-मुकेश ने भड़कते हुए वापस मांगा आवेदन
-अपर कलेक्टर की हरकत से सहमा आवेदक, ढाई माह बाद हुई जनसुनवाई में आर्इं 82 शिकायत
भोपाल।
करीब ढाई माह बाद दोबारा मंगलवार से शुरू हुई जनसुनवाई में अधिकारियों की टोन शिकायत निरकारण छोड़ फटकार की दिखाई दी। शिकायतकर्ता बैरागढ़ निवासी मुकेश भारती ने दो माह की फीस जमा न होने पर बच्ची भावना भारती को छह माही परीक्षा में न बैठने की शिकायत की। मुकेश ने बताया, ऐसे में बच्ची का भविष्य खराब हो जाएगा। इस पर उल्टा जनसुनवाई कर रहे अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने मुकेश भारती पर सवाल दाग दिए। तल्ख लहजे में उन्होंने मुकेश से कहा, दो माह की फीस पहले खुद नहीं भरोगे? फिर जनसुनवाई में चले आओगे। स्कूल संचालक ने जो किया वह सही किया। फटकार के बाद मुकेश सहम गया। कुछ देर बाद वह भड़कते हुए उसने अपर कलेक्टर से आवेदन वापस देने को कहा। उसने कहा, मुझे शिकायत नहीं करनी। अपने स्तर पर ही निपट लूंगा। भले ही कोई गलत कदम ही क्यों न हो।
मप्र शासन की इस जन हितैशी व्यवस्था को अधिकारी ही चौपट करने पर तुले हुए हैं। आल यह है कि लोग जनसुनवाई से दूरियां बना रहे हैं। वहीं लंबित पड़ी शिकायतों की बात करें तो यह 2407 हैं। वहीं डिफाल्टर शिकायतें 2406 के करीब हैं। मंगलवार को हुई जनसुनवाई में अधिकारी व आवेदन के बीच हुई यह झड़प साफ दिखाती है कि जनसुनवाई की जमीनी हकीकत क्या है? अधिकारी शिकायतें सुनने, निराकरण करना छोड़ उल्टा आवेदक को ही बुरा-भला कहने लगते हैं। मंगलवार को कुल 82 शिकायती आवेदन यहां आए।
-आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
मुकेश ने बताया, उनकी बिटिया भावना भारती नवयुवक सभा भवन स्कूल बैरागढ़ में कक्षा पहली में अध्ययनरत है। उसकी तीन माह की फीस जमा है और दो माह की बाकी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते आगे की फीस जमा नहीं कर पाया। स्कूल प्रबंधन को इस बात से अवगत कराया, लेकिन उसने नहीं सुनी। इसके चलते बिटिया को परीक्षा में बैठने नहीं दिया। शिकायत लेकर जनसुनवाई में वह पहुंचा और अंत्योदय कार्ड धारक होने की बात कही, तब भी अपर कलेक्टर नहीं माने। मौके पर स्थिति यह बनी की श्री कुर्रे ने फीस समय से जमा न करने पर पहले तो मुकेश को फटकारा। फीस जमा नहीं करोगे तो दिक्कत तो आएगी, जाओ फीस जमा करो। यह फटकार मुकेश को नागवार गुजरी और वह तल्ख लहजे में बोला, आप तो शिकायत वापस कर दीजिए हमें शिकायत देनी ही नहीं है। इधर कुर्रे ने आवेदन वापस नहीं करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दे दिए हैं।
-सरपंच-सचिव ने नहीं दी सही जानकारी
भागोरा ग्राम के निवासी रामचरण व अन्य लोगों ने एक शिकायती आवेदन के माध्यम से ग्राम पंचायत परसौरा के सरपंच मीराबाई जाटव व सचिव जितेंद्र पर निर्माण कार्य की जानकारी छुपाने व भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि सचिव से कुछ बिंदुओं के आधार पर जानकारी चाही गई थी, लेकिन सचिव ने आधी-अधूरी जानकारी बनाकर दे दी है, जो की पूरी तरह फर्जी है। कूप निर्माण, मेढ बंधान निर्माण, सहित अन्य सभी जानकारियां सभी कूटरचित हैं। इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच कराई जाए।
-पैसे जमा होने के बाद नहीं मिला कनेक्शन
ग्राम प्रेमपुरा निवासी सरदार सिंह ने अपने शिकायती आवेदन में बताया कि उन्होंने स्थायी कृषि पंप योजना के अंतर्गत कनेक्शन के लिए 30 अक्टूबर 2011 को दिया था। इसके तहत 40 हजार रुपए भी जमा कर दिए गए। उसके बाद भी आज तक बिजली कनेक्शन नहंी दिया गया है। इसे अधिकारी ने एमपीईबी के एसई को इस मामले में जांच के निर्देश दिए।
-अपर कलेक्टर की हरकत से सहमा आवेदक, ढाई माह बाद हुई जनसुनवाई में आर्इं 82 शिकायत
भोपाल।
करीब ढाई माह बाद दोबारा मंगलवार से शुरू हुई जनसुनवाई में अधिकारियों की टोन शिकायत निरकारण छोड़ फटकार की दिखाई दी। शिकायतकर्ता बैरागढ़ निवासी मुकेश भारती ने दो माह की फीस जमा न होने पर बच्ची भावना भारती को छह माही परीक्षा में न बैठने की शिकायत की। मुकेश ने बताया, ऐसे में बच्ची का भविष्य खराब हो जाएगा। इस पर उल्टा जनसुनवाई कर रहे अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने मुकेश भारती पर सवाल दाग दिए। तल्ख लहजे में उन्होंने मुकेश से कहा, दो माह की फीस पहले खुद नहीं भरोगे? फिर जनसुनवाई में चले आओगे। स्कूल संचालक ने जो किया वह सही किया। फटकार के बाद मुकेश सहम गया। कुछ देर बाद वह भड़कते हुए उसने अपर कलेक्टर से आवेदन वापस देने को कहा। उसने कहा, मुझे शिकायत नहीं करनी। अपने स्तर पर ही निपट लूंगा। भले ही कोई गलत कदम ही क्यों न हो।
मप्र शासन की इस जन हितैशी व्यवस्था को अधिकारी ही चौपट करने पर तुले हुए हैं। आल यह है कि लोग जनसुनवाई से दूरियां बना रहे हैं। वहीं लंबित पड़ी शिकायतों की बात करें तो यह 2407 हैं। वहीं डिफाल्टर शिकायतें 2406 के करीब हैं। मंगलवार को हुई जनसुनवाई में अधिकारी व आवेदन के बीच हुई यह झड़प साफ दिखाती है कि जनसुनवाई की जमीनी हकीकत क्या है? अधिकारी शिकायतें सुनने, निराकरण करना छोड़ उल्टा आवेदक को ही बुरा-भला कहने लगते हैं। मंगलवार को कुल 82 शिकायती आवेदन यहां आए।
-आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
मुकेश ने बताया, उनकी बिटिया भावना भारती नवयुवक सभा भवन स्कूल बैरागढ़ में कक्षा पहली में अध्ययनरत है। उसकी तीन माह की फीस जमा है और दो माह की बाकी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते आगे की फीस जमा नहीं कर पाया। स्कूल प्रबंधन को इस बात से अवगत कराया, लेकिन उसने नहीं सुनी। इसके चलते बिटिया को परीक्षा में बैठने नहीं दिया। शिकायत लेकर जनसुनवाई में वह पहुंचा और अंत्योदय कार्ड धारक होने की बात कही, तब भी अपर कलेक्टर नहीं माने। मौके पर स्थिति यह बनी की श्री कुर्रे ने फीस समय से जमा न करने पर पहले तो मुकेश को फटकारा। फीस जमा नहीं करोगे तो दिक्कत तो आएगी, जाओ फीस जमा करो। यह फटकार मुकेश को नागवार गुजरी और वह तल्ख लहजे में बोला, आप तो शिकायत वापस कर दीजिए हमें शिकायत देनी ही नहीं है। इधर कुर्रे ने आवेदन वापस नहीं करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दे दिए हैं।
-सरपंच-सचिव ने नहीं दी सही जानकारी
भागोरा ग्राम के निवासी रामचरण व अन्य लोगों ने एक शिकायती आवेदन के माध्यम से ग्राम पंचायत परसौरा के सरपंच मीराबाई जाटव व सचिव जितेंद्र पर निर्माण कार्य की जानकारी छुपाने व भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि सचिव से कुछ बिंदुओं के आधार पर जानकारी चाही गई थी, लेकिन सचिव ने आधी-अधूरी जानकारी बनाकर दे दी है, जो की पूरी तरह फर्जी है। कूप निर्माण, मेढ बंधान निर्माण, सहित अन्य सभी जानकारियां सभी कूटरचित हैं। इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच कराई जाए।
-पैसे जमा होने के बाद नहीं मिला कनेक्शन
ग्राम प्रेमपुरा निवासी सरदार सिंह ने अपने शिकायती आवेदन में बताया कि उन्होंने स्थायी कृषि पंप योजना के अंतर्गत कनेक्शन के लिए 30 अक्टूबर 2011 को दिया था। इसके तहत 40 हजार रुपए भी जमा कर दिए गए। उसके बाद भी आज तक बिजली कनेक्शन नहंी दिया गया है। इसे अधिकारी ने एमपीईबी के एसई को इस मामले में जांच के निर्देश दिए।
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