नेता सुधर जाएंगे तो राज्य के हालात बदल जाएंगे
चीफ रिपोर्टर, भोपाल
मप्र के दो दिवसीय दौरे के दौरान भोपाल पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के कार्यकर्ता जमीनी हकीकत बताने से नहीं हिचकें। सभी ने एक ही बात कही कि नेता सुधर जाएंगे तो राज्य के हालात बदल जाएंगे। मप्र प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को भोपाल पहुंचे गांधी ने पहले दौर में पार्टी के 15 संसदीय क्षेत्रों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, चुनाव में हारे उम्मीदवारों व पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की। इस बैठक में प्रतिनिधियों ने साफ तौर पर पार्टी में हावी गुटबाजी का जिक्र किया। उनका कहना था कि पार्टी पूरी तरह गुटों में बंटी है। नेता अपने लोगों को आगे बढ़ाते हैं, उन्हें इससे मतलब नहीं होता कि उनके इस कदम से पार्टी को क्या नुकसान होगा। असली कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होती है।
असलम शेर खां ने उठाया गुटबाजी का मुद्दा
हाकी खिलाड़ी व पूर्व सांसद असलम शेर खां ने भी पार्टी में गुटबाजी का मुद्दा उठाया। उन्होंने अल्पसंख्यकों की उपेक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में नौ जिले ऐसे हैं, जहां अल्पसंख्यक नतीजे तय करते हैं। लिहाजा, पार्टी को इस वर्ग में अपनी पैठ बनानी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हजारीलाल रघुवंशी ने भी पार्टी में व्याप्त गुटबाजी की चर्चा की। उन्होंने उम्मीद जताई है कि राहुल गांधी राज्य में कांग्रेस में जो चल रहा है उसे बदल देना चाहते हैं। उनकी कोशिश है कि राज्य में कांग्रेस सत्ता में आए और इसके लिए उनके तेवर भी बदले हुए हैं।
प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा
बैठक में हिस्सा लेकर लौटे प्रतिनिधि इस बात से खुश हैं कि राहुल गांधी ने उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि अब उम्मीदवारी नेता नहीं निचले स्तर के पदाधिकारी तय करेंगे। जो जीत का दावेदार होगा वही पार्टी का उम्मीदवार बनेगा। सात करोड़ जनता का प्रतिनिधि कुछ लोग तय नहीं करेंगे। राहुल ने दो से तीन संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा की है। इस दौरान राज्य का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं रहा। राहुल के साथ प्रदेशाध्यक्ष कांति लाल भूरिया व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ही चर्चा में मौजूद रहे। उन नेताओं को दूर रखा गया है जिन पर गुटबाजी बढ़ाने के आरोप हैं।
सभी को मिला बात का मौका
मानस भवन में कई घंटों तक राहुल ने सिर्फ कार्यकर्ताओं की सुनी। सभी पदाधिकारियों की बात को जहां एक ओर राहुल गांधी सुन रहे थे, वहीं दूसरी ओर उनके साथ आई टीम इस पूरी वार्तालाप की रिकार्डिंग करने के साथ ही पदाधिकारियों द्वारा कही गई बात को नोट भी कर रहे थे। कुछ पदाधिकारियों ने लिखित में सुझाव दिए। अधिकांश पदाधिकारियों ने मोहनखेड़ा की तरह ही अपनी बातें कहीं। बताते हैं कि पदाधिकारियों की चिंता प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की मतभिन्नता को लेकर थी। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि आप तो सिर्फ इन नेताओं के मन-मुटाव दूर करवा दीजिए। वहीं, कई पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रत्याशी चयन पर जोर दिया। यह सुझाव भी आया कि आने वाले 6 माह में सभी बड़े नेता एक साथ प्रदेशभर का दौरा करें।
स्थानीय नेता को तवज्जो नहीं
महिला पदाधिकारियों ने उनकी उपेक्षा की बात कही। यह भी बात उठी कि जो नेता दिल्ली दरबार में पहुंच रखते हैं, लाभ भी उन्हीं को मिलता है। स्थानीय कार्यकर्ता भले ही क्षेत्र में अपना प्रभाव रखता हो, उसे कोई तव्वजों नहीं दी जाती। कुछ पदाधिकारियों ने नाम लेकर गुटबाजी की बात भी कहने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें सिफ सुझाव देने की समझाइश दी। कुल मिलाकर सभी पदाधिकारियों की चिंता यह थी कि किसी भी तरह बड़े नेताओं को एकजुट करा दीजिए।
नेताजी उवाच
राहुल गांधी ने पूरे देश में छात्र संगठनों, युवा इकाइयों को विशेष रूप से एकत्र करने का काम किया है। राहुल की यह पहल सराहनीय है। गुटबाजी तो परिवार में भी जब ज्यादा लोग बैठते हैं तो उनमें भी हो जाती हैं। प्रदेश में सभी नेता एक हैं।
- दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
राहुल गांधी जिस तरह से कार्यक्रम में प्रदेश के पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों से सीधा संवाद कर रहे हैं, इसका फायदा कांग्रेस को चुनाव में मिलेगा। पार्टी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस आम लोगों की पार्टी है।।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री
राहुल गांधी सभी नेताओं को एकजुट करें, तभी उनकी मेहनत सफल हो पाएगी। मप्र में जिस तरह से गुटबाजी है, उसे दूर किया जाना जरूरी है अन्यथा प्रदेश में कांग्रेस के जो हालात आज हैं, वहीं आगे भी रहेंगे।
- हजारीलाल रघुवंशी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
बताते है कि जब युवराज के समक्ष कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी बयान करना शुरू की तो राहुल गांधी को भी यह कहना पड़ा कि यह नेताओं में नहींए बल्कि कांग्रेस के सिस्?टम का एक हिस्?सा है। विधानसभा चुनाव की बात हुई तो उन्?होंने कहा कि इसकी रणनीति जल्?द ही सामने आएगी। मेरी इच्?छा है कि दिसंबर में चुनाव हैए तो टिकट वितरण की शुरूआत जून माह से हो और जुलाई तक टिकिट बंट जाए। उन्?होंने कहा कि 7 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों के उम्?मीदवारों का चयन प्रदेश के कुछ नेता तय करें यह ठीक नहीं। कार्यकर्ताओं की सहमति इसमें शामिल होगी।
चीफ रिपोर्टर, भोपाल
मप्र के दो दिवसीय दौरे के दौरान भोपाल पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के कार्यकर्ता जमीनी हकीकत बताने से नहीं हिचकें। सभी ने एक ही बात कही कि नेता सुधर जाएंगे तो राज्य के हालात बदल जाएंगे। मप्र प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को भोपाल पहुंचे गांधी ने पहले दौर में पार्टी के 15 संसदीय क्षेत्रों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, चुनाव में हारे उम्मीदवारों व पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की। इस बैठक में प्रतिनिधियों ने साफ तौर पर पार्टी में हावी गुटबाजी का जिक्र किया। उनका कहना था कि पार्टी पूरी तरह गुटों में बंटी है। नेता अपने लोगों को आगे बढ़ाते हैं, उन्हें इससे मतलब नहीं होता कि उनके इस कदम से पार्टी को क्या नुकसान होगा। असली कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होती है।
असलम शेर खां ने उठाया गुटबाजी का मुद्दा
हाकी खिलाड़ी व पूर्व सांसद असलम शेर खां ने भी पार्टी में गुटबाजी का मुद्दा उठाया। उन्होंने अल्पसंख्यकों की उपेक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में नौ जिले ऐसे हैं, जहां अल्पसंख्यक नतीजे तय करते हैं। लिहाजा, पार्टी को इस वर्ग में अपनी पैठ बनानी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हजारीलाल रघुवंशी ने भी पार्टी में व्याप्त गुटबाजी की चर्चा की। उन्होंने उम्मीद जताई है कि राहुल गांधी राज्य में कांग्रेस में जो चल रहा है उसे बदल देना चाहते हैं। उनकी कोशिश है कि राज्य में कांग्रेस सत्ता में आए और इसके लिए उनके तेवर भी बदले हुए हैं।
प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा
बैठक में हिस्सा लेकर लौटे प्रतिनिधि इस बात से खुश हैं कि राहुल गांधी ने उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि अब उम्मीदवारी नेता नहीं निचले स्तर के पदाधिकारी तय करेंगे। जो जीत का दावेदार होगा वही पार्टी का उम्मीदवार बनेगा। सात करोड़ जनता का प्रतिनिधि कुछ लोग तय नहीं करेंगे। राहुल ने दो से तीन संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा की है। इस दौरान राज्य का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं रहा। राहुल के साथ प्रदेशाध्यक्ष कांति लाल भूरिया व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ही चर्चा में मौजूद रहे। उन नेताओं को दूर रखा गया है जिन पर गुटबाजी बढ़ाने के आरोप हैं।
सभी को मिला बात का मौका
मानस भवन में कई घंटों तक राहुल ने सिर्फ कार्यकर्ताओं की सुनी। सभी पदाधिकारियों की बात को जहां एक ओर राहुल गांधी सुन रहे थे, वहीं दूसरी ओर उनके साथ आई टीम इस पूरी वार्तालाप की रिकार्डिंग करने के साथ ही पदाधिकारियों द्वारा कही गई बात को नोट भी कर रहे थे। कुछ पदाधिकारियों ने लिखित में सुझाव दिए। अधिकांश पदाधिकारियों ने मोहनखेड़ा की तरह ही अपनी बातें कहीं। बताते हैं कि पदाधिकारियों की चिंता प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की मतभिन्नता को लेकर थी। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि आप तो सिर्फ इन नेताओं के मन-मुटाव दूर करवा दीजिए। वहीं, कई पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रत्याशी चयन पर जोर दिया। यह सुझाव भी आया कि आने वाले 6 माह में सभी बड़े नेता एक साथ प्रदेशभर का दौरा करें।
स्थानीय नेता को तवज्जो नहीं
महिला पदाधिकारियों ने उनकी उपेक्षा की बात कही। यह भी बात उठी कि जो नेता दिल्ली दरबार में पहुंच रखते हैं, लाभ भी उन्हीं को मिलता है। स्थानीय कार्यकर्ता भले ही क्षेत्र में अपना प्रभाव रखता हो, उसे कोई तव्वजों नहीं दी जाती। कुछ पदाधिकारियों ने नाम लेकर गुटबाजी की बात भी कहने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें सिफ सुझाव देने की समझाइश दी। कुल मिलाकर सभी पदाधिकारियों की चिंता यह थी कि किसी भी तरह बड़े नेताओं को एकजुट करा दीजिए।
नेताजी उवाच
राहुल गांधी ने पूरे देश में छात्र संगठनों, युवा इकाइयों को विशेष रूप से एकत्र करने का काम किया है। राहुल की यह पहल सराहनीय है। गुटबाजी तो परिवार में भी जब ज्यादा लोग बैठते हैं तो उनमें भी हो जाती हैं। प्रदेश में सभी नेता एक हैं।
- दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
राहुल गांधी जिस तरह से कार्यक्रम में प्रदेश के पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों से सीधा संवाद कर रहे हैं, इसका फायदा कांग्रेस को चुनाव में मिलेगा। पार्टी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस आम लोगों की पार्टी है।।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री
राहुल गांधी सभी नेताओं को एकजुट करें, तभी उनकी मेहनत सफल हो पाएगी। मप्र में जिस तरह से गुटबाजी है, उसे दूर किया जाना जरूरी है अन्यथा प्रदेश में कांग्रेस के जो हालात आज हैं, वहीं आगे भी रहेंगे।
- हजारीलाल रघुवंशी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
बताते है कि जब युवराज के समक्ष कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी बयान करना शुरू की तो राहुल गांधी को भी यह कहना पड़ा कि यह नेताओं में नहींए बल्कि कांग्रेस के सिस्?टम का एक हिस्?सा है। विधानसभा चुनाव की बात हुई तो उन्?होंने कहा कि इसकी रणनीति जल्?द ही सामने आएगी। मेरी इच्?छा है कि दिसंबर में चुनाव हैए तो टिकट वितरण की शुरूआत जून माह से हो और जुलाई तक टिकिट बंट जाए। उन्?होंने कहा कि 7 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों के उम्?मीदवारों का चयन प्रदेश के कुछ नेता तय करें यह ठीक नहीं। कार्यकर्ताओं की सहमति इसमें शामिल होगी।
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