मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

'जख्म-ए-जमीं' पार्ट-५

बिना अनुमति निर्माण का सफर 
-वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी: पुनीत गोधा ने पिछले दरवाजे निकाला निगम का लेटर और तानी कोलानी 
-राजधानी लैंड हाउसिंग कार्पोरेशन की गुमराह किया अधिकारियों को 
भोपाल।
कालोनाइजर पुनीत गोधा व संगीता गोधा द्वारा 80 फीट पर बसाई गई वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी का बिना अनुमति निर्माण का सफर केवल एक अभिमत पत्र से शुरू हुआ। नगर निगम (कालोनी प्रकोष्ठ) से अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) गोविन्दपुरा को भेजे गए एक पत्र को पुनीत गोधा ने पिछले दरवाजे से निकलवाया। इसी पत्र को ले वह कोर्ट चला गया और न्यायालय को गलत जानकारी दे स्टे लिया। 
१० एकड़ की विकास अनुमति ले २० एकड़ पर कालोनी बसाने का अवैधानिक सफर फरवरी, २००६ में शुरू हुआ। दरअसल, कालोनी प्रकोष्ठ ने दिनांक ६/०२/२००६ को पत्र क्र.-८२/का.प्रको./२००६ एसडीएम गोविन्दपुरा को लिखा। पत्र में कालोनी प्रकोष्ठ ने एसडीएम से व्यापवर्तन (डायवर्सन) के संबंध में अभिमत भेजने को कहा। दिनांक ०२/०३/२००६ को एसडीएम ने पत्र क्र.-१०९/परि.भूमि./२००६ से जवाब दिया कि कालोनाइजर को जमीन के व्यापवर्तन के संबंध में विभिन्न और चालान जमा करने २४/११/२००५ को सूचना पत्र दिया था। लेकिन कालोनाइजन ने इसे लेने से इंकार किया। इसके बाद वे मयदस्तावेजों के उपस्थित भी नहीं हुए, जिसके चलते प्रकरण की जांच नहीं की जा सकी। बिना भूमि व्यापवर्तन के कालोनाइजन द्वारा विकास कार्य किया जाना वैधानिक रूप से सही नहीं है। एसडीएम ने पत्र में स्पष्ट लिखा है, कालोनाइजर को आदेशित करें कि नियमानुसार व्यापवर्तन कराएं। 

-कालोनी प्रकोष्ठ का पत्र 
एसडीएम गोविन्दपुरा को कालोनी प्रकोष्ठ ने दिनांक ६/०२/२००६ को पत्र लिख अभिमत चाहा कि पुनीत गोधा कालोनाइजर द्वारा ग्राम हिनोतिया कांछियान एवं सेमराकलां के खसरा क्र- २१८, २१५, १४२ एवं ३६ कुल रकबा 10.79 एकड़ की विकास अनुमति जारी की गई है। उक्त भूमि के व्यापवर्तन के संबंध में आपके विभाग से अभिमत प्राप्त नहीं हुआ है। कालोनाइजर ने आवेदन प्रस्तुत कर भू-राजस्व संहिता की धारा-172 के अंतर्गत व्यापवर्तन संबंध में हुए संशोधन के अनुसार प्रकरण में कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। अनुविभागीय अधिकारी को पत्र पर एक माह की अवधि में अभिमत देने को कहा गया। 
-पत्र में ये लिखा एसडीएम ने 
०२/०३/२००६ को एसडीएम ने कालोनी प्रकोष्ठ को पत्र का जवाब दिया कि कालोनाइजर पुनीत गोधा ने ग्राम हिनोतिया कांछियान एवं सेमराकलां के खसरा क्र- २१८, २१५, १४२ एवं ३६ कुल रकबा १७.०० एकड़ में से १०.६३ एकड़ भूमि के व्यापवर्तन के लिए ०५/०४/२००५ को आवेदन दिया था। कालोनाइजर को आवेदन पत्र के साथ भूमि के व्यापवर्तन हेतु 12 वर्ष की खसरे की नकलें, कालोनी विकास का इस्टीमेट, इस्टीमेट के 5 प्रतिशत राशि का चालान एवं इस्टीमेट के 7.50-7.50 प्रतिशत अलग-अलग दो जमानत नामें व शपथ पत्र देने को कहा था, जोकि कालोनाइजर ने नहीं दिया।  इसके बाद २४/११/०५ को सूचना पत्र दिया, लेकिन पत्र को लेने से इंकार कर दिया। कालोनाइजर द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत न किए जाने से प्रकरण में जांच नहीं सकी। एसडीएम ने पत्र में लिखा कि बिना भूमि व्यापवर्तन के कालोनाइजन द्वारा विकास कार्य किया जाना वैधानिक रूप से सही नहीं है। अत: कालोनाइजर को आदेशित करें कि वह नियमानुसार व्यापवर्तन के लिए अभिलेख, जमानत आदि प्रस्तुत करें। एसडीएम ने यह भी लिखा कि तत्काल आवश्यक कार्यवाही कर अनुमति स्थगित करें। इसी पत्र को ले पुनीत गोधा कोर्ट चला गया और न्यायालय को केवल अपने हित की बात बताई और स्टे लिया। जिला प्रशाासन के आला अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि उन्हें सिविल न्यायालय में पार्टी बनाया गया है। 

-वर्जन 
मैंने मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है। कालोनाइजर ने बिना डायवर्सन कराए निर्माण करा, शासन के राजस्व को हानि पहुंचाई है। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। 
अमरजीत सिंह पवार, अनुविभागीय अधिकारी, गोविन्दपुरा 

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