-सीएम छोड़ेंगे सीट तो तेज होगा काम-काज
भोपाल।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीत भारतीय राजनीति में धमाकेदार आगाज दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) विदिशा सीट से अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के औपचारिक रूप से यह सीट छोड़ने की घोषणा के साथ ही ‘आप’ की प्रदेश इकाई जमीनी काम-काज पूरा करेगी।
‘आप’ दिल्ली की तर्ज पर विदिशा में भी युवा चेहरा ही मैदान में उतारेगी। सूत्रों की मानें तो जनवरी में ‘आप’ की मप्र में राजनीति को लेकर बड़ी बैठक होने की संभावना है। दूसरी ओर यह कदम लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश में राजनैतिक जमीन मजबूत करने का भी माना जा रहा है। हालांकि राजनैतिक रणनीति को लेकर ‘आप’ के किसी भी सदस्य ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। फिलहाल पूरा पार्टी का फोकस दिल्ली में सरकार बनाने पर है। वहां सरकार के मूर्त रूप लेते ही ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास मप्र की विदिशा सीट को लेकर मंथन करेंगे।
-विदिशा सीट ही क्यों?
विदिशा विधानसभा सीट ही क्यों? के संबंध में ‘आप’ से जुड़े सूत्रों का कहना है, यहां से जहां मुख्यमंत्री जीते हैं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज हैं। जिसके चलते यहां की विधानसभा और लोकसभा दोनों ही सीटें ख्याति प्राप्त हैं। ‘आप’ के विश्वस्त सूत्रों का मानना है कि यदि इस सीट से ‘आप’ का प्रत्याशी विजयी होता है तो मप्र की विधानसभा में पार्टी की मौजूदगी दर्ज हो जाएगी। वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं और प्रदेश संगठन को मजबूती मिलेगी।
भोपाल।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीत भारतीय राजनीति में धमाकेदार आगाज दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) विदिशा सीट से अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के औपचारिक रूप से यह सीट छोड़ने की घोषणा के साथ ही ‘आप’ की प्रदेश इकाई जमीनी काम-काज पूरा करेगी।
‘आप’ दिल्ली की तर्ज पर विदिशा में भी युवा चेहरा ही मैदान में उतारेगी। सूत्रों की मानें तो जनवरी में ‘आप’ की मप्र में राजनीति को लेकर बड़ी बैठक होने की संभावना है। दूसरी ओर यह कदम लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश में राजनैतिक जमीन मजबूत करने का भी माना जा रहा है। हालांकि राजनैतिक रणनीति को लेकर ‘आप’ के किसी भी सदस्य ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। फिलहाल पूरा पार्टी का फोकस दिल्ली में सरकार बनाने पर है। वहां सरकार के मूर्त रूप लेते ही ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास मप्र की विदिशा सीट को लेकर मंथन करेंगे।
-विदिशा सीट ही क्यों?
विदिशा विधानसभा सीट ही क्यों? के संबंध में ‘आप’ से जुड़े सूत्रों का कहना है, यहां से जहां मुख्यमंत्री जीते हैं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज हैं। जिसके चलते यहां की विधानसभा और लोकसभा दोनों ही सीटें ख्याति प्राप्त हैं। ‘आप’ के विश्वस्त सूत्रों का मानना है कि यदि इस सीट से ‘आप’ का प्रत्याशी विजयी होता है तो मप्र की विधानसभा में पार्टी की मौजूदगी दर्ज हो जाएगी। वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं और प्रदेश संगठन को मजबूती मिलेगी।
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