शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

ेहाईकोर्ट ने लगाई स्मार्ट कार्ड के टेंडर पर रोक

-परिवहन आयुक्त के साथ अन्य को बनाया पार्टी 
भोपाल/जबलपुर। 
वाहनों के रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस के लिये निकाले गए स्मार्ट कार्ड के टेंडर (एलओआई) लेटर ऑफ इंटेंड खोलने पर मप्र हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश से रोक लगा दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस केके लाहोटी और जस्टिस एमए सिद्दकी की युगलपीठ ने यह रोक लगाई। इसकी सुनवाई 7 मई को होगी। 
कोर्ट में मामला रोजमेट्रा प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि राज्य शासन के परिवहन विभाग ने 8 मार्च 2013 को वाहनों के रजिस्टे्रशन व ड्राइविंग लाइसेंस के डिजिटलाइजेशन के लिये टेंडर निकाला था। जिसमें सालाना 12 करोड़ के हिसाब से पांच वर्ष का कार्य है। आरोप है कि उक्त टेंडर प्रकिया में ऐसी शर्ते लागू की गई, जिससे कि पुराने ठेकेदारों को लाभ मिल सके। जिसमें कि कंपनी का टर्न ओवर 500 करोड़ होना आवश्यक किया गया है, इसके साथ ही पेरोल 500 आईटी ए पलाइज होना आवश्यक है और कंपनी को प्राथमिकता दी जायेगी जिसने कि पूर्व में राज्य व केन्द्र के लिये कार्य किया होगा। याचिका में कहा गया है कि पिछली मर्तबा वर्ष 2006 में 10 करोड़ रुपये टर्न ओवर की शर्त रखी गई थी, जिसे बढ़ाकर पांच सौ करोड़ कर दिया गया, जो कि अनुचित है। आवेदक का कहना है कि अन्य प्रदेशो में भी 50 करोड़ टर्न ओवर वालो के आवेदन स्वीकार किये जा रहे है। मामले की पिछली सुनवाई दौरान न्यायालय ने अनावदेक बनाये गये परिवहन सचिव, आयुक्त सहित मास्टर चिप प्राइवेट लिमिटेड, स्पेनको प्रा. लि.  व आईएल एंड एफएस प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे। मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई दौरान न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पराग चतुर्वेदी ने पक्ष रखा।

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