शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

सेवा का सौदा :देवेंद्र को हटाया, रवि नील पर हत्या और डकैती का प्रकरण

-साले अजीत सिंह और सहयोगी अफजल को भी किया बाहर 
-प्रबंधन ने माना दबंग की खबरें सही 
-प्रबंधन की जांच जारी 
हेमन्त पटेल, भोपाल। 
मप्र में अकास्मिक सेवा 108 एम्बुलेंस संचालित करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने देवेंद्र सिंह (हेड, मप्र 108 सेवा) सहित साले अजीत सिंह और अफजल अहमद को हटा दिया है। प्रबंधन ने अब कंपनी में इमरजेंसी मैनेजमेंट एग्ज्युक्टिव रवि नील की फाइल खोल ली है। रवि नील पर हत्या और डकैती का प्रकरण दर्ज है। 
प्रबंधन ने दैनिक दबंग दुनिया की पूर्व में प्रकाशित खबरों को सही माना है। प्रबंधन अब रवि नील सहित देवेंद्र सिंह के कार्यकाल में किए गए कामों, वित्तिय अनियमितताओं और घपले-घोटाले की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि 108 एम्बुलेंस वाहन के जरिए देवेंद्र सिंह रायसेन जिले के सांची विधानसभा क्र.-142 से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रभुराम चौधरी का गांवों में चुनाव प्रचार करा रहे थे। इसी के साथ अन्य भ्रष्टाचार के संबंध में खबरें दबंग दुनिया समाचार-पत्र में प्रकाशित की थीं। प्रथम दृष्ट्या कंपनी के उच्च पदस्थ अफसरों ने संज्ञान लिया था। इसके बाद इन अफसरों ने जांच शुरू की जिसमें यह बातें सही निकलीं। 

-यह मिली गड़बड़ियां 
108 सेवा में पूर्व हेड देवेंद्र सिंह पर जांच के दौरान वित्तीय अनियमितता, कर्मचारियों को डराने धमकाने के प्रकरण सामने आए। अकास्मिक सेवा का गलत उपयोग व सेवा के बहाने रकम वसूली की गड़बड़ियां मिली हैं। कंपनी प्रबंधन से जुड़े सूत्र की मानें तो वित्तीय गड़बड़ियों के लिए ही देवेंद्र ने अपने साले अजीत सिंह को कंपनी में उच्च ओहदा दिया था। वहीं अफजल अहमद देवेंद्र का बाहरी काम-काज संभालता था। कंपनी ने प्राथमिक जांच में ही तमाम गड़बड़ियां होना पाया। हालांकि जांच अब भी जारी है, लेकिन इन्हें कंपनी से बाहर कर दिया गया है। ,

-यह है कोर्ट का फैसला 
रवि नील को मप्र हाईकोर्ट ने 15 जनवरी, 2008 में धारा-302/394 और 120-बी के तहत षड़यंत्र पूर्वक हत्या और डकैती का दोषी माना है। इस मामले की जांच-पड़ताल आर. शर्मा कर रहे थे। रवि पर प्रकरण 24 अक्टूबर, 2006 से पूर्व कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद 25 नवंबर, 2006 को तमाम दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश आर. सक्सेना की बैंच ने धारा-302/394 और 120-बी के तहत रवि नील को षड़यंत्र पूर्वक हत्या और डकैती का दोषी करार दिया। 

-वर्जन 
आपकी खबरें सही थी। प्रबंधन पूरे मामले की जांच में जुटा हुआ है। जो भी दोषी मिलेगा उसे बाहर किया जाएगा। 
बाबू थॉमस, नेशनल हेड, जीवीके ईएमआरआई 

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