-32 फीसदी आपराधिक पृष्ठ भूमि के जीते चुनाव
-भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के विधायकों पर दाग
-इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट: बीते विधानसभा की तुलना में 6 फीसदी हुई बढ़ोतरी
-चारों राज्य में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे 67 फीसदी विधायक मप्र में
भोपाल।
स्वच्छ और ईमानदार राजनीति के बड़े-बड़े दावों व जांच-परख कर प्रत्याशियों के चुनने के राजनीतिक दलों के वादों के बावजूद मप्र विधानसभा चुनाव में जीत कर पहुंचे 32 फीसदी विधायक दागी हैं। सबसे ज्यादा दागदार दामन 38 प्रतिशत कांग्रेस विधायकों का है। यही आंकड़ा भाजपा में 29 फीसदी और बसपा के 4 में से 1 विधायक मतलब 25 प्रतिशत है।
देश की राजधानी दिल्ली में जीते 36 प्रतिशत दागी प्रत्याशियों के मुकाबले मप्र का यह आंकड़ा 4 फीसदी कम है। चिंताजनक ये है कि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में जीते दागी प्रत्याशियों की तुलना में इस बार 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2008 में इनका प्रतिशत 26 था। मप्र इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोके्रटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव में जीते 230 विधायकों में से 73 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कांग्रेस के 58 विधायकों में से चुने गए 22 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। भाजपा के 165 विजयी उम्मीदवारों में से 48, बसपा के 4 में से 1 तथा निर्दलीय 3 विधायकों में से 2 कुल 67 प्रतिशत विधायकों पर किसी न किसी प्रकार आपराधिक रिकार्ड है।
-मप्र की फैक्ट फाइल
38 प्रतिशत कांग्रेस विधायक दागी
29 प्रतिशत भाजपा में दागदार
25 प्रतिश बसपा के दागदार
45 विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले
77 प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज, लेकिन चुनाव हारे
10 विधायक ऐसे जिन पर पिछले चुनाव में भी आपराधिक मामले दर्ज
6 प्रतिशत ऐसे विधायकों की बढ़ोतरी हुई है जिन पर आपराधिक प्रकरण हैं
-दिल्ली की फैक्ट फाइल
80 फीसदी पर हत्या-डकैती के मामले
55 फीसदी पर भाजपा प्रत्याशी दागी
25 फीसदी कांग्रेसी दागी
11 प्रतिशत आम आदमी पार्टी (आप) के विजेता आरोपी
-686 उम्मीदवारों का किया विश्लेषण
इलेक्शन वॉच और एडीआर ने 2013 के विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों में से तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भाजपा और बसपा के 686 उम्मीदवारों में से 683 उम्मीदवारों का विश्लेषण कर यह आंकड़ा जारी किया है। इन विश्लेषणों में संपत्ति का विवरण, शिक्षा का विशलेषण, आपराधिक प्रकरणों की जानकारी के साथ-साथ शपथ-पत्रों आदि की गड़बड़ियां हैं।
-45 ने दी जानकारी
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 73 विधायकों में से 45 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने शपथ-पत्र में अपने खिलाफ अपहरण, डकैती, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामलों की जानकारी दी है।
-मप्र सबसे आगे
मप्र विधानसभा में इस बार चुने गए विधायकों की अच्छी बात यह है कि 67 प्रतिशत प्रत्याशी ऐसे हैं, जो पढ़े-लिखे हैं। यह आंकाड़ा प्रदेश नहीं, बल्कि हालिया संपन्न हुए चारों राज्य मप्र, राजस्थान, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है।
-इन गंभीर आपराधिक प्रकरण, हारे
भाजपा, कांग्रेस और बसपा तीनों दलों के कुल 120 प्रत्याशियों में से 77 प्रत्याशी ऐसे थे, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांक, यह चुनाव हार गए। इधर, इसी श्रेणी के 65 विधायकों के शपथ-पत्रों के विश्लेषण से पता चला कि इसमें से 20 ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने 2013 चुनावों में अपने शपथ-पत्रों में आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इन 20 विधायकों में से 10 के खिलाफ पिछले विधानसभा चुनावों में भी आपराधिक मामले दर्ज थे।
-सीएम को लिखा पत्र
इलेक्शन वॉच और एडीआर की मप्र इकाई ने भाजपा को शानदार जीत के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के विधायकों को विधानसभा की स्थायी समीतियों, वित्तीय समितियों आदि में अथवा अन्य जिम्मेदार पदों पर न रखें। विधानसभा में नियमबद्ध तरीके से सभी विधायकों द्वारा अपनी संपत्ति की सलाना घोषणा की जाए। कैबिनेट के सभी मंत्री सलाना संपत्ति की घोषणा करें। विधायक निधि से उपयोग की गई राशि और उससे शुरू किए गए कार्यों का ब्यौरा सलाना आॅनलाइन की जाए।
-नेताजी का रिपोर्ट कार्ड
नाम दल क्षेत्र मामला
बहादुर सिंह भाजपा महिदपुर भादसं की धारा-509 के तहत महिला से अश्लील हरकत का प्रकरण
रुस्तम सिंह भाजपा मुरैना भादसं की धारा-498अ (पति अथवा रिश्तेदार द्वारा क्रूरता) का प्रकरण
भंवरसिंह शेखावत भाजपा बदनावर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज
रमेश मेंदोला भाजपा इंदौर-2 ----------------------
ओमप्रकाश भाजपा शहपुरा ----------------------
राजेंद्र कुमार सिंह कांग्रेस अमरपाटन ----------------------
-भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के विधायकों पर दाग
-इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट: बीते विधानसभा की तुलना में 6 फीसदी हुई बढ़ोतरी
-चारों राज्य में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे 67 फीसदी विधायक मप्र में
भोपाल।
स्वच्छ और ईमानदार राजनीति के बड़े-बड़े दावों व जांच-परख कर प्रत्याशियों के चुनने के राजनीतिक दलों के वादों के बावजूद मप्र विधानसभा चुनाव में जीत कर पहुंचे 32 फीसदी विधायक दागी हैं। सबसे ज्यादा दागदार दामन 38 प्रतिशत कांग्रेस विधायकों का है। यही आंकड़ा भाजपा में 29 फीसदी और बसपा के 4 में से 1 विधायक मतलब 25 प्रतिशत है।
देश की राजधानी दिल्ली में जीते 36 प्रतिशत दागी प्रत्याशियों के मुकाबले मप्र का यह आंकड़ा 4 फीसदी कम है। चिंताजनक ये है कि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में जीते दागी प्रत्याशियों की तुलना में इस बार 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2008 में इनका प्रतिशत 26 था। मप्र इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोके्रटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव में जीते 230 विधायकों में से 73 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कांग्रेस के 58 विधायकों में से चुने गए 22 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। भाजपा के 165 विजयी उम्मीदवारों में से 48, बसपा के 4 में से 1 तथा निर्दलीय 3 विधायकों में से 2 कुल 67 प्रतिशत विधायकों पर किसी न किसी प्रकार आपराधिक रिकार्ड है।
-मप्र की फैक्ट फाइल
38 प्रतिशत कांग्रेस विधायक दागी
29 प्रतिशत भाजपा में दागदार
25 प्रतिश बसपा के दागदार
45 विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले
77 प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज, लेकिन चुनाव हारे
10 विधायक ऐसे जिन पर पिछले चुनाव में भी आपराधिक मामले दर्ज
6 प्रतिशत ऐसे विधायकों की बढ़ोतरी हुई है जिन पर आपराधिक प्रकरण हैं
-दिल्ली की फैक्ट फाइल
80 फीसदी पर हत्या-डकैती के मामले
55 फीसदी पर भाजपा प्रत्याशी दागी
25 फीसदी कांग्रेसी दागी
11 प्रतिशत आम आदमी पार्टी (आप) के विजेता आरोपी
-686 उम्मीदवारों का किया विश्लेषण
इलेक्शन वॉच और एडीआर ने 2013 के विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों में से तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भाजपा और बसपा के 686 उम्मीदवारों में से 683 उम्मीदवारों का विश्लेषण कर यह आंकड़ा जारी किया है। इन विश्लेषणों में संपत्ति का विवरण, शिक्षा का विशलेषण, आपराधिक प्रकरणों की जानकारी के साथ-साथ शपथ-पत्रों आदि की गड़बड़ियां हैं।
-45 ने दी जानकारी
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 73 विधायकों में से 45 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने शपथ-पत्र में अपने खिलाफ अपहरण, डकैती, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामलों की जानकारी दी है।
-मप्र सबसे आगे
मप्र विधानसभा में इस बार चुने गए विधायकों की अच्छी बात यह है कि 67 प्रतिशत प्रत्याशी ऐसे हैं, जो पढ़े-लिखे हैं। यह आंकाड़ा प्रदेश नहीं, बल्कि हालिया संपन्न हुए चारों राज्य मप्र, राजस्थान, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है।
-इन गंभीर आपराधिक प्रकरण, हारे
भाजपा, कांग्रेस और बसपा तीनों दलों के कुल 120 प्रत्याशियों में से 77 प्रत्याशी ऐसे थे, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांक, यह चुनाव हार गए। इधर, इसी श्रेणी के 65 विधायकों के शपथ-पत्रों के विश्लेषण से पता चला कि इसमें से 20 ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने 2013 चुनावों में अपने शपथ-पत्रों में आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इन 20 विधायकों में से 10 के खिलाफ पिछले विधानसभा चुनावों में भी आपराधिक मामले दर्ज थे।
-सीएम को लिखा पत्र
इलेक्शन वॉच और एडीआर की मप्र इकाई ने भाजपा को शानदार जीत के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के विधायकों को विधानसभा की स्थायी समीतियों, वित्तीय समितियों आदि में अथवा अन्य जिम्मेदार पदों पर न रखें। विधानसभा में नियमबद्ध तरीके से सभी विधायकों द्वारा अपनी संपत्ति की सलाना घोषणा की जाए। कैबिनेट के सभी मंत्री सलाना संपत्ति की घोषणा करें। विधायक निधि से उपयोग की गई राशि और उससे शुरू किए गए कार्यों का ब्यौरा सलाना आॅनलाइन की जाए।
-नेताजी का रिपोर्ट कार्ड
नाम दल क्षेत्र मामला
बहादुर सिंह भाजपा महिदपुर भादसं की धारा-509 के तहत महिला से अश्लील हरकत का प्रकरण
रुस्तम सिंह भाजपा मुरैना भादसं की धारा-498अ (पति अथवा रिश्तेदार द्वारा क्रूरता) का प्रकरण
भंवरसिंह शेखावत भाजपा बदनावर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज
रमेश मेंदोला भाजपा इंदौर-2 ----------------------
ओमप्रकाश भाजपा शहपुरा ----------------------
राजेंद्र कुमार सिंह कांग्रेस अमरपाटन ----------------------
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