-डेढ़ माह से बंद पड़ी हैं बस स्टॉपों की लाइट
भोपाल।
बीआरटीएस कॉरिडोर को शासन भले ही जी तोड़ कोशिश कर अहमदाबाद की तर्ज पर ख्याती दिलाना चाहता हो, लेकिन नगर निगम प्रशासन के साथ ठेकेदारों की आपसी टसन ही इसकी छवि खराब कर रही है। 12 लाख खर्च होने के बाद भी कॉरिडोर के बस स्टॉपों पर अंधेरा पसरा पड़ा है।
दोनों ठेकेदार जिम्मेदारी से किनारा किए हुए हैं। वहीं निगम प्रशासन भी अंदेखी किए हुए है। बस स्टॉपों की रोशनी न होने से रात के समय यहां आने-जाने वाले यात्रियों को दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। खास तौर पर युवतियां और महिलाएं यहां बस का इंतजार करने से घबरा रही हैं। इधर सुसज्जित बस स्टॉपों पर भरपूर रोशनी के लिए नगर निगम प्रशासन ने प्रत्येक पर करीब एक दर्जन ट्यूब लाइटें लगवाई है, लेकिन यहां एक भी ट्यूब लाइट चालू नहीं है।
जानकारी के अनुसार करोड़ों की लागत से मिसरोद से बैरागढ़ तक बनाए गए बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर चलने वाली लो लोर बसों में आम जनता को चढ़ने-उतरने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए निगम प्रशासन ने पूरे मार्ग पर जगह-जगह बस स्टॉपों की व्यवस्था की है। शाम के समय बस स्टॉपों पर यात्री अंधेरे में न बैठे, जिसके चलते निगम ने कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाले स ाी बस स्टॉपों पर भरपूर रोशनी के लिए एक दर्जन के करीब ट्यूब लाइटें लगाई है, मगर निगम के जि मेदार अधिकारियों की लापरवाही से अधिकांश बस स्टॉपों पर लगी ट्यूब लाइटें खराब पड़ी हुई है। जिससे बसों में बैठने वाले यात्रियों को अंधेरे में ही बसों का इंतजार करना पड़ रहा है।
-युवतियों को ज्यादा दिक्कत
जानकारी के मुताबिक, लगभग डेढ़ माह से अधिकांश बस स्टॉपों की ट्यूब लाइटें खराब पड़ी होने से बसों में सफर करने वाली महिलाएं बस स्टॉपों पर बैठने से कतराने लगी है। बस स्टॉपों पर रोशनी नहीं होने से अपने आपको असुरक्षित समझने वाली महिलाएं स्टॉपों से दूर खड़े होकर ही बसों का इंतजार करती रहती है।
- 12 लाख से बना प्रत्येक स्टॉफ
अगर खर्चे की बात करें तो निगम प्रशासन ने मिसरोद से बैरागढ़ तक बीआरटीएस में लगभग 77 बस स्टॉप बनवाए है। हर एक बस स्टॉप में निगम ने करीब 12 लाख रुपये खर्च किया हैं।
-वर्जन
कॉरिडोर के रखरखाव का जि मा ठेकेदार मोदानी को दिया गया है। उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति को रखरखाव के लिए ठेका दिया था। दोनों में कुछ पेमेंट को लेकर झगड़ा चल रहा है, जिसके कारण कॉरीडोर के बस स्टॉपों की ट्यूब लाइटें खराब पड़ी है। हम व्यवस्था ठीक कराने का प्रयास कर रहे है।
चद्रमौली शुक्ला, बीआरटीएस प्रभारी
भोपाल।
बीआरटीएस कॉरिडोर को शासन भले ही जी तोड़ कोशिश कर अहमदाबाद की तर्ज पर ख्याती दिलाना चाहता हो, लेकिन नगर निगम प्रशासन के साथ ठेकेदारों की आपसी टसन ही इसकी छवि खराब कर रही है। 12 लाख खर्च होने के बाद भी कॉरिडोर के बस स्टॉपों पर अंधेरा पसरा पड़ा है।
दोनों ठेकेदार जिम्मेदारी से किनारा किए हुए हैं। वहीं निगम प्रशासन भी अंदेखी किए हुए है। बस स्टॉपों की रोशनी न होने से रात के समय यहां आने-जाने वाले यात्रियों को दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। खास तौर पर युवतियां और महिलाएं यहां बस का इंतजार करने से घबरा रही हैं। इधर सुसज्जित बस स्टॉपों पर भरपूर रोशनी के लिए नगर निगम प्रशासन ने प्रत्येक पर करीब एक दर्जन ट्यूब लाइटें लगवाई है, लेकिन यहां एक भी ट्यूब लाइट चालू नहीं है।
जानकारी के अनुसार करोड़ों की लागत से मिसरोद से बैरागढ़ तक बनाए गए बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर चलने वाली लो लोर बसों में आम जनता को चढ़ने-उतरने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए निगम प्रशासन ने पूरे मार्ग पर जगह-जगह बस स्टॉपों की व्यवस्था की है। शाम के समय बस स्टॉपों पर यात्री अंधेरे में न बैठे, जिसके चलते निगम ने कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाले स ाी बस स्टॉपों पर भरपूर रोशनी के लिए एक दर्जन के करीब ट्यूब लाइटें लगाई है, मगर निगम के जि मेदार अधिकारियों की लापरवाही से अधिकांश बस स्टॉपों पर लगी ट्यूब लाइटें खराब पड़ी हुई है। जिससे बसों में बैठने वाले यात्रियों को अंधेरे में ही बसों का इंतजार करना पड़ रहा है।
-युवतियों को ज्यादा दिक्कत
जानकारी के मुताबिक, लगभग डेढ़ माह से अधिकांश बस स्टॉपों की ट्यूब लाइटें खराब पड़ी होने से बसों में सफर करने वाली महिलाएं बस स्टॉपों पर बैठने से कतराने लगी है। बस स्टॉपों पर रोशनी नहीं होने से अपने आपको असुरक्षित समझने वाली महिलाएं स्टॉपों से दूर खड़े होकर ही बसों का इंतजार करती रहती है।
- 12 लाख से बना प्रत्येक स्टॉफ
अगर खर्चे की बात करें तो निगम प्रशासन ने मिसरोद से बैरागढ़ तक बीआरटीएस में लगभग 77 बस स्टॉप बनवाए है। हर एक बस स्टॉप में निगम ने करीब 12 लाख रुपये खर्च किया हैं।
-वर्जन
कॉरिडोर के रखरखाव का जि मा ठेकेदार मोदानी को दिया गया है। उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति को रखरखाव के लिए ठेका दिया था। दोनों में कुछ पेमेंट को लेकर झगड़ा चल रहा है, जिसके कारण कॉरीडोर के बस स्टॉपों की ट्यूब लाइटें खराब पड़ी है। हम व्यवस्था ठीक कराने का प्रयास कर रहे है।
चद्रमौली शुक्ला, बीआरटीएस प्रभारी
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