा। नियत दुकान से डे्रस और पाठ्यक्रम की खरीदी की बाध्यता नहीं रहेगी। कुछ दिनों कुछ स्कूलों ने इसका पालन किया, लेकिन सब आया गया हो गया। अब भी स्कूलों की मनमर्जी जारी है।
बेसमेंट पर कार्रवाई नहीं
बेसमेंट में चल रही दुकानों, प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन इक्का-दुक्का पर ही कार्रवाई की गई। यहां पार्किंग व्यवस्था की जानी थी। कोलार में कार्रवाई हुई। शेष भोपाल में स्थिति यथावत है।
परमिट निरस्त करें
कलेक्टर ने नापतौल और आरटीओ अफसरों को निर्देश दिए थे कि वे बिना मीटर के आटो सड़क पर किसी भी कीमत पर नजर न आएं। इसके लिए समय सीमा भी तय की गई। समय सीमा निकल गई, लेकिन इसका पालन अधिकारियों ने नहीं किया।
-उठवाएं गाडिय़ां
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात को कलेक्टर ने पीरगेट, इब्राहिमपुरा, बुधवारा, जहांगीराबाद सहित अन्य व्यस्ततम इलाकों से अनियंत्रित रूप से खड़े वाहनों को उठवाने के निर्देश दिए थे। इसके अतिरिक्त कंडम वाहनों को भी उठाने को कहा था। हुआ इसके उलट। अनियंत्रित पार्किंग अब भी जारी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए थे कि जिन टे्रवल एजेंसियों के पास वाहन खड़े करने पर्याप्त जगह नहीं है, उनकी गाडिय़ां जब्त कर ली जाएं। शहर में दर्जनों एजेंसियां संचालित चल रही हैं। इनके पास जगह नहीं है, ये सड़कों पर ही वाहन खड़े कर रहे हैं। आलम यह रहा कि अब तक एक एजेंसी संचालक पर भी कार्रवाई नहीं की गई।
-हेलमेट मुहिम फैल
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव के निर्देश पर ही हेलमेट मुहिम शुरू की गई। वहीं पेट्रोल पंप संचालकों को आदेशित किया गया था, बिना हेलमेट पेट्रोल न दिया जाए। एक माह तक यह मुहिम चली। पंप संचालकों ने भी इसका पालन किया, इसे धारा १४४ में शामिल किया गया था। पुलिस ने भी धड़ल्ले से चालान काटे। दस में से तीन दो पहिया चालक तो हेलमेट पहन रहे हैं, लेकिन मुहिम फैल हो गई।
-अवैध कब्जे जारी
ेशासकीय जमीनों पर अवैध कब्जे अब भी हो रहे हैं। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें प्रशासन के कुछ निचले स्तर के कर्मचारी भी शामिल हैं। बावजूद एक भी अधिकारी-कर्मचारी गाज नहीं गिरी। दर्जनों बार अवैध कालोनी निर्माण रोकने को लेकर निर्देश दिए। वर्तमान में हुजूर ग्रामीण ५२ कालोनियों को अवैध घोषित किया गया। बाकी जगह निर्देश बेअसर ही रहे।
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