सोमवार, 30 दिसंबर 2013

व्यापमं भ्रष्टाचार की हो सीबीआई जांच: आप

-आप के प्रदेश संयोजक अभय वर्मा का अनिश्चित कालीन अनशन जारी 
भोपाल। 
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश संयोजक अभय वर्मा शाहजहांनी पार्क में व्यापमं के भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने को को लेकर अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे हैं। अनशन के दूसरे दिन करीब 500 से अधिक ‘आप’ के कार्यकर्ता शामिल हुए। 
अनशन में प्रदेश ही नहीं दिल्ली से भी कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। ‘आप’ के प्रदेश प्रवक्ता प्रहलाद पांडेय ने बताया, जब तक सरकार यह निश्चित नहीं कर देती कि सरकार सीबीआई से व्यापमं घोटले-भ्रष्टाचार की जांच करा रही है। तब तक श्री वर्मा का अनशन जारी रहेगा। अभय ने व्यापमं सहित चार मुद्दों पर अनशन शुरू किया है। अभय ने बताया, अब तक सरकार या प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा यहां नहीं आया। वे कहते हैं, व्यापमं की जांच सीबीआई से कराई जाती है तो कई बातें सामने आएंगी। इसमें कई बड़े नेता-मंत्री शामिल हैं। इसमें से 80 लाख छात्रों का भविष्य सवालिया घेरे में है। 2013 में उजागर हुए शिक्षा के इस महा भ्रष्टाचार से मप्र की जनता का भरोसा सरकार से उठ गया है। 

ये हैं चार मुद्दे 
1. 66 वर्ष बाद भी धरातल पर शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाया है। यह सरकार की जिम्मेदार थी। हम चाहते हैं सभी सरकारी स्कूल ऐसे हो जैसे नेता, मंत्री, अफसर अपने बच्चों को जिन स्कूलों में पढ़ने भेजते हैं। जब तक शासकीय स्कूल इन स्कूलों जैसे नहीं हो जाते तब तक वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाएं। इसे राइट-टू-एज्युकेशन नहीं राइट-टू-वर्ल्डक्लास एज्युकेशन बनाया जाए। 
2. व्यापमं की सीबीआई से जांच कराएं। अब तक जितने भी दोषी सामने आए उन्हें तत्काल प्रभाव से सजा दी जाएं। 
3. व्यापमं द्वारा जो भी परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं उन सभी की परीक्षा फीस नि:शुल्क की जाए। 
4. जब तक सरकारी अस्पताल वर्ल्डक्लास के नहीं हो जाते जहां नेता, मंत्री, अफसर, संत्री अपना इलाज करवाते हैं तब तक वह भी शासकीय अस्पतालों में ही इलाज कराएं। 

तहसील की जनसुनवाई अब खुले में , भोपाल

जिले की हुजूर तहसील से अनुविभागीय अधिकारी राजेश   श्रीवास्तव के विदा होने के बाद यहां जनसुनवाई बंद हो गई है। लेकिन अब इस कार्यालय की जनसुनवाई खुले में होगी। यह सुनवाई एसडीएम हुजूर सुनील दुबे करेंगे। 
वे खुले में ही प्रति मंगलवार होने वाली जनसुनवाई में आवेदकों से शिकायती आवेदन लेंगे और निराकरण के लिए आदेश-निर्देश जारी करेंगे। श्री दुबे ने कहा, कोशिश होगी कि ऐसे आवेदन जिन्हें त्वरित निराकृत किया जा सकता है। उन पर तत्काल ही एक्शन लिया जाएगा। वहीं अन्य आवेदनों के संबंध में यह कोशिश होगी कि वह निश्चित समय सीमा में निराकृत हों। 
श्री दुबे ने बताया, इसको लेकर कार्य योजना तैयार हो गई है। संभवत: इसी मंगलवार से खुले में सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। जनसुनवाई स्थल के बगल वाले कक्ष में तहसीलदार व पटवारियों को बिठाया जाएगा। साथ ही शिकायत के अनुसार उन्हें बुलाकर समस्या से अवगत कराया जाएगा। 
श्री दुबे ने कहा, इससे ग्रामवासियों को सीधा लाभ होगा, वहीं हमभी मौलिक स्थिति से मौके पर परिचित हो सकेंगे। 

-कोलार में भी होगी जनसुनवाई 
श्री दुबे ने बताया, हुजूर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कोलार में भी जनसुनवाई होगी। यहां कोलार नपा कार्यालय में सीएमएचओ जनसुनवाई करेंगे और वहां के निवासियों के शिकायती आवेदन लेंगे। 

आज से पैदल हो सकते हैं कलेक्टर-अपर कलेक्टर

 -मामला कोच फैक्ट्री के लिए ली गई 400 एकड़ जमीन का
-पूर्व में अपर कलेक्टर से लेकर एसडीएम की गाड़ियों की बनाई जा चुकी है कुर्की 
-अफसरों ने 8 दिन का मांगा था समय 
भोपाल। 
भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़े, अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे आज से पैदल हो सकते हैं। इसी क्रम में भोपाल के एसडीएम भी शामिल हैं, उन्हें भी बिन चौपहिया वाहन यात्रा करनी पड़ सकती है। दरअसल, जिला प्रशासन के इन अफसरों की गाड़ियों की 20 दिसंबर को जिला न्यायालय के एडीजे बीके द्विवेदी के एक आदेश के बाद कुर्की बनाई गई थी। 
कुर्की बनाए जाने के बाद भी न्यायालय की वसूली टीम वाहनों को जब्ती में नहीं ले पाई थी। कारण प्रशासनिक अफसरों ने 8 दिन का समय मांग लिया था। अब सोमवार को एक बार फिर न्यायालीन कार्यवाही शुरू होगी। जिला न्यायालय ने संपत्ति कुर्की के आदेश 1984 में पुराने भोपाल के ग्राम करारिया और निशातपुरा में सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारखाना (कोच फैक्ट्री) लिए अधिग्रहित की गई किसानों की जमीन को लेकर दिए हैं। अधिग्रहित की गई 400 एकड़ जमीन के कृषकों को उचित मुआवजा नहीं मिला था, जिसके चलते 48 में से 18 किसान जिला प्रशासन के विरुद्ध न्यायालय चले गए थे। अफसरों की गाड़ियों की कुर्की को लेकर किसानों की तरफ से अधिवक्ता बीएल रघुवंशी नई तैयारी कर रहे हैं। इधर सूत्रों की मानें तो भले ही अफसरों ने आठ दिन का समय मांगा हो, लेकिन वे इस बीच कुछ नहीं कर सके। लिहाजा इसका खामियाजा उन्हें भरना पड़ेगा। 


-इनकी बनाई थी कुर्की 
न्यायालय की संपत्ति कुर्क टीम से अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे और गोविंदपुरा एसडीएम डीसी सिंघी ने आठ दिन का यह समय मांगा था। जिसके बाद कुर्की की समय अवधि बढ़ा दी गई थी। कुर्की टीम ने एडीएम नार्थ की गाड़ी एमपी-02-आरडी-0444, अपर कलेक्टर की गाड़ी एमपी-02-एबी-0111, एमपी-02-आरडी-0501 और एमपी-02-एवी-1060 की कुर्की के दस्तावेज तैयार किए हैं। उस समय इन गाड़ियों को उठाया नहीं जा सका था। कुर्की की कार्रवाई के दौरान ही एसडीएम चंद्रमोहन मिश्रा ने मोर्चा संभाला था। इसके बाद किसान जहां मंडल रेल प्रबंधक और अफसरों की बात में फंस गए। वहीं अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने 8 दिन का समय मांगते हुए। बला टाल दिया था। 


-22 कलेक्टर आकर चले गए 
भूमि अधिग्रहण का यह प्रकरण कलेक्टोरेट में 1984 से चल रहा है। उस वक्त कलेक्टर राकेश बंसल थे। 8/6/1984 को कलेक्टर मोति सिंह आए। इनके पास भी फाइल चली। ऐसा करते-करते निकुंज कुमार श्रीवास्तव 27/4/2010 को 22वें कलेक्टर के रूप में आए, लेकिन निराकरण नहीं करा सके। सूत्रों की मानें तो श्री श्रीवास्तव से दो से तीन बार न्यायालय ने पूछा भी कि किसानों के मुआवजे का क्या हुआ? बावजूद इसके प्रकरण आया गया कर दिया गया। वर्तमान में कलेक्टर निशांत वरवड़े हैं, लेकिन उनके आते ही विधानसभा की आचार संहिता लग गई। बताया जाता है, ऐसे में वह मामले से अवगत नहीं हो पाए। 

-यह है मामला 
सन 1983-84 में राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने भोपाल रेलवे को कोच फैक्ट्री स्थिापित करने के लिए करीब 420 एकड़ जमीन किसानों से अधिगृहीत करके दी थी। करारिया, भानपुर व छोला क्षेत्र के करीब 44 किसानों की यह जमीन थी, जिसका भू-अर्जन कर  मुआवजा भी दिया गया। इसमें किसी की जमीन 21 एकड़ थी तो किसी की 1 से लेकर 5 एकड़ तक। इन जमीनों का मुआवजा भी 18000 रुपए प्रतिएकड़ असिंचित व 28 हजार रुपए प्रतिएकड़ सिंचित के हिसाब से दिया गया। मुआवजा कम दिए जाने की मांग को लेकर 18 किसानों ने सिविल कोर्ट में जिला प्रशासन के खिलाफ केस लगा दिया। कोर्ट ने सन 2004 में अपना निर्णय सुनाते हुए 1200 रुपए प्रतिएकड़ असिंचित व 1800 रुपए प्रतिएकड़ सिंचित के हिसाब से किसानों की अतिरिक्त राशि (मुआवजा) देने के निर्देश दिए। इसके बाद किसानों ने जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाता तो उन्होंने किसानों को रेलवे के पास भेज दिया। रेलवे ने अपना मामला न होने की बात कहते हुए किसानों को वापस जिला प्रशासन भेज दिया। इस तरह भटकते भटकते किसानों को 10 साल बीत गए और कोर्ट की अवमानना होती रही। सब्र का बांध टूटने के बाद किसानों से फिर से एकजुट होकर एडीजे की कोर्ट में हिजरा फाईल किया। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय (जिला प्रशासन) की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए। पहली बार कुर्की के लिए पहुंचे न्यायालय के दल व किसानों को आठ दिन में राशि दिलाए जाने का आश्वास ही मिला था, जो पूरा नहीं हुआ। 

-वर्जन 
जिला प्रशासन ने उचित मुआवजा को लेकर क्या किया। यह जिला प्रशासन के अफसरों से पूछा जाएगा, यदि कुछ नहीं हुआ तो एडीजे से फिर गुहार लगाई जाएगी। फिलहाल 48 में से 18 किसानों का केस न्यायालय में चल रहा है। 
बीएल रघुवंशी, किसानों के अधिवक्ता 

-हमने जवाब सौंप दिया 
हमने न्यायालय को अपना जवाब सौंप दिया है। हमने कहा है, रेलवे प्रशासन से मुआवजा राशि मिलेगी तो किसानों को दी जाएगी। क्योंकि जमीन रेलवे के लिए अधिग्रहित की गई थी। बाकी न्यायालय के फैसले का हम स्वागत करेंगे, चाहे जो भी आदेश मिले। 
बसंत कुर्रे, अपर कलेक्टर 

व्यापमं के भ्रष्टाचार को लेकर ‘आप’ ने खोला मोर्चा-


- अभय वर्मा अनिश्चित कालीन अनशन पर 
भोपाल। 
ठीक 12 बजे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। और ठीक इसी समय भोपाल के शाहजहांनी पार्क में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश संयोजक अभय वर्मा व्यापमं के भ्रष्टाचार को लेकर अनिश्चित कालीन अनशन शुरू किया। इसमें   पार्टी के भोपाल सहित प्रदेशभर के कार्यकर्ता शामिल हुए। अभय ने व्यापमं सहित चार मुद्दों पर अनशन शुरू किया है। 
अभय ने कहा, हम सरकार को केवल इतना कहते हैं कि व्यापमं में हुए तमाम भ्रष्टाचारों की जांच सीबीआई से कराई जाए। क्योंकि देश में अभी तक कोई निष्पक्ष जांच एजेंसी नहीं है। कम से कम सख्त जनलोकपाल बन जाने तक। व्यापमं के जरिए हुई तमाम परिक्षाओं में एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं प्रभावित हुए हैं। इसमें से 80 लाख छात्रों का भविष्य सवालिया घेरे में है। 2013 में उजागर हुए शिक्षा के इस महा भ्रष्टाचार से मप्र की जनता का भरोसा सरकार से उठ गया है। 
सरकार का दायित्व बनता है कि वह निष्पक्ष जांच कराए। यह काम सीबीआई को रिकमंड करके वही कर सकती है। 
ये हैं चार मुद्दे 
1. 66 वर्ष बाद भी धरातल पर शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाया है। यह सरकार की जिम्मेदार थी। हम चाहते हैं सभी सरकारी स्कूल ऐसे हो जैसे नेता, मंत्री, अफसर अपने बच्चों को जिन स्कूलों में पढ़ने भेजते हैं। जब तक शासकीय स्कूल इन स्कूलों जैसे नहीं हो जाते तब तक वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाएं। इसे राइट-टू-एज्युकेशन नहीं राइट-टू-वर्ल्डक्लास एज्युकेशन बनाया जाए। 
2. व्यापमं की सीबीआई से जांच कराएं। अब तक जितने भी दोषी सामने आए उन्हें तत्काल प्रभाव से सजा दी जाएं। 
3. व्यापमं द्वारा जो भी परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं उन सभी की परीक्षा फीस नि:शुल्क की जाए। 
4. जब तक सरकारी अस्पताल वर्ल्डक्लास के नहीं हो जाते जहां नेता, मंत्री, अफसर, संत्री अपना इलाज करवाते हैं तब तक वह भी शासकीय अस्पतालों में ही इलाज कराएं।

शिवराज मप्र के ‘मनमोहन’

बातचीत में बोले कुमार विश्वास 
भोपाल। 
शिवराज विनम्र हैं। अहंकार नहीं है उनको। मेरे अच्छे मित्र हैं। लेकिन उनके रहते भी मप्र में भ्रष्टाचार हो रहा है। क्योंकि वे मनमोहन जैसे हैं। जनता की कृपा से तीसरी बार सरकार मिली है। लेकिन कृपा कब तक चलेगी? यह बात दबंग दुनिया से विशेष चर्चा में देश के ख्याति प्राप्त कवि व आम आदमी पार्टी (आप) के महत्वपूर्ण स्तंभ कुमार विश्वास ने कही। 
दरअसल, विश्वास एक निजी कार्यक्रम विशेष आमंत्रित अतिथि के तौर पर भोपाल में थे। उनके अनुसार प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘आप’ पूरी तरह तैयार है। प्रस्तुत है चर्चा के अंश...

मप्र में बतौर कवि कई दौरे किए, क्या अब ‘आप’ में दायित्व संभालने के बाद आॅफर कम हो गए हैं? 
हां! सरकार ने अपने कार्यक्रम में बुलाना न के बराबर कर दिया है। लेकिन इसकी कोई परवाह नहीं है। जो भी कवि के तौर पर बुलाता है मैं आता हूं। 

-कई लोग और राजनेता कहते हैं केजरीवाल की सरकार गिर जाएगी? 
हमने किसी से समर्थन नहीं मांगा न लिया। जनता से पूछा था क्या सरकार बनाएं? जनता ने कहा वो पार्टी ने किया। सदन में बहुमत नहीं मिलता तो फिर जनता के बीच जाएंगे। जो लोग ऐसा कहते हैं क्या उन्होंने कभी जनता से पूछा? नहीं न। 

-मप्र में लोकसभा लड़ने के लिए क्या कार्य योजना है? 
हम सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। एक अच्छा कैडर तैयार हो गया है। साफ और ईमानदार छवि के लोग सामने आए हैं। पार्टी से लगातार लोगों का जुड़ना जारी है। 

-क्या राहुल के खिलाफ लड़ेंगे? 
देखिए! देश की पार्टियां अपने व्यक्ति को सेफ जोन देती रहीं हैं। विदिशा से सुषमा चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस का उम्मीदवार लेट हो जाता है। यही हाल यूपी में मुलायम सिंह की बहु डिंपल यादव के लिए रहा। इसे तो अरविंद केजरीवाल ने तोड़ा। शीला को हराकर। पार्टी का निर्णय है तो अमेठी से चुनाव लड़ूंगा। 

-क्या मप्र में भ्रष्टाचारियों की एशगाह है? 
दिल्ली में 67 प्रतिशत अवैध कॉलोनियां हैं, इनसे 500 करोड़ प्रतिमाह अवैध कमाई होती है। यही हाल मप्र का है। यहां भूमि घोटाला है। मप्र भ्रष्टाचार का सायलेंट जोन है। एक प्रकार से मप्र अफसर, नेता, मंत्री, संतरी के लिए एशगाह है। 

-आप मानते हैं मप्र भ्रष्टाचार का हब हो गया है? 
मप्र भ्रष्टाचार का गढ़ है और भोपाल पिकनिक स्पॉट। शिवराज व्यक्तिगत तौर पर अच्छे हैं, लेकिन वे पॉवर फुल भूमिका में अब भी नहीं। भ्रष्टाचार ही था इसीलिए बड़े मंत्री नहीं जीत पाए। लेकिन 4 मंत्री ऐसे हैं, जो किसी तरह आ गए। फिर भी शिवराज वैसे हो नहीं पाए जैसा होना चाहिए। वास्तव में वे मप्र के मनमोहन हैं। 

-सीसेट एक्सपर्ट सुरेश कुमार ने दिए ‘विजन-50’ में टिप्स

-केवल 40 प्रतिशत समझने पर बन जाओगे प्रशासनिक अफसर 
भोपाल। 
संघ लोक सेवा आयोग विद्यार्थी को केवल 40 प्रतिशत याद होने पर प्रशासनिक अफसर बना देती है। यदि उम्मीदवार 50 तक पहुंचता है तो टॉपर हो जाता है। जबकि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में व्यक्ति को 70 से लेकर 100 प्रतिशत तक मेहनत करनी होती है। यह बात विद्यार्थियों को समझाई सी-सेट एक्सपर्ट सुरेश कुमार ने। 
श्री कुमार दिल्ली स्थित दिव्य आईएएस अकादमी में सी-सेट एवं साइंस टेक के विषय विशेषज्ञ हैं। वे यहां डिपो चौराहा स्थित छात्रशक्ति कार्यालय में लगने वाली 300 छात्र-छात्राओं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले ‘विजन-50’ में टिप्स दे रहे थे। सुरेश ने छह दिन तक विद्यार्थियों को यूपीएससी की परीक्षा में जोड़े गए सी-सीट की बारीकियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, संघ लोक सेवा आयोग सी-सीट के प्रश्नों के जरिए केवल इतना देखना चाहती है कि प्रतिभागी कहीं मानसिक रूप से विकलांग तो नहीं है। इन छह दिनों में दोनों समय सुबह 8.30 से 11.30 और शाम 5.30 से 7.30 तक कक्षा ली। 

-जारी रखेंगे उत्साह 
विद्यार्थी कल्याण न्यास के तत्वावधान में चलने वाली इन कक्षाओं को लेकर संचालक अनिल उपाध्याय ने कहा, प्रतियोगिता को लेकर विद्यार्थियों का उत्साह बरकरार रखा जाएगा। इसके लिए देश के ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञ समय-समय पर विजन-50 में इन्हें गुर देंगे। इससे पहले देश में ईको गुरू के नाम से पहचाने जाने वाले अर्थ शास्त्र के अध्यापक सतीश सिंह ने कक्षाएं लीं थी। उन्होंने 3 दिन लगातार कक्षाओं में वर्तमान परिदृश्य को आधार मान अर्थ शास्त्र के गुर दिए थे। 

-मैं तो कहता हूं सपने देखो... 
प्रदेश को ‘विजन-50’ देने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विष्णु दत्त शर्मा ने कहा, मैं विद्यार्थियों से केवल एकही बात कहता हूं। सपने देखो और उनके पीछे लग जाओ। जब तक आप सपने को लेकर चिंता नहीं पालोगे तब तक सफल नहीं हो सकते। श्री शर्मा ने कहा, व्यक्ति को सपने देखना चाहिए, उनमें दृढ इच्छा शक्ति और विश्वास भी होना चाहिए। निश्चत तौर पर वह सफल होगा। 

शनिवार, 28 दिसंबर 2013

‘यूपीएससी पूछती है आप मानसिक विकलांग तो नहीं’

-सीसेट एक्सपर्ट सुरेश कुमार ने दिए ‘विजन-50’ में टिप्स 
-केवल 40 प्रतिशत समझने पर बन जाओगे प्रशासनिक अफसर 
भोपाल। 
संघ लोक सेवा आयोग विद्यार्थी को केवल 40 प्रतिशत याद होने पर प्रशासनिक अफसर बना देती है। यदि उम्मीदवार 50 तक पहुंचता है तो टॉपर हो जाता है। जबकि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में व्यक्ति को 70 से लेकर 100 प्रतिशत तक मेहनत करनी होती है। यह बात विद्यार्थियों को समझाई सी-सेट एक्सपर्ट सुरेश कुमार ने। 
श्री कुमार दिल्ली स्थित दिव्य आईएएस अकादमी में सी-सेट एवं साइंस टेक के विषय विशेषज्ञ हैं। वे यहां डिपो चौराहा स्थित छात्रशक्ति कार्यालय में लगने वाली 300 छात्र-छात्राओं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले ‘विजन-50’ में टिप्स दे रहे थे। सुरेश ने छह दिन तक विद्यार्थियों को यूपीएससी की परीक्षा में जोड़े गए सी-सीट की बारीकियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, संघ लोक सेवा आयोग सी-सीट के प्रश्नों के जरिए केवल इतना देखना चाहती है कि प्रतिभागी कहीं मानसिक रूप से विकलांग तो नहीं है। इन छह दिनों में दोनों समय सुबह 8.30 से 11.30 और शाम 5.30 से 7.30 तक कक्षा ली। 

-जारी रखेंगे उत्साह 
विद्यार्थी कल्याण न्यास के तत्वावधान में चलने वाली इन कक्षाओं को लेकर संचालक अनिल उपाध्याय ने कहा, प्रतियोगिता को लेकर विद्यार्थियों का उत्साह बरकरार रखा जाएगा। इसके लिए देश के ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञ समय-समय पर विजन-50 में इन्हें गुर देंगे। इससे पहले देश में ईको गुरू के नाम से पहचाने जाने वाले अर्थ शास्त्र के अध्यापक सतीश सिंह ने कक्षाएं लीं थी। उन्होंने 3 दिन लगातार कक्षाओं में वर्तमान परिदृश्य को आधार मान अर्थ शास्त्र के गुर दिए थे। 

-मैं तो कहता हूं सपने देखो... 
प्रदेश को ‘विजन-50’ देने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विष्णु दत्त शर्मा ने कहा, मैं विद्यार्थियों से केवल एकही बात कहता हूं। सपने देखो और उनके पीछे लग जाओ। जब तक आप सपने को लेकर चिंता नहीं पालोगे तब तक सफल नहीं हो सकते। श्री शर्मा ने कहा, व्यक्ति को सपने देखना चाहिए, उनमें दृढ इच्छा शक्ति और विश्वास भी होना चाहिए। निश्चत तौर पर वह सफल होगा।

सरकारी जमीन पर कट रहे प्लाट

-ग्राम कालापानी की जमीन पर चल रहा अवैध कारोबार, पूर्व विधायक ने भी की थी शिकायत 
भोपाल। 
भले ही कलेक्टर ने सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हों, लेकिन भू-माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। ताजा मामला राजधानी से लगे ग्रामीण क्षेत्र कालापानी की सरकारी जमीन का है। यहां कई अवैध कालोनियां बनाई जा रही हैं। 
यहां कई बड़े बिल्डरों के प्रोजक्ट्स हैं, जिन्हें वे वैध बता कर लोगों को चूना लगा रहे हैं। सरकारी भूमि पर इन प्लॉट्स की कीमत करीब पांच से छह लाख रुपए के बीच है। गौर करने वाली बात यह है कि इसकी जानकारी पहले से ही जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों को है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। अवैध प्लॉटिंग को लेकर हुजूर के पूर्व विधायक जितेंद्र डागा ने भी शिकायत की थीं, इस पर तत्कालीन एसडीएम राजेश श्रीवास्तव और तत्कालीन तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव ने कार्रवाई की थी। लेकिन यहां अवैध करोबार जारी है। वर्तमान हुजूर एसडीएम और तहसीलदार ने कलेक्टर के निर्देश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया। वहीं यहां प्लॉटों की बिक्री जारी है। सूत्रों की मानें तो कालापानी पंचायत में बीते दो साल में करीब दस से पंद्रह एकड़ जमीन पर कब्जा   हो चुका है। करोड़ों रुपए कीमत की यह जमीन बिना किसी लिखा पढ़ी के बेची गई है। इन जमीनों पर लोगों ने कब्जे भी कर लिए हैं। 

-वर्जन 
इस संबंध में प्रशासनिक अफसरों से पूछेंगे। राजस्व अधिकारियों से कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। 
रामेश्वर शर्मा, विधायक हुजूर 

जून में लागू होगी जमीन की गाइडलाइन

-जनवरी से शुरू होगा काम, मार्च में तय होंगे दाम 
भोपाल। 
जिले में वर्ष 2014-15 के लिए जमीनों के भाव क्या होंगे? जमीन की यह गाइडलाइन इस बार जून में सामने आएगी। हालांकि मार्च-2014 अंत तक जमीनी भाव अंतिम कर लिए जाएंगे। दर तय करने को लेकर 
उप जिला मूल्यांकन समिति की पहली बैठक जनवरी में होगी। 
2 जनवरी के बाद यह बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है। बैठक बुलाए जाने को लेकर जिला मूल्यांकन समिति ने आदेश जारी कर दिए हैं। इधर समिति सदस्यों के अनुसार की मानें तो यह गाइडलाइन जनवरी माह में ही तैयार होनी है, लेकिन मार्च मध्य में आचार संहिता लगने के चलते विलंब होगा, जिससे गाइडलाइन 1 अप्रैल की बजाए लोकसभा चुनाव के बाद जून माह में लागू की जाएगी। 

-अक्टूबर में शुरू होना था काम 
प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन वर्ष 2014-15 (जमीनों के भाव) का काम अक्टूबर से शुरू होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब मंत्रीमंडल भी गठित हो चुका है, लेकिन अब तक केंद्रीय मूल्यांकन समिति ने भी इस ओर ध्यान दिया। सोमवार को आनन-फानन में गाइडलाइन बनाने के लिए भोपाल सहित सभी जिलों की जिला मूल्यांकन समिति व जिला पंजीयकों को निर्देश जारी किए गए। जिले की गाइडलाइन के लिए जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष निशांत वरवड़े और उपजिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष एसडीएम हुजूर सुनील दुबे की जिम्मेदारी दी गई है। जिला पंजीयन ने सभी उपपंजीयकों को गाइडलाइन को लेकर केंद्रीय मूल्यांकन समिति के आदेश की जानकारी दी। और काम में तेजी लाने को कहा। 

-जनवरी में ही होगी बैठक 
गाइडलाइन का मसौदा तैयार करने को लेकर जिला मूल्यांकन समिति के निर्देश उपजिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष व एसडीएम हुजूर सुनील दुबे को शुक्रवार को मिल गए। बावजूद इसके जनवरी से पहले बैठक हो पाना संभव नहीं। दरअसल, वे पहली बैठक के लिए आदेश भी जारी करें तो दिसंबर माह में 29 को रविवार और 30 को सोमवार व 31 साल का अंत है। ऐसे में केवल एक दिन 30 को ही बैठक संभव नहीं। वहीं 31 को साल की विदाई का जश्न होगा। लिहाजा बैठक की तिथि जनवरी तक ही जाएगी। 

-फ्लैट और भूखंड के भाव होंगे भिन्न 
प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में फ्लैट और भूखंड, जमीनों के भाव भिन्न-भिन्न होंगे। इसके लिए जमीनों के वास्तवित बाजार मूल्य की छानबीन की जाएगी। इसके बाद ही यह राशि तय की जाएगी। बजार के जानकारों की मानें तो बीते दो बार से गाइडलाइन के हिसाब से जमीन के भाव बाजार की दर से कई गुना अधिक है। इनमें पारदर्शिता लाने की जरूरत है। 

-आचर संहिता में तहय होगी गाइडलाइन 
मार्च के दूसरे सप्ताह में लोकसभा की आचार संहिता लागू होना तय माना जा रहा है। ऐसे में उपजिला मूल्यांकन व जिला मूल्यांकन समिति के पास केवल ढाई माह ही हैं। मार्च अंत में गाइडलाइन तैयार होगी, इस समय तक आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। लेकिन लागू होने में जून माह का वक्त लगेगा। क्योंकि जिला मूल्यांकन समिति में जिले के प्रभारी मंत्री का एक जनप्रतिनिधि होता है, जो किसी रुलिंग पार्टी का कार्यकर्ता या विधायक होता है। आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग इसे मंजूरी नहीं देगा। दूसरी ओर यह भी हो सकता है कि इस बार भाव कम रख जनता को लुभाया जा सकता है। 

-तो जून माह तक करना होगा इंतजार 
उप मूल्यांकन समिति जहां प्रस्तावित कलेक्ट्रेट गाइडलाइन तैयार करेगी वहीं जिला मूल्यांकन समिति इसे मूर्त रूप देगी। इसके बाद यह गाइडलाइन केंद्रीय मूल्यांकन समिति के अनुमोदन के लिए जाएगी। वहां से अनुमोदन के बाद वर्ष 2014-15 के लिए जिले में जमीनों के नए रेट फायनल होंगे। यदि यह कार्य लोकसभा की आचार संहिता से पहले पूरा नहीं होता है तो जून माह तक इस आचार संहिता के खत्म होने का इंतजार करना होगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2008 में भी स्थिति देखने को मिली थी, कलेक्टर गाइडलाइन समय से तैयार न होने के चलते लोकसभा चुनाव के बाद लागू की जा सकी थी।

गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

बच्चों को दी जाएगी नि:शुल्क फिजियोथैरेपी , भोपाल

जेपी अस्पताल में बनाए गए डिस्ट्रिक्ट डिसेबिल रिहेबिलेशन सेंटर (डीडीआरसी) में बच्चों को फिजियोथैरेपी सहित अन्य थैरेपियां दी जाएंगी। यह थैरेपी 863 बच्चों को नि:शुल्क मुहैया कराई जाएगी। बच्चों को शासकीय या निजी वाहनों के जरिए सेंटर तक लाया और लेजाया जाएगा। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यह बात वात्सल्य व समर्पण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में कही। 
उन्होंने कहा, यदि बच्चे थैरेपी लेने रोज नहीं आ पाएंगे तो उन्हें घर पर जाकर यह सेवा दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को सेंटर में दी जाने तामाम सुविधाओं को जल्द पूरा करने को कहा। बैठक में उन्होंने डीडीआरसी में लग रही मशीनों की प्रगति की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने श्री वरवड़े को बताया, एक से डेढ़ हफ्ते में यह सेंटर तैयार हो जाएगा और अपनी सेवाएं देना शुरू कर देगा। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नकीं जहां कुरैशी, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

-सभी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं? -
 बैठक के दौरान श्री वरवड़े ने वात्सल्य व समर्पण कार्यक्रम के तहत छह वर्ष तक के बच्चों को मिल रहे लाभों की जानकारी लेने के लिए उनके परिजनों से टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने बैठक में बैठे-बैठे करीब 10 बच्चों के परिजनों से बातचीत कर उनके बच्चे के हाल जाने तथा उनको सभी योजनाओं के मिल रहे लाभ के संबंध में सवाल पूछे। जेपी नगर परियोजना की एक लड़की के पिता आसिफ से उन्होंने ढेर सारे सवाल किए। आसिफ ने ाी खुशी खुशी उनके जवाब दिए। कार्यक्रम की प्रगति से संतुष्ट दिखे कलेक्टर श्री वरवड़े ने सभी अधिकारियों के काम की सराहना भी बैठक में की। इधर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ने वात्सल्य एवं समर्पण कार्यक्रम के तहत किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए श्री वरवड़े को बताया कि अब तक जिले में 1 लाख 45 हजार बच्चों की कार्यक्रम के लिए बनाए गए सा टवेयर में फीडिंग की जा चुकी है। यह सभी बच्चे पहचान सर्वे के तहत चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 863 डिसेबिल बच्चों को चिन्हित किया गया है।

नए अतिक्रमण की करें सूची तैयार

-एसडीएम हुजूर ने पटवारियों को दिए निर्देश
भोपाल। 
हुजूर ग्रामीण क्षेत्र में जितने भी नए अतिक्रमण हुए हैं, उनको चिन्हित कर एक ह तें में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। यहीं नहीं इसके लिए बेदखली के आदेश भी जल्द ही पारित किए जाएंगे।
 एसडीएम सुनील दुबे ने गुरूवार को यह निर्देश हुजूर क्षेत्र के पटवारियों की बैठक लेते हुए दिए। उन्होंने क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण पर पटवारियों पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने समरधा, आदमपुर छावनी, कालापानी, थुआखेड़ा के पटवारियों को आड़े हाथों लेते हुए हिदायत दी कि वह अतिक्रमण करने वाले लोगों को खिलाफ रिपोर्ट पेश करें, जिससे उनके खिलाफ स त कायर्वाही की जा सके। बैठक में हुजूर वृत्त के तहसीलदार, अपर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित सभी हल्कों के पटवारी मौजूद थे।

-बंटान डालने का चलाएं अभियान - आरओ बैठक में दिए गए निर्देशों का पालन हो, इसके लिए बुलाई गई इस बैठक में एसडीएम श्री दुबे ने सभी पटवारियों से कहा कि जिन नक्शों में खसरों के आधार पर बंटानें नहीं डली हैं, उनमें बंटाने डालने के लिए अ िायान चलाया जाए। विशेषकर शासकीय भूमियों को चिन्हित कर उन्हें नक्शों में दर्शाएं और खसरों में भी उसे लाल स्याही ही कलम से उसे अंकित करें, ताकि सरकारी जमीन का रिकार्ड अलग ही नजर आए।

-डायवर्सन वसूली में लाएं तेजी 
वित्तीय वर्ष समाप्त होने में केवल तीन माह बचे हैं। इन तीन माह में जितनी तेजी से वसूली हो सके की जाए। विशेषतौर पर डायवर्सन वसूली पर ध्यान दिया जाए। इनके प्रकरणों की सूची तैयार कर प्रस्तुत की जाए ताकि वसूली में तेजी लाई जा सके।

-जनवरी व फरवरी में लगेंगे खंडस्तरीय शिविर 
ग्रामीणजनों को सभी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए जिले में खंडस्तरीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर जनवरी व फरवरी माह में होंगे। इसकी तैयारियों के लिए भी पटवारियों को निर्देशित किया गया है। हालांकि शिविर कब और कहां लगने है, इनके लिए स्थानों का चयन नहीं हुआ है। 

जिले में बढ़ेंगे 30 बूथ, 12 हजार ने नाम जुड़वाने दिए आवेदन

-मतदाता पुनर्रिक्षण अभियान अंतिम चरण में 
भोपाल। 
लोकसभा चुनाव के दौरान जिले में 30 नए बूथ बनाए जा सकते हैं। वहीं 15 हजार से अधिक लोगों के नाम वोटरलिस्ट में शामिल हो सकते हैं। करीब 12 हजार नाम ऐसे हैं, जिन्होंने नवीन मतदाता के तौर पर परिचय-पत्र के लिए आवेदन किया है। 
जिले में जिला निर्वाचन आयोग मतदाता पुनर्रिक्षण अभियान अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। यह 12 हजार लोग वे हैं, जिन्होंने बीते 10 दिन में दिए। इसी आधार पर आयोग के अधिकारियों का गणित है, जिले में बढ़कर 15 हजार नवीन लोगों को मत सूची में जोड़ लिया जाता है जिले में मतदाताओं की   संख्या 18238077 के ऊपर पहुंच जाएगी। 
ऐसे में बूथों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा। जिन बूथों पर 1600 से अधिक मतदाता होंगे, वहीं अतिरिक्त बूथ बनाए जाएंगे। ऐसा विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था। हालांकि यह प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा, जिससे इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सके। 

‘आप’ की रणनीति तैयार, जनवरी में दिग्गज करेंगे प्रदेश भ्रमण

-विदिशा सीट पर पहला दांव खेलेगी पार्टी, सदस्यों बनाने का काम तेज 
भोपाल। 
देश की राजधानी में सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी (आप) ने मप्र के लिए भी रणनीति तैयार कर ली है। नव वर्ष के पहले माह जनवरी में ही पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया प्रदेश भ्रमण करेंगे। 
भ्रमण की बात से पार्टी द्वारा विदिशा सीट से अपना उम्मीदवार उतारने की बात को पूर्ण बल मिल रहा है। हालांकि प्रदेश में सक्रीय पार्टी के सदस्यों से लेकर दिल्ली में बैठक वरिष्ठों ने इस पर हां या न नहीं कहा है। 
बहरहाल, कुछ गुप्तचरों की मानें तो ‘आप’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विदिशा सीट छोड़ने के साथ यहां दांव खेलना चाहती है। यही कारण है कि आलाकमान ने प्रदेश इकाई को जमीनी काम-काज पूरा करने के निर्देश दिए हैं। सदस्यता और सक्रीयता को लेकर बीते सप्ताह भोपाल में एक बैठक भी हुई थी। सूत्रों के अनुसार ‘आप’ दिल्ली की तर्ज पर विदिशा में भी युवा चेहरा ही मैदान में उतारेगी। 
‘आप’ के करीबियों की मानें तो पार्टी के लिए यह कदम लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश में राजनैतिक जमीन मजबूत करने का माना जा रहा है। 

-ताकी दर्ज हो उपस्थिति 
लोकसभा से पूर्व ‘आप’ अपना दंभ विदिशा विधानसभा के माध्यम से दिखाना चाहती है। राजनैतिक विशेषज्ञों की मानें तो ‘आप’ यह भी देखना चाहती है कि पार्टी को प्रदेश की जनता किस दृष्टीकोण से देखती है। उम्मीदवार को ‘आप’ मैदान में उतारकर प्रदेश में भावी स्थितियों का भी आंकलन करना चाहती है। इस सीट से पार्टी प्रत्याशी के उतारे जाने से प्रदेश और विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करना चाहती है। 

-इसलिए विदिशा 
विदिशा सीट कई मायनों में ‘आप’ के लिए महत्वपूर्ण है। दरसअल, यहां से प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव लड़ा। वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज भी यहीं की लोकसभा सीट से हैं। इसके चलते यह सीट महत्वपूर्ण हैं। ‘आप’ के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो यदि इस सीट से ‘आप’ का प्रत्याशी विजयी होता है तो मप्र की विधानसभा में पार्टी की मौजूदगी दर्ज होने के साथ भविष्य की स्थिति मजबूत होगी। वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं और प्रदेश इकाई का मनोबल दोगुना हो जाएगा। 

-वर्जन 
‘आप’ की प्रदेश इकाई की जनवरी में प्रदेश स्तरीय बैठक होगी। पार्टी मप्र में चुनावों के संबंध में 12 जनवरी से एक प्रदेशव्यापी ‘स्वराज यात्रा’ निकलने जा रही है। इसमें आप के सदस्य प्रदेश सरकार और विपक्ष की नाकामियों को उजागर करेंगे। 
अभय वर्मा, प्रदेश संयोजक, आम आदमी पार्टी 
 

बिजली कंपनियां छिपा रही आधा सच भोपाल

प्रदेश की बिजली कंपनियों के फर्जीवाड़े आम है। बिजली खरीद से लेकर वितरण तक घपले चलते रहते है। ऐसे में मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कंपनियों को वेबसाइट पर ठीक ठीक जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। जबकि बिजली कंपनियों ने वेबसाइट पर आधी अधूरी सूचनाएं दी है। बिजली कंपनियों ने वेबसाइट से बिजली उत्पादन, ट्रांसफामर्रों की स्थिति समेत उपभोक्ताओं के काम की कई तरह की जानकारी छुपा ली है। वहीं वेबसाइट पर कंपनी के कुछ चुनिंदा अधिकारी पासवर्ड के जरिए ही ऐसी कोई जानकारी देख सकते हैं। बिजली कंपनियों के प्रबंध संचालक और अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है, वेबसाइट पर हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

ये जानकारी छिपाई-
  - रोजाना बिजली उत्पादन व बिजली उपलब्धता की स्थिति
   - प्रदेश के पन व ताप बिजली घरों में प्रति मिनट बिजली उत्पादन की स्थिति यानि रियल टाइम डाटा
   - तकनीकी कारणों से प्लांट में कितनी इकाइयां बंद हैं,
   - ट्रांसफार्मर कितने खराब हैं, कितने ठीक हैं
    -प्रति यूनिट कितनी राजस्व वसूली की गई
    -24 घंटे बिजली सप्लाई की क्या स्थिति है
    -शार्ट टर्म बिजली खरीदी और बिक्री की स्थिति
    -क्या कहते हैं कंपनियों के प्रबंध संचालक व अधिकारी

इनका कहना 
 कंपनी की वेबसाइट पर पूरी पारदशिर्ता बरती जा रही है। सुरक्षा कारणों से सिर्फ लोड डिस्पैच संबंधी कुछ जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। पासवर्ड जैसा भी कोई मसला नहीं है। उपभोक्ताओं को कंपनी और विभाग से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। छिपाने जैसी कोई बात ही नहीं है।
 मनु श्रीवास्तव, एमडी, पावर मैनेजमेंट कंपनी

बिजली कंपनियों को ऐसी जानकारी अपडेट करते रहना चाहिए। हम यह परीक्षण करेंगे कि वेबसाइट पर क्या स्थिति है।
पंकज चतुर्वेदी, सचिव मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग

बुधवार, 25 दिसंबर 2013

1 को 18 के हो रहे हो तो 31 तक जुड़वाओ नाम

-केवल छह दिन मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए 
भोपाल। 
अगर आप 1 जनवरी, 2014 को 18 साल के हो रहे हो तो 31 दिसंबर तक हर हाल में मतदाता परिचय-पत्र के लिए आवेदन कर दो। इसके बाद आपका वोटर आईडी कार्ड नहीं बन पाएगा। ऐसे में लोकसभा चुनाव में मतदान का अधिकार भी खो दोगे। 
जिले में नवीन व ऐसे मतदाता जिनके पास परिचय-पत्र नहीं उनका नाम दर्जगी का काम बूथ लेवल (बीएलओ) आॅफिसर कर रहे हैं। केवल छह दिन में ही इस काम को अंजाम दिया जा सकता है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए नजदीकी पोलिंग बूथ अथवा तहसील कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। जिला निर्वाचन आयोग की मानें तो 16 से 31 दिसंबर तक चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत करीब 10 हजार से अधिक मतदाताओं के आवेदन आ चुके हैं। इनमें ऐसे भी आवेदन हैं, जिनके जिनके पास पुराना परिचय-पत्र है, लेकिन नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं है। इन्हें पुन: सूची में जोड़ा जा रहा है। जुड़वाना सुनिश्चित किया है।

-ऐसे करें आवेदन 
ऐसे मतदाता जिन्होंने अपना स्थान परिवर्तन कर लिया है या उनके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु है, लेकिन उनका नाम सूची से नहीं कटा है। ऐसे में वह आवेदन फार्म-7 या आठ भरकर प्रस्तुत करें। वहीं 18 वर्ष के होने पर फार्म-6 भरकर जमा करें। 

-होगा सत्यापन 
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रखते हुए जो मतदाता सूची तैयार की जा रही है। जो मतदाता अस्सी साल या उससे अधिक उम्र के हैं, उनका सत्यापन भी हो रहा है। यह काम बीएलओ कर रहे हैं। 

समितियों की गड़बड़ियां फिर आर्इं सामने , भोपाल

गृह निर्माण समितियों में गड़बड़ियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसी ही दो समितियों की शिकायत कलेक्टर के पास पहुंची हैं। ऐसा तब हो रहा है, जब सहकारिता के कई नियमों में खासे   बदलाव हो चुके हैं। शिकायत कान्हाकुंज विकास एवं कल्याण समिति तथा महाराजा अग्रसेन गृह निर्माण समिति की है। 
कलेक्टर को इन समितियों के सदस्यों ने शिकायत की है कि अध्यक्ष व अन्य मेंटनेंस व विकास के नाम पर उनसे राशि वसूल रहे हैं। बावजूद इसके विकास कार्य किसी भी स्तर पर नहीं किया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं ने दोनों समितियों के रिकार्र्ड की जांच की मांग की है। 

-जांच कराएं कहां हुई गड़बड़ी 
कान्हाकुंज विकास एवं कल्याण समिति ग्राम अकबरपुर की अध्यक्ष सुधा अवस्थी ने शिकायत में कहा, आरपी पांडेय सहित अन्य लोग कालोनाइजर की सहमति से कालोनीवासियों से पैसा वसूला। और मार्च 2012 से 31 अगस्त 2013 तक जलप्रदाय किया, जबकि राशि की वसूली कार्यकारिणी के सदस्य करते हैं। श्री पांडेय समिति की कार्यकारिणी में नहीं हैं, लेकिन वे वसूली कर रहे हैं। यह राशि समिति के बैंक खातों में भी नहीं डाल रहे हैं, जबकि कई गुना व्यय होना मौखिक तौर पर बता रहे हैं। 
श्री पाण्डेय ने समिति के नाम पर नगर पालिका कोलार के टैकरों से पानी लिया लेकिन पूरी राशि का भुगतान नहीं किया, लगभग 50 हजार रुपए अभी भी बाकी है। संपवैल का कनेक्शन लिया, इसके 12 हजार रुपए भी समिति पर बकाया हैं। श्री पाण्डेय ने कान्हाकुंज रहवासी कल्याण समिति नाम से एक अन्य समिति का पंजीयन भी करा लिया है। श्रीमती अवस्थी ने कहा, मार्च 2012 से 31 अगस्त 2013 तक वसूली गई राशि का हिसाब श्री पांडेय से लिया जाए, जिससे समिति सदस्यों को पता चल सके कि कितनी राशि की गड़बड़ियां हुई हैं। 

-गलते उपयोग किया संचालक मंडल ने 
कलेक्टर को मिली शिकायत में बताया गया कि 1984 में बनी महाराजा अग्रसेन गृह निर्माण सहकारी समिति में लगभग 396 सदस्य हैं। संस्था की ग्राम सिंगारचोली व समरधा में भूमि है। इस भूमि पर प्लाट देने के लिए सभी सदस्यों से अग्रिम राशि ली गई। विकास के नाम पर लाखों रुपए लिए गए, लेकिन न भूखंड मिले न रजिस्ट्री हुई। दूसरी ओर टीएंडसीपी से सिंगारचोली की जमीन का ले-आउट भी पास होने के साथ साथ विकास अनुमति भी मिल चुकी है। इधर विकास कार्य के लिए बैंक में जमा राशि समिति के संचालक मंडल ने निकालकर उसका दुरुपयोग शुरू कर दिया। 
सदस्यों ने शिकायत में मांग की है कि इस मामले की जांच गंभीरता से कराई जाए और दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। 

‘राज्यपाल को बर्खास्त करो’

-यूथ अगेंस्ट करप्शन ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र 
भोपाल। 
मप्र के राज्यपाल रामनरेश यादव को संविधान की धारा-156 के तहत बर्खास्त किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यावसायीक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित की गई विभिन्न परीक्षाओं में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भ्रष्टाचार उजागर किया है। इसमें पूर्व मंत्री से लेकर राज्यापाल के ओएसडी तक शामिल होने की बातें सामने आर्इं हैं। एसटीएम ने इनमें से कई तथ्य उजार कर दिए हैं। 
यह मांग यूथ अगेंस्ट करप्शन (वायएसी) के राष्ट्रीय सह संयोजक विष्णुदत्त शर्मा ने की। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को उन्होंने पूरे घटनाक्रम का विस्तृत पत्र लिखकर राज्यपाल को बर्खास्त करने को कहा है। श्री शर्मा ने कहा, यदि श्री यादव को हटाया जाता है तो एसटीएफ ज्यादा निष्पक्षता से काम कर पाएगी। श्री शर्मा ने लिखा, संविधान की धारा 156 जिसमें घूसखोरी, भ्रष्टाचार के आधार पर बर्खास्त करने का विशेष अधिकार है। श्री यादव इस समय राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, जिसके चलते एसटीएफ कार्यवाही करने में सोचती है। व्यापमं तीन सालों में 79 चयन व भर्ती परीक्षाएं करा चुकी है। इसमें लगभग 36 लाख विद्यार्थी बैठे हैं। इन परीक्षाओं में व्यापम के उच्च पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी, राजनेताओं ने मिलकर एक व्यापक घोटाला किया, जिससे प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो गया। 
फर्जी चयन के चलते 79 में से 54 परीक्षाएं संदेह के घेरे में हैं। जांच एजेंसी एसटीएफ ने व्यापम घोटले में परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा की गिरफ्तारी के बाद उनके बयानों और प्रमाणों के आधार पर जो नाम सामने आए हैं वे अत्यन्त चौकाने वाले हैं। इसमें राज्यपाल के ओएसडी धनराज यादव, मप्र के पूर्व शिक्षा मंत्री, कई आईएएस, आईपीएस और व्यापारी शामिल हैं। 
राष्ट्रपति को पत्र में बताया कि एसटीएम ने 07/12/2013 को आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर धारा 420, 467, 468, 471, 120 (ठ) भारतीय दण्ड संहिता तथा धारा 65/66-आई. एक्ट तथा 09/12/2013 को दूसरा प्रकरण पंजीबद्ध कर नामजद एफआईआर में राज्यपाल के ओएसडीए धनराज यादव एवं अन्य कई लोगों को धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार एवं समाज विरोधी गतिविधि के लिए प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। 

दलाली के बगैर नहीं होती बुकिंग

मुख्य स्टेशन के पार्सल आॅफिस पर दलालों का कब्जा
भोपाल। 
राजधानी के रेलवे स्टेशन स्थित पार्सल आॅफिस से यदि आपको सामान भेजना है तो यह काम बिना दलाली के संभव नहीं है। अगर आप तय पैसे के अलावा अतिरिक्त पैसे खर्च करने को तैयार हैं। तो पार्सल सहजता से हो जाएगा। दलालों का दलदल एक बार फिर मुख्य स्टेशन के पार्सल कार्यालय पर देखने को मिलने लगा है। 
इतने सब के बावजूद रेलवे के वरिष्ठ अफसर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। बिना दलालों की हथेली गर्म किए काम नहीं हो सकता। जानकारी के अनुसार मुख्य रेलवे स्टेशन के पार्सल आॅफिस पर दो पहिया वाहन व अन्य सामान की बुकिंग के लिए एक काउंटर बना हुआ है। यहां जो लोग अपना सामान बुक कराने आते हैं, उन्हे रेलवे की निर्धारित फीस के अलावा भी रुपए देने पड़ रहे हैं। इसकी एक शिकायत बीते दिनों रेलवे की बैठक में भी की गई। बैठक में लोगों का यह भी आरोप था कि पहले भी इस तरह की शिकायत की गई लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।

-घेर लेते हैं दलाल 
बैठक में यह बात भी सामने आई कि जैसे ही यहां कोई व्यक्ति अपना अपना सामान बुक कराने आता है। उसे दलाल घेर लेते हैं, जबकि यह परिसर रेलवे का है। दलाल अपने ही मन से सामान बुक कराने के दाम बताने लगते हैं। दलालों से परेशान व्यक्ति अधिकारी से शिकायत करने के लिए संपर्क करता है। लेकिन अधिकारी भी शिकायत पर विशेष गौर नहीं करते। जिससे परेशान व्यक्ति मजबूरी में दलाल को पैसे देने को मजबूर हो जाता है।

-400 रुपए तक लेते हैं 
जानकारी के अनुसार माल बुक कराने के बदले में व्यक्ति से दलाल 200 से 400 रुपए तक ले लेते है। समय व परेशानी से बचने के लिए माल बुक कराने आने वाले व्यक्ति भी दलाल को पैसे देकर अन्य तरह की परेशानियों से बचाना चाहते हैं, इसलिए वह दलाल को पैसे दे देते हैं। 

-यह है नियम 
नियमानुसार बुकिंग के समय जो फीस ली जाती है। इसी में सामान चढ़ाने से लेकर परिवहन और उतारने की जि मेदारी रेलवे की होती है।

-नहीं होती जांच 
रेलवे के सूत्रों के अनुसार दलाल के द्वारा सामान बुक होने के बाद अधिकारी सामान व सामान का बिल और बाइक के ओरिजनल दस्तावेज आदि की जांच भी नहीं करते हैं, जबकि नियम अनुसार इन सबकी जांच होनी चाहिए और बिना दस्तावेज के सामान बुक किया जा सकता है। 

-वर्जन 
जो फीस बुकिंग के समय निर्धारित होती है, वहीं ली जानी चाहिए। यदि पार्सल अधिकारी निर्धारित शुल्क से अधिक फीस ले रहे हैं तो यह गलत है। इस संबंध में शिकायत तो नहीं मिली है, लेकिन ध्यान दिलाया है तो जांच कराते हैं। 
पीयूष माथुर, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे 
 

मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

मैदे की मिठाई और रंग चढ़ी मिलीं सौंफ , भोपाल

राजधानी के खाद्य पदार्थ विक्रेता मैदे की मिठाई और रंग चढ़ी सौंफ खिला रहे हैं। सोमवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन की चलित प्रयोगशाला ने यह सैंपल जांच के बाद यह मिलावट पाई। टीम ने आधा दर्जन स्थानों पर जांच की। इनमें से कुछ पर फाईन और कहीं साफ-साफाई की हिदायत दी।
टीम गोपालदास किराना स्टोर पहुंची। यहां सौंफ का सेंपल लिया, जिसमें हरा रंग चढ़ा हुआ था। इसी प्रकार वर्षा मिष्ठान भंडार से मावे का सैंपल लिया, यह मैदे की बनी हुई थी। मिठाई पर जैसे ही केमिकल डाला उसमें स्टार्च की मात्रा की कमी सामने आ गई। इसके अलावा अन्य तत्व मिलाया गया था। टीम ने बैरागढ़, गांधीनगर व लालघाटी क्षेत्र में सेंपलिंग करते हुए उनकी जांच कर व्यापारियों को खराब माल खरीदने व बेचने से बचने की जानकारी दी। प्रयोगशाला ने 15 किराना दुकानों, पांच मिष्ठान भंडारों व तीन नमकीन की दुकानों से सैंपल लिए। कुछ पैकेटों में मैन्यूफेक्चरिंग डेट नहीं थी तो कुछ में वेस्ट बिफोर की तारीख, कीमत, बैच नंबर आदि दर्ज नहीं था। इसके चलते दुकानदारों को ऐसी सामग्री खरीदने के साथ साथ बेचने तक के लिए मना किया गया। चलित प्रयोगशाला के साथ सहायक लोक विश्लेषक केके सिलावट, प्रयोगशाला सहायक फूलेंद्र सिंह, प्रयोगशाला परिचारक रामप्रसाद शर्मा तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरूणेश पटेल थे, जिन्होंने सेंपलिंग करने के साथ साथ लोगों को समझाईश भी दी।

-नहीं मिली पैकिंग डेट
अमले ने सबसे पहले स्टेशन रोड स्थित वर्षा स्वीट हाऊस पहुंचकर मिठाई व नमकीन के नमूने लिए। नमकीन की थैली न पैकिंग डेट लिखी थी न न्यूट्रीशियन वैल्यू दर्ज थी। दुकान संचालक ने सफाई दी कि कि पन्नियां प्रिंट करवाने दी हैं। समीप में सुखसागर सुगंध भंडार की दुकान पर बेसन की थैली पर दूसरी वस्तु का नाम प्रिंट था। हीरानंद कोडूमल किराना स्टोर   पर बादाम की थैली पर पैकिंग डेट नहीं लिखी थी।अधिकारियों ने दुकानदारों को बिना डिक्लेरेशन वाली वस्तुएं बेचने की चेतावनी दी।

-मिला रहे थे कलर
जांच के दौरान एक किराना दुकान से लाल मिर्च पाउडर का पैकेट लिया गया। इस पैकेट से निकला मिर्च पाउडर सुर्ख लाल दिख रहा था। देखते ही अधिकारियों ने कह दिया था कि इसमें लाल कलर मिला हुआ है। जांच के बाद भी उसमें लाल कलर निकला। मौके पर मौजूद सभी लोगों को और व्यापारियों को बताया गया कि यदि पिसी लाल मिर्च अधिक लाल नजर आए तो उसे न खरीदें। उसमें मिलावट होना तय है। यही बात उन्होंने सौंफ में निकले हरे कलर को लेकर कही।

-लायसेंस की दी हिदायत
चलित प्रयोगशाला के साथ चल रहे दल ने जांच करने के साथ साथ किराना दुकानों, होटलों, सहित अन्य खाद्य पदार्थ बेचने वाले व्यापारियों आदि को जानकारी दी कि वे अपनी दुकान का लायसेंस बनवाएं या रजिस्ट्रेशन कराए। वे 4 फरवरी से पहले यह कायर्वाही पूरी कर लें। इसके बाद यदि कोई व्यापारी बिना लायसेंस या रजिस्ट्रेशन के पकड़ा गया तो उस पर जुर्माना किया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज दिल्ली जाएंगे

-मिशन-2014 पर होगी दिग्गजों से मंत्रणा
भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को दिल्ली रवाना हो रहे हैं। श्री चौहान यहां भाजपा के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली संयुक्त बैठक में भाग लेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बैठक में शामिल होंगे। इसमें हालिया संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अच्छी विजय हासिल करने के बाद लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। पुष्ट सूत्रों की मानें तो तीनों राज्यों (मप्र, छग और राजस्थान) के मुखियाओं को डेढ़ माह में ही जनता के बीच उत्कृष्ठ परिणाम देने को कहा जाएगा, जिससे इसका फायदा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को मिले। वहीं संभावना यह भी जताई जा रही है कि 15 मार्च के बाद कभी भी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी, जिससे नवीन राज्य सरकारों को काम करने के लिए मात्र डेढ़ माह मिलेगा। ऐसे में वह किन-किन बातों पर फोकस करें और क्या बेहतर हो सकता इस पर भी चर्चा होगी।

-राज्यों के हिसाब से मिशन
इस बैठक में भारत के उत्तरी राज्यों पर केंद्रीय नेतृत्व का ज्यादा ध्यान रहेगा। मप्र से शिवराज, छग से रमन सिंह, राजस्थान से वसुंधरा राजे सिंधिया, उप्र से अमित शाह का विजन-2014 पूछा जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि केंद्रीय नेतृत्व को समर्थन के लिए उन्होंने किस तरह की गाइड लाइन तैयार की है। इसी के साथ देश के अन्य राज्यों के अध्यक्षों की बैठक संयुक्त होगी। सूत्रों की मानें तो हालही में गठबंधन से नाता तोड़ (जनता दल-यू) बिहार की नितीश यादव सरकार अलग हुई है। बिहार में अच्छे परिणाम लाने जमीनी तौर क्या रणनीति होगी? इस पर ध्यान रहेगा।

-अटल को देंगे बधाई
25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है। वे 89 वर्ष के होने जा रहे हैं। श्री वाजपेयी को जन्मोत्सव की पूर्व बधाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेशों के मुख्यमंत्री देंगे। श्री सिंह बधाई देने उनके निवास पर जाएंगे।

-मिशन-2014 का मंत्र देंगे नमो
भाजपा की लोकसभा में विजय कैसे हो? यह विजयी मंत्र नरेन्द्र मोदी देंगे। वहीं टिप्स देने का काम राजनाथ भी करेंगे। संघ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े एक नेता की मानें तो मोदी-राजनाथ की जोड़ी ठीक 90 के दशक में अटल-आडवाणी की तर्ज पर काम कर रहे हैं, जिसका सीधा प्रभाव इस बैठक में देखने को मिलेगा। मोदी जहां युवा और विकास के विजन पर मंत्र देंगे। वहीं राजनाथ केंद्र सरकार का हर मोर्चे पर विफल हरने पर जनता के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कैसे हो इसके टिप्स देंगे।

‘औघोगिक ईकाईयों के संचालकों से मिलकर करें काम’

-जिलास्तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति की बैठक
भोपाल।
कलेक्टर कार्यालय में सोमवार को जिलास्तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति की बैठक   कलेक्टर निशांत वरवड़े की अध्यक्षता में हुई।
कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव, अपर आयुक्त नगर निगम प्रमोद शुक्ला सहित अन्य अधिकारी और औद्योगिक क्षेत्र संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक में दौरान कलेक्टर निशांत वरवड़े ने अपर आयुक्त नगर निगम श्री शुक्ला को निर्देश दिए कि वे गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं में सुधार के संबंध में स्वयं निरीक्षण करें। औद्योगिक ईकाईयों के संचालकों से मिलकर साफ सफाई, स्ट्रीट लाईट आदि के संबंध में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। कबाड़े के निपटान के संबंध में भी कार्रवाई कर वाएं।

गरीबी रेखा के आवेदनों का करें निराकरण , भोपाल

कलेक्टर निशांत वरवड़े ने जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि वे बीपीएल कार्ड के आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करें। जांच के लिए टीम गठित करें। जांच पूरी ईमानदारी से हो और इसमें लापरवाही न बरती जाए इसके विशेष ध्यान रखें।
यह निर्देश कलेक्टर श्री वरवड़े सोमवार को हुई टाईम लिमिट की बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हुए दिए। बैठक में एडीएम बीएस जामोद, सीईओ जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव, एडीएम बसंत कुर्रे, अक्षय सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने एसडीएम कार्यालयों में जाति प्रमाण-पत्रों के लंबित रहने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रकरणों को जल्द निराकृत करें। लगे तो इसके लिए अभियान चलाएं। अभियान के तहत तय समय में सभी प्रकरणों को निराकृत करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी एसडीएम को हिदायत दी कि वे इसमें गंभीरता से जुटें। बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत की जा रही कार्रवाई की भी समीक्षा की गई।

आई डोनेशन : दस हजार के लक्ष्य को प्राप्त करें ,भोपाल

इस साल जिले में दस हजार से अधिक नेत्रहीनों को आई-डोनेशन के माध्यम से रोशनी मिले। यह सुनिश्चित किया जाए। नेत्रदान के लिए लोग ज्यादा प्रेरित हों, इस को लेकर प्लॉन तैयार करें। यह बात कलेक्टर निशांत वरवड़े ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और अधिकारियों से कही। वे यहां जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ले रहे थे। 
स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी से कहा, स्वास्थ्य को लेकर क्या काम हो रहा है और क्या हुआ है? इस पर चर्चा न करके अब क्या करना है इस पर बात करें। उन्होंने कहा, जिले में जो लक्ष्य था उसे प्राप्त करें। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कायर्पालन अधिकारी राकेश श्रीवास्तव, सीएमएचओ डॉ. पंकज शुक्ला, सिविल सर्जन डॉ. वीणा सिन्हा सहित स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, शिक्षा और सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। 

कनवरजेंस कागजों पर नहीं मैदान में दिखना चाहिए
कलेक्टर वरवड़े ने स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, शिक्षा और सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों से कहा कि विभिन्न विभागों लारा जब एक उद्धेश्य की प्राप्ति के लिए कार्य योजना बनाई जाए तो उनमें आपस में समन्वय होना बहुत जरूरी है। मसलन बाल कल्याण के क्षेत्र में महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग कार्य करते हैं । बाल कल्याण से जुड़े इन कार्यक्रमों में कनवरजेंस (समन्वय) कागजों के साथ साथ मैदान पर भी दिखना चाहिए। उन्होंने समर्पण और वात्सल्य अभियान की भी समीक्षा की। 

-सभी अस्पतालों में अमृता देंगी एडवाइस
जिले के सभी अस्पतालों में जहां पर प्रसव की सुविधा है वहां प्रसूता को जन्म के तुरंत बाद अमृताएं नवजात को ब्रोस्ट फीडिग की एडवाइस देने के साथ साथ प्रसूता को बच्चे की देखभाल के संबंध में जरूरी सलाह देंगी । पांच हजार रूपये प्रतिमाह की संविदा पर नियुक्त की जा रही अमृता काउंसलर की  नियुक्ति जनवरी माह की शुरूआत से सभी अस्पतालों में कर दी जायेगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। 

अतिक्रमण और लापरवाही पर क्या होगी बात?

-कलेक्टोरेट में आरओ की बैठक आज
भोपाल। 
जिले में बतौर कलेक्टर नियुक्त हुए निशांत वरवड़े को छह माह हो चुके हैं। इन छह माह में जिले में अतिक्रमण और विभागीय अधिकारियों के लापरवाही की शिकायतें ही अधिक आर्इं, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि छह में से दो माह तो सीधे तौर पर विधानसभा निवार्चन में चले गए, जिन्हें छोड़ दिया जाए। बावजूद इसके आरओ (राजस्व अधिकारियों) को लेकर केवल एक ही बैठक हुई, जिसे आरओ ने ही औपारिकता भर करार दिया है। 
मंगलवार को इस संबंध में दूसरी बैठक होने जा रही है। दोपहर 3 बजे कलेक्टर कार्यालय में होने वाली इस बैठक में क्या अतिक्रमण, भू-माफियाओं और लापरवाही को लेकर कोई चर्चा अथवा गंभीरता से विचार मंथन होगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है। दूसरी ओर ये बात भी कही जा रही है कि कलेक्टर कई विभाग प्रमुखों की क्लास भी ले सकते हैं। इसमें सातों वृत्तों के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर सहित राजस्व का अमला शामिल होगा। 

-इस पर रहेगा फोकस 
सूत्रों की मानें तो बैठक में खसरों के आधार पर नक्शों में बंटाने डालने, अविवादित और विवादित नामांतरण का निराकरण करने आदि पर फोकस किया जाएगा। राजस्व सूत्रों की मानें तो करीब 1 लाख बंटाने ऐसी हैं, जो नक्शों में उठी हैं। इसके लिए कलेक्टर श्री वरवड़े अभियान चलाने के लिए निर्देश भी दे सकते हैं। सीमांकन, बंटवारा व नामांतरण जैसे प्रकरणों, जाति प्रमाण पत्रों को बनाने आदि में बरती जा रही लापरवाही पर भी संबंधित वृत्तों के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। वहीं एसडीएम से कहा जाएगा कि वे अपने क्षेत्र में अतिक्रमण को रोके इसके लिए प्रभावि कदम उठाएं। साथ एसडीएम की राय भी जानेंगे। 

रविवार, 22 दिसंबर 2013

विनीत को मिला हुजूर ग्रामीण व बैरागढ़

 -कलेक्टर ने तीन एसएलआर को बांटे प्रभार
भोपाल। 
विधानसभा चुनाव के बाद जिला प्रशासन की व्यवस्थाएं धीरे-धीरे सामान्य होने लगी हैं। इधर कलेक्टर निशांत वरवड़े ने प्रभारों के वितरण व फेरबदल की तैयारियां शुरू कर दी है। पहली कड़ी में जिले में स्थानांतरित होकर आए दो नए एसएलआर के चलते फिर से प्रभारों का वितरण किया गया। एसएलआर विनीत तिवारी को हुजूर ग्रामीण व बैरागढ़ की जि मेदारी दी गई है। एसएलआर राकेश शर्मा को गोविंदपुरा व बैरसिया सर्किल तथा भू प्रबंधन का प्रभार दिया गया है, जबकि मु य एसएलआर की कुर्सी संभाल रहे आरएस बघेल के पास से हुजूर ग्रामीण व बैरसिया का अतिरिक्त प्रभार ले लिया गया है। अब उनके पास टीटी नगर व एमपी नगर ही बचा है।

-तत्काल बदला प्रभार 
कलेक्टर निशांत वरवड़े को इन प्रभारों के वितरण में भी बल्लभ भवन के आला अधिकारियों के निर्देश पर काम करना पड़ा। सूत्र बताते हैं कि पहले जो आदेश तैयार हुआ था, उसमें विनीत तिवारी को एमपी नगर व टीटी नगर का प्रभार दिया जा रहा था, जबकि आरएस बघेल के पास हुजूर ग्रामीण व बैरागढ़ का प्रभार यथावत रखा जा रहा था। हालांकि प्रभारों के वितरण के आदेश तैयार होने के पहले ही एक आला अधिकारी ने श्री वरवड़े को टेलीफोन पर विनीत तिवारी को हुजूर ग्रामीण व बैरागढ़ का प्रभार सौपनें की बात कही थी। इसका श्री वरवड़े ने पालन करते हुए पहले वाले आदेश में परिवर्तन करने के लिए फाईल फिर से नीचे भेज दी और अधिकारी से कहा गया कि वे श्री तिवारी के सामने बैरागढ़ व हुजूर ग्रामीण का प्रभार लिखकर लाएं और टीटी नगर व एमपी नगर का प्रभार श्री बघेल के पास यथावत रहने दे। जैसे ही यह आदेश आया बनकर आया उस पर श्री वरवड़े ने अपने हस्ताक्षर कर दिए।

सरकारी जमीन की धड़ल्ले से हो रही खरीद फरो त

 - मामला ग्राम कालापानी की जमीन का
 - पूर्व विधायक भी कर चुके हैं शिकायत
 - तत्काल एसडीएम ने दिए थे निर्देश, फिर भी नहीं हुई कायर्वाही
भोपाल। 
राजधानी से लगे ग्रामीण क्षेत्र कालापानी में सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध कालोनियां बन रही है। यह अवैध कारोबार वहां चल रहा है जहां बड़े बिल्डरों के प्रोजक्ट्स हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकारी भूमि पर काटे जा रहे यह प्लॉट्स पांच लाख रुपए तक कीमत में बेचे जा रहे हैं। खास बात तो यह है कि अवैध कालोनियों के निर्माण की जानकारी जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी है, लेकिन इस ओर कोई देखना पसंद नही कर रहा है। हालांकि इस मामले की शिकायत हुजूर के पूर्व विधायक जितेंद्र डागा भी कर चुके हैं और तत्कालीन एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार चन्द्रशे ार श्रीवास्तव को कारर्वाई के निर्देश दिए थे और कहा था कि तीन दिन में कब्जे नहीं हटाने वालों को जेल भेजने की कारर्वाई करें। हालात यह है कि यह निर्देश उनके ट्रांसफर होने के बाद केवल कागजी ही रह गए हैं। वतर्मान हुजूर एसडीएम भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। 
मिली जानकारी के अनुसार कालापानी पंचायत में गत दो सालों में करीब दस से पंद्रह एकड़ जमीन पर कब्जे हो चुके हैं। करोड़ों रुपए कीमत की यह जमीन बिना किसी लिखा पढ़ी के बेची गई है। इन जमीनों पर लोगों ने कब्जे भी कर लिए हैं। यह कब्जे बड़ी बड़ी कालोनियों के निर्माण के साथ होने शुरू हुए। तत्कालीन एसडीएम द्वारा कराई गई जांच में इसका ाुलासा ाी हुआ था। जांच में यह ाी सामने आया था कि यहां पर फर्जी पट्टे बांटे जा रहे हैं, जिसके सहारे लोग कब्जा कर रातों-रात निर्माण कर रहे हैं।

-वर्जन 
मुझे कालापानी में सरकारी जमीनें बेचने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है, तो इसकी जांच राजस्व अधिकारियों से कराई जाएगी। इसमें जो ाी दोषी होगा उसके  िालाफ कारर्वाई होगी।
रामेश्वर शर्मा, विधायक हुजूर