-मौके पर कबूली पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी
भोपाल।
भौरी, बाकानिया के पास कलाबाजारी करते एक टेंकर ड्रायवर पकड़ाया। ड्रायवर हीरालाल ने कबूला कि मैं डीजल-पेट्रोल बेचता हूं। आज भी 20 लीटर डीजल बेचने आया हूं। पहले भी यहां माल बेच चुका हूं। थोड़ी ऊपरी इनकम हो जाती है, लेकिन मैं माल खरीदने वाले को नहीं जानता।
बस मुझे पैसे से मतलब होता है। केवल शक्ल जानता हूं। खाद्य विभाग ने इसी इस बयान को आधार बनाते हुए ड्रायवर व टेंकर संचालक के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया। इधर टीम ने बकानिया डिपो के आसपास जांच के दौरान ऐसा चैक प्वाइंट भी पाया जहां पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री टेंकर चालकों द्वारा धड़ल्ले से की जा रही थी। टीम को वहां से डिप राड सहित अन्य सामग्री भी मिली है। इससे प्रमाणित होता है कि डिपो से ही पेट्रोल-डीजल भरकर निकलने वाले टेंकरों से कालाबाजारी की जाती है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार बकानिया डिपो के पास टेंकर ड्रायवरों द्वारा पेट्रोल-डीजल बेचने की जानकारी लगातार मिल रही थी। इसके चलते खाद्य विभाग की टीम ने मंगलवार को एक दल गठित कर उस क्षेत्र में छापामार कार्रवाई की। हालंाकि कार्रवाई की सूचना लगने के कारण वहां मौजूद कालाबाजारी भाग निकले। इसके बाद भी टीम ने हार नहीं मानी और आसपास का मुआयना करने के बाद रणनीति के तहत कार्रवाई शुरू की। करीब दो घंटे के बाद रणनीति में एक टेंकर एमपी-04 के-6221 का चालक हीरालाल फंस गया। इस टैंकर में 4000 लीटर डीजल व 4000 लीटर पेट्रोल था और शाहगंज स्थित महेश सिंह राजपूत के पेट्रोल पंप गुरू फिलिंग स्टेशन को पेट्रोल-डीजल की डिलेवरी करने जा रहा था।
हीरालाल रोजाना की तरह खाद्य विभाग के अधिकारियों को पेट्रोल-डीजल खरीदने वाला समझकर उन्हें माल बेचने के लिए बकानिया डिपो के पास बने नियत स्थान पर रुक गया। इसके बाद वह खुद फंस गया।
उसने स्वीकार किया कि वह हर रोज डिपो से पेट्रोल-डीजल लेकर निकलने के बाद 20 लीटर पेट्रोल या डीजल बेच देता है। टीम के लीडर आरके श्रीवास्तव ने बताया कि जो टैंकर पकड़ाया है उसके ड्रायवर हीरालाल व उनके संचालक के खिलाफ प्रकरण बनाया गया है।
-पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
खाद्य विभाग की माने तो टैंकरों द्वारा पेट्रोल-डीजल बेचने की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं और कार्रवाई भी हुई हैं। कई बार टेंकर व उनके ड्रायवरों को भी पकड़ा गया है और प्रकरण बनाए गए हैं। अधिकारियों का यहां तक कहना है कि यह कार्रवाई लगातार चलती रहती है। जैसे ही शिकायत मिलती है टीम धावा बोल देती है।