-यूथ अगेंस्ट करप्शन ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र
भोपाल।
मप्र के राज्यपाल रामनरेश यादव को संविधान की धारा-156 के तहत बर्खास्त किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यावसायीक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित की गई विभिन्न परीक्षाओं में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भ्रष्टाचार उजागर किया है। इसमें पूर्व मंत्री से लेकर राज्यापाल के ओएसडी तक शामिल होने की बातें सामने आर्इं हैं। एसटीएम ने इनमें से कई तथ्य उजार कर दिए हैं।
यह मांग यूथ अगेंस्ट करप्शन (वायएसी) के राष्ट्रीय सह संयोजक विष्णुदत्त शर्मा ने की। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को उन्होंने पूरे घटनाक्रम का विस्तृत पत्र लिखकर राज्यपाल को बर्खास्त करने को कहा है। श्री शर्मा ने कहा, यदि श्री यादव को हटाया जाता है तो एसटीएफ ज्यादा निष्पक्षता से काम कर पाएगी। श्री शर्मा ने लिखा, संविधान की धारा 156 जिसमें घूसखोरी, भ्रष्टाचार के आधार पर बर्खास्त करने का विशेष अधिकार है। श्री यादव इस समय राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, जिसके चलते एसटीएफ कार्यवाही करने में सोचती है। व्यापमं तीन सालों में 79 चयन व भर्ती परीक्षाएं करा चुकी है। इसमें लगभग 36 लाख विद्यार्थी बैठे हैं। इन परीक्षाओं में व्यापम के उच्च पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी, राजनेताओं ने मिलकर एक व्यापक घोटाला किया, जिससे प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो गया।
फर्जी चयन के चलते 79 में से 54 परीक्षाएं संदेह के घेरे में हैं। जांच एजेंसी एसटीएफ ने व्यापम घोटले में परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा की गिरफ्तारी के बाद उनके बयानों और प्रमाणों के आधार पर जो नाम सामने आए हैं वे अत्यन्त चौकाने वाले हैं। इसमें राज्यपाल के ओएसडी धनराज यादव, मप्र के पूर्व शिक्षा मंत्री, कई आईएएस, आईपीएस और व्यापारी शामिल हैं।
राष्ट्रपति को पत्र में बताया कि एसटीएम ने 07/12/2013 को आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर धारा 420, 467, 468, 471, 120 (ठ) भारतीय दण्ड संहिता तथा धारा 65/66-आई. एक्ट तथा 09/12/2013 को दूसरा प्रकरण पंजीबद्ध कर नामजद एफआईआर में राज्यपाल के ओएसडीए धनराज यादव एवं अन्य कई लोगों को धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार एवं समाज विरोधी गतिविधि के लिए प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है।
भोपाल।
मप्र के राज्यपाल रामनरेश यादव को संविधान की धारा-156 के तहत बर्खास्त किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यावसायीक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित की गई विभिन्न परीक्षाओं में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भ्रष्टाचार उजागर किया है। इसमें पूर्व मंत्री से लेकर राज्यापाल के ओएसडी तक शामिल होने की बातें सामने आर्इं हैं। एसटीएम ने इनमें से कई तथ्य उजार कर दिए हैं।
यह मांग यूथ अगेंस्ट करप्शन (वायएसी) के राष्ट्रीय सह संयोजक विष्णुदत्त शर्मा ने की। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को उन्होंने पूरे घटनाक्रम का विस्तृत पत्र लिखकर राज्यपाल को बर्खास्त करने को कहा है। श्री शर्मा ने कहा, यदि श्री यादव को हटाया जाता है तो एसटीएफ ज्यादा निष्पक्षता से काम कर पाएगी। श्री शर्मा ने लिखा, संविधान की धारा 156 जिसमें घूसखोरी, भ्रष्टाचार के आधार पर बर्खास्त करने का विशेष अधिकार है। श्री यादव इस समय राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, जिसके चलते एसटीएफ कार्यवाही करने में सोचती है। व्यापमं तीन सालों में 79 चयन व भर्ती परीक्षाएं करा चुकी है। इसमें लगभग 36 लाख विद्यार्थी बैठे हैं। इन परीक्षाओं में व्यापम के उच्च पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी, राजनेताओं ने मिलकर एक व्यापक घोटाला किया, जिससे प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो गया।
फर्जी चयन के चलते 79 में से 54 परीक्षाएं संदेह के घेरे में हैं। जांच एजेंसी एसटीएफ ने व्यापम घोटले में परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा की गिरफ्तारी के बाद उनके बयानों और प्रमाणों के आधार पर जो नाम सामने आए हैं वे अत्यन्त चौकाने वाले हैं। इसमें राज्यपाल के ओएसडी धनराज यादव, मप्र के पूर्व शिक्षा मंत्री, कई आईएएस, आईपीएस और व्यापारी शामिल हैं।
राष्ट्रपति को पत्र में बताया कि एसटीएम ने 07/12/2013 को आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर धारा 420, 467, 468, 471, 120 (ठ) भारतीय दण्ड संहिता तथा धारा 65/66-आई. एक्ट तथा 09/12/2013 को दूसरा प्रकरण पंजीबद्ध कर नामजद एफआईआर में राज्यपाल के ओएसडीए धनराज यादव एवं अन्य कई लोगों को धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार एवं समाज विरोधी गतिविधि के लिए प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें