गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

बजट में हो सकता है सफर

-अहमदाबाद नगर निगम कर रहा बीआरटीएस का सफल संचालन 
भोपाल। 
अहमदाबाद नगर निगम बीआरटीएस का सफल संचालन कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार का क्रमश: इसमें ३५ व १५ फीसदी भागीदारी है। १२० बसें इस रूट पर दौड़ रही हैं। यात्रियों पर किराए का बोझ न आए इसका ध्यान रखा गया। ऐसे ही कई छोटे-छोटे पहलू जिसे बुधवार को भोपाल से अहमदाबाद गए पत्रकारों से साझा किया अहमदाबाद जनर्मा लिमिटेड के जनरल मैनेजर हर्षद्वेय सोलंकी ने। 
ेजब बस एक नियमित गति में एक ट्रेक पर चलेगी तो ब्रेक, गियर में बार-बार बदलाव नहीं होते जिसके चलते ईधन बचता है। जब लागत नहीं बढ़ेगी तो किराया भी नहीं बढ़ेगा। श्री सोलंकी ने एक सवाल के जवाब में कहा, जिन स्थानों पर धार्मिक स्थल थे वहां आपसी सहमतियां बनाई गईं। इसके बाद निर्माण कार्य कराया गया। वहीं कुछ एक स्थान ऐसे भी हैं, जहां प्राचीनतम चिन्हों की मान्यता ज्यादा है। वहां रूटों में थोड़ा बदलाव किया गया। इस योजना का शुभारंभ २००७ में किया गया था। २००९ में इसके बीआरटीएस सड़क पर बस के पहियों ने गति पकड़ी। पहले चरण में १२.३० किमी का लक्ष्य रखा गया था। बीआरटीएस कुल ८८ किमी का लक्ष्य तय करेगा। 
तीन माह तक बीआरटीएस बस का संचालन आम लोगों के लिए नि:शुल्क किया गया। इससे यह पता चला कि यह कितना उचित है। इसी साल के अंत तक यह प्रोजेक्ट पूरी तरह आकार ले लेगा। फिलहाल इनका किराया ४ रुपए प्रति दो किमी के हिसाब से लिया जाता है। अधिकतम किराया 36 रुपए तय किया गया। सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक चलने वाली इन बसों में हर दिन करीब एक लाख 35 हजार इन बसों में सफर कर रहे हैं। वहीं नवरात्री को देखते हुए रात्री समय में बढ़ोत्तरी की गई है। नौ दिनों तक रात एक बजे तक बसों का संचालन हो रहा है। 

-नहीं हुआ विवाद 
सोलंकी ने बताया, विवाद की स्थिति तब बनती है जहां सामंजस से बात नहीं बन पाती। पहले चरण के रूट के निर्माण में कई स्थानों पर दिक्कतें आईं। कई जगह धर्म स्थल बने थे तो कुछ अन्य अड़चनें। लेकिन बुद्धिजीवियों के जरिए समझाइश देकर मसला सुलझा। सभी ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि यह जनहितैषी कार्य है और काम आगे बढ़ता गया। श्री सोलंकी ने बताया, कहीं-कहीं डिजाइन में बदलाव किया गया है। इसे भी व्यवस्थित रूप से ही किया है। अहमदाबाद जनमार्ग योजना में कुल पांच स्थाई कर्मचारी हैं, जबकि करीब १२०० कर्मचारी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं। कुल पांच डिपो बनाए जाने की जाने की योजना है। अहमदाबाद के चंडोला स्थिति डिपो का भ्रमण करते हुए श्री सोलंकी ने कहा, जनमार्ग को सुदंर बनाने यहां अशोक, कदम और शप्तपढ़ी के सात सौ पौधों को रोपा गया। आज ये वृक्ष का रूप ले रहे हैं। इससे जहां मार्ग की शोभा बढ़ी वहीं यह नजारे यात्रियों का आनंदित कर देते हैं। यह डिपो करीब 14 हजार सात सौ वर्ग मीटर में फैला है। 
इसकी खास बात यह है, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पूरी योजना को राजनीति से दूर रखा है। वहीं समय-समय पर इसकी समीक्षा वे खुद ही करते हैं, जिससे स्थिति से वह रूबरू हो सकें।

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