गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

-कुलपतियों, कुलसचिवों और प्राचायों की कार्यशाला में बोले मुख्य सचिव

सकारात्मक परिवर्तन के लिए वातावरण बनाएं 
भोपाल। 
मुख्य सचिव आर. परशुराम ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में अकादमिक श्रेष्ठता लाने और मौलिक विचारों को प्रोत्साहित कर सकारात्मक परिवर्तन के लिए वातावरण बनाने की आवश्यकता है । विश्वविद्यालयों द्वारा गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के जरुरतमंद विद्यार्थियों को लाभान्वित करने पर अधिक से अधिक ध्यान देने की पहल भी की जाना चाहिए । मुख्य सचिव बुधवार को प्रशासन अकादमी में मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और महाविद्यालयों के प्राचायों की दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे । 
विश्वविद्यालय नवाचार अपनाएं:
मुख्य सचिव ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा नवाचारों को अपनाते हुए व्यावसायिक प्रशिक्षण और अन्य क्षेत्रों में पायलेट प्रोजेक्ट्स प्रारंभ किए जाएं । विश्वविद्यालयों में सुधारों की प्रक्रिया को तेज करते हुए प्रबंधन पक्ष पर भी ध्यान दिया जाए । उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ लेकर स्वायत्त व्यवस्था प्रोत्साहित करते हुए कार्य की अनंत संभावनाओं को साकार किया जा सकता है । इसके लिए कुलपति सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शासन स्तर से कुलपतियों के कार्य को आसान बनाने के लिए आवश्यक वातावरण भी बनाया जाएगा । मुख्य सचिव ने इस कार्यशाला के आयोजन की सराहना करते हुए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालयों से नियमित संवाद का आग्रह भी किया । 
कार्यशाला में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति प्रो. डीपी सिंह, मध्यप्रदेश चिकित्सा विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति डा. डीपी लोकवानी एवं इग्नू के पूर्व क्षेत्रीय संचालक केएस तिवारी ने भी संबोधित किया । प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जेएन कंसोटिया ने कार्यशाला में प्रस्तुत सुझावों की जानकारी दी । संचालक प्रशासन अकामी श्री राकेश अग्रवाल, उच्च शिक्षा आयुक्त वीएस निरंजन सहित संबंधित अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित थे ।  कार्यशाला का संचालन उप सचिव उच्च शिक्षा श्री राकेश श्रीवास्तव ने किया ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें