व्यापमं फर्जीवाड़ा में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत भी आएंगे घेरे में
प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल
व्यावसायिक परीक्षा मंडल फर्जीवाड़ा में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी रहे ओपी शुक्ला की गिर तारी के बाद कई बड़े घोटाले उजागर होंगे। इनमें उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़े निजी इंजीनियरिंग कालेजों की परमीशन, सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में भर्ती, पोस्टिंग और ट्रांसफर से जुड़े घोटाले उजागर हो सकते हैं। ओपी शुक्ला की गिर तारी के बाद यह नया घोटाला उजागर होना तय है।
शुक्ला के पास है फर्जीवाड़ा की चाबी
एसटीएफ ने ओपी शुक्ला के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद से शुक्ला फरार है। पिछले चार दिन से एसटीएफ शुक्ला के घर दबिश दे रही है। एसटीएफ टीम को उनके परिजनों ने बताया कि वे इलाहाबाद गए हैं। एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि शुक्ला की गिर तारी के इस घोटाले से जुड़े कई अहम राज मिलने वाले हैं। शुक्ला से इस घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा समेत अन्य नेताओं तथा अफसरों के बारे में जानकारी मिलना तय है। शुक्ला ने व्यापमं परीक्षा फर्जीवाड़ा में करीब 85 लाख रुपए की रिश्वत ली थी और इसका लेन-देन डा पंकज त्रिवेदी तथा नितिन महेन्द्रा से हुआ था। राशि ऊपर तक पहुंचाई गई है इस बारे में शुक्ला की गिर तारी के साथ ही साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उसकी गिर तारी के बाद इस फर्जीवाड़ा में पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की भूमिका का पता चलेगा। सूत्रों का कहना है कि मंत्री की जानकारी के बगैर इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता था। इस फर्जीवाड़ा में शुक्ला की गिर तारी तथा साक्ष्यों के आधार पर लक्ष्मीकांत शर्मा से पूछताछ तय मानी जा रही है।
तकनीकी शिक्षा में माफिया सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि शुक्ला की गिर तारी के बाद उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग में सालों से चले आ रहे कई घोटाले उजागर होना तय है। तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारी तथा कमर्चारियों का एक गिरोह निजी इंजीनियरिंग कालेज खोलने की अनुमति, सरकारी कालेजों में प्रोफेसर से लेकर अन्य अधिकारी-कमर्चारियों के तबादले और पोस्टिंग का कारोबार चला रहा है। इन पदों पर भर्ती में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी-कमर्चारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने स्वयं इंजीनियरिंग कालेजों में मोटी राशि इन्वेस्ट की है। ये 15 से 20 साल से एक ही जगह पदस्थ हैं और पदोन्नति के बाद भी वहीं जमे हैं। इन कमर्चारियों ने काली कमाई से आलीशान बंगले खरीदे हैं तो उनकी ट्रेवल्स एजेंसी तक चल रही हैं। इस गिरोह का सीधा संबंध ओपी शुक्ला से रहा है। एसटीएफ टीम की नजर अब तकनीकी शिक्षा विभाग की तरफ चली गई है। इस दिशा में भी शुक्ला की गिर तारी के बाद बड़ा घोटाला उजागर होना तय माना जा रहा है। ओपी शुक्ला का फर्जीवाड़ा में नाम आने के बाद से तकनीकी शिक्षा विभाग के फर्जीवाड़ा में शामिल अधिकारी-कमर्चारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं।
मेहता के बाद एक और डाक्टर का नाम
फर्जीवाड़ा में डा अजय मेहता के साथ ही राजधानी में बड़ी निजी नर्सिंग होम संचालित करने वाले एक नामचीनी डाक्टर का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जाता है कि फरार आरोपियों ने फर्जीवाड़ा की मोटी राशि नर्सिंग होम में इन्वेस्ट की है। चूंकि उक्त डाक्टर की उच्चस्तर पर मजबूत पकड़ है, इस कारण साक्ष्यों के अभाव में एसटीएफ फिलहाल डाक्टर पर हाथ नहीं डाल रही है। इधर व्यापमं की पूर्व चेयरमैन अफसर रंजना चौधरी समेत व्यापमं में चेयरमैन रहे कुछ अन्य आईएएस अफसरों से भी एसटीएफ पूछताछ करेगी। रंजना चौधरी पर आरोप हैं कि फर्जीवाड़ा की राशि उन तक पहुंची है। इधर भाजपा नेता सुधीर शर्मा, कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना, डीएस खनूजा,भरत मिश्रा की तलाश जारी है। उनकी तलाश में कई जगह छापे मारे जा रहे हैं।
प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल
व्यावसायिक परीक्षा मंडल फर्जीवाड़ा में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी रहे ओपी शुक्ला की गिर तारी के बाद कई बड़े घोटाले उजागर होंगे। इनमें उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़े निजी इंजीनियरिंग कालेजों की परमीशन, सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में भर्ती, पोस्टिंग और ट्रांसफर से जुड़े घोटाले उजागर हो सकते हैं। ओपी शुक्ला की गिर तारी के बाद यह नया घोटाला उजागर होना तय है।
शुक्ला के पास है फर्जीवाड़ा की चाबी
एसटीएफ ने ओपी शुक्ला के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद से शुक्ला फरार है। पिछले चार दिन से एसटीएफ शुक्ला के घर दबिश दे रही है। एसटीएफ टीम को उनके परिजनों ने बताया कि वे इलाहाबाद गए हैं। एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि शुक्ला की गिर तारी के इस घोटाले से जुड़े कई अहम राज मिलने वाले हैं। शुक्ला से इस घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा समेत अन्य नेताओं तथा अफसरों के बारे में जानकारी मिलना तय है। शुक्ला ने व्यापमं परीक्षा फर्जीवाड़ा में करीब 85 लाख रुपए की रिश्वत ली थी और इसका लेन-देन डा पंकज त्रिवेदी तथा नितिन महेन्द्रा से हुआ था। राशि ऊपर तक पहुंचाई गई है इस बारे में शुक्ला की गिर तारी के साथ ही साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उसकी गिर तारी के बाद इस फर्जीवाड़ा में पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की भूमिका का पता चलेगा। सूत्रों का कहना है कि मंत्री की जानकारी के बगैर इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता था। इस फर्जीवाड़ा में शुक्ला की गिर तारी तथा साक्ष्यों के आधार पर लक्ष्मीकांत शर्मा से पूछताछ तय मानी जा रही है।
तकनीकी शिक्षा में माफिया सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि शुक्ला की गिर तारी के बाद उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग में सालों से चले आ रहे कई घोटाले उजागर होना तय है। तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारी तथा कमर्चारियों का एक गिरोह निजी इंजीनियरिंग कालेज खोलने की अनुमति, सरकारी कालेजों में प्रोफेसर से लेकर अन्य अधिकारी-कमर्चारियों के तबादले और पोस्टिंग का कारोबार चला रहा है। इन पदों पर भर्ती में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी-कमर्चारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने स्वयं इंजीनियरिंग कालेजों में मोटी राशि इन्वेस्ट की है। ये 15 से 20 साल से एक ही जगह पदस्थ हैं और पदोन्नति के बाद भी वहीं जमे हैं। इन कमर्चारियों ने काली कमाई से आलीशान बंगले खरीदे हैं तो उनकी ट्रेवल्स एजेंसी तक चल रही हैं। इस गिरोह का सीधा संबंध ओपी शुक्ला से रहा है। एसटीएफ टीम की नजर अब तकनीकी शिक्षा विभाग की तरफ चली गई है। इस दिशा में भी शुक्ला की गिर तारी के बाद बड़ा घोटाला उजागर होना तय माना जा रहा है। ओपी शुक्ला का फर्जीवाड़ा में नाम आने के बाद से तकनीकी शिक्षा विभाग के फर्जीवाड़ा में शामिल अधिकारी-कमर्चारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं।
मेहता के बाद एक और डाक्टर का नाम
फर्जीवाड़ा में डा अजय मेहता के साथ ही राजधानी में बड़ी निजी नर्सिंग होम संचालित करने वाले एक नामचीनी डाक्टर का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जाता है कि फरार आरोपियों ने फर्जीवाड़ा की मोटी राशि नर्सिंग होम में इन्वेस्ट की है। चूंकि उक्त डाक्टर की उच्चस्तर पर मजबूत पकड़ है, इस कारण साक्ष्यों के अभाव में एसटीएफ फिलहाल डाक्टर पर हाथ नहीं डाल रही है। इधर व्यापमं की पूर्व चेयरमैन अफसर रंजना चौधरी समेत व्यापमं में चेयरमैन रहे कुछ अन्य आईएएस अफसरों से भी एसटीएफ पूछताछ करेगी। रंजना चौधरी पर आरोप हैं कि फर्जीवाड़ा की राशि उन तक पहुंची है। इधर भाजपा नेता सुधीर शर्मा, कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना, डीएस खनूजा,भरत मिश्रा की तलाश जारी है। उनकी तलाश में कई जगह छापे मारे जा रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें