-मांगों पर नहीं बन पाई सहमति
भोपाल।
राजस्व अधिकारियों की पांच सूत्रीय मांगों पर बात न बन पाने से अब वह २४ अप्रैल, मंगलवार से राजस्व सेवाएं बंद कर रहे हैं। मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनकी किसी भी मांग पर अब तक अमल नहीं किया गया है। प्रमुख मांगों से एक तहसीलदारों पर आरोपित अर्थदंड वापस लेना और शीघ्र डीपीसी लिया जाना है।
संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कहा, प्रमुख सचिव राजस्व राजेश चतुर्वेदी से हुई चर्चा पूरी तरह विफल राही। २४ से राजस्व सेवाओं के साथ अन्य दीगर विभागों की सेवाएं देना बंद कर देंगे। इसको लेकर सोमवार को संघ के बैनर तले चली तहसीलदार-नायब तहसीलदारों ने एक दिवसीय सामूहिक अवकाश व उपवास रखा। प्रदेश भर के तहसीलदारों ने पत्रकार भवन में एकजुट होकर आगे की रणनीति व सरकार द्वारा उनके साथ किए जा रहे अन्याय पर विस्तार से चर्चा की।
संघ के सचिव मनीष शर्मा ने बताया कि तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों ने पांच मांगों को लेकर सोमवार को सामूहिक अवकाश रखा था। वहीं 24 अप्रैल को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दी जा रही सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी गई थी। इसको मद्देनजर रखते हुए पीएस रेवेन्यू ने एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया था। पीएस रेवेन्यू से हुई चर्चा के दौरान अर्थदण्ड को वापस लिए जाने तथा नैसर्गिक न्याय को ध्यान में रखते हुए सुनवाई करने तथा उसके बाद अर्थदण्ड आरोपित करने, डीपीसी शीघ्र किए जाने, तहसीलदार-नायबतहसीदारों को संसाधन उपलब्ध कराए जाने सहित अन्य दो मांगे रखी गईं। इनमें से पहली तीन मांगों को सही ठहराते हुए पीएस रेवेन्यू ने विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक बेनतीजा रहने के बाद देर शाम हुई बैठक में तय किया गया कि 24 अप्रैल को प्रदेश भर में पदस्थ तहसीलदार-नायब तहसीलदार केवल राजस्व विभाग का ही कार्य करेंगे, अन्य सेवाएं देना बंद कर देंगे।
भोपाल।
राजस्व अधिकारियों की पांच सूत्रीय मांगों पर बात न बन पाने से अब वह २४ अप्रैल, मंगलवार से राजस्व सेवाएं बंद कर रहे हैं। मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनकी किसी भी मांग पर अब तक अमल नहीं किया गया है। प्रमुख मांगों से एक तहसीलदारों पर आरोपित अर्थदंड वापस लेना और शीघ्र डीपीसी लिया जाना है।

संघ के सचिव मनीष शर्मा ने बताया कि तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों ने पांच मांगों को लेकर सोमवार को सामूहिक अवकाश रखा था। वहीं 24 अप्रैल को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दी जा रही सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी गई थी। इसको मद्देनजर रखते हुए पीएस रेवेन्यू ने एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया था। पीएस रेवेन्यू से हुई चर्चा के दौरान अर्थदण्ड को वापस लिए जाने तथा नैसर्गिक न्याय को ध्यान में रखते हुए सुनवाई करने तथा उसके बाद अर्थदण्ड आरोपित करने, डीपीसी शीघ्र किए जाने, तहसीलदार-नायबतहसीदारों को संसाधन उपलब्ध कराए जाने सहित अन्य दो मांगे रखी गईं। इनमें से पहली तीन मांगों को सही ठहराते हुए पीएस रेवेन्यू ने विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक बेनतीजा रहने के बाद देर शाम हुई बैठक में तय किया गया कि 24 अप्रैल को प्रदेश भर में पदस्थ तहसीलदार-नायब तहसीलदार केवल राजस्व विभाग का ही कार्य करेंगे, अन्य सेवाएं देना बंद कर देंगे।
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