ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटियां तय करेंगी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार
- 'राहुल' ने टटोली मप्र में कांग्रेस की नब्ज, नेताओं को दी एकजुट रहकर पार्टी को मजबूत करने की नसीहत
- कांग्रेस एक परिवार की तरह, हमें एक-दूसरे का सम्मान करना होगा
- ब्लॉक एवं जिला अध्यक्षों को पॉवर देने आया हूं
- गुटबाजी पर कहा, चुनावों में भीतरघात पार्टी के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक
- प्रतिनिधियों से की वन-टू-वन चर्चा, कहा- केंद्र योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें
भोपाल । मप्र में इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस की नब्ज तलाशने आए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को पूरा भरोसा दिलाया कि पार्टी गुटबाजी से उबरकर एकजुटता के साथ चुनावी चुनौती से निपटने में सक्षम है। राहुल अपने दो दिवसीय मप्र के सांगठनिक दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को भोपाल पहुंचे और पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों से 'वन-टू-वन' संवाद किया। इस दौरान उन्होंने गुटबाजी के अलावा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा एवं चुनावों में भीतरघात को पार्टी के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब कार्यकर्ताओं की बात पर हमें ध्यान देना होगा। धार जिले के मोहनखेड़ा ओर भोपाल में यूं तो कांग्रेस के 'युवराज' ने संवाद के जरिए मिशन 2013 और 2014 की तैयारियों को टटोलने का प्रयास किया, लेकिन राजनीतिक पंडित इसे कांग्रेस का चुनावी शंखनाद ही मान रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में नेताओं को आह्वान करते हुए श्री गांधी ने कहा कि वे नए जोश, नए संकल्प और नई प्रतिबद्वता के साथ कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाने के लिए एकजुट हो जाएं। उन्होंने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए अब दिल्ली तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार कौन होगा यह ब्लॉक, जिला कांग्रेस कमेटियां एवं निचले स्तर के कार्यकर्ता ही करेंगे।
मैं आपको पॉवर देने आया हूं
भोपाल एयरपोर्ट से सीधे मानस भवन पहुंचे राहुल गांधी ने जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों में उत्साह भरने के लिए उनकी शिकायतें और सुझाव सुने। उन्होंने शिकायतें तो सुनीं, लेकिन किसी नेता विशेष की शिकायत को सुनने में रुचि नहीं ली। उनका स्पष्ट मत था कि ब्लॉक और जिला स्तर के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी स्वयं मजबूज बनें, क्योंकि नेता तो आज भी मजबूत हैं, और कल भी मजबूत रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं आपको पॉवर देने आया हूं, आप अपने पॉवर को पहचानें। नेताओं के आगे-पीछे घूमने से न तो आपका भला होगा और न ही पार्टी का। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार जिला एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी चुनें इसका प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ टिकट आम जनता की राय जानकर भी दिए जाएंगे। दक्षिण भारत के एक राज्य में इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है, उसकापरिणाम भी सामने आ जाएगा। इससे पहले राहुल गांधी का भोपाल आगमन पर शानदार स्वागत किया गया।
जन-जन तक पहुंचाएं केंद्र की योजनाएं
मानस भवन में श्री गांधी ने 15 संसदीय क्षेत्रों के 25 जिलों के वर्तमान कांग्रेस सांसद और विधायक, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव 2008 और लोकसभा चुनाव 2009 के कांग्रेस प्रत्याशी तथा कांग्रेस के मोर्चा संगठनों के अध्यक्षों से चर्चा कर कांग्रेस को मजबूत बनाने और एकजुट रहने का संदेश दिया। प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि वे केंद्र द्वारा चालित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें। राहुल गांधी ने मानस भवन में पदाधिकारियों से चर्चा के समय सिर्फ बीके हरिप्रसाद को ही अपने साथ रखा। बाकि प्रदेश के सभी नेता चर्चा स्थल पर नहीं थे। इसके पीछे मकसद यह था कि किसी भी गुट का समर्थक पदाधिकारी हो अपनी बात खुलकर सामने रख सकें। मानस भवन में चर्चा के दौरान सीहोर की रुकमणि रोहला ने राहुल गांधी से कहा कि मप्र के नेता बड़े दमदार हैं आपकी यहां नहीं चलने देंगे, हालांकि इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला को टिकट दिया जाना चाहिए।
योग्य को ही मिलेगा टिकट, अयोग्य को नहीं
इधर, दूसरी रवींद्र भवन में हुई दूसरी बैठक में उन्होंने पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनावों में अयोग्य (हारे हुए) प्रत्याशियों के लिए कोई जगह नहीं है, सिर्फ जीते हुए प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि जो पार्टी के लिए काम करेगा, उसे ही पार्टी में जगह दी जाएगी, इसलिए पार्टी के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि गुटबाजी से पार्टी को नुकसान पहुंच रहा है, एकजुट होकर मप्र में कांग्रेस को जिताने के लिए जुट जाएं। राहुल गांधी ने सागर और दमोह के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बीना के पदाधिकारियों को और मजबूत बनाना होगा। ताकि आने वाले समय में वे अपनी उचित भागीदारी दें सकें।
मैं घास को सींचने आया हूं
गुटबाजी को लेकर की गई शिकायत में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे गुटबाजी से अपने को दूर रखें और पार्टी की मजबूती के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार की तरह है, हमें पार्टी के भीतर एक-दूसरे का सम्मान करना होगा। राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया कि कांग्रेस जमीन है और उसकी घास कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस घास को सींचने आया हूं, यह जितनी हरी-भरी होगी कांग्रेस की जमीन उतनी ही हरी-भरी होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ऐसे युवाओं को भी मौका देगी जो काबिल हैं और जो जीतकर आ सकते हैं।
बुंदेलखंड के नेताओं से मिले राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विशेष तौर से बुंदेलखंड के नेताओं से मुलाकात की। सुर्खी से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कार्यकर्ताओं के साथ राहुल से मिले, इस दौरान उन्होंने राहुल को बताया की बुंदेलखंड के विकास के लिए जो राशि केंद्र सरकार ने मुहैया की थी, वह भ्रष्टाचार की बली चढ़ चुकी है। उन्होंने राहुल गांधी को बताया कि बुंदेलखंड पैकेज में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी जांच केंद्रीय स्तर पर करवाई जानी चाहिए।
पीसीसी में बनी चुनावी रणनीति
पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद दोपहर करीब २.४० बजे पीसीसी पहुंचे राहुल गांधी ने देर शाम तक नेताओं से बंद कमरे में चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान मप्र में 'मिशन 2013' की रणनीति पर विशेष विमर्श हुआ। विधानसभा चुनाव में मप्र फतह करने के लिए राहुल ने जहां नेताओं को एकजुट होकर काम करने की सलाह दी, वहीं पार्टी की मजबूती के लिए सुझाव भी मांगे। इस दौरान श्री गांधी ने कांग्रेसजनों का आव्हान किया कि वे वर्ष 2003 और 2008 के विधान सभा चुनावों में हुई पार्टी की पराजय को भुलाकर नए जोश, नए संकल्प और नई प्रतिबद्वता के साथ कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाने के लिए अभी से जुट जाएं। अगला विधान सभा चुनाव मप्र के प्रत्येक कांग्रेसी के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के सभी कांग्रेसजन एकजुट होकर इस चुनौती को स्वीकार करेंगे और पार्टी को वह सब पुन: दिलाएंगे, जो उसने 2003 और 2008 में खोया था। पीसीसी में नेताओं से बैठक के बाद राहुल गांधी शाम को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
- 'राहुल' ने टटोली मप्र में कांग्रेस की नब्ज, नेताओं को दी एकजुट रहकर पार्टी को मजबूत करने की नसीहत
- कांग्रेस एक परिवार की तरह, हमें एक-दूसरे का सम्मान करना होगा
- ब्लॉक एवं जिला अध्यक्षों को पॉवर देने आया हूं
- गुटबाजी पर कहा, चुनावों में भीतरघात पार्टी के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक
- प्रतिनिधियों से की वन-टू-वन चर्चा, कहा- केंद्र योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें
भोपाल । मप्र में इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस की नब्ज तलाशने आए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को पूरा भरोसा दिलाया कि पार्टी गुटबाजी से उबरकर एकजुटता के साथ चुनावी चुनौती से निपटने में सक्षम है। राहुल अपने दो दिवसीय मप्र के सांगठनिक दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को भोपाल पहुंचे और पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों से 'वन-टू-वन' संवाद किया। इस दौरान उन्होंने गुटबाजी के अलावा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा एवं चुनावों में भीतरघात को पार्टी के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब कार्यकर्ताओं की बात पर हमें ध्यान देना होगा। धार जिले के मोहनखेड़ा ओर भोपाल में यूं तो कांग्रेस के 'युवराज' ने संवाद के जरिए मिशन 2013 और 2014 की तैयारियों को टटोलने का प्रयास किया, लेकिन राजनीतिक पंडित इसे कांग्रेस का चुनावी शंखनाद ही मान रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में नेताओं को आह्वान करते हुए श्री गांधी ने कहा कि वे नए जोश, नए संकल्प और नई प्रतिबद्वता के साथ कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाने के लिए एकजुट हो जाएं। उन्होंने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए अब दिल्ली तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार कौन होगा यह ब्लॉक, जिला कांग्रेस कमेटियां एवं निचले स्तर के कार्यकर्ता ही करेंगे।
मैं आपको पॉवर देने आया हूं
भोपाल एयरपोर्ट से सीधे मानस भवन पहुंचे राहुल गांधी ने जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों में उत्साह भरने के लिए उनकी शिकायतें और सुझाव सुने। उन्होंने शिकायतें तो सुनीं, लेकिन किसी नेता विशेष की शिकायत को सुनने में रुचि नहीं ली। उनका स्पष्ट मत था कि ब्लॉक और जिला स्तर के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी स्वयं मजबूज बनें, क्योंकि नेता तो आज भी मजबूत हैं, और कल भी मजबूत रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं आपको पॉवर देने आया हूं, आप अपने पॉवर को पहचानें। नेताओं के आगे-पीछे घूमने से न तो आपका भला होगा और न ही पार्टी का। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार जिला एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी चुनें इसका प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ टिकट आम जनता की राय जानकर भी दिए जाएंगे। दक्षिण भारत के एक राज्य में इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है, उसकापरिणाम भी सामने आ जाएगा। इससे पहले राहुल गांधी का भोपाल आगमन पर शानदार स्वागत किया गया।
जन-जन तक पहुंचाएं केंद्र की योजनाएं
मानस भवन में श्री गांधी ने 15 संसदीय क्षेत्रों के 25 जिलों के वर्तमान कांग्रेस सांसद और विधायक, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव 2008 और लोकसभा चुनाव 2009 के कांग्रेस प्रत्याशी तथा कांग्रेस के मोर्चा संगठनों के अध्यक्षों से चर्चा कर कांग्रेस को मजबूत बनाने और एकजुट रहने का संदेश दिया। प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि वे केंद्र द्वारा चालित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें। राहुल गांधी ने मानस भवन में पदाधिकारियों से चर्चा के समय सिर्फ बीके हरिप्रसाद को ही अपने साथ रखा। बाकि प्रदेश के सभी नेता चर्चा स्थल पर नहीं थे। इसके पीछे मकसद यह था कि किसी भी गुट का समर्थक पदाधिकारी हो अपनी बात खुलकर सामने रख सकें। मानस भवन में चर्चा के दौरान सीहोर की रुकमणि रोहला ने राहुल गांधी से कहा कि मप्र के नेता बड़े दमदार हैं आपकी यहां नहीं चलने देंगे, हालांकि इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला को टिकट दिया जाना चाहिए।
योग्य को ही मिलेगा टिकट, अयोग्य को नहीं
इधर, दूसरी रवींद्र भवन में हुई दूसरी बैठक में उन्होंने पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनावों में अयोग्य (हारे हुए) प्रत्याशियों के लिए कोई जगह नहीं है, सिर्फ जीते हुए प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि जो पार्टी के लिए काम करेगा, उसे ही पार्टी में जगह दी जाएगी, इसलिए पार्टी के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि गुटबाजी से पार्टी को नुकसान पहुंच रहा है, एकजुट होकर मप्र में कांग्रेस को जिताने के लिए जुट जाएं। राहुल गांधी ने सागर और दमोह के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बीना के पदाधिकारियों को और मजबूत बनाना होगा। ताकि आने वाले समय में वे अपनी उचित भागीदारी दें सकें।
मैं घास को सींचने आया हूं
गुटबाजी को लेकर की गई शिकायत में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे गुटबाजी से अपने को दूर रखें और पार्टी की मजबूती के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार की तरह है, हमें पार्टी के भीतर एक-दूसरे का सम्मान करना होगा। राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया कि कांग्रेस जमीन है और उसकी घास कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस घास को सींचने आया हूं, यह जितनी हरी-भरी होगी कांग्रेस की जमीन उतनी ही हरी-भरी होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ऐसे युवाओं को भी मौका देगी जो काबिल हैं और जो जीतकर आ सकते हैं।
बुंदेलखंड के नेताओं से मिले राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विशेष तौर से बुंदेलखंड के नेताओं से मुलाकात की। सुर्खी से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कार्यकर्ताओं के साथ राहुल से मिले, इस दौरान उन्होंने राहुल को बताया की बुंदेलखंड के विकास के लिए जो राशि केंद्र सरकार ने मुहैया की थी, वह भ्रष्टाचार की बली चढ़ चुकी है। उन्होंने राहुल गांधी को बताया कि बुंदेलखंड पैकेज में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी जांच केंद्रीय स्तर पर करवाई जानी चाहिए।
पीसीसी में बनी चुनावी रणनीति
पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद दोपहर करीब २.४० बजे पीसीसी पहुंचे राहुल गांधी ने देर शाम तक नेताओं से बंद कमरे में चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान मप्र में 'मिशन 2013' की रणनीति पर विशेष विमर्श हुआ। विधानसभा चुनाव में मप्र फतह करने के लिए राहुल ने जहां नेताओं को एकजुट होकर काम करने की सलाह दी, वहीं पार्टी की मजबूती के लिए सुझाव भी मांगे। इस दौरान श्री गांधी ने कांग्रेसजनों का आव्हान किया कि वे वर्ष 2003 और 2008 के विधान सभा चुनावों में हुई पार्टी की पराजय को भुलाकर नए जोश, नए संकल्प और नई प्रतिबद्वता के साथ कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाने के लिए अभी से जुट जाएं। अगला विधान सभा चुनाव मप्र के प्रत्येक कांग्रेसी के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के सभी कांग्रेसजन एकजुट होकर इस चुनौती को स्वीकार करेंगे और पार्टी को वह सब पुन: दिलाएंगे, जो उसने 2003 और 2008 में खोया था। पीसीसी में नेताओं से बैठक के बाद राहुल गांधी शाम को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
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