गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

बिजली कंपनियां छिपा रही आधा सच भोपाल

प्रदेश की बिजली कंपनियों के फर्जीवाड़े आम है। बिजली खरीद से लेकर वितरण तक घपले चलते रहते है। ऐसे में मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कंपनियों को वेबसाइट पर ठीक ठीक जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। जबकि बिजली कंपनियों ने वेबसाइट पर आधी अधूरी सूचनाएं दी है। बिजली कंपनियों ने वेबसाइट से बिजली उत्पादन, ट्रांसफामर्रों की स्थिति समेत उपभोक्ताओं के काम की कई तरह की जानकारी छुपा ली है। वहीं वेबसाइट पर कंपनी के कुछ चुनिंदा अधिकारी पासवर्ड के जरिए ही ऐसी कोई जानकारी देख सकते हैं। बिजली कंपनियों के प्रबंध संचालक और अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है, वेबसाइट पर हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

ये जानकारी छिपाई-
  - रोजाना बिजली उत्पादन व बिजली उपलब्धता की स्थिति
   - प्रदेश के पन व ताप बिजली घरों में प्रति मिनट बिजली उत्पादन की स्थिति यानि रियल टाइम डाटा
   - तकनीकी कारणों से प्लांट में कितनी इकाइयां बंद हैं,
   - ट्रांसफार्मर कितने खराब हैं, कितने ठीक हैं
    -प्रति यूनिट कितनी राजस्व वसूली की गई
    -24 घंटे बिजली सप्लाई की क्या स्थिति है
    -शार्ट टर्म बिजली खरीदी और बिक्री की स्थिति
    -क्या कहते हैं कंपनियों के प्रबंध संचालक व अधिकारी

इनका कहना 
 कंपनी की वेबसाइट पर पूरी पारदशिर्ता बरती जा रही है। सुरक्षा कारणों से सिर्फ लोड डिस्पैच संबंधी कुछ जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। पासवर्ड जैसा भी कोई मसला नहीं है। उपभोक्ताओं को कंपनी और विभाग से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। छिपाने जैसी कोई बात ही नहीं है।
 मनु श्रीवास्तव, एमडी, पावर मैनेजमेंट कंपनी

बिजली कंपनियों को ऐसी जानकारी अपडेट करते रहना चाहिए। हम यह परीक्षण करेंगे कि वेबसाइट पर क्या स्थिति है।
पंकज चतुर्वेदी, सचिव मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग

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