मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

ग्रीनपार्क के रहवासी पी रहे 'जहर'

-१०० ग्राम पानी में २४०० से ज्यादा कॉलीफोम बैक्टीरिया 
-कालोनाइजर द्वारा नहीं किया गया स्वच्छ जल प्रदाय का कोई प्रावधान 
भोपाल। 
कालोनाइजर पुनीत गोधा व संगीता गोधा द्वारा स्टेशन रोड (80 फीट) पर बसाई गई वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी में रहवासी जहरीला पानी पी रहे हैं। कालोनी में ट्यूबवेल से सीधे जो पानी सप्लाई किया जाता है। वह पीने योग्य नहीं है। १०० ग्राम पानी में २४०० से ज्यादा कॉलीफोम बैक्टीरिया हैं, जबकि इसकी मात्रा शून्य होनी चाहिए। 
ऐसी तमाम खामियों को उजागर कर रही है कालोनी के पानी की जांच रिपोर्ट। यह रिपोर्ट नगर निगम की अरेरा हिल्स स्थित क्वॉलिटी कंट्रोल (वॉटर) लेबोरेट्री ने तैयार की है। जल विशेषज्ञों के अनुसार इस पानी का उपयोग बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इसकी उपयोगिता से पत्थरी, लग्स प्रोबलम्स हो सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह बेहद खतरनाक है। शुद्ध जल का पीएच मान-७ होता है। हालांकि ये ७.४ है, लेकिन अन्य जरूरी तत्व जैसे क्लोराइड २०० या एक हजार के बीच होना चाहिए, जो ४५ है। इसी तरह मैग्नीज, एल्युमीनियम और मरकरी का प्रतिशत भी ज्यादा है। 

-इसलिए पानी में ये तत्व 
चिकित्सा स्वास्थ्य से जुड़े डॉ. एचके पारासर के अनुसार पानी में किसी भी प्रकार के कोई बैक्टीरिया नहीं होने चाहिए। पानी में कॉलीफोम बैक्टीरिया होने का कारण सीवेज का पानी सप्लाई वॉटर से मिलना मुख्य वजहा होता है। इस पानी के सेवन से टाइफाइड, त्वचा रोग और उल्टी-दस्त की परेशानी वहां के निवासियों को बनी रह सकती हैं। वहीं मैनिट में सिविल इंजीनियरिंग (जल एवं पर्यावरण) के प्रोफेसर डॉ. एमएस चौहान के हिसाब से उक्त पानी पीने योग्य नहीं है। श्री चौहान ने बताया, कालोनाइजर जिस ट्यबवेल से पानी सप्लाई कर रहा है, उसमें सीवेज पानी मिल रहा है। अमुमन सेप्टीटेंक के के्रक होने से ३० मीटर तक ये बैक्टीरिया पानी मिल सकते हैं। इसलिए जरूरी है, ट्यूबवेल सीवेज लाइन और जहां गंदे पानी की उपलब्धता है वहां न हो। इसलिए इस पानी में ठोस अवशिष्ट मिल रहे हैं। 

-आरो ट्रीट जरूरी 
प्रोफेसर डॉ. एमएस चौहान कहते हैं, रिपोर्ट के हिसाब से देखें तो कालोनीवासियों को पानी का आरो ट्रीट कराकर ही पीने के उपयोग में लेना चाहिए। पानी का केवल यूवी फिल्टर से काम नहीं चल सकता। रिपोर्ट १०० ग्राम पानी में २४०० से ज्यादा कॉलीफोम बैक्टीरिया बता रही है, जिसके हिसाब से भारी पानी है। जिस पाइप से इसे सप्लाई किया जाता है, उसमें और बर्तनों में मोटी परत जम जाती है। ये गीजर, मोटर और नलों में धीरे-धीरे जम जाता है। साथ बीना ट्रीट किए पानी पीने से पत्थरी की समस्या ज्यादा पैदा होती है। वे कहते हैं, अगर कालोनाइजर ने पीने का स्वच्छ पानी दिए जाने का वादा किया था तो वे इसकी मांग उससे कर सकते हैं। ये बेहद घातक है विशेष तौर पर छोटे बच्चों और गर्भवति महिलाओं के लिए। 

-बुलंद करनी होगी आवाज 
अधिवक्ता देवेन्द्र प्रकाश मिश्रा कहते हैं कि कालोनाइजर पुनीत गोधा ने कालोनी निर्माण करते समय ब्रोसर जारी किया था। इसमें उन्होंने कालोनी निवासियों के लिए कम्युनिटी हाल, कालोनी में मार्ग निर्देशक बोर्ड और पानी की सुचारू व्यवस्था किए जाने की बात कही थी। ऐसा न किए जाने से कालोनाइजर ने ४५० परिवारों के साथ धोखा किया है। अपने वाजिब हक मांग ने के लिए कालोनीवासियों को आवाज बुलंद करनी होगी। श्री मिश्रा के अनुसार कालोनीवासी इसकी शिकायत लेकर उपभोक्ता फोरम में जा सकते हैं। 

वर्जन 
१०० ग्राम पानी में २४०० से ज्यादा कॉलीफोम बैक्टीरिया का ग्राफ बताता है कि पानी किसी भी लिहाज से पीने योग्य नहीं है। बिना फिल्टर किए पानी पीने को उपयोग में नहीं लिया जा सकता है। 
डॉ. राकेश मिश्रा, जल जांच करता, क्वॉलिटी कंट्रोल (वॉटर) लेबोरेट्री, ईदगाहिल्स 

पानी मानक स्तर का नहीं है, लिहाजा इसे उपयोग में भी नहीं लिया जा सकता। कालोनी के रहवासियों के स्वास्थ्य पर विवरीत असर पड़ेगा। इस पानी का आरो ट्रीटमेंट जरूरी है। 
डॉ. एमएस चौहान, प्रोफेसर, मैनिट में सिविल इंजीनियरिंग (जल एवं पर्यावरण) 

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