मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

'जख्म-ए-जमीं' पार्ट-४

 बेचा मकान, कराई प्लॉट की रजिस्ट्री 
-मकान के नाम पर प्लाट की रजिस्ट्री
-कालोनाइजर ने की लाखों रुपए की स्टॉम्प ड्यूटी चोरी 
-ठगी के शिकार हुए वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी के रहवासी 
-भवन अनुज्ञा जारी होने के एक साल बात कराई प्लॉट पर रजिस्ट्री
हेमन्त पटेल, भोपाल। 
कालोनाइजर पुनीत गोधा व संगीता गोधा ने स्टेशन रोड (80 फीट) पर जो वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी बसाई है। उसमें लोगों को मकान बेच प्लॉट की रजिस्ट्री कराई है। इससे शासन की करोड़ों रुपए की स्टॉम्प शुल्क की चोरी हुई। वित्तीय वर्ष २००५-०६ में तकरीबत ऐसे १३५ मकानों में ये गड़बडिय़ां सामने आई हैं। कालोनाइजन द्वारा भवन अनुज्ञा सहित डायवर्सन शुल्क न जमा किए जाने का खामियाजा रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है। 
रहवासियों को समझौता शुल्क देना पड़ रहा है। पुनीत गोधा ने कालोनी तो अंग्रेजी वर्णमाला ए,बी,सी,डी... आदि के हिसाब से बसाई है और इसी आधार पर भवन क्रेता को पजेशन (कब्जा) दिया। लेकिन रजिस्ट्री गणितेय अंक १, २, ३, ४, ५... आदि पर की गई। इसके चलते लोगों को पता ही नहीं है कि वह अपने ही मकान में रह रहे हैं अथवा नहीं। कारण रजिस्ट्री और पजेशन अंकों में भिन्नता होना है। इस बात का खुलास तब हुआ जब कॉलोनीवासी अपने भवन के ऊपर अतिरिक्त निर्माण की अनुमति लेने पहुंचे। 

-ऐसे समझे पजेशन और रजिस्ट्री पर खेल 
कलोनाइजर को भवन निर्माण के लिए दिनांक १३/१२/२००४ को 'एनसी ११६४-०१३४३-१२०४Ó के नम्बर से भवन अनुज्ञा जारी हुई। यह १३० प्लाटों पर निर्माण के लिए दी गई। विलकीस बैगम (55) पत्नी गयासुद्दीन अहमद ने न.-एफ-2 के नाम से मकान क्रय किया, जोकि मौके पर भी है। अतिरिक्त निर्माण के लिए जब विलकीस बैगम ने भवन अनुज्ञा शाखा में आवेदन दिया तो उन्हें बताया एफ-2 के नाम भवन अनुज्ञा ही जारी नहीं हुई। अतिरिक्त निर्माण की अनुमति कैसे दें? जबकि इसी प्लॉट का पुराना नम्बर-१०७ था। जिस पर भवन अनुज्ञा जारी हुई थी। लेकिन कालोनाइजर ने पजेशन नम्बर (एफ-2) का उल्लेख रजिस्ट्री (प्लॉट न.-१०७) पर नहीं किया। इतना ही नहीं, पुनीत गोधा ने भवन के्रताओं को यह बताया भी नहीं कि उनके प्लॉट का पुराना क्रमांक क्या है? वहीं भवन अनुज्ञा शाखा ने यह भी पाया कि कालोनाइजर ने भवन अनुज्ञा मिलने के एक वर्ष बाद रजिस्ट्री कराई। इस हिसाब से यह भवन अनुज्ञा की शर्तों के उल्लंघन में आया, जिसके चलते भवन अनुज्ञा शाखा ने विलकीस बैगम को ४५,९५० रुपए की पेनालटी लगाई। नियमानुसार पुनीत गोधा को भवन अनुज्ञा बिल्डर को रियूवल कराना थी। 

-ऐसे हुई स्टॉम्प शुल्क चोरी 
21 गुणा 45 जमीन पर पूर्ण निर्मित मकान की रजिस्ट्री प्लॉट बता वित्तीय वर्ष २००५-०६ में 20 हजार रुपए में की। जबकि पूर्ण विकसित भवन की रजिस्ट्री ८० हजार रुपए में होती। ६० हजार रुपए प्रति भवन की रजिस्ट्री के हिसाब से स्टॉम्प शुल्क चोरी की गई। वित्तीय वर्ष २००५-०६ में ऐसे लगभग १३५ मकान सामने आए हैं। इस हिसाब से ८१ लाख रुपए की की स्टॉम्प शुल्क चोरी उजागर होती है। वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी में ४५० मकान हैं। वहीं अलग-अलग अनुमतियों और रजिस्ट्रियों की जांच करें तो सामने आएगा कि पुनीत गोधा ने शासन को करोड़ रुपए का चूना लगाया है। 

-वर्जन 
आपके माध्यम से मुझे स्टॉम्प शुल्क चोरी की जानकारी मिली है। मैं इस पर संज्ञान लूंगा। 
आरएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें