बुधवार, 17 अप्रैल 2013

शासन करे आयोग की सिफारिशों का पालन

-हाईकोर्ट ने दिया फैसला, 13 साल बाद मिला न्याय
-सिफारिशें पूरी कर पालन प्रतिवेदन आयोग भेजने के निर्देश
भोपाल। 
हाईकोर्ट ने मप्र मानवाधिकार आयोग की एक सिफारिश का सही ठहराते हुए उसका पालन करने के लिए मप्र शासन को निर्देश दिए है। गौरतलब है कि मानवाधिकार आयोग ने वर्ष 2001 के एक प्रकरण में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें आयोग ने कहा था कि मप्र शासन उनकी सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर रहा है। हाई कोर्ट द्वारा किए इस फैसले से पीडि़तों को 13 साल बाद न्याय मिला। 
मानवाधिकार आयोग के संयुक्त संचालक जनसंपर्क ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2001 में जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा में मोतियाबिंद के शिविर लगाया गया था। शिविर में 36 मरीजों का आपरेशन किया गया। जिसमें से आठ मरीजों की आंख में संक्रमण हो गया था। जिसके कारण मारिजों की आंख से दिखना बंद हो गया था। इसमें से एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।
जबकि एक मरीज इलाज के बाद ठीक हो गया। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को सभी पीडि़तों को राहत राशि देने की शासन से सिफारिश की थी। इस पर जिला प्रशासन ने मृतक के परिवार को 25 हजार, संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति को 2 हजार और अन्य छह लोगों दस-दस हजार रुपए दिए।
इससे असहमत आयोग ने शासन को 15-15 हजार रुपए अतिरिक्त राशि देने की सिफारिश की जिसे शासन ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया। इस मामले को लेकर आयोग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने आयोग की सिफारिशों को सही ठहराते हुए शासन को निर्देश दिए है कि आयोग की सिफारिशों को पूरा कर पालन प्रतिवेदन आयोग को भेजा जाए।

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