सोमवार, 29 अप्रैल 2013

गेहंू परिवहन में लेटलतीफी, हजारों टन गेहूं भीगा

0 प्रशासन पर भारी पड़ रहे ठेकेदार
भोपाल। 
प्रशासन के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी गेहूं परिवहन में लगी एजेंसियों ने परिवहन में तेजी नहीं दिखाई। इसके बाद प्रशासन ने 12 अप्रैल को परिवहन करने वाली दोनों कंपनियों भारत ट्रांसपोर्ट कंपनी और ग्लोबल रोड लाइंस को नोटिस जारी कर कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए। बावजूद इसके परिवहन ठेकेदारों ने परिवहन कार्य उसी गति से चालू रखा। नतीजा यह हुआ कि खुले में पड़ा करीब 12 हजार मीट्रिक टन गेहूं गत दिनों बरसात की भेंट चढ़ गया।
सूत्रों के अनुसार,खरीदी केंद्रों से गेहूं एफसीआई के गोदामों तक ले जाने के लिए सरकार परिवहन हेतु ट्रांसपोर्ट कंपनियों को ठेका देती है। ट्रांसपोर्ट कंपनियों भी यह ठेका न्यूनतम दरों पर ले लेती है जबकि इनके पास परिवहन के लिए गाडिय़ां भी उपलब्ध नहीं होती है। सूत्रों के अनुसार,इन ठेकेदार ट्रांसपोर्टरों को जिला प्रशासन तथा आरटीओ के अधिकारी फील्ड से वाहन पकड़कर उपलब्ध कराते हैं। पकड़े गए वाहनों को परिवहन में लगाकर मात्र डीजल का पैसा दिया जाता है। राजधानी के एक ट्रांसपोर्टर के मुताबिक,उसकी 3 गाडिय़ां विगत 4 दिनों से मात्र डीजल के बदले परिवहन कार्य में लगाई गई हैं। गाड़ी के पेपर आरटीओ के अधिकारियों के पास है। अब जब तक उनकी मर्जी काम करवाएंगे। एक अन्य ट्रांसपोर्टर के अनुसार,इससे सबसे ज्यादा नुकसान बाहर से आने वाली गाडिय़ों का होता है। अधिकारी और ठेकेदार मिलकर उनसे 10-10 दिन तक काम करवाते है,फिर गाड़ी छोड़ते है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार,यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यही कारण है कि गेहूं खरीदी केंद्रों पर स्टॉक तो लगातार बढ़ता रहता है परंतु इन गेहूं के स्टॉकों गोदाम तक परिवहन समय पर नहीं हो पाता है। 

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