सोमवार, 29 अप्रैल 2013

बीएमएचआरसी के डॉक्टर करते हैं भेदभाव

-इंडियन कांउसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर से गैस पीडि़तों ने की शिकायत 
भोपाल। 
भोपाल मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टर गैस पीडि़त और प्राईवेट मरीजों से भेदभाव करते हैं। गैस पीडि़त मरीज इलाज के लिए भटकते हैं। मरीज कर्राहते रहते हैं। रविवार को यह शिकायत गैस पीडि़तों ने इंडियन कांउसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर जनरल टीएस जवाहर से की। 
दरअसल, यहां गैस पीडि़तों व पीडि़तों के लिए काम करने वाले संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भोपाल मेमोरियल अस्पताल में बैठक का आयोजन किया गया था। अस्पताल के इतिहास में ऐसा पहली हुआ, जब बड़े स्तर के अधिकारी ने गैस पीडि़तों व गैस संगठनों के साथ बैठक आयोजित कर गतिविधियों और व्यवस्था को जाना। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फारमेंशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने श्री जवाहर को बताया, बीएमएचआरसी में गैस पीडि़त मरीजों के साथ भेदभाव हो रहा है। अस्पताल के सारे कंसल्टेंट बाहर निजी प्रेक्टिस कर रहे हैं। अस्पताल में दवाईयों का टोटा है। उपकरणों की समस्या भी गंभीर है। गैस पीडि़तों में सबसे अधिक मरीज सांस की बीमारियों के हैं, लेकिन अस्पताल में पल्मोनरी विभाग में आईसीयू ही नहीं है। 
भोपाल गैस पीडि़त महिला उोग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने सीनियर डिप्टी डायरेक्टर आईसीएमआर को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें डॉक्टरों की कमी, तीन साल से उपकरणों का अपग्रेडेशन नहीं होने, डिपार्टमेंट के काम नहीं करने और दवाईयों की कमी का भी मुद्दे पर भी बहस हुई। श्री जवाहर ने सभी गैस पीडि़तों व गैस संगठनों को आश्वासन दिया कि अगले दो महीने में अस्पताल में भारी परिवर्तन होंगे। वह खुद बीएमएचआरसी की निगरानी करेंगे और हर पन्द्रह दिन में आकर प्रोग्रेस देखेंगे। उन्होंने कहा कि वह जब भी यहां आएंगे,गैस पीडि़तों से मिलेंगे। गैस पीडि़त उन्हें अपनी समस्या बता सकते हैं। 

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