-जनवरी से शुरू होगा काम, मार्च में तय होंगे दाम
भोपाल।
जिले में वर्ष 2014-15 के लिए जमीनों के भाव क्या होंगे? जमीन की यह गाइडलाइन इस बार जून में सामने आएगी। हालांकि मार्च-2014 अंत तक जमीनी भाव अंतिम कर लिए जाएंगे। दर तय करने को लेकर
उप जिला मूल्यांकन समिति की पहली बैठक जनवरी में होगी।
2 जनवरी के बाद यह बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है। बैठक बुलाए जाने को लेकर जिला मूल्यांकन समिति ने आदेश जारी कर दिए हैं। इधर समिति सदस्यों के अनुसार की मानें तो यह गाइडलाइन जनवरी माह में ही तैयार होनी है, लेकिन मार्च मध्य में आचार संहिता लगने के चलते विलंब होगा, जिससे गाइडलाइन 1 अप्रैल की बजाए लोकसभा चुनाव के बाद जून माह में लागू की जाएगी।
-अक्टूबर में शुरू होना था काम
प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन वर्ष 2014-15 (जमीनों के भाव) का काम अक्टूबर से शुरू होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब मंत्रीमंडल भी गठित हो चुका है, लेकिन अब तक केंद्रीय मूल्यांकन समिति ने भी इस ओर ध्यान दिया। सोमवार को आनन-फानन में गाइडलाइन बनाने के लिए भोपाल सहित सभी जिलों की जिला मूल्यांकन समिति व जिला पंजीयकों को निर्देश जारी किए गए। जिले की गाइडलाइन के लिए जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष निशांत वरवड़े और उपजिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष एसडीएम हुजूर सुनील दुबे की जिम्मेदारी दी गई है। जिला पंजीयन ने सभी उपपंजीयकों को गाइडलाइन को लेकर केंद्रीय मूल्यांकन समिति के आदेश की जानकारी दी। और काम में तेजी लाने को कहा।
-जनवरी में ही होगी बैठक
गाइडलाइन का मसौदा तैयार करने को लेकर जिला मूल्यांकन समिति के निर्देश उपजिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष व एसडीएम हुजूर सुनील दुबे को शुक्रवार को मिल गए। बावजूद इसके जनवरी से पहले बैठक हो पाना संभव नहीं। दरअसल, वे पहली बैठक के लिए आदेश भी जारी करें तो दिसंबर माह में 29 को रविवार और 30 को सोमवार व 31 साल का अंत है। ऐसे में केवल एक दिन 30 को ही बैठक संभव नहीं। वहीं 31 को साल की विदाई का जश्न होगा। लिहाजा बैठक की तिथि जनवरी तक ही जाएगी।
-फ्लैट और भूखंड के भाव होंगे भिन्न
प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में फ्लैट और भूखंड, जमीनों के भाव भिन्न-भिन्न होंगे। इसके लिए जमीनों के वास्तवित बाजार मूल्य की छानबीन की जाएगी। इसके बाद ही यह राशि तय की जाएगी। बजार के जानकारों की मानें तो बीते दो बार से गाइडलाइन के हिसाब से जमीन के भाव बाजार की दर से कई गुना अधिक है। इनमें पारदर्शिता लाने की जरूरत है।
-आचर संहिता में तहय होगी गाइडलाइन
मार्च के दूसरे सप्ताह में लोकसभा की आचार संहिता लागू होना तय माना जा रहा है। ऐसे में उपजिला मूल्यांकन व जिला मूल्यांकन समिति के पास केवल ढाई माह ही हैं। मार्च अंत में गाइडलाइन तैयार होगी, इस समय तक आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। लेकिन लागू होने में जून माह का वक्त लगेगा। क्योंकि जिला मूल्यांकन समिति में जिले के प्रभारी मंत्री का एक जनप्रतिनिधि होता है, जो किसी रुलिंग पार्टी का कार्यकर्ता या विधायक होता है। आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग इसे मंजूरी नहीं देगा। दूसरी ओर यह भी हो सकता है कि इस बार भाव कम रख जनता को लुभाया जा सकता है।
-तो जून माह तक करना होगा इंतजार
उप मूल्यांकन समिति जहां प्रस्तावित कलेक्ट्रेट गाइडलाइन तैयार करेगी वहीं जिला मूल्यांकन समिति इसे मूर्त रूप देगी। इसके बाद यह गाइडलाइन केंद्रीय मूल्यांकन समिति के अनुमोदन के लिए जाएगी। वहां से अनुमोदन के बाद वर्ष 2014-15 के लिए जिले में जमीनों के नए रेट फायनल होंगे। यदि यह कार्य लोकसभा की आचार संहिता से पहले पूरा नहीं होता है तो जून माह तक इस आचार संहिता के खत्म होने का इंतजार करना होगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2008 में भी स्थिति देखने को मिली थी, कलेक्टर गाइडलाइन समय से तैयार न होने के चलते लोकसभा चुनाव के बाद लागू की जा सकी थी।
भोपाल।
जिले में वर्ष 2014-15 के लिए जमीनों के भाव क्या होंगे? जमीन की यह गाइडलाइन इस बार जून में सामने आएगी। हालांकि मार्च-2014 अंत तक जमीनी भाव अंतिम कर लिए जाएंगे। दर तय करने को लेकर
उप जिला मूल्यांकन समिति की पहली बैठक जनवरी में होगी।
2 जनवरी के बाद यह बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है। बैठक बुलाए जाने को लेकर जिला मूल्यांकन समिति ने आदेश जारी कर दिए हैं। इधर समिति सदस्यों के अनुसार की मानें तो यह गाइडलाइन जनवरी माह में ही तैयार होनी है, लेकिन मार्च मध्य में आचार संहिता लगने के चलते विलंब होगा, जिससे गाइडलाइन 1 अप्रैल की बजाए लोकसभा चुनाव के बाद जून माह में लागू की जाएगी।
-अक्टूबर में शुरू होना था काम
प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन वर्ष 2014-15 (जमीनों के भाव) का काम अक्टूबर से शुरू होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब मंत्रीमंडल भी गठित हो चुका है, लेकिन अब तक केंद्रीय मूल्यांकन समिति ने भी इस ओर ध्यान दिया। सोमवार को आनन-फानन में गाइडलाइन बनाने के लिए भोपाल सहित सभी जिलों की जिला मूल्यांकन समिति व जिला पंजीयकों को निर्देश जारी किए गए। जिले की गाइडलाइन के लिए जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष निशांत वरवड़े और उपजिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष एसडीएम हुजूर सुनील दुबे की जिम्मेदारी दी गई है। जिला पंजीयन ने सभी उपपंजीयकों को गाइडलाइन को लेकर केंद्रीय मूल्यांकन समिति के आदेश की जानकारी दी। और काम में तेजी लाने को कहा।
-जनवरी में ही होगी बैठक
गाइडलाइन का मसौदा तैयार करने को लेकर जिला मूल्यांकन समिति के निर्देश उपजिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष व एसडीएम हुजूर सुनील दुबे को शुक्रवार को मिल गए। बावजूद इसके जनवरी से पहले बैठक हो पाना संभव नहीं। दरअसल, वे पहली बैठक के लिए आदेश भी जारी करें तो दिसंबर माह में 29 को रविवार और 30 को सोमवार व 31 साल का अंत है। ऐसे में केवल एक दिन 30 को ही बैठक संभव नहीं। वहीं 31 को साल की विदाई का जश्न होगा। लिहाजा बैठक की तिथि जनवरी तक ही जाएगी।
-फ्लैट और भूखंड के भाव होंगे भिन्न
प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में फ्लैट और भूखंड, जमीनों के भाव भिन्न-भिन्न होंगे। इसके लिए जमीनों के वास्तवित बाजार मूल्य की छानबीन की जाएगी। इसके बाद ही यह राशि तय की जाएगी। बजार के जानकारों की मानें तो बीते दो बार से गाइडलाइन के हिसाब से जमीन के भाव बाजार की दर से कई गुना अधिक है। इनमें पारदर्शिता लाने की जरूरत है।
-आचर संहिता में तहय होगी गाइडलाइन
मार्च के दूसरे सप्ताह में लोकसभा की आचार संहिता लागू होना तय माना जा रहा है। ऐसे में उपजिला मूल्यांकन व जिला मूल्यांकन समिति के पास केवल ढाई माह ही हैं। मार्च अंत में गाइडलाइन तैयार होगी, इस समय तक आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। लेकिन लागू होने में जून माह का वक्त लगेगा। क्योंकि जिला मूल्यांकन समिति में जिले के प्रभारी मंत्री का एक जनप्रतिनिधि होता है, जो किसी रुलिंग पार्टी का कार्यकर्ता या विधायक होता है। आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग इसे मंजूरी नहीं देगा। दूसरी ओर यह भी हो सकता है कि इस बार भाव कम रख जनता को लुभाया जा सकता है।
-तो जून माह तक करना होगा इंतजार
उप मूल्यांकन समिति जहां प्रस्तावित कलेक्ट्रेट गाइडलाइन तैयार करेगी वहीं जिला मूल्यांकन समिति इसे मूर्त रूप देगी। इसके बाद यह गाइडलाइन केंद्रीय मूल्यांकन समिति के अनुमोदन के लिए जाएगी। वहां से अनुमोदन के बाद वर्ष 2014-15 के लिए जिले में जमीनों के नए रेट फायनल होंगे। यदि यह कार्य लोकसभा की आचार संहिता से पहले पूरा नहीं होता है तो जून माह तक इस आचार संहिता के खत्म होने का इंतजार करना होगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2008 में भी स्थिति देखने को मिली थी, कलेक्टर गाइडलाइन समय से तैयार न होने के चलते लोकसभा चुनाव के बाद लागू की जा सकी थी।
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