रविवार, 22 दिसंबर 2013

सरकारी जमीन की धड़ल्ले से हो रही खरीद फरो त

 - मामला ग्राम कालापानी की जमीन का
 - पूर्व विधायक भी कर चुके हैं शिकायत
 - तत्काल एसडीएम ने दिए थे निर्देश, फिर भी नहीं हुई कायर्वाही
भोपाल। 
राजधानी से लगे ग्रामीण क्षेत्र कालापानी में सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध कालोनियां बन रही है। यह अवैध कारोबार वहां चल रहा है जहां बड़े बिल्डरों के प्रोजक्ट्स हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकारी भूमि पर काटे जा रहे यह प्लॉट्स पांच लाख रुपए तक कीमत में बेचे जा रहे हैं। खास बात तो यह है कि अवैध कालोनियों के निर्माण की जानकारी जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी है, लेकिन इस ओर कोई देखना पसंद नही कर रहा है। हालांकि इस मामले की शिकायत हुजूर के पूर्व विधायक जितेंद्र डागा भी कर चुके हैं और तत्कालीन एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार चन्द्रशे ार श्रीवास्तव को कारर्वाई के निर्देश दिए थे और कहा था कि तीन दिन में कब्जे नहीं हटाने वालों को जेल भेजने की कारर्वाई करें। हालात यह है कि यह निर्देश उनके ट्रांसफर होने के बाद केवल कागजी ही रह गए हैं। वतर्मान हुजूर एसडीएम भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। 
मिली जानकारी के अनुसार कालापानी पंचायत में गत दो सालों में करीब दस से पंद्रह एकड़ जमीन पर कब्जे हो चुके हैं। करोड़ों रुपए कीमत की यह जमीन बिना किसी लिखा पढ़ी के बेची गई है। इन जमीनों पर लोगों ने कब्जे भी कर लिए हैं। यह कब्जे बड़ी बड़ी कालोनियों के निर्माण के साथ होने शुरू हुए। तत्कालीन एसडीएम द्वारा कराई गई जांच में इसका ाुलासा ाी हुआ था। जांच में यह ाी सामने आया था कि यहां पर फर्जी पट्टे बांटे जा रहे हैं, जिसके सहारे लोग कब्जा कर रातों-रात निर्माण कर रहे हैं।

-वर्जन 
मुझे कालापानी में सरकारी जमीनें बेचने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है, तो इसकी जांच राजस्व अधिकारियों से कराई जाएगी। इसमें जो ाी दोषी होगा उसके  िालाफ कारर्वाई होगी।
रामेश्वर शर्मा, विधायक हुजूर

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