सांची में दो दिवसीय एकाग्र महाबोधि महोत्सव 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है। संस्कृति संचालनालय द्वारा बौद्ध विचार पर आधारित यह महोत्सव सांची के विश्राम भवन परिसर में होगा।
दो दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन जातक कथा पर आधारित नृत्य-नाटिका ‘धम्मधज’ तथा अनूप जलोटा द्वारा भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। दूसरे दिन 15 दिसम्बर को बौद्ध विचार का मणिपुरी कलारूप ‘नटेर पूजा’ नृत्य-नाटिका तथा कवि सम्मेलन होगा। सम्मेलन में डॉ. विष्णु सक्सेना, सोम ठाकुर, पवन जैन, सुश्री पूनम वर्मा, डॉ. कविता किरण, डॉ. नुसरत मेहदी द्वारा काव्यपाठ किया जाएगा। साथ ही श्रीलंका के कलाकारों द्वारा बौद्ध परम्परा पर केंद्रित नृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी।
महोत्सव की सभी प्रस्तुतियां सांची के विश्राम भवन परिसर में प्रतिदिन सायं 7 बजे से होंगी।
दो दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन जातक कथा पर आधारित नृत्य-नाटिका ‘धम्मधज’ तथा अनूप जलोटा द्वारा भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। दूसरे दिन 15 दिसम्बर को बौद्ध विचार का मणिपुरी कलारूप ‘नटेर पूजा’ नृत्य-नाटिका तथा कवि सम्मेलन होगा। सम्मेलन में डॉ. विष्णु सक्सेना, सोम ठाकुर, पवन जैन, सुश्री पूनम वर्मा, डॉ. कविता किरण, डॉ. नुसरत मेहदी द्वारा काव्यपाठ किया जाएगा। साथ ही श्रीलंका के कलाकारों द्वारा बौद्ध परम्परा पर केंद्रित नृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी।
महोत्सव की सभी प्रस्तुतियां सांची के विश्राम भवन परिसर में प्रतिदिन सायं 7 बजे से होंगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें