सोमवार, 1 अप्रैल 2013

छूट खत्म, कृषि भूमि पर प्लॉट भी हुए महंगे

-आज से लागू होगी जमीन की नई कलेक्टर गाइडलाइन 

भोपाल। 
जमीन की नई कलेक्टर गाइडलाइन एक अप्रैल से लागू होगी। पहले जहां कृषि भूमि पर प्लाट सस्ते मिलते थे और रजिस्ट्री में भी छूट मिल रही थी। अब इस छूट को खत्म कर दिया है। इन्हें बकायदा ज्यादा ड्यूटी चुकानी होगी। 
नई कलेक्टर गाइडलाइन में नगरीय क्षेत्रों में एक हजार वर्ग मीटर या उससे कम के  प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए कीमत का मूल्यांकन उस क्षेत्र में विकसित आवासीय भूखंडों की दर से किया जाएगा। अब तक कृषि भूमि के प्लॉट का मूल्यांकन विकसित प्लॉट की 80 से 90 प्रतिशत दर पर किया जाता था। 
यही नहीं पहले भूमि को सिंचित व असिंचित भी नहीं माना जाता था, लेकिन वर्तमान में प्लाट की कीमत सिंचित की दर से आंकी जाएगी। ऐसा नवीन गाइडलाइन में उपबंधों में किए गए परिवर्तनों से हो रहा है। उपबंधों पर नजर दौड़ाएं तो नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और उससे लगी हुई सीमा से लगे गांवों में 1000 वर्गमीटर या इससे कम के  प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए भूमि का मूल्यांकन आवासीय विकसित भूखंड के  हिसाब से किया जाएगा।  यदि प्लॉट का क्षेत्रफल 1000 वर्ग मीटर से अधिक  होता है तो एक हजार वर्ग मीटर तक आवासीय भूखंड की दर और शेष भूखंड के लिए सिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य का डेढ़ गुना मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि पहले 1000 वर्गमीटर के प्लाट खरीदने पर प्लाट की दरों का मूल्यांकन भूमि के 90 प्रतिशत कीमत के आधार पर होता था। 

-स्थिति जो सामने आई 
नए उपबंधों के हिसाब से कोई गांव पॉश इलाका से लगा हुआ है तो वहां की जमीन के दमों में भी इजाफा होगा। दूसरी ओर मुख्य खनिज उत्खनन (गौण खनिज को छोड़कर) के उपयोग के  लिए छोड़ी गई भूमि का मूल्यंाकन सिंचित कृषि भूमि के मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक किया जाएगा। 

-पूर्व का प्रावधान 
शहरी क्षेत्र में कृषि व नजूल भूमि के भूखंडों के मूल्यांकन में भी परिवर्तन किया गया है। भूखंड का क्षेत्रफल 1000 वर्गमीटर अथावा इससे कम होगा तो निर्धारित आवासीय विकसित भूखंड की दर लगाई जाएगी। जबकि पहले यह दर आवासीय विकसित भूखंड की दर का 90 प्रतिशत था। यही स्थिति नगरीय, नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र में भी की गई है। हालंाकि नगर पंचायत क्षेत्र में आवासीय विकसित भूखंड की दर की 80 प्रतिशत राशि के आधार पर मूल्य तय होता था।

-जो हुए उपबंधों में बदलाव 
- कंडिका एक में दर्ज क्षेत्रों व ग्रामों में सम्मिलित ग्रामों को छोड़कर शेष ग्रामीण क्षेत्र में 0.05 हेक्टेयर से अधिक व्यपवर्तित भूमि (आवास, उद्योग, नजूल व अन्य)  का मूल्यांकन सिंचित कृषि भूमि के मूल्य का डेढ़ गुना किया है। पहले यह मूल्य दो गुना लिया जाता था। 
-डायर्वस और अव्यपवर्तित भूखंडों के लिए अलग-अलग दरें निर्धाति थी। वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। अव्यपवर्तित का कॉलम को ही समाप्त कर दिया गया है। 

-ऐसे होगी रजिस्ट्री 
उपबंधों में हुए परिवर्तनों के आधार पर जहां लैट की रजिस्ट्री कराना आम जनता को सस्ता पड़ेगा वहीं कृषि भूमि पर कटे प्लॉट्स की रजिस्ट्री महंगी पड़ेगी। इधर जमीनों की कीमतें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से डेढ़ सौ फीसदी तक महंगी कर देने से आम जनता को अब रजिस्ट्री कराने के लिए 20 से डेढ़ सौ प्रतिशत स्टॉ प ड्यूटी पुरानी गाइडलाइन की स्टॉ प ड्यूटी से अधिक देनी होगी। 

नहीं हो सकी ऑनलाइन - रविवार यानि 31 मार्च को नई कलेक्टर गाइडलाइन ऑनलाइन की जानी थी, जो देर रात तक नहीं हो सकी। इधर अधिकारियों का कहना है कि रविवार को अवकाश होने के चलते यह कार्य नहीं किया जा सका। सोमवार यानि एक अप्रैल को सुबह 11 बजे से ही कलेक्टर गाइडलाइन को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 
 

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