-विधानसभा चुनाव के लिये प्रत्येक जिले में होंगे 12 नोडल अधिकारी
भोपाल।
मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों को देखते हुए सभी जिलों को एपिक और जेण्डर गेप को दूर करने के निर्देश दिये गये हैं। निर्वाचन संबंधी तैयारियों को लेकर आज भोपाल में आयोजित जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन पर्यवेक्षकों की बैठक में यह निर्देश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद द्वारा दिये गये।
जयदीप गोविंद ने अधिकारियों को निर्वाचक नामावली के लिये मतदाताओं के छायाचित्र एकत्रित करने की मुहिम को सतत जारी रखने को कहा। उन्होंने बताया कि विगत 15 जनवरी को 3 लाख 14 हजार छायाचित्र एकत्रित किये जाने थे, लेकिन अब तक 60 हजार छायाचित्र एकत्रित हुए हैं। इस कार्य में जिन जिलों को ज्यादा संख्या में छायाचित्र एकत्रित करना हैं, उनमें मुरैना, भिण्ड, दमोह, रीवा, सतना, सीधी, बालाघाट, सिवनी, रतलाम, धार और झाबुआ शामिल हैं। एपिक-कार्ड का जो अंतर 15 जनवरी को 2 लाख 36 हजार था, वह नये लगभग 2 लाख मतदाता जुडऩे से अब 2 लाख 53 हजार हो गया है। गत 15 जनवरी के बाद लगभग 50 हजार नये एपिक-कार्ड बने हैं। एपिक-कार्ड के गेप को पूरा करने के लिये जिलों को आगे आना होगा। एपिक गेप को शून्य-स्तर पर लाने वाले जिलों को उन्होंने प्रशंसा-पत्र देने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बताया कि अभी भी लगभग 1 लाख 92 हजार युवा मतदाता को जोड़ा जाना शेष है। जिलों को इस कार्य में भी आगे आना होगा।
अंतर वाले जिलों पर ध्यान दें:
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 15 जनवरी की स्थिति में जेण्डर गेप 895 था, जो अब बढ़कर 896.5 हो गया है। जिन जिलों में जेण्डर गेप अधिक है, वे महिला-बाल विकास विभाग के सहयोग से शिविर लगाकर उसे दूर करें। गोविंद ने अधिकारियों को ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के निर्देश दिये, जिनका निधन, स्थानांतरण हो गया है या जिनके नाम का दोहराव है अथवा जो गुमशुदा या निर्वाचन आयोग द्वारा नियमानुसार अयोग्य घोषित हों। गोविंद ने जिलों को निर्वाचन संबंधी एक्शन प्लॉन का बेहतर संचालन करने के निर्देश दिये।
भोपाल।
मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों को देखते हुए सभी जिलों को एपिक और जेण्डर गेप को दूर करने के निर्देश दिये गये हैं। निर्वाचन संबंधी तैयारियों को लेकर आज भोपाल में आयोजित जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन पर्यवेक्षकों की बैठक में यह निर्देश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद द्वारा दिये गये।
जयदीप गोविंद ने अधिकारियों को निर्वाचक नामावली के लिये मतदाताओं के छायाचित्र एकत्रित करने की मुहिम को सतत जारी रखने को कहा। उन्होंने बताया कि विगत 15 जनवरी को 3 लाख 14 हजार छायाचित्र एकत्रित किये जाने थे, लेकिन अब तक 60 हजार छायाचित्र एकत्रित हुए हैं। इस कार्य में जिन जिलों को ज्यादा संख्या में छायाचित्र एकत्रित करना हैं, उनमें मुरैना, भिण्ड, दमोह, रीवा, सतना, सीधी, बालाघाट, सिवनी, रतलाम, धार और झाबुआ शामिल हैं। एपिक-कार्ड का जो अंतर 15 जनवरी को 2 लाख 36 हजार था, वह नये लगभग 2 लाख मतदाता जुडऩे से अब 2 लाख 53 हजार हो गया है। गत 15 जनवरी के बाद लगभग 50 हजार नये एपिक-कार्ड बने हैं। एपिक-कार्ड के गेप को पूरा करने के लिये जिलों को आगे आना होगा। एपिक गेप को शून्य-स्तर पर लाने वाले जिलों को उन्होंने प्रशंसा-पत्र देने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बताया कि अभी भी लगभग 1 लाख 92 हजार युवा मतदाता को जोड़ा जाना शेष है। जिलों को इस कार्य में भी आगे आना होगा।
अंतर वाले जिलों पर ध्यान दें:
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 15 जनवरी की स्थिति में जेण्डर गेप 895 था, जो अब बढ़कर 896.5 हो गया है। जिन जिलों में जेण्डर गेप अधिक है, वे महिला-बाल विकास विभाग के सहयोग से शिविर लगाकर उसे दूर करें। गोविंद ने अधिकारियों को ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के निर्देश दिये, जिनका निधन, स्थानांतरण हो गया है या जिनके नाम का दोहराव है अथवा जो गुमशुदा या निर्वाचन आयोग द्वारा नियमानुसार अयोग्य घोषित हों। गोविंद ने जिलों को निर्वाचन संबंधी एक्शन प्लॉन का बेहतर संचालन करने के निर्देश दिये।
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