-प्रशासन सौंपेगा रिपोर्ट, मंत्री मंडल बनने का इंतजार
दबंग रिपोर्टर, भोपाल।
राजधानीवासियों को दिल्ली की तर्ज पर मेट्रो मिलेगी या लाइट मेट्रो। इसका फैसला गुरुवार तक हो जाएगा। मेट्रो का दायरा दक्षिण में इंदौर और पश्चिम में मंडीदीप तक होगा। इसको लेकर भी स्थिति साफ हो जाएगी।
रिपोर्ट में किन नवीन बिंदुओं को जोड़ा गया है अथवा हटाया गया है। इसको लेकर फिलहाल कोई भी जिम्मेदार स्पष्ट तौर पर बताने को तैयार नहीं है। हालांकि नगरीय प्रशासन में उच्च पदस्थ एक अधिकारी की माने तो फिजिकल रिपोर्र्ट तैयार हो चुकी है। वहीं दिल्ली, चैन्नई व बैंगलुरू शहर की मेट्रों को लेकर तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार हो गई है। प्रशासनिक स्तर के मप्र में मंत्री मंडल का विस्तार होते ही अंतिम प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।
28 किमी की लंबाई का रूट प्रस्तावित
शहर में मेट्रों चलाने की कवायद में डीएमआरसी ने कुल 28 किमी की लंबाई के तीन रूट प्रस्तावित किए थे। जर्मन कंपनी ने भी इन्हीं रूटों की फिजिबिलिटी परखने के बाद इनमें संशोधन किया है लेकिन कंपनी ने इसमें करीब 15 किमी का और इजाफा किया है। अब कोलार और होशंगाबाद रोड को भी इसमें शामिल किया गया है। पहले भोपाल और इंदौर में करीब 65 किमी का रूट प्रस्तावित था, जिसे अब कंपनी ने करीब 92 किमी कर दिया है।
दबंग रिपोर्टर, भोपाल।
राजधानीवासियों को दिल्ली की तर्ज पर मेट्रो मिलेगी या लाइट मेट्रो। इसका फैसला गुरुवार तक हो जाएगा। मेट्रो का दायरा दक्षिण में इंदौर और पश्चिम में मंडीदीप तक होगा। इसको लेकर भी स्थिति साफ हो जाएगी।
रिपोर्ट में किन नवीन बिंदुओं को जोड़ा गया है अथवा हटाया गया है। इसको लेकर फिलहाल कोई भी जिम्मेदार स्पष्ट तौर पर बताने को तैयार नहीं है। हालांकि नगरीय प्रशासन में उच्च पदस्थ एक अधिकारी की माने तो फिजिकल रिपोर्र्ट तैयार हो चुकी है। वहीं दिल्ली, चैन्नई व बैंगलुरू शहर की मेट्रों को लेकर तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार हो गई है। प्रशासनिक स्तर के मप्र में मंत्री मंडल का विस्तार होते ही अंतिम प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।
28 किमी की लंबाई का रूट प्रस्तावित
शहर में मेट्रों चलाने की कवायद में डीएमआरसी ने कुल 28 किमी की लंबाई के तीन रूट प्रस्तावित किए थे। जर्मन कंपनी ने भी इन्हीं रूटों की फिजिबिलिटी परखने के बाद इनमें संशोधन किया है लेकिन कंपनी ने इसमें करीब 15 किमी का और इजाफा किया है। अब कोलार और होशंगाबाद रोड को भी इसमें शामिल किया गया है। पहले भोपाल और इंदौर में करीब 65 किमी का रूट प्रस्तावित था, जिसे अब कंपनी ने करीब 92 किमी कर दिया है।
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