-प्राणी मित्र संस्था ने दायर की है याचिका
ेभोपाल/जबलपुर।
देशी शराब कौनसी बोतल में बिकेगी। इसका अंतिम फैसला अब 30 अप्रैल को होगा। गुरुवार को प्राणी मित्र संस्था द्वारा दायर याचिका पर पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
प्लास्टिक की बोतल में देशी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर संस्था द्वारा लगाई याचिका को जनहित मैं मानते हुए हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस आरएस झा की युगलपीठ ने प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध बैक फुट लिए जाने हेतु राज्य सरकार व शराब व्यापारियों ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। इस पर याचिकाकर्ता की ने अवमानना याचिका भी दायर की है। युगलपीठ ने दोनों याचिका की सुनवाई संयुक्त रूप से करने के निर्देश जारी देते हुए याचिका पर 25 अप्रैल को सुनवाई को कहा था। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस केके लाहोटी व जस्टिस एमए सिद्दीकी की युगलपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिका पर अंतिम सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारत की है। प्राणी मित्र संस्था द्वारा देशी शराब के प्लास्टिक बोतलों में विक्रय पर रोक की याचिका पर १० अप्रैल को प्रतिबंध लगा दिया था। यह रोक वर्तमान में है। दायर याचिका में हवाला दिया गया है कि प्रदेश सरकार एक तरफ प्लास्टिक का उपयोग कम करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में प्लास्टिक की बोटल में शराब बेचा जाना उचित नहीं है।
-जहरीली हो जाती है शराब
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आरएन सिंह पैरवी कर रहे हैं। वहीं सरकार का पक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र कौरव ने रखा। याचिका तर्क दिया गया है कि एल्कोहल होने के कारण प्लास्टिक की बोतल में शराब अधिक जहरीली हो जाती है। इसके चलते देश के कई प्रदेशों में प्लास्टिक की बोतल में शराब बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। दूसरा इन बोतलों की रिसायक्लिनिंग नहीं होती, जिसके चलते इसका कचरा-कूड़ा भी फैलता है। यह पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। कोर्ट द्वारा रोक लगाने पर प्रदेश सरकार व शराब निर्माताओं ने आदेश के परिपालन में होने वाली व्यावहारिक दिक्कतों को लेकर स्थगन वापस लेने आवेदन दिया था। इसको लेकर शपथपत्र प्रस्तुत करने निर्देश जारी किए थे।
ेभोपाल/जबलपुर।
देशी शराब कौनसी बोतल में बिकेगी। इसका अंतिम फैसला अब 30 अप्रैल को होगा। गुरुवार को प्राणी मित्र संस्था द्वारा दायर याचिका पर पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
प्लास्टिक की बोतल में देशी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर संस्था द्वारा लगाई याचिका को जनहित मैं मानते हुए हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस आरएस झा की युगलपीठ ने प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध बैक फुट लिए जाने हेतु राज्य सरकार व शराब व्यापारियों ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। इस पर याचिकाकर्ता की ने अवमानना याचिका भी दायर की है। युगलपीठ ने दोनों याचिका की सुनवाई संयुक्त रूप से करने के निर्देश जारी देते हुए याचिका पर 25 अप्रैल को सुनवाई को कहा था। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस केके लाहोटी व जस्टिस एमए सिद्दीकी की युगलपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिका पर अंतिम सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारत की है। प्राणी मित्र संस्था द्वारा देशी शराब के प्लास्टिक बोतलों में विक्रय पर रोक की याचिका पर १० अप्रैल को प्रतिबंध लगा दिया था। यह रोक वर्तमान में है। दायर याचिका में हवाला दिया गया है कि प्रदेश सरकार एक तरफ प्लास्टिक का उपयोग कम करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में प्लास्टिक की बोटल में शराब बेचा जाना उचित नहीं है।
-जहरीली हो जाती है शराब
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आरएन सिंह पैरवी कर रहे हैं। वहीं सरकार का पक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र कौरव ने रखा। याचिका तर्क दिया गया है कि एल्कोहल होने के कारण प्लास्टिक की बोतल में शराब अधिक जहरीली हो जाती है। इसके चलते देश के कई प्रदेशों में प्लास्टिक की बोतल में शराब बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। दूसरा इन बोतलों की रिसायक्लिनिंग नहीं होती, जिसके चलते इसका कचरा-कूड़ा भी फैलता है। यह पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। कोर्ट द्वारा रोक लगाने पर प्रदेश सरकार व शराब निर्माताओं ने आदेश के परिपालन में होने वाली व्यावहारिक दिक्कतों को लेकर स्थगन वापस लेने आवेदन दिया था। इसको लेकर शपथपत्र प्रस्तुत करने निर्देश जारी किए थे।
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