-अपेक्षा से कम हुआ जिले में मतदान
भोपाल।
विधानसभा चुनाव में मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रचार प्रचार जोरों पर हुआ। बावजूद इसके भोपाल जिले में अपेक्षा से कम मतदान हुआ। इस पर चुनाव आयोग ने भी जिला निर्वाचन आयोग को नोटिस दिया था। अब जिला निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव में इस दाग को धोने की तैयारी में हैं। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। खराब परफामेंस वाले बीएलओ को जहां बदला जाएगा वहीं कुछ जगह अनुभवी बीएलओ तैनात किए जाएंगे, ताकि मतदाता सूची में जो गड़बडि?ां हैं वह दूर हो सकें। इसके लिए जल्द ही एक बैठक भी होने जा रही है। बैठक में विशेष रूप से बीएलओ शिरकत करेंगे। इस बैठक में जहां विधानसभा चुनाव में बेहतर कार्य करने वालों को बधाई दी जाएगी वहीं निराशाजनक कार्य करने वालों को फटकार की गोली के साथ-साथ उनकी कमियोंं को गिनाया जाएगा, ताकि वे इसमें सुधार कर सकें। यही नहीं संबंधित विधानसभा क्षेत्र के आरओ को भी बैठक से पूर्व बीएलओ की परफार्मेंस रिपोर्ट तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि यह बैठक कब होगी, इसकी तारीख एक दो दिन में ही तय हो जाएगी।
गौरतलब है कि 16 से 31 दिसंबर तक मतदाता सूची में नाम जोड?े के लिए दावे आपत्तियां लेने की प्रक्रिया सभी विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो गई है। इस बार नाम जोड?े की चल रही प्रक्रिया लोक सभा चुनाव को देखते हुए अपनाई जा रही है। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी मतदाता अपना मत डालने के लिए इधर उधर न भटकें इसको देखते हुए जिला निर्वाचन आयोग बीएलओ को ही सीधे समझाईश व उनकी कमियां गिनाना चाहता है, क्योंकि बीएलओ को ही फील्ड में रहकर नाम जोड़ के आवेदन लेने से लेकर नाम जोड?े तक का कार्य करना है।
-पहुंचेगा 17 लाख आंकड़ा
वतर्मान में जिले में 16 लाख 69 हजार मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान यह देखने में आया था कि इसके अतिरिक्त भी ऐसे मतदाता हैं, जिनके पास ईपिक कार्ड हैं, लेकिन उनके नाम सूची से हट गए थे। यदि वे आवेदन करते हैं तो यहं आकड़ा 17 लाख के करीब पहुंच जाएगा। नए मतदाताओं को भी जोड़ लिया जाए तो जिले में मतदाताओं की सं या 17 लाख से उपर पहुंच जाएगी।
-बदले जाएंगे बीएलओ
सूत्रों की माने तो चार इमली, चहोत्तर बंगला, शिवाजी नगर, कोलार, गोविंदपुरा क्षेत्र में कार्य कर रहे बीएलओ को बदले जाएंगे। इसके पीछे कारण है, हाईप्रोफाईल मतदाता के नाम सूची से गायब होना। इन क्षेत्रों में पदस्थ बीएलओ ने सही तरीके से कार्य नहीं किया है। यही वजह है कि प्रदेश के कई दिग्गज अधिकारियों को मतदान करने के लिए मतदान के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी। कुछ के नाम तो मतदाता सूची में भी नहीं मिले थे, उन्हें मतदान से वंचित रहना पड़ा था। ऐसे बीएलओ को पहले तो बैठक में फटकार पिलाई जाएगी, वहीं उनकी जगह नए बीएलओं को तैनात किया जाएगा ताकि आगे से ऐसी गड़बडि?ां दोबारा न हो। यहीं नहीं कुछ क्षेत्रों के पोलिंग बूथों पर अनुभवी बीएलओ को तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया है।
-निर्वाचन लिपिक को हटाया
दक्षिण-पश्चिम विधानस ाा में तैनात निर्वाचक लिपिक श्रीराम सिंह को हटाने के निर्देश रिटर्निंग आफिसर ने जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि विधानस ाा चुनाव के दौरान श्रीराम सिंह के लारा कार्य में लापरवाही बरती गई थी।
यह है गड़बड़ियां
- जिनके पास पुराने ईपिक कार्ड थे, उनके नाम सूची से गायब थे, जिसके चलते वह मतदान नहीं कर सकेंगे।
- नगर निगम चुनाव के दौरान हुए परिसीमन के बाद मतदाताओं के नाम अन्य वार्ड या अन्य बूथों पर शि ट हो गए। इसके चलते उनके नाम मतदान के दिन सूची में नहीं मिले।
- शि ट हुए मतदाताओं ने अपने नाम पहले निवास स्थान से नहीं हटवाया और दूसरी जगह जुड़वा लिया। इसके चलते भी गफलत रही।
- कुछ मतदाता ऐसे भी समाने आए ,जिनके पते बदलने के चलते एक सूची से डिलीट कर दिए गए लेकिन दूसरी सूची में नहीं जोड़े गए, जहां वह निवास कर रहा है।
बोले अधिकारी -
मतदाता सूची को लेकर बीएलओ की जल्द ही एक बैठक बुलाई जा रही है। बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
अक्षय सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी
भोपाल।
विधानसभा चुनाव में मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रचार प्रचार जोरों पर हुआ। बावजूद इसके भोपाल जिले में अपेक्षा से कम मतदान हुआ। इस पर चुनाव आयोग ने भी जिला निर्वाचन आयोग को नोटिस दिया था। अब जिला निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव में इस दाग को धोने की तैयारी में हैं। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। खराब परफामेंस वाले बीएलओ को जहां बदला जाएगा वहीं कुछ जगह अनुभवी बीएलओ तैनात किए जाएंगे, ताकि मतदाता सूची में जो गड़बडि?ां हैं वह दूर हो सकें। इसके लिए जल्द ही एक बैठक भी होने जा रही है। बैठक में विशेष रूप से बीएलओ शिरकत करेंगे। इस बैठक में जहां विधानसभा चुनाव में बेहतर कार्य करने वालों को बधाई दी जाएगी वहीं निराशाजनक कार्य करने वालों को फटकार की गोली के साथ-साथ उनकी कमियोंं को गिनाया जाएगा, ताकि वे इसमें सुधार कर सकें। यही नहीं संबंधित विधानसभा क्षेत्र के आरओ को भी बैठक से पूर्व बीएलओ की परफार्मेंस रिपोर्ट तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि यह बैठक कब होगी, इसकी तारीख एक दो दिन में ही तय हो जाएगी।
गौरतलब है कि 16 से 31 दिसंबर तक मतदाता सूची में नाम जोड?े के लिए दावे आपत्तियां लेने की प्रक्रिया सभी विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो गई है। इस बार नाम जोड?े की चल रही प्रक्रिया लोक सभा चुनाव को देखते हुए अपनाई जा रही है। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी मतदाता अपना मत डालने के लिए इधर उधर न भटकें इसको देखते हुए जिला निर्वाचन आयोग बीएलओ को ही सीधे समझाईश व उनकी कमियां गिनाना चाहता है, क्योंकि बीएलओ को ही फील्ड में रहकर नाम जोड़ के आवेदन लेने से लेकर नाम जोड?े तक का कार्य करना है।
-पहुंचेगा 17 लाख आंकड़ा
वतर्मान में जिले में 16 लाख 69 हजार मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान यह देखने में आया था कि इसके अतिरिक्त भी ऐसे मतदाता हैं, जिनके पास ईपिक कार्ड हैं, लेकिन उनके नाम सूची से हट गए थे। यदि वे आवेदन करते हैं तो यहं आकड़ा 17 लाख के करीब पहुंच जाएगा। नए मतदाताओं को भी जोड़ लिया जाए तो जिले में मतदाताओं की सं या 17 लाख से उपर पहुंच जाएगी।
-बदले जाएंगे बीएलओ
सूत्रों की माने तो चार इमली, चहोत्तर बंगला, शिवाजी नगर, कोलार, गोविंदपुरा क्षेत्र में कार्य कर रहे बीएलओ को बदले जाएंगे। इसके पीछे कारण है, हाईप्रोफाईल मतदाता के नाम सूची से गायब होना। इन क्षेत्रों में पदस्थ बीएलओ ने सही तरीके से कार्य नहीं किया है। यही वजह है कि प्रदेश के कई दिग्गज अधिकारियों को मतदान करने के लिए मतदान के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी। कुछ के नाम तो मतदाता सूची में भी नहीं मिले थे, उन्हें मतदान से वंचित रहना पड़ा था। ऐसे बीएलओ को पहले तो बैठक में फटकार पिलाई जाएगी, वहीं उनकी जगह नए बीएलओं को तैनात किया जाएगा ताकि आगे से ऐसी गड़बडि?ां दोबारा न हो। यहीं नहीं कुछ क्षेत्रों के पोलिंग बूथों पर अनुभवी बीएलओ को तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया है।
-निर्वाचन लिपिक को हटाया
दक्षिण-पश्चिम विधानस ाा में तैनात निर्वाचक लिपिक श्रीराम सिंह को हटाने के निर्देश रिटर्निंग आफिसर ने जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि विधानस ाा चुनाव के दौरान श्रीराम सिंह के लारा कार्य में लापरवाही बरती गई थी।
यह है गड़बड़ियां
- जिनके पास पुराने ईपिक कार्ड थे, उनके नाम सूची से गायब थे, जिसके चलते वह मतदान नहीं कर सकेंगे।
- नगर निगम चुनाव के दौरान हुए परिसीमन के बाद मतदाताओं के नाम अन्य वार्ड या अन्य बूथों पर शि ट हो गए। इसके चलते उनके नाम मतदान के दिन सूची में नहीं मिले।
- शि ट हुए मतदाताओं ने अपने नाम पहले निवास स्थान से नहीं हटवाया और दूसरी जगह जुड़वा लिया। इसके चलते भी गफलत रही।
- कुछ मतदाता ऐसे भी समाने आए ,जिनके पते बदलने के चलते एक सूची से डिलीट कर दिए गए लेकिन दूसरी सूची में नहीं जोड़े गए, जहां वह निवास कर रहा है।
बोले अधिकारी -
मतदाता सूची को लेकर बीएलओ की जल्द ही एक बैठक बुलाई जा रही है। बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
अक्षय सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी
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