-नापतौल विभाग ने दुर्गा पेट्रोल पंप की जांच
भोपाल।
45 लीटर के वाहन टैंक में 48 लीटर पेट्रोल कैसे आया? इसको लेकर पांच नम्बर स्टॉप स्थिति दुर्गा पेट्रोल पंप पर मंगलवार को उस समय हड़कंप मंच गया, जब नापतौल विभाग की टीम यहां जांच करने धमक गई।
टीम के एक सदस्य ने बताया, पंप से एक चार पहिया वाहन मालिक का फोन आया था। ताज्जुब की बात यह है कि शिकायत के आधार पर जब जांच की तो कुछ भी सामने नहीं आया। टीम के सदस्यों ने खासी मशक्कत की लेकिन न यह पता चला कि वाकई में गाड़ी का टैंक 45 लीटर का है। अगर ऐसा है तो तो उसमें 48 लीटर पेट्रोल कैसे आया? नापतौल अधिकारियों की माने तो दुर्गा पेट्रोल पंप की मशीन से लेकर वाहन के टैंक तक की जांच की। पर न टैंक में कहीं दिक्कत मिली न ही पेट्रोल पंप की मशीन खराब थी। मशीन से सही रेशो में पेट्रोल निकल रहा था। जांच के कुछ भी टैक्नीकल फॉल्ट सामने न आने पर नापतौल अमला बेरंग लौट गया। अधिकारियों को ही समझ नहीं आ रहा था कि जब वाहन में टैकर की लिमिट 45 लीटर है तो उसमें 48 लीटर पेट्रोल कैसे भरा रहा है?
भोपाल।
45 लीटर के वाहन टैंक में 48 लीटर पेट्रोल कैसे आया? इसको लेकर पांच नम्बर स्टॉप स्थिति दुर्गा पेट्रोल पंप पर मंगलवार को उस समय हड़कंप मंच गया, जब नापतौल विभाग की टीम यहां जांच करने धमक गई।
टीम के एक सदस्य ने बताया, पंप से एक चार पहिया वाहन मालिक का फोन आया था। ताज्जुब की बात यह है कि शिकायत के आधार पर जब जांच की तो कुछ भी सामने नहीं आया। टीम के सदस्यों ने खासी मशक्कत की लेकिन न यह पता चला कि वाकई में गाड़ी का टैंक 45 लीटर का है। अगर ऐसा है तो तो उसमें 48 लीटर पेट्रोल कैसे आया? नापतौल अधिकारियों की माने तो दुर्गा पेट्रोल पंप की मशीन से लेकर वाहन के टैंक तक की जांच की। पर न टैंक में कहीं दिक्कत मिली न ही पेट्रोल पंप की मशीन खराब थी। मशीन से सही रेशो में पेट्रोल निकल रहा था। जांच के कुछ भी टैक्नीकल फॉल्ट सामने न आने पर नापतौल अमला बेरंग लौट गया। अधिकारियों को ही समझ नहीं आ रहा था कि जब वाहन में टैकर की लिमिट 45 लीटर है तो उसमें 48 लीटर पेट्रोल कैसे भरा रहा है?
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