-शराब की कीमत में 10 से 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी
भोपाल।
सुरा प्रेमियों के लिए सुरूर आज (एक अप्रैल) से और महंगा हो रहा है। शराब पर वैट और अन्य टैक्स के साथ शराब की बोतल 10 से 15 प्रतिशत अधिक दाम पर मिलेगी। वहीं देशी-विदेशी मदिरा विके्रताओं के दो धड़े में बटने से ये बढ़ोत्तरी सत प्रतिशत मानी जा रही है।
मप्र सरकार ने इस बार किसी भी नए ठेके के लिए लायसेंस जारी नहीं किया है। वहीं आबकारी विभाग को पूर्ववत् संचालित ठेकों को ही २० प्रतिशत राशि बढ़ा नवीन लायसेंस देने को कहा था। इस आधार लायसेंस जारी कर विभाग ने 333 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। सरकार ने इस बार शराब पर पांच प्रतिशत वैट लगा है, जिसके चलते शराब की कीमतों 15 प्रतिशत का इजाफा होने के संकेत मिले हैं।
-ये भी एक कारण
सरकार द्वारा ५ प्रतिशत वैट लगाने के साथ देशी-अंग्रेजी शराब के दामों को लेकर शराब व्यापारी दो गुटों में बटे गए हैं। ऐसे में दामों में वृद्धि होगी, जिसका भार सुराप्रेमियों की जेब पर पड़ेगा। इससे पहले तक माना जा रहा था कि ये बढ़ोत्तरी १० फीसदी ही होगी। क्योंकि एक अप्रैल से देशी और विदेशी शराब के दामों में 10 प्रतिशत की वृद्धि होना था। 5 प्रतिशत वैट लगने के बाद ये जोड़ 15 प्रतिशत हो गया। यह चौथा साल है जब शराब की कीमतों में इजाफा हुआ है। अब तक शराब ठेकेदार 20 प्रतिशत महंगा होने के साथ 10 प्रतिशत तक ही कीमतें बढ़ती थी। इस बार वृद्धि पिछली बार की तरह ही होगी।
आधार ये भी
ठेकेदार एमएसपी व एमआरपी की दरों में बंधा रहता है। ठेका संचालकों के हिसाब से ठेकेदार एमएसपी (मिनिमम सेल्स प्राईज) से नीचे शराब नहीं बेच सकता। वहीं एमआरपी (मैग्जिमम रिटेल प्राईज) से ऊपर नहीं जा सकता है। वैट और ठेका महंगा होने से दामों में इजाफा तो होगा, लेकिन ठेकेदारों को लाभ कम ही होगा।
333 करोड़ का राजस्व
आबकारी विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में राजधानी में देशी-विदेशी शराब दुकानों के ठेके से 20 प्रतिशत अधिक पर ठेका दिया। इससे आबकारी विभाग 333 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त मिला। विदेशी और देशी सभी 90 दुकानों से यह राजस्व प्राप्त हुआ। वर्ष 2012-13 में करीब 286 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त मिले थे।
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