मंगलवार, 28 मई 2013

डीजल बेचता पकड़ाया टेंकर ड्रायवर

-मौके पर कबूली पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी 
भोपाल। 
भौरी, बाकानिया के पास कलाबाजारी करते एक टेंकर ड्रायवर पकड़ाया। ड्रायवर हीरालाल ने कबूला कि मैं डीजल-पेट्रोल बेचता हूं। आज भी 20 लीटर डीजल बेचने आया हूं। पहले भी यहां माल बेच चुका हूं। थोड़ी ऊपरी इनकम हो जाती है, लेकिन मैं माल खरीदने वाले को नहीं जानता। 
बस मुझे पैसे से मतलब होता है। केवल शक्ल जानता हूं। खाद्य विभाग ने इसी इस बयान को आधार बनाते हुए ड्रायवर व टेंकर संचालक के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया। इधर टीम ने बकानिया डिपो के आसपास जांच के दौरान ऐसा चैक प्वाइंट भी पाया जहां पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री टेंकर चालकों द्वारा धड़ल्ले से की जा रही थी। टीम को वहां से डिप राड सहित अन्य सामग्री भी मिली है। इससे प्रमाणित होता है कि डिपो से ही पेट्रोल-डीजल भरकर निकलने वाले टेंकरों से कालाबाजारी की जाती है। 
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार बकानिया डिपो के पास टेंकर ड्रायवरों द्वारा पेट्रोल-डीजल बेचने की जानकारी लगातार मिल रही थी। इसके चलते खाद्य विभाग की टीम ने मंगलवार को एक दल गठित कर उस क्षेत्र में छापामार कार्रवाई की। हालंाकि कार्रवाई की सूचना लगने के कारण वहां मौजूद कालाबाजारी भाग निकले। इसके बाद भी टीम ने हार नहीं मानी और आसपास का मुआयना करने के बाद रणनीति के तहत कार्रवाई शुरू की। करीब दो घंटे के बाद रणनीति में एक टेंकर एमपी-04 के-6221 का चालक हीरालाल फंस गया। इस टैंकर में 4000 लीटर डीजल व 4000 लीटर पेट्रोल था और शाहगंज स्थित महेश सिंह राजपूत के पेट्रोल पंप गुरू फिलिंग स्टेशन को पेट्रोल-डीजल की डिलेवरी करने जा रहा था। 
हीरालाल रोजाना की तरह खाद्य विभाग के अधिकारियों को पेट्रोल-डीजल खरीदने वाला समझकर उन्हें माल बेचने के लिए बकानिया डिपो के पास बने नियत स्थान पर रुक गया। इसके बाद वह खुद फंस गया। 
उसने स्वीकार किया कि वह हर रोज डिपो से पेट्रोल-डीजल लेकर निकलने के बाद 20 लीटर पेट्रोल या डीजल बेच देता है। टीम के लीडर आरके श्रीवास्तव ने बताया कि जो टैंकर पकड़ाया है उसके ड्रायवर हीरालाल व उनके संचालक के खिलाफ प्रकरण बनाया गया है। 

-पहले भी हो चुकी है कार्रवाई 
खाद्य विभाग की माने तो टैंकरों द्वारा पेट्रोल-डीजल बेचने की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं और कार्रवाई भी हुई हैं। कई बार टेंकर व उनके ड्रायवरों को भी पकड़ा गया है और प्रकरण बनाए गए हैं। अधिकारियों का यहां तक कहना है कि यह कार्रवाई लगातार चलती रहती है। जैसे ही शिकायत मिलती है टीम धावा बोल देती है।  

आईआईएफएम के सामने से हटाईं ४० झुग्गियां भोपाल।

भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम) के सामने शासकीय जमीन से मंगलवार को जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 40 झुग्गियां हटाईं। यह झुग्गियां दो माह पहले बनाई गई थीं। 
यहां झुग्गियां निर्माण की शिकायत एसडीएम टीटी नगर वृत्त सुनील दुबे को कुछ दिन पहले की गई थी। इस पर श्री दुबे ने इसकी जांच कराई, जिसमें निर्माण की बात सामने आई। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। दोपहर २ बजे मौके पर जिला प्रशासन के वरिष्ठ और कनिष्ठ अफसरों के साथ नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी अमला पहुंचा। जैसे ही अधिकारियों को झुग्गीवासियों ने देखा तो हंगामा शुरू कर दिया। लेकिन एसडीएम ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश पूर्व में ही दे दिए थे। इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। एसडीएम श्री दुबे ने बताया कि यह जमीन हाउसिंग बोर्ड की है। पूर्व में भी यहां अतिक्रमण की बात सामने आ चुकी है। इसको लेकर एक पत्र हाउसिंग बोर्ड को भेजा गया था, जिसमें आला अधिकारियों को अपनी जमीन सुरक्षित करने को कहा गया था। अब इस जमीन से झुग्गियों को हटाने हाउसिंग बोर्ड ने कहा था, जिस पर जिला प्रशासन ने सहयोग दिया है। श्री दुबे ने बताया, अतिक्रमण हटाया जा रहा था, तब कुछ लोगों ने हल्ला करते हुए इसके कागज होने की बात कही। हमने मौके पर ही दस्तावेज दिखाने को कहा, लेकिन कोई भी व्यक्ति कागज नहीं दिखा पाया। मौके पर तहसीलदार संजीव केशव पांडे और नगर निगम अमला उपस्थित था। बताया जाता है कि उक्त जमीन पर पूर्व आरआई हामिद खान ने पैसे लेकर झुग्गियां बनाने की अनुमतियां दे दी थीं। उनकी मृत्यु के बाद वर्तमान में इसका जार्च अमित दीक्षित को दिया गया है, जो कि पटवारी हैं। जबकि यह क्षेत्र आरआई सर्किल के तहत आता है। 

पटवारियों को शोकाज नोटिस

-मामला झुग्गीबस्तियों के सर्वे की बैठक का 
भोपाल। 
झुग्गीबस्तियों के सर्वे से संबंधित बैठक में गैर हाजिर पटवारियों को एसडीएम ने शोकाज नोटिस जारी कर दिया है। मंगलवार को श्री श्रीवास्तव ने यह बैठक बुलाई थी। 
मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार शहर में झुग्गीवासियों को पट्टे देने सर्वे चल रहे हैं। इसका पालन राजधानी भेापाल में शुरू हो गया है।सर्कुलर के आधार पर सभी सातों वृत्तों में सर्वे भी हो रहा है। तहसील हुजूर क्षेत्र में एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव ने कोलार सहित अन्य ग्रामीण गांवों के सर्वे के लिए बाकायदा टीम गठित की है। यह टीमें विभिन्न क्षेत्रों में सर्वे कर झुग्गीवासियों को चिन्हित कर रही हैँ जो 31 दिसंबर 2012 से पहले से उस स्थान पर रह रहे हैं। मंगलवार को सर्वे की स्थिति की समीक्षा करने के लिए सर्वे दल के प्रभारियों (पटवारियों) की बैठक बुलाई थीं, लेकिन अधिकतर पटवारी इस बैठक से नदारद ही दिखे। इससे नाराज एसडीएम ने बैठक में अनुपस्थित रहे करीब 15 पटवारियों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। यही नहीं उन्होंने हिदायत भी दी है कि यदि यही कृत्य आगे किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर इस आदेश का पालन भी देर शाम शुरू कर दिया गया । बताया जा रहा है कि जो पटवारी बैठक से नदारद थे उन्हें नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। 

हाउसिंग बोर्ड ने १३२ एकड़ भूमि कूट रचित दस्तावेजों से ली

-नरेला शंकरी विस्थापित पुनर्वास अभियान से जुड़े किसानों ने की कलेक्टर से शिकायत 
-किसान बोले जांच के साथ संबंधित अधिकारियों पर दर्ज हो एफआईआर  
भोपाल। 
नरेला शंकरी विस्थापित पुनर्वास अभियान से जुड़े किसानों ने मंगलवार को एक जुट हो कलेक्टर को एक शिकायती आवेदन दिया। उन्होंने बताया, मप्र गृह निर्माण मंडल (हाउसिंग बोर्ड) ने नरेलाशंकरी में १३२.२२ एकड़ जमीन गलत तरीके से ली। इसके लिए अधिकारियों ने भूमि अधिगृहण के लिए 30/8/1991 में अवार्ड पारित किया। इन पर कूट रचना की। 
अभियान के सचिव मनोज कुमार ने कहा, यही नहीं इसकी प्रति भी 5.9.1991 को भू-अर्जन अधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र के साथ संलग्न कर हाउसिंग बोर्ड को भेज दी गई थी। 23/7/1992 को गृह निर्माण मंडल ने इस अवार्ड की नकल क्यों निकलवाई? यदि नकल निकलवाई तो उसमें कूट रचना क्यों की? इस पर किसानों ने अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ प्रकरण की जांच करने को कहा।  मनोज ने बताया, अवार्ड की सत्यप्रतिलिपि कूट रचना तारीखों को लेकर की गई है। सत्यप्रतिलिपि में अवार्ड दिनंाक 25 मई 1991 लिखा हुआ है। यह सत्य नहीं है। इसके अतिरिक्त कूटरचित दस्तावेज में भी आयुक्त का अनुमोदन दिनंाक नहीं लिखा हुआ है। यहां 30/8/1991 लिखा होना चाहिए थे। इसके सारे सबूत खत्म कर दिए गए हैं। इस पर भ्रष्टाचार निषेध अधिनियम-1988 तथा आईपीसी की विभिन्ना धाराओं के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। 

-इसे लेकर हो जांच 
 - मप्र गृह निर्माण मंडल और कलेक्टर कार्यालय के किन-किन अधिकारियों ने अवार्ड के शासकीय दस्तावेज में कूट रचना की? 
 - मंडल ने अवार्ड की जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद उसकी नकल कलेक्टर कार्यालय से क्यों निकलवाई? 
 - शासकीय दस्तावेज की कूट रचना कर दिनांक 25 मई 1991 किसने लिखा?
 - शसकीय दस्तावेज की कूट रचना कर दस्तावेज में दिनंाक 25 मई 1991 लिखने से और अनूमोदन का दिनांक- 30 अगस्त 1991 मिटाने से मंडल को क्या लाभ हो रहा था? 
 - मंडल द्वारा कूटचरित दस्तावेजों का किन-किन कार्यालयों में तथा न्यायालयों में अब तक उपयोग किया गया है? 
 

आम आदमी को भी ई गर्वनेन्स के लाभ का सीधा अनुभव मिले मंत्री मलैया ,भोपाल

ई गर्वरनेन्स से ऐसी व्यवस्था की जाय कि आम आदमी ई गर्वरनेन्स के लाभ को अनुभव करे । जल संसाधन और भोपाल जिला प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष  में आयोजित डिस्ट्रिक्ट ई गर्वरनेन्स सोसायटी की बैठक में यह बात कही । बैठक में कलेक्टर निशांत बरबड़े सोसायटी के सदस्य और अन्य अधिकारी मौजूद थे। 
मंत्री श्री मलैया ने कहा कि एक आम आदमी राशन कार्ड बी पी एल कार्ड के लिए आवेदन देता है और ई गर्वरनेन्स सोसायटी के द्वारा उसे उसके आवेदन पर हुई कार्यवाही की जानकारी  एस एम एस से देते है तो एसा कर हम  उसे ई गर्वरनेन्स के लाभ से परिचित कराते है । यह एक उदाहरण है इस दिशा में और कई नूतन प्रयास किये जाना चाहिए । 
बैठक में डिस्ट्रिक्ट ई गर्वरनेन्स सोसायटी के तहत संचालित चार लोकसेवा केन्द्रों और एनके द्वारा दी जा रही सेवाओं के संबंध में जानकारी सहित ई गर्वरनेन्स सोसायटी के कार्य की समीक्षा की गई। 

पी गणेश का लायसेंस निरस्त ,भोपाल

डीजल चोरी के आरोप में अपने ड्रायवर की हत्या मामले में फंसे भाजपा नेता एवं पूर्व पार्षद पी गण्ेाश का शस्त्र लायसेंस निरस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जाते जाते की। उन्होंने यह कार्रवाई लोक सुरक्षा के हित को ध्यान में रखते हुए आयुध अधिनियम 1959 की धारा 17/3 के अंतर्गत की है। सोमवार को नए कलेक्टर को चार्ज देने से पहले यह आदेश जारी कर दिए थे। हत्या के आरोप में फंसे पी गणेश के शस्त्र लायसेंस को निरस्त करने के लिए रातीबड़ थाना प्रभारी रियाज इकबाल ने 20 मई को  जिला प्रशासन को एक पत्र लिखा था। इसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। 
 

पायलट-डे :

108 के जीवन रक्षक हुए सम्मानित 
भोपाल। 
जीवीके ई.एम.आर.आई. 108 एम्बुलेंस ने बीते वर्ष समय पर अस्पताल पहुंचाकर हजारों मरीजों की जान बचाने वाले 9 उत्कृष्ट एम्बूलेंस पायलटस (ड्रायवर्स) को पायलट्स दिवस के अवसर पर प्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सम्मानित किया। जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. द्वारा पायलट डे हर साल प्रबंधन कर्मचारियों और स्वास्थ्य विभाग को उनके द्वारा दी गई सेवाओं का आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। ये पायलट्स 'गोल्ड्न आवर्स' के अन्दर आपातकालीन स्थानों से मरीजों को अस्पतालों में शिफ्ट करने की और समय पर कीमती जानें बचाने की सेवा प्रदान कर रहे हैं। पायलटों ने मरीजों को सुरक्षा और तेजी के साथ अस्पतालों में शिफ्ट करने का महत्वपूर्ण कार्य संभाला है। उन्होंने मरीजों को प्री-हॉस्पिटल इमरजेंसी मेडीकल केयर प्रदान करने में इमरजेंसी मेडीकल टेकनिशियंस की सहायता भी की। जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. के ऑपरेशंस प्रमुख (मध्यप्रदेश) देवेन्द्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि 108 एम्बुलेंस में पायलट एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभातें है क्योंकि जल्द से जल्द दुर्घटना स्थान पर पहुँच कर मरीजों को नजदीकी अस्पताल में ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए सही सलामत पहुँचाना उनके हाथों में होता है। मुझे इन लाइफ सेवर्स को पुरुस्कार देते हुए बहुत ख़ुशी महसूस हो रही है।

-ये हुए सम्मानित 
आनंद विश्वकर्मा (भोपाल), रामविश्वास मिश्र (जबलपुर), अजय द्विवेदी (रीवा), प्रदीप मिश्र (दमोह), संजय मंडलोई (इंदौर), रामवीर सिंह (दतिया), मतलूब सलीम (सीहोर), इन्द्र रजक (ग्वालियर) तथा संगीत प्रजापति (सागर) शामिल हैं।


निकुंज की सेवाएं अब केंद्र में भोपाल।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निकुंज कुमार श्रीवास्तव अब केंद्र में भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में सेवाएं देंगे। यह जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी है। मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए। श्री श्रीवास्तव की निदेशक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, नई दिल्ली में नियुक्ति हुई है। अब तक श्री श्रीवास्तव कलेक्टर, भोपाल के पद पर कार्यरत थे। 

सीबीएसई के २०० छात्रों को मिलेगा पुरस्कार भोपाल।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस साल 12वीं कक्षा पास करने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंधित सरकारी स्कूलों के 200 छात्रों को एक-एक लाख रुपए नगद देगा। इस संबंध में मंगलवार को भोपाल स्थित पीआईबी के दफ्तर से एक प्रेस व्यक्ति जारी की गई। इसमें बताया कि इस नगद पुरस्कार की घोषणा मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एमएम पल्लम राजू ने की है। इसके हकदार वे छात्र होंगे, जिन्होंने कक्षा नौंवी से 12वीं तक पढ़ाई की है और इस साल की 12वीं की परीक्षा सरकारी स्कूल या राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूल से पास की है। 200 में से 50-50 पुरस्कार विज्ञान, वाणिज्य, ह्यूमिनिटी और व्यवासायिक पाठ्यक्रमों के छात्रों को दिए जाएंगे। 
 

सीमांकन कराना है तो 30 हजार दो, पटवारी ने मांगी रिश्वत

-कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में किसान जगन्नाथ ने की शिकायत 
भोपाल। 
तारासेवनिया निवासी किसान जगन्नाथ ने कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायती आवेदन देते हुए कहा, उसकी जमीन के सीमांकन के लिए पटवारी सत्यनारायण बिल्लौरे ३० हजार रुपए की मांग कर रहा है। उसने बताया, जबकि इस खसरा क्र.- 281/1 और 281, रकबा 1.076 व 1.439 हेक्टेयर भूमि के सीमांकन के लिए 
नायब तहसीलदार ने सीमांकन के आदेश २१ मार्च, २०१३ को ही कर दिए थे। इसके बाद उक्त पटवारी को सीमांकन करने निर्देशित किया था। 
जनसुनवाई में नवांगत कलेक्टर निशांत बरबड़े ही समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने तत्काल एसडीएम हुजूर को जांच के निर्देश दिए। जनसुनवाई में कुल ९२ शिकायती आवेदन आए। कलेक्टर बरबड़े को किसान ने बताया, नायब तहसीलदार ने सीमांकन करने के आदेश पटवारी सत्यनारायण बिल्लौरे को दिए थे। इस आदेश के बारे में मैंने पटवारी को बताया, उसने साफ कह दिया। जब तक 30 हजार रुपए नहीं दोगे सीमांकन नहीं होगा। मेरा यह प्रकरण 21 मार्च से लंबित पड़ा है, बेबस होकर आपके पास हूं। इस मामले की जांच अब एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव करेंगे। वहीं बरखेड़ा पठानी निवासी हीरालाल ने बताया, बीपीएल राशनकार्ड बनवाने के लिए धनश्याम पंडित नामक व्यक्ति ने 1000 रुपए रिश्वत ली, लेकिन राशनकार्ड अब तक नहीं बनवाकर दिया। हीरालाल ने बताया, धनश्याम पंडित को यह पैसे इसलिए दिए थे क्योंकि उसने खुद को कलेक्टर कार्यालय का कर्मचारी बताया था। इसी प्रकार मोहम्मद तनवीर ने शिकायती आवेदन देते हुए कहा, तहसीलदार टीटीनगर संजय श्रीवास्तव की कोर्ट में मेरा प्रकरण प्रकरण चल रहा है, जिसका निराकरण शीघ्र कराएं। मोहम्मद तनवीर ने बताया, वर्ष 2009 में एचडीएफसी बैंक एमपीनगर शाखा भोपाल से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 50 हजार रुपए का लोन लिया गया था। 2009 में ही समझौता कर 52 हजार 274 रुपए की राशि जमा भी कर दी। सभी दस्तावेज और रसीदें उपलब्ध हैं। बावजूद इसके बैंक मैनेजर ने सेटिंग कर प्रकरण को तहसीलदार कोर्ट में लगवा दिया है और अब निराकरण नहीं हो रहा है। 

-मेरा नाम मतदाता सूची से हटाओ 
कलेक्टर जनसुनवाई में मंगलवार को पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी व्यक्ति मतदाता सूची से नाम हटाने और राशनकार्ड को निरस्त कराने का आवेदन दिया। उल्लेखनीय है कि अब तक लोग मतदाता सूची में नाम न जुडऩे व राशनकार्ड न बनने के कई आवेदन करते रहे हैं और आगे भी करेंगे, लेकिन यह पहला मामला है। यह सख्स साईबाबा नगर निवासी लोकेश मंडराई था, जिसने यह आवेदन किया। इसके पीछे उसने भोपाल से बाहर रहने जाने की बात कही। 


सेम पावरी को राज्यमंत्री का दर्जा भोपाल।

राज्य शासन ने मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष, सेम पावरी को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आज आदेश जारी किया। 

सिंहस्थ कुंभ के कार्यों से उज्जैन शहर की तस्वीर भी बदले

मुख्य सचिव ने की समीक्षा
भोपाल। 
मुख्य सचिव आर. परशुराम ने आज मंत्रालय में उज्जैन के सिहंस्थ-कुंभ 2016 के आयोजन की पूर्व तैयारियों और निर्माणाधीन कार्यो की एक बैठक में समीक्षा की ।  बैठक में लगभग सौ करोड़ रुपए के 18 नए कार्यो की मंजूरी प्रदान की गई । ये कार्य नगर निगम उज्जैन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग और मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किए जाएंगे । 
आज स्वीकृत प्रमुख कार्यो में सात सरोवरों का विकास (रुद्र सागर छोड़कर) सिहंस्थ कुंभ मेला पड़ाव क्षेत्र पहुंच मार्ग, उज्जैन शहरी क्षेत्र में चौड़े किए गए मार्गों पर सैन्ट्रल लाइटिंग हरिफाटक ब्रिाज जंक्शन के चौड़ीकरण, लालपुल के पास रेलवे ओव्हर ब्रिाज, मंगलनाथ मंदिर और सिद्धनाथ मंदिर के मध्य क्षिप्रा नदी पर पुल, गऊघाट पर स्थापित 12 एमजीडी प्लांट का सिविल और इलेक्ट्रीकल कार्य, अम्बोदिया प्लांट पर मैकेनिकल कार्य, भेरुगढ़ में 132/33 केवी विद्युत उपकेंद्र शामिल हैं। मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों को निर्माणाधीन कार्यो की पूर्णता यथा समय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए । मुख्य सचिव ने कहा कि सिंहस्थ कुंभ के लिए किए जाने वाले कार्यो का स्थायी लाभ लिए जाने पर भी ध्यान दिया जाए । नए निर्माण कार्यो से उज्जैन शहर का स्वरुप भी अपेक्षाकृत आधुनिक बनना चाहिए । मुख्य सचिव ने चल रहे कार्यो की विभागवार जानकारी प्राप्त की। 

जाते-जाते बोले... कुछ सपने रहे अधूरे

-कलेक्टोरेट में पत्रकारों से की कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने चर्चा 
-शहर के इतिहास में दूसरे कलेक्टर जो रहे लंबे समय  
-पारदर्शिता के लिए जाने गए 
भोपाल। 
कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को जाते-जाते कहा, कुछ सपने अब भी अधूरे रह गए। इसके लिए प्रयास किए, प्रभावि कदम भी उठाए, लेकिन उस स्तर तक सफल नहीं हो पाए। खास तौर पर चौक बाजार को नोव्हीकल जोन बनाए जाने, ऑटो चालकों का मीटर से चलाना और विकास के कार्य में बाधा बन रहे धार्मिक स्थलों को हटाना। इसके लिए उन्होंने राजनीतिक हस्तेक्षप की बात भी स्वीकारी। 
वे कलेक्टोरेट में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। भारी मन से वे बोले अभी शहर को बहुत कुछ दिया जाना है और बदलाव की जरूरत हैं। वे बोले पुराने भोपाल के लिए मैं कुछ बेहतर करना चाहता था। छोला ओवर ब्रिज, बैरसिया रोड का निर्माण प्राथमिकता में शामिल थे, इनका शुभारंभ भी हुआ। हालांकि शहर विकास में अधिकांश प्रयास सफल भी रहे। उल्लेखनीय है कि श्री श्रीवास्तव पूरे कार्यकाल में अपनी पारदर्शिता के लिए जाने गए। वहीं भोपाल के इतिहास में दूसरे कलेक्टर हैं, जो लंबा वक्त एक पद पर रहते बिताया। श्री श्रीवास्तव ३ साल १ माह पद पर रहे। इन्होंने २७ अप्रैल २०१० को पद संभाला था और सोमवार, २७ अप्रैल को रिलीव हुए। इससे पहले १९७४ से ७८ तक डीएस यादव ने सबसे लंबा समय व्यतीत किया था। 
-ये काम रहे उल्लेखनीय 
खसरों का डिजीटलाइजेशन, नक्शों में बंटान डालना, सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और राजस्व में बढ़ौतरी। उन्होंने बताया, जब ज्वाईन किया था तब रजिस्ट्रियों से रेवेन्यू २५० करोड़ था, जो आज ५०० करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने बेेबाकी से कहा मेरी प्राथमिकता हमेशा जमीन और शहर विकास रही। शासन की करोड़ों की जमीनें निजी हाथों में थी, इसे शासकीय दर्ज कराया अतिक्रमण हटाए। 

-जो रहा मलाल 
वे बोले, ट्रांसपोर्ट नगर व आरा मशीनों की शिफ्टिंग प्रमुख थी। आज ट्रांसपोर्ट नगर में ५८० व्यापारियों ने भूखंडों की रजिस्ट्री करा ली है, जबकि शुरुआत में केवल १९ लोगों ने हिम्मत दिखाई थी। जेपी अस्पताल में डायलिसिस मशीनें लगाई, इससे किडनी रोगियों को मुफ्त इलाज हो रहा है। ऐसा ही प्रयास बैरसिया अस्पताल में करना चाहता था, लेकिन नहीं कर पाया। न्यू मार्केट के लिए मल्टी लेवल पार्किंग और चौक बाजार को नो व्हीकल जोन नहीं बना पाए। प्रयास हुए भी किन्तु स्थानीय रहवासी और राजनीति आड़े आई। वहीं आम आदमी को राहत देने ऑटो में मीटर की व्यवस्था लागू की गई, लेकिन अन्य विभागों का सहयोग नहीं मिला। मुहिम डंडे बस्ते में चली गई। 

-...और इसके लिए जाने जाएंगे 
भोपाल में मेट्रो शहरों की तर्ज पर एडवेंचर स्पोर्टस शुरू किए। लगातार तीनों साल यह खेल हुए। इसके लिए बकायदा जिला प्रशासन ने एक समिति बनाई, जिससे यह काम आगे भी हो। जेपी अस्पताल का कायाकल्प भी बड़ी सफलता रही। 

निशांत ने संभाली कुर्सी, निकुंज को दी विदाई

-४ बजे पहुंचे नए कलेक्टर कलेक्टोरेट, चार्ज लेते हुए चल दिए 
भोपाल। 
कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को सोमवार को अधिकारियों विदाई दी। इससे पहले श्री श्रीवास्तव ने नवांगत कलेक्टर २००३ बैच आईएएस निशांत बरबड़े को पदभार सौंपा। वे खुद श्री बरबड़े को लेने अपनी एम्बेसडर से गए। 
सोमवार शाम 4 बजे उन्होंने औपचारिकाताएं पूरी की। और विधिवत निवर्तमान कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने श्री बरबड़े को चार्ज सौंपा। इस दौरान नवीन कलेक्टर को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बधाई दी। हालांकि श्री बरबड़े १० मिनट बाद ही कलेक्टोरेट से एक फोन कॉल आ जाने के बाद चले गए। 
...मेरी प्राथमिकता शासकीय योजनाएं 
इस १० मिनट के दौरान उन्होंने शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन पहली प्राथमिकता बताया। श्री बरबड़े बोले भोपाल जिले के विकास में बाधक बन रही समस्याओं के निराकरण के प्रयास किए जाएंगे। वे बोले इस शहर से अच्छी तरह वाकिफ हूं। भोपाल में शासन की जो भी योजनाएं हैं उनका क्रियान्वयन ठीक तरीके से हो इस पर ज्यादा ध्यान रहेगा। 

अवैध हैं सिद्दीक हसन तालाब में मकान

-ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच की फटकार 
-नगर निगम ने दी रिपोर्ट, जिला पंजीयक को दो सप्ताह में पेश करनी हैं रजिस्ट्रियां 
भोपाल। 
ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच ने नवाब सिद्दीक हसन तालाब में बने सारे मकानों अवैध करार दिया है। बेंच ने कहा, यहां निर्माण के लिए नगर निगम से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई। बावजूद इसके शातिरों ने अवैध निर्माण को वैध बतलाने रजिस्ट्रियां भी करवा लीं। इसका खुलासा सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच के समक्ष पेश नगर निगम की स्टेटस रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों से हुआ है। 
बैंच ने 23 मई को नगर निगम, कलेक्टर और जिला पंजीयक को फटकार लगाते हुए तालाब में अतिक्रमण रोकने को कहा था। साथ ही कहा था, यदि ऐसा नहीं होता है तो बेंच सीधे अवैध निर्माण तोडऩे के आदेश जारी करेगी। इस पर सोमवार को नगर निगम ने बताया कि बीती 25 मई को तालाब को भरने के बाद मकान बनाने की कोशिश को नाकाम करते हुए चार हजार वर्ग फुट पर बने स्ट्रक्चर को तोड़ दिया है। वहीं अवैध निर्माण हटाया जा रहा है। अब इसकी अगली सुनवाई 12 जुलाई, 2013 को है। 

-दो सप्ताह में मांगी सारी रजिस्ट्रियां 
तालाब में प्लाटों और अवैध बने मकानों की रजिस्ट्रियां कैसे हो गर्इं? अभी तक कितनी रजिस्ट्रियां की गई हैं? जैसे बेंच के तीखे सवालों का जवाब देने में नाकाम रहे जिला पंजीयक ने दो हफ्ते की मोहलत मांगी है। बेंच ने चेतावनी के साथ अब तक तालाब में प्लाट और मकानों की रजिस्ट्रियां पेश करने के आदेश दिए हैं।

...और लगाई फटकार
तालाब में बने मकानों की रजिस्ट्रियां लेकर कुछ लोग अपने अधिवक्ता के साथ बेंच के सामने पेश हुए। इन लोगों ने रजिस्ट्री के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई को गलत बताया। इसके साथ ही 1950 से कब्जा और उर्दू में लिखा पढ़ी पेश की गई। इस पर बेंच ने लताड़ लगाते हुए कहा कि, रजिस्ट्री के आधार पर किसी का मालिकाना हक या कब्जा करने का आधार नहीं बनता है। भरे हुए तालाब में प्लाट की रजिस्ट्री करवाने या फिर तालाब में बने मकान की रजिस्ट्री करवाने से वैध नहीं हो जाएगा। इसके साथ ही पुराने दस्तावेजों को मान्य करने से भी दो टूक मना कर दिया।

प्लाटिंग और अवैध निर्माण को रोकने की मांग
गौरतलब होगा कि, राष्ट्रहित जागृति गांधीवादी प्रयास के अध्यक्ष श्याम नारायण चौकसे ने याचिका पेश की है। इसमें नवाब सिद्दीक हसन तालाब में हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए प्लाटिंग और अवैध निर्माण को रोकने की मांग की गई है। बेंच ने इसे गंभीरता से लेते हुए 7 मई,2013 को दो महत्वपूर्ण आदेश दिए थे। इनमें से पहला आदेश था कि, कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर को आदेशित किया था कि तालाब को मलबा से भरकर प्लाटिंग और अवैध निर्माण रोका जाए। इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई दिनांक यानि 23 मई,2013 को पेश करें। दूसरा आदेश था कि, तालाब में बनाए गए मकानों और प्लॉटों की रजिस्ट्रियों का विवरण जिला रजिस्ट्रार पेश करें। इन दोनों ही आदेशों का पालन नहीं होने पर बेंच ने अल्टीमेटम दिया था कि, अगर 27 मई तक आदेशों का पालन करके स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो फिर बेंच ही तालाब में बने मकान को तोडऩे का आदेश दे सकती है। 

सिद्दीक हसन तालाब की प्लाटिंग
स्विटजरलैंड के बाद पूरी दुनिया में सिर्फ भोपाल में ही वॉटर मैनेजमेंट का अनूठा उदाहरण खात्मे की कगार पर है, जोकि एक साथ तीन तालाबों की शक्ल में है। इनमें से ताजुल मसाजिद के पीछे मोतिया तालाब है, इसके बाद नवाब सिद्दीक हसन तालाब और फिर मुंशी हुसैन खां तालाब है। सिद्दीक हसन तालाब को दो तिहाई से ज्यादा मलबा भरने के बाद प्लॉटिंग करके मकान बनाए जा रहे हैं। तालाब के कुल रकबा 11.88 डेसीमल में से करीब 3.99 डेसीमल ही जगह बची है, जिसमें मलबा और जलकुंभी भरी है। ऊपर की ओर ठेले वाली सड़क किनारे दर्जनभर से ज्यादा अस्पताल, लैब और मकान बन चुके हैं। इसके चलते मोतिया तालाब से सिद्दीक हसन खां तालाब में पानी जाने के लिए बनाए गए तीन टनल में से दो टनल एलबीएस अस्पताल एवं अन्य अस्पतालों के नीचे दबकर बंद हो चुके हैं। गौरतलब होगा कि, हाईकोर्ट में तालाब के  संबंध में तीन याचिकाएं विचाराधीन हैं। इनमें से एक याचिका की सुनवाई करते हुए 2005 में आदेशित किया था कि तालाब में बढते अतिक्रमण को रोकने के लिए फेंसिंग करवाई जाकर सुरक्षा की जाए। नगर निगम ने इस आदेश का पालन नहीं किया है। नतीजे में खुलेआम तालाब में डंपरों के जरिए मलबा और मिट्टी भरने के बाद प्लाट बनाकर बिना नगर निगम की परमीशन के धडल्ले से मकान बनाए जा रहे हैं। 

अधिवक्ताओं ने नहीं की पेरवी

अधिवक्ताओं ने नहीं किया न्यायालीन काम 
भोपाल।
कांग्रेस के विधि एवं मानव अधिकारी विभाग के आव्हान पर कलेक्टोरेट में कांग्रेस समर्थित अधिवक्ताओं ने आधे दिन कोई काम नहीं किया। इस दौरान लोग पेशी व अन्य कामों के लिए परेशान होते रहे। 
छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं पर नक्सलियों द्वारा किए हमले के खिलाफ आधे दिन न्यायालीन कार्यों का वहिष्कार किया। बंद में यहां के दर्जन भर से अधिक अधिवक्ता शामिल थे। विभाग के प्रदेश सचिव सै. खालिद केस के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल नवीन अपर कलेक्टर बाबूसिंह जामौद से मिला। इस दौरान इन्होंने श्री जामौद को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने छग रमनसिंह सरकार को बरखास्त करते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लागू करने को कहा। साथ ही प्रतिनिधि मंडल ने श्री केस द्वारा लिखी 'सूचना का सारथी' और जिला बदर कानून संबंधित किताब उन्हें भेंट की। 

रविवार, 26 मई 2013

मनरेगा को चपत लगा रहा करोड़पति पंच का कुनबे

-कागजों में ग्राम पंचायत इस्लाम नगर का काम काज 
भोपाल। 
ग्राम पंचायत इस्लाम नगर में करोड़पति पंच का पूरा कुनबा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरी कर रहा है। दअरसल, मनरेगा के तहत करोड़पति किसान, लाखों रुपए फीस चुकाने वाले घर के ही छात्र और अन्य परिजनों मजदूरी करते दर्शाया गया है। इतना ही नहीं यह गरीब मजदूरों के खाद्यान्न पर भी डाका डाल रहे हैं। यह पूरा मामला जांच में सामने आया है। 
यह जांच राजस्व और पंचायत विभाग की ग्राम पंचायत इस्लाम नगर ने किया है। जांच कलेक्टर की जनसुनवाई में की गई शिकायत के बाद एसडीएम हुजूर ने शुरू करवाई है। इसके लिए जिला पंचायत निरीक्षक राजेश मेहदेले और राजस्व निरीक्षक रमेश रघुवंशी की अगुवाई में दो टीमें बनाई गई हैं। दोनों टीमों को हफ्तेभर में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देनी है। सरपंच नारायणदास बैरागी और उप सरपंच रमाकांत मालवीय के खिलाफ शुरुआती जांच में सामने आया है कि अधिकांश विकास कार्य गुणवत्ताहीन हुए हैं, जैसे कि आंगनबाड़ी और स्कूल आदि के भवन में दरारें पड़ चुकी हैं और दरवाजे उखड़ रहे हैं, छत से रेत गिर रही है। सीमेंट कांक्रीटीकरण वाली सड़कें उखड चुकी हैं और धूल उड रही है। पंचायत से पारित प्रस्ताव के अनुसार कार्य कराए जाने के बजाए सरपंच ने मनमानी करते हुए दूसरे स्थान पर करवाए।

-सीबीआई जांच जारी 
मनरेगा में भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। जानकारी के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा की लांबाखेड़ा ब्रांच में मनरेगा के मजदूरों के खाते खोले गए थे। इन खातों में सैकडों एकड़ जमीन और हार्वेस्टर रखने वाले किसानों, करोड़पतियों और सालाना लाखों रुपए फीस चुकाने वाले कॉलेज स्टॅूडेंट तक के नाम हैं। बैंक द्वारा यह जानकारी न देने और असलियत छुपाने की शिकायत जनसुनवाई में होने के बाद सीबीआई ने संज्ञान में ले लिया है।

-दस्तावेजी सुबूतों के साथ लगे आरोप
-पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित गोंड राजा के चमन महल की ऐतिहासिक दीवार को बुलडोजर से गिराकर अतिक्रमण कर मकान बनाए।
-चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में वैवाहिक स्थिति के बारे झूठी जानकारी दी गई, जबकि सरपंच की दो बीबियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
-मनरेगा में पंजीकृत मजदूरों में कई करोड़पति, कॉलेज स्टूडेंट के साथ ही ऐसे नाम भी हैं, जिनके बारे में पूरे गांव को ही नहीं पता है।
-बिल्डरों और कॉलोनाईजरों से सांठगांठ करके कायदे कानून को बलाए ताक रखते हुए पंचायत स्तर से ही परमीशन जारी कर दी गई।
-गांव में कराए गए लाखों रुपए के विकास कार्य सिर्फ कागजों पर हैं, जिनकी जानकारी लेने पर धमकाते हैं सरपंच और उप सरपंच।
-सरपंच के भतीजे के गांव के बाहर बने ढाबे के लिए सरकारी पैसे से बोर कराया गया, जबकि गांव के पंपों की मरम्मत तक नहीं कराई।

-वर्जन 
सरपंच पर पुरातत्व विभाग के महल पर अतिक्रमण, चुनाव में दो पत्नियों की जानकारी न देने, भतीजे के ढाबे के पास बोर कराने सहित अन्य मामले सामने आए हैं। अब गांववालों के बयान लिए जा रहे हैं। 
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर 

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आज

-७२ केंद्रों पर 32 हजार 500 परीक्षार्थी देंगे परीक्षा
भोपाल। 
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा सिविल सेवा प्रारं िाक परीक्षा (प्रीलिम्स) रविवार को होगी। राजधानी में 79 केंद्रों पर प्रशासनिक सेवक बनने करीब 32 हजार 500 परीक्षार्थी इस परीक्षा देंगे। परीक्षा दो चरणों में सुबह साढ़े 9 बजे से साढ़े 11 बजे तक था दोपहर ढाई बजे से साढ़े 4 बजे तक होगी।
 इधर राजधानी में होने वाली इस परीक्षा के लिए सभी केंद्रों पर पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं। परीक्षा में जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उनको विधिवत प्रशिक्षण देने के साथ साथ ट्रायल भी करके देखा गया। यहीं नहीं इस प्रशिक्षण के दौरान सभी अधिकारियों को यूपीएससी की ओर से जारी परीक्षा संबंधी निर्देश भी बताएं गए हैं। उपायुक्त विकास सीएल डोडियार ने बताया कि 79 केंद्रों पर होने वाली परीक्षा दो चरणों में होगी। पहला पेपर सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक तथा दूसरा पेपर दोपहर 2.30 बजे से 4.30 बजे तक होगा। परीक्षा में मोबाईल फोन, कैलकुलेटर बैग, लंच बॉक्स आदि ले जाने की अनुमति नहीं दी होगी।
10 मिनट में भी पहुंचे लेट तो नहीं मिलेगा प्रवेश - यूपीएससी के नियमानुसार यदि कोई उ मीदवार परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट बाद भी पहुंचता है तो उसे परीक्षा हाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। लेट होने वाले परीक्षार्थियों के लिए यूपीएससी ने नई व्यवस्था की है। यदि वह पहला पेपर देने के लिए अपने निर्धारित केंद्र पर समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं तो वह जहां तक पहुंच गए हैं, वहां पर स्थित नजदीक के परीक्षा केंद्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर परीक्षा दे सकते हैं। हालंाकि उसे दूसरे पेपर के लिए अपने आवंटित केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य होगा। यहीं नहीं इस बार हो रही परीक्षा में यदि कोई परीक्षार्थी पहला पेपर न देने के बावजूद दूसरा पेपर देना चाहता है तो उसे परीक्षा देने से मना नहीं किया जा सकता है। वह परीक्षा में स िमलित हो सकता है और उसे परीक्षा देने के लिए केंद्र प्रभारी नहंी रोक सकेंगे।

अब आवेदन निराकरण की जनकारी एसएमएस पर

  - मामला कलेक्टर जनसुनवाई में आए शिकायती आवेदनों का
  - अधिकारी को भी आवेदन के निराकरण करने का भी मिलेगा एसएमएस
 भोपाल। 
कलेक्टर जनसुनवाई में जो  भी आवेदक अपना आवेदन लेकर आएगा उसमें उसे अपना मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा। इस मोबाइल नंबर पर आवेदन के पंजीयन होने तथा उसके निराकरण संबंधी सूचना आवेदक को दी जाएगी। यह सूचना एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। इसके अतिरिक्त जिस अधिकारी को आवेदन का निराकरण करना है उसे भी एसएमएस से सूचना दी जाएगी कि आवेदन पेंडिंग है या निराकरण होना है। यह सब संभव होगा जिला प्रशासन द्वारा जनसुनवाई के सा टवेयर में किए गए बदलाव से। इस नई व्यवस्था से जहां आवेदकों को आवेदन के निराकरण की स्थिति जानने भटकना नहीं पड़ेगा वहीं अधिकारी भी प्रकरण के निराकरण के प्रति सतर्क रहेंगे और आवेदन के निराकरण में लेटलतीफी का बहाना नहीं बनाएंगे।

 हो चुका है ट्रायल - जिला प्रशासन ने जनसुनवाई में सॉ टवेयर में किए गए इस बदलाव का ट्रालय भी 21 अप्रैल को हुई जनसुनवाई में किया जा चुका है। इस नई व्यवस्था के तहत इसके तहत अब सॉ टवेयर के माध्यम से ही संबंधित आवेदक और अधिकारी को एसएमएस चला जाएगा। इसके लिए आवेदनकों को अपना मोबाइल नंबर आवेदन में जरूर लिखना होगा।  इसके साथ वि िान्न वि ाागों के जिलाधिकारियों के मोबाईल नंबर ाी सॉ टवेयर में फीड कर दिए गए हैं।

-ऐसे होगा काम 
सा टवेयर में बदलाव के तहत आवेदक टोकन लेकर जनसुनवाई में पूर्व की व्यवस्था के अनुसार ही पहुंचेंगे और वहां कलेक्टर उनका आवेदन लेंगे और उसे निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी को मार्क करेंगे और अपनी टीप लि ोंगे। इस आवेदन की जैसे ही ऑनलाइन एंट्री होकर पावती मिलेगी। उसके बाद बारी आएगी बदलाव किए गए हिस्से की। इसके तहत सॉ टवेयर उसी समय आवेदक के पास जनसुनवाई का नंबर और उनके आवेदन के पंजीयन होने की सूचना एमएमएस से पहुंचा देगा। यहीं नहीं संबंधित जिला अधिकारी के पास भी आवेदक का नाम, उसका मोबाईल नंबर, जनसुनवाई में दर्ज आवेदन क्रमांक और उस पर दर्ज निराकरण की समयसीमा भी एसएमएस के माध्यम से पहुंच जाएगी। जब प्रकरणों का निराकरण होगा और संबंधित अधिकारी इसकी जानकारी वेबसाईट पर डालेगा, वैसे ही आवेदको सूचना पहुंच जाएगी कि आपके आवेदन का निराकरण हो गया है।

-बोले अधिकारी 
जनसुनवाई में एसएमएस सेवा शुरू कर दी गई है। इससे लोगों को आवेदन के निराकरण की स्थिति अपने मोबाइल पर ही प्राप्त हो सकेगी।
आरएस परिहार, डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी अधिकारी जनसुनवाई

युवक-युवती परिचय स मेलन आज भेका।

अखिल भारतीय संत रविदास वंशीय समाज का परिचय स मेलन रविवार को बरखेड़ा में होगा। इस मौके पर समाजसेवी व मेधावी छात्रों का भी सम्मान किया जाएगा।
 

सुरक्षा गार्डों की बैठक आज ,भेका

सुरक्षा गार्ड एवं सर्वजन कल्याण समिति की बैठक सेंटजेवियर स्कूल बरखेड़ा के पास आयोजित की गई है। समिति के अध्यक्ष शीतल सिंह तोमर ने बताया कि गार्ड एवं गनमैनों की समस्याओं को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी।

स्वर्ण जयंती ब्लाक में तोडफ़ोड़, कर्मचारियों ने अफसर को घेरा,

तीन सस्पेंड
- मामला थाने तक पहुंचा, एक कर्मचारी घायल
- कल से होगी कारखाने में हड़ताल
- इंटक मैदान में कूदी
भोपाल। 
भेल कारखाने के न्यू हाइड्रो ब्लाक में शनिवार को तीसरी पाली का काम शुरु करने के मामले को लेकर एक अधिकारी और 3 कर्मचारियों में झड़प हो गई। मामला तोडफ़ोड़ तक पहुंच गया। इस घटना में एक कर्मचारी के पैर में गंभीर चोट आने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामला थाने तक जा पहुंचा है। प्रबंधन ने स ती दिखाते हुए अनुशासन भंग करने के आरोप में तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले को लेकर भेल इंटक सोमवार से आंदोलन करेंगे।
जानकारी के मुताबिक घटना सुबह 8.30 बजे की बताई जा रही है। सुबह जब न्यू हाइड्रो ब्लाक के कर्मचारी विभाग द्वारा जारी तीसरी पाली में काम करने के फरमान को लेकर विभाग के इंजीनियरों से मिले। उन्होंने तीसरी पाली में काम करने से इंकार कर दिया। कर्मचारियों की माने तो विभाग के मुखिया राजीव सिंह द्वारा तीसरी
पारी में काम करने की बात को लेकर कर्मचारी भड़क गए और ब्लाक के अंदर तोडफ़ोड़ शुरु कर दी। कांच फोड़ डाले। गदर इतना हुआ कि कर्मचारी तीसरी पाली में काम बंद करवाने के लिए विभाग के एचओडी को घेरे रहे। सुबह 9 बजे से कारखाने के इस ब्लाक में काम बंद रहा। हालांकि भेल प्रवक्ता काम बंद न होने की बात करते रहे। घटना के दौरान कांच से चोट लग जाने के कारण एक कर्मचारी प्रकाश के पैर में गंभीर चोट आई है। एक कर्मचारी ने तो परेशान होकर कांच में सर दे मारा। लेकिन उसकी किस्मत
अच्छी थी कि कांच मोटा था इस कारण उसको चोट नहीं लगी। प्रबंधन दिन भर इस घटना को लेकर परेशान रहा। खबर लिखे जाने तक घायल प्रकाश कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती था। प्रबंधन ने इस घटना के कारण तीन कर्मचारी रमनी रंजन महापात्रा, प्रकाश बामनिया और अनूप मुंडिक को तत्काल सस्पेंड कर दिया है। इधर तीनों कर्मचारियों ने
आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए थाना गोविन्दपुरा में अपर महाप्रबंधक व विभाग के एचओडी राजीव सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। करीब एक घंटे तक उक्त अपर महाप्रबंधक
के खिलाफ कर्मचारियों ने थाने में नारेबाजी की। प्रबंधन द्वारा तीसरी पाली में काम करने को लेकर जारी विभाग के मुखिया के फरमान से विभाग के कर्मचारी खासे परेशान हैं। सूत्र बताते हैं कि विभाग के एचओडी के व्यवहार से कर्मचारी वर्ग खासा नाराज है। इस कारण मामला और भी तूल पकड़ सकता है। इंटक के सचिव दीपक  गुप्ता का कहना है कि यदि तीनों कर्मचारियों को शीघ्र ही बहाल नहीं किया गया तो कारखाने में सोमवार से उग्र आंदोलन किया जाएगा। उनका कहना है कि कारखाने के सभी कर्मचारियों से
एक समान नियमानुसार काम कराया जाए। प्रबंधन की माने तो प्रोडक्शन को देखते हुए तीनों पाली में काम करना जरुरी हो गया है।  

इनका कहना है...
अच्छे औद्योगिक संबंध बनाए रखने के लिए भेल को विस्फोटक स्थिति से बचाने के लिए कर्मचारियों का निलंबन वापल लिया जाए और चर्चा शुरु की जाए।
आरडी त्रिपाठी
अध्यक्ष, भेल इंटक

सेट टाप बाक्स लगाने वालों की सं या बढ़ी, अ ाी ाी अस्सी हजार से

अधिक घरों में नहीं लग सके सेट टाप बाक्स
भोपाल। 
जिले में एनालोग सिग्नल्स का प्रसारण बंद होना शुरू हो गया है।
राजधानी में सोनी, कलर्स, लाइफ ओके व सेट मेक्स सहित अन्य मनोरंजन
चैनल पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। जिसके चलते उप ाोक्ता अपने
पसंदीदा चैनल नहीं दे ा पा रहे हैं। हालांकि अ ाी न्यूज चैनल बंद नहीं करने से लोगों को इसका ला ा जरूर मिल रहा है। बताया जा रहा है कि इन चैनल को  ाी जल्द बंद किया जा सकता है। इधर मनपसंद चैनल बंद होने के बाद सेट टाप बाक्स लगाने वालों की सं या में तेजी से इजाफा हुआ है। बावजूद इसके अ ाी शहर में करीब अस्सी हजार से अधिक उप ाोक्ताओं के यहां सेट टाप बाक्स लगना बाकी है। राजधानी में सेट टाप बाक्स नहीं लगाने वाले उप ाोक्ताओं के यहां मनोरंजन चैनल का प्रसारण पूरी तरह बंद हो गया है। एमएसओ हाथवे, सिटी चैनल, डीजी केबल ने स ाी चैनल को बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि राजधानी में केबल के करीब ढाई लाख केबल उपभोक्ता
हैं। इनमें अभी भी अस्सी हजार से अधिक के यहां सेट टाप बाक्स लगना शेष है। हालांकि प्रशासन ने पहले 15 अप्रेल की समय सीमा तय की थी, लेकिन हाई कोर्ट में समय बढ़ाने का मामला जाने के बाद सेट टाप बाक्स लगाने का मामला  ाी अटक गया था। चूंकि गत दिनों उच्च न्यायालय ने याचिका  ाारिज कर दी, जिसके बाद राजधानी में मनोरंजन चैनल बंद कर दिए गए हैं। इधर पसंदीदा चैनल बंद होने के बाद से उप ाोक्ताओं ने बाक्स लगाने के लिए मशक्कत शुरू कर दी है। सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में सेट टाप बाक्स नहीं लगाने वाले उप ाोक्ताओं को न्यूज का ला ा नहीं मिल सकेगा। 

जून के बाद हर गांव में अंधेरा मिटाएगी 'ज्योति'

-ऊर्जा मंत्री की पहली प्राथमिकता 24 घंटे बिजली देना 
भोपाल। 
जून माह के बाद प्रदेश हर गांव में अटल ज्योति अभियान की 'ज्योति' टिम-टिमाती दिखाई देगी। प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा प्रदेश के हर जिले की तर्ज पर हर गांव को बिजली देना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। 
वे बोले यह सरकार का ही निरंतर किया जाने वाला प्रयास है, जिसके चलते अंधेरे में डूबे रहने वाले मप्र के पास आज पर्याप्त बिजली है। अटल ज्योति अभियान के जरिए हर जिले को 24 घंटे बिजली देना शुरू किया जा चुका है। 20 जनवरी से जबलपुर जिले से इसकी शुरुआत की गई थी। प्रदेश के ५० में से 27 जिलों में इसका लाभ दिया जा रहा है। इसी माह के आखिर तक 32 गांव इस अभियान से जुड़ जाएंगे। श्री शुक्ल ने कहा, ऊर्जा विभाग ने बिजली की मांग और आपूर्ति पर ध्यान दिया। इसी के चलते प्रदेश में अब बिजली सरप्लस में है। 
-२०१८ ध्यान में 
विभाग के अनुसार बिजली की मांग 2018 तक प्रदेश में क्या होगी? इसको लेकर बिजली के सयंत्रों की स्थापना की गई है। उत्पादन में किसी प्रकार की कमी न हो इसको लेकर निजी क्षेत्र ने भी भारी निवेश किया है। वर्ष 2003 में प्रदेश में बिजली का भारी संकट था। इसी संकट को दूर करने का वादा कर भाजपा सरकार ने किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठाना था कि 2013 के मध्य तक प्रदेश के सभी गांवों में पर्याप्त बिजली की उपलब्ध कराई जाए। बस इसी को लक्ष्य बनाया गया और काम शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र शुक्ल ने इस दिशा में काम किया, इसी का परिणाम रहा कि सरकार को इस महत्वकांक्षी योजना में सफलता मिली। 

-खेती में 10 घंटे बिजली
सरकार ने ने शहरों के साथ-साथ गांव और किसान का भी पूरा ध्यान रखा है। किसानों को सीजन पर 10 घंटे थ्री फेस बिजली देने की व्यवस्था की है। इसके लिए फीडर सेपरेशन के माध्यम से गांव एवं खेत की लाइन को अलग किया गया है। गांव में 24 घंटे और सिंचाई के लिए 10 घंटे थ्री फेस बिजली दी जा रही है।

-वर्जन 
जून आखिर से प्रदेश के हर गांव में 24 घंटे रोशन होगा। इस को लेकर विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। भाजपा सरकार बिजली की आपूर्ति दृढ़ संकल्पित है। किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दी जाएगी। 
राजेन्द्र शुक्ल, ऊर्जा मंत्री, मप्र शासन 

जून के बाद हर गांव में अंधेरा मिटाएगी 'ज्योति'

-ऊर्जा मंत्री की पहली प्राथमिकता 24 घंटे बिजली देना 
भोपाल। 
जून माह के बाद प्रदेश हर गांव में अटल ज्योति अभियान की 'ज्योति' टिम-टिमाती दिखाई देगी। प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा प्रदेश के हर जिले की तर्ज पर हर गांव को बिजली देना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। 
वे बोले यह सरकार का ही निरंतर किया जाने वाला प्रयास है, जिसके चलते अंधेरे में डूबे रहने वाले मप्र के पास आज पर्याप्त बिजली है। अटल ज्योति अभियान के जरिए हर जिले को 24 घंटे बिजली देना शुरू किया जा चुका है। 20 जनवरी से जबलपुर जिले से इसकी शुरुआत की गई थी। प्रदेश के ५० में से 27 जिलों में इसका लाभ दिया जा रहा है। इसी माह के आखिर तक 32 गांव इस अभियान से जुड़ जाएंगे। श्री शुक्ल ने कहा, ऊर्जा विभाग ने बिजली की मांग और आपूर्ति पर ध्यान दिया। इसी के चलते प्रदेश में अब बिजली सरप्लस में है। 
-२०१८ ध्यान में 
विभाग के अनुसार बिजली की मांग 2018 तक प्रदेश में क्या होगी? इसको लेकर बिजली के सयंत्रों की स्थापना की गई है। उत्पादन में किसी प्रकार की कमी न हो इसको लेकर निजी क्षेत्र ने भी भारी निवेश किया है। वर्ष 2003 में प्रदेश में बिजली का भारी संकट था। इसी संकट को दूर करने का वादा कर भाजपा सरकार ने किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठाना था कि 2013 के मध्य तक प्रदेश के सभी गांवों में पर्याप्त बिजली की उपलब्ध कराई जाए। बस इसी को लक्ष्य बनाया गया और काम शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र शुक्ल ने इस दिशा में काम किया, इसी का परिणाम रहा कि सरकार को इस महत्वकांक्षी योजना में सफलता मिली। 

-खेती में 10 घंटे बिजली
सरकार ने ने शहरों के साथ-साथ गांव और किसान का भी पूरा ध्यान रखा है। किसानों को सीजन पर 10 घंटे थ्री फेस बिजली देने की व्यवस्था की है। इसके लिए फीडर सेपरेशन के माध्यम से गांव एवं खेत की लाइन को अलग किया गया है। गांव में 24 घंटे और सिंचाई के लिए 10 घंटे थ्री फेस बिजली दी जा रही है।

-वर्जन 
जून आखिर से प्रदेश के हर गांव में 24 घंटे रोशन होगा। इस को लेकर विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। भाजपा सरकार बिजली की आपूर्ति दृढ़ संकल्पित है। किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दी जाएगी। 
राजेन्द्र शुक्ल, ऊर्जा मंत्री, मप्र शासन 

जून के बाद हर गांव में अंधेरा मिटाएगी 'ज्योति'

-ऊर्जा मंत्री की पहली प्राथमिकता 24 घंटे बिजली देना 
भोपाल। 
जून माह के बाद प्रदेश हर गांव में अटल ज्योति अभियान की 'ज्योति' टिम-टिमाती दिखाई देगी। प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा प्रदेश के हर जिले की तर्ज पर हर गांव को बिजली देना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। 
वे बोले यह सरकार का ही निरंतर किया जाने वाला प्रयास है, जिसके चलते अंधेरे में डूबे रहने वाले मप्र के पास आज पर्याप्त बिजली है। अटल ज्योति अभियान के जरिए हर जिले को 24 घंटे बिजली देना शुरू किया जा चुका है। 20 जनवरी से जबलपुर जिले से इसकी शुरुआत की गई थी। प्रदेश के ५० में से 27 जिलों में इसका लाभ दिया जा रहा है। इसी माह के आखिर तक 32 गांव इस अभियान से जुड़ जाएंगे। श्री शुक्ल ने कहा, ऊर्जा विभाग ने बिजली की मांग और आपूर्ति पर ध्यान दिया। इसी के चलते प्रदेश में अब बिजली सरप्लस में है। 
-२०१८ ध्यान में 
विभाग के अनुसार बिजली की मांग 2018 तक प्रदेश में क्या होगी? इसको लेकर बिजली के सयंत्रों की स्थापना की गई है। उत्पादन में किसी प्रकार की कमी न हो इसको लेकर निजी क्षेत्र ने भी भारी निवेश किया है। वर्ष 2003 में प्रदेश में बिजली का भारी संकट था। इसी संकट को दूर करने का वादा कर भाजपा सरकार ने किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठाना था कि 2013 के मध्य तक प्रदेश के सभी गांवों में पर्याप्त बिजली की उपलब्ध कराई जाए। बस इसी को लक्ष्य बनाया गया और काम शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र शुक्ल ने इस दिशा में काम किया, इसी का परिणाम रहा कि सरकार को इस महत्वकांक्षी योजना में सफलता मिली। 

-खेती में 10 घंटे बिजली
सरकार ने ने शहरों के साथ-साथ गांव और किसान का भी पूरा ध्यान रखा है। किसानों को सीजन पर 10 घंटे थ्री फेस बिजली देने की व्यवस्था की है। इसके लिए फीडर सेपरेशन के माध्यम से गांव एवं खेत की लाइन को अलग किया गया है। गांव में 24 घंटे और सिंचाई के लिए 10 घंटे थ्री फेस बिजली दी जा रही है।

-वर्जन 
जून आखिर से प्रदेश के हर गांव में 24 घंटे रोशन होगा। इस को लेकर विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। भाजपा सरकार बिजली की आपूर्ति दृढ़ संकल्पित है। किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दी जाएगी। 
राजेन्द्र शुक्ल, ऊर्जा मंत्री, मप्र शासन 

आज से फिर गूंजेगा हरि-हरि

-कुठार में कलश यात्रा के साथ शुरू होगी सात दिवसीय भागवत कथा 
भोपाल। 
शहर की सीमा से लगे ग्राम कुठार में सात दिवसीय श्रीराम महायज्ञ और श्रीमद भागवत कथा महोत्सव रविवार से शुरू होने जा रहा है। इसकी शुरुआत में कलश यात्रा के साथ होगी। जिसमें युवतियां और महिलाएं सिर पर कलश लेकर चलेंगी। 
सात दिवसीय इस महोत्सव का आयोजन ग्रामीणों की समिति द्वारा किया जा रहा है। 
समिति के प्रमुख ठाकुरप्रसाद मीना पटेल ने बताया कि एक जून तक चलने वाले इस महोत्सव में जहां बनारस से पधारे विद्वान यज्ञाचार्यों द्वारा प्रतिदिन सुबह 8 से 11 बजे और शाम 3 से 5 बजे तक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-यज्ञ किया जाएगा। वहीं साथ ही कथावाचक पं. जगदीशनारायण स्वामी के प्रतिदिन सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक संगीतमय श्रीमदभागवत कथा वाचन करेंगे। इसी तारतम्य में 30 मई को शाम 5 बजे कुठार से प्रभु श्रीराम की भव्य बारात निकलेगी जाएगी। जो खेजड़ा देव में प्रेमपुरा स्थित श्रीहनुमान मंदिर तक पहुंचेगी। यहां बारात का भव्य स्वागत आरती के साथ किया जाएगा। यहां ग्रामवासी श्रीराम-जानकी का विवाह संपन्न कराएंगे। इसके बाद कुठार के नवनिर्मित मंदिर में 31 मई को श्रीराम-जानकी की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। 

ट्रक की टक्कर से बैल की मौत ,भोपाल

गांधीनगर-रायसेन नए बाइपास रोड पर शनिवार सुबह ट्रक की टक्कर से एक बैल की मौत हो गई। प्रत्यदर्शी वृंदावन मीना अग्निहोत्री ने बताया कि बैल मालिक सं ावत: राजगढ़ जिले का निवासी है जो समीपस्थ ग्राम अचारपुरा में चल रह पशु मेले में अपने बैलों को बेचने की गरज लेकर आया था। घटना शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे की है। पशु मालिक अपने बैलों को सड़क पार करा रहा था। त ाी रायसेन रोड से गांधीनगर की ओर तेज गति से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी-07-एचबी-0836 के चालक की लापरवाही से ट्रक ने बैल को सीधी टक्कर मार दी, जिससे बैल की तुरंत मौत हो गई। हालांकि ट्रक चालक को क्षेत्र के ग्रामीणों ने पकड़ लिया था, किंतु अपराध बोध से क्षुब्ध चालक द्वारा माफी मांगे जाने पर उसे छोड़ दिया गया।

10 जून से शुरू होगा 'सत्याग्रह'

-हजारों बांध प्रभावित शहर में करेंगे पांच दिवसीय उपवास 
भोपाल। 
बांध प्रभावित एक बार फिर सरकार को घेरने को तैयार हैं। १० जून से इनका ५ दिवसीय 'सत्याग्रहÓ शुरू होगा। इस दौरान हजारों किसान पांचों दिन शासन को बुद्धि देने और विस्तापितों को जमीन व पुनर्वास करने उपवास रखेंगे। 
यह सब नर्मदा घाटी के ओम्कारेश्वर, इंदिरा सागर, महेश्वर, अपर बेदा और मान बांध के प्रभावित हैं। ये सभी हजारों की संख्या में 14 जून तक राजधानी में डेरा डालेंगे। इस संबंध में शनिवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनरतले एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। इसमें बताया कि नर्मदा घाटी इन तमाम बांधों से प्रभावितों के लिए बनी पुनर्वास नीति के अनुसार जमीन के बदले न्यूनतम 5 एकड़ जमीन और पुनर्वास किया जाना था, लेकिन राज्य सरकार ने नीति का पूरी तरह उल्लंघन किया। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह पाया कि सरकार ने एक भी विस्थापित को जमीन नहीं दी और पुनर्वास नीति का पालन नहीं कियज्ञ। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार और एनएचडीसी को अनिवार्य रूप से न्यूनतम 5 एकड़ का जमीन आवंटन या फिर प्रभावित को जमीन खरीदने में सहायता करने का निर्देश दिया है। सरकार ने बावजूद इसके इंदिरा सागर और ओम्कारेश्वर बांधों में पानी भरना चालू कर दिया। बीते दिनों किए गए सत्याग्रह के बाद सरकार को होश आया और ओम्कारेश्वर में पानी नीचे उतारा। बीते 8 माह में ओम्कारेश्वर बांध के सैकड़ों प्रभावितों ने 10 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा भी वापस कर दिया। 

-मुनाफा 3000 करोड़ का, पुनर्वास नहीं 
ेेपत्रकारों को विस्थापितों ने बताया, ओम्कारेश्वर और इंदिरा सागर बांध से बिजली बनाकर सरकारी कंपनी एनएचडीसी ने बीते 5 सालों में लगभग 3000 करोड़ रुपए कमाए हैं, लेकिन विस्थापितों के पुनर्वास के लिए एक रुपया खर्च नहीं किया। इससे साफ है कि सरकार विस्थापितों का पुनर्वास नहीं करना चाहती। 

-नहीं तो खाली करों बांध 
भोपाल में एकत्र प्रभावितों ने मांग की है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अच्छी निजी जमीनें खरीद कर दें, भूमिहीनों को आजीविका के लिए 2.5 लाख रुपए का विशेष अनुदान और इसके अतिरिक्त तमाम अन्य पुनर्वास की सुविधाएं तत्काल दी जाएं। प्रभावितों ने कहा, सरकार ऐसा नहीं कर सकती है तो सभी बांधों को खाली करे। इसके लिए किसान दृढ़ संकल्पित हैं। 

गुरुवार, 23 मई 2013

और हो गई संस्थापन शाखा में कोली की वापसी


बेटे को नियम विरुद्ध इंजीनियर बनाने के लगे हैं आरोप
हाईकोर्ट में निगम प्रशासन के खिलाफ मुकदमा भी ठोका
भोपाल।
नियम विरुद्ध बेटे को इंजीनियर बनाने वाले लालाराम कोली की संस्थापन शाखा में वापसी हो गई है। कोली को बेटे को अवैध लाभ पहुंचाने के साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते चंद महीने पहले ही संस्थापन शाखा से हटाकर योजना प्रकोष्ठ में पदस्थ किया गया था।
निगम प्रशासन ने कार्यसुविधा के मद्देनजर गुरुवार को जोनल अधिकारियों एवं प्रशासकीय अधिकारी के दायित्वों में फेरबदल किया है। इसके तहत जोन-8 के जोनल अधिकारी अनिल शर्मा को जोन-10 का जोनल अधिकारी बनाया गया है, जबकि इंद्रजीत सिंह चौहान को जोन -10 से जोन-12, कैलाश मैना को जोन -12 से जोन-3, शंकर केशवानी को जोन-3 से जोन-8 का दायित्व सौंपा गया है। इसके साथ ही जोन- 11 के जोनल अधिकारी हर्षित तिवारी जोन-13 के जोनल अधिकारी मोहम्मद शमीम की अवकाश अवधि में जोन-13 का काम संभालेंगे।
कोली को संस्थापन शाखा मिली
योजना प्रकोष्ठ में पदस्थ प्रशासकीय अधिकारी लालाराम कोली को वर्तमान कार्यों के साथ-साथ संस्थापन शाखा में उपायुक्त (संस्थापन) एनपी मांझी के अधीन कार्य करने के आदेश जारी हुए हैं। कोली को करीब 15 साल के बाद 2013 की शुरुआत में संस्थापन शाखा से हटाया गया था। कोली पर आरोप था कि अपने बेटे योगेश शाक्य को वैक्सीनेटर से सीधे सब इंजीनियर के पद पर प्रमोशन करवाया। गौरतलब होगा कि योगेश की मस्टर पर अवैध कॉलोनी प्रकोष्ठ में शुरुआत हुई थी, जोकि बाद में आरक्षित वर्ग के तहत वैक्सीनेटर के पद पर नियमित किया गया। इसके बाद इंजीनियरिंग सेक्शन में अटैच होकर इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया। इस पदोन्नति में कोली की भूमिका होने पर हटाकर योजना प्रकोष्ठ में लगाया गया था।

अजय ने फिर लिखी शिवराज के नाम पाती

-राजनीतिक मतभेद को राजनीतिक दुश्मनी में बदलने का लगाया आरोप
भोपाल। 
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुयंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से कहा है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश की राजनीतिक मतभिन्नता और मतभेद को राजनीतिक दुशमनी में बदल दिया है। सरकार द्वारा प्रतिपक्ष के विधायकों का न केवल अपमान किया जा रहा, बल्कि पूरे तंत्र का भाजपाईकरण कर दिया है।
    नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस विधायक भगवान सिंह राजपूत को विधानसभा क्षेत्र में आयोजित अंत्योदय मेले में प्रशासन द्वारा आमंत्रित नहीं किया। इसके बाद मुयमंत्री की उनके विधानसभा क्षेत्र में हुई यात्रा में भी नहीं बुलाया गया तो उन्होंने काले कपड़े पहनकर विरोध किया। श्री सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह का भेदभाव प्रतिपक्ष के विधायकों के साथ किया जा रहा है। पत्र में कहा है कि 24 अप्रैल को सीधी जिले की बहरी तहसील का शुभारंभ कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में भाजपा विधायक एवं जिलाध्यक्ष का नाम था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष को कोई स्थान नहीं दिया गया। उन्होंने शासकीय कार्यक्रमों का इस तरह राजनीतिकरण होने पर चिंता जताते हुए कहा कि यह प्रथा प्रदेश की गौरवशाली राजनीतिक पंरपरा के खिलाफ है। उन्होंने मुयमंत्री से प्रदेश की परंपरा को कायम रखने की मांग की है। ज्ञात हो कि इससे पहले भी नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख चुके हैं।

12 बच्चों की आत्महत्या पर जवाब दें शिक्षा मंत्री

-खराब परीक्षा परिणाम के लिए
भोपाल। 
बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के 24 घंटे के भीतर फेल होने वाले 12 विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या का कदम उठाना चिंतनीय विषय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने इसके लिए स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस को जिमेदार बताते हुए उनसे जवाब मांगा है।
    श्री भूरिया ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले वर्षों की तुलना में पढ़ाई का स्तर गिरा है। शिक्षण सत्र के आरंभ से सालाना परीक्षा तक कक्षाओं में पढ़ाई तो कम हुई, यही कारण है कि परीक्षा में फेल होने से आहत होकर 12 बच्चों ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है। श्री भूरिया ने कहा है कि 12 बच्चों की ये अकाल मौतें कोई मामली बात नहीं है। उनके लिए स्कूल शिक्षा मंत्री को स्वयं जवाबदारी स्वीकार करते हुए तत्काल अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए। साथ ही उन्होंने राज्यपाल से शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पढ़ाई में कप्यूटर और लायब्रेरी से बच्चों को पढ़ाई में बड़ी मदद मिली है, लेकिन इन दोनों सुविधा के मामले में प्रदेश के स्कूलों में हालत खराब है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि जब कोई बच्चा फेल हो जाता है तो वह अवसाद में चला जाता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए शिक्षा बोर्ड को परिणाम घोषित करने के पूर्व ऐसे वातावरण का निर्माण कर जिससे कि फेल होने वाले बच्चों को आत्महत्या से बचाया जा सके। परीक्षा परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद ऐसे बच्चों का मनोबल बनाये रखने के लिए बोर्ड की पहल पर सामूहिक और परिवार के स्तर पर प्रयास होना चाहिए।

भाजपा विधायक पर दर्ज हो मामला: मानक
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने होशंगाबाद में सेंट्रल बैंक के कैस वाहन को कब्जे में लेने के मामले में स्थानीय विधायक गिरिजाशंकर शर्मा एवं गनमैन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विधायक के इशारे पर गनमैन ने वाहन के ड्रायवर को डरा-धमकाकर अपहरण कर लिया था। लोगों के चिल्लाने पर विधायक वाहन को थाने लेकर पहुंचा था, जबकि उनका इरादा लूट का था। उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।


भोपाल छोड़कर प्रदेश भर में 6 को जेल भरेगी भाजपा

-राष्ट्रपति के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर स्थगित किया आंदोलन
भोपाल। 
केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी द्वारा 6 जून को प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। हालांकि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की प्रस्तातिव भोपाल यात्रा के मद्देनजर भाजपा ने भोपाल में जेल भरो आंदोलन को स्थगित कर दिया है।
    भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि कोयला और रेल गेट मामलें में पिछले दिनों कांग्रेस के दो केन्द्रीय मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है। भ्रष्टाचार और घोटालें के मामलें में केन्द्र सरकार और कांग्रेस की कलई खुल गई है। भ्रष्टाचार पर मौन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की असफल आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई बढऩे का प्रतिशत 1 हजार गुना हो गया है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह देश की 125 करोड़ जनता को गुमराम कर रहे है। प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेष द्वारा 6 जून को प्रदेश भर में जिला केन्द्रों पर जेल भरो आंदोलन आयोजित करेगी। जेल भरो आंदोलन के दौरान पार्टी कार्यकर्ता अपनी गिरतारियां देगें। श्री तोमर ने कहा कि राष्ट्रपति के प्रस्तातिव दौरे को देखते हुए भोपाल में आंदोलन नहीं किया जाएगा। ऐसी स्थिति में जिले के कार्यकर्ता अन्य जिलों में जाकर आंदोलन को सफल बनाएंगे।
ग्वालियर महासमेलन की वजह से बदला कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर 27 मई से 2 जून तक देश भर में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। जबकि मप्र में जेल भरो आंदोलन की तिथि 6 जून निर्धारित की गई है। बताया गया कि भाजपा संगठन द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर 31 मई एवं 1 जून को ग्वालियर में आयोजित  कार्यकर्ता महासमेलन को लेकर मप्र में जेल भरो आंदोलन की तिथि में फेरबदल किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अन्य राज्यों की तरह यदि प्रदेश में जेल भरो आंदोलन चलाया गया तो ग्वालियर में आयोजित कार्यकर्ता महासमेलन पर विपरीत असर पड़ सकता है।

३३ केंद्रों पर अब भी पड़ा है साढ़े तीन हजार मेट्रिक टन पीला सोना

-छह दिन से नहीं हुआ गेहूं का उठाव
भोपाल।
जिले में १८ मई को भले ही समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी पूरी हो चुकी हो, लेकिन इन ६ दिनों में ३३ उपार्जन केंद्रों से उठाव नहीं हुआ है। इन केंद्रों पर 3646.40 मेट्रिक टन (36 हजार 464 क्विंटल) गेहूं खुले में पड़ा है। केंद्रों की पड़ताल में सामने आया कि अधिकांश जगह पर तो बीते ४ दिनों से गेहूं का परिवहन ही नहीं हुआ।
चार दिनों से गेहूं की एक बोरी का परिवहन न होने को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं मौसम विभाग ने भी मौसम के अंगड़ाई लिए जाने के संकेत दिए हैं। अब अगर जल्द गेहूं का उठाव नहीं होता है तो यह गेहूं पूर्व में हुई बारिश की तरह भीग जाएंगे। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 47 केंद्र स्थापित किए गए थे। इन केंद्रों पर 15 अप्रैल से 18 मई तक गेहूं खरीदी की गई। आखरी दिन 1.82 लाख मेट्रिक टन खरीदी हुई।
इसके बाद अधिकारियों ने हिदायत भी लेकिन 97 प्रतिशत गेहूं का ही परिवहन हुआ। खरीदी खत्म होते ही ट्रांसपोटर्स कंपनियों ने भी परिवहन का काम धीमी कर दिया।
दो दिन तक केवल 97.89 प्रतिशत गेहूं का उठावन हुआ।

-बैरसिया में सबसे ज्यादा गेहूं
बैरसिया में सबसे ज्यादा 8590 क्विंटल पड़ा हुआ है। इसी तरहा अमझरा, हर्राखेड़ा, रतुआ-रतनपुर, सोहाया, बरखेड़ा, गढ़ाकलां, बहरावल केंद्रों पर हालत हैं। जिले के 47 उपार्जन केंद्रों में से 33 ये गेहंू खुले में पड़ा हुआ है। जहां गेहूं का परिवहन हो चुका है, वे केंद्र मुख्य रूप से मुख्य सड़क के नजदीक हैं। बताया जाता है कि इन 33 केंद्रों में से 10 ऐसे हैं, जहां 1000 क्विंटल से 9 हजार क्विंटल तक गेहूं पड़ा हुआ है। वहीं 5 केंद्रों में 500 से 999 क्विंटल गेहूं खुले में रखा हुआ है। शेष पर 5 से 599 क्विंटल तक गेहूं रखा है। दूसरी ओर सोसायटियां भी लगातार जिला प्रशासन से इन केंद्रों से गेहूं उठाव के लिए कह रही हैं, लेकिन अब तक आला अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की है।


कहां क्या स्थिति
  उपार्जन केंद्र           - गेहूं
  - अमझरा -           1792.00 क्विंटल
  - हर्राखेड़ा -            1289.50 क्विंटल
  - रतुआ रतनपुर -    2840.00 क्विंटल
  - बैरसिया मंडी -     1209.50 क्विंटल
  - बैरसिया मंडी -     8590.50 क्विंटल
  - सोहाया     -        1762.50 क्विंटल
  - बरखेड़ा     -        1561.50 क्विंटल
  - गढ़ाकलां     -      1223.00 क्विंटल
  - बहरावल     -      1440.00 क्विंटल
  - बैरसिया (नागरिक)- 7406.00 क्विंटल
  - मिसरोद     -       723.50 क्विंटल
  - कुल्हौर     -         607.50 क्विंटल
  - रूनाहा     -          879.00 क्विंटल
  - दिल्लौद     -        869.50 क्विंटल
  - बैरसिया (सहयोग) -822.00 क्विंटल

ओशो ध्यान शिविर आज से, भोपाल

 ेरायसेन रोड, पटेल नगर स्थित ओशो अनहद कम्यून के तत्वावधान में तीन दिवसीय नृत्य एवं ध्यान शिविर 24 से 26 मई तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें ध्यान के जरिए जीवन में खुशहाली लाने के तरीके बताए जाएंगे।
कम्यून की मां पूर्णिमा एवं साधक विनोद चुग मोदी ने बताया कि शिविर के दौरान नृत्य आधारित ग्रुप कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक होगा। इसके अलावा सक्रिया ध्यान सुबह साढ़े 6 बजे एवं कुण्डलनी ध्यान शाम पौने 5 बजे होगा। साथ ही सांध्य सभा शाम पौने सात बजे से शुरू होगी। इस कार्यक्रम पूना से पधारे यस ओशो पत्रिका के संपादक स्वामी संजय भारती नृत्य ध्यान विधा के माध्यम से स्वयं को एकाग्रचित्त करने व जीवन को जीने की कला की बारिकियां बताएंगे।

शूटर व अफसर सहित नौ जिलाबदर ,भोपाल

नीरज उर्फ शूटर व अफसर पिता नवाब खां सहित नौ आदतन अपराधियों को गुरूवार को जिलाबदर कर दिया गया है। अपर जिला मेजिस्ट्रेट दक्षिण बसंत कुर्रे ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में जहां आठ आदतन अपराधियों को छह माह के लिए तथा एक को एक साल के लिए शहर सहित आसपास के जिलों की सीमांओं से दूर चले जाने के निर्देश दिए गए हैं।
 अपर जिला मजिस्ट्रेट दक्षिण श्री कुर्रे ने बताया कि नौ आदतन अपराधियों के खिलाफ जिलाबदर के आदेश  मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं। जारी आदेश में हसीब भेड़ा आत्मज फूल सिंह थाना एमपी नगर को एक वर्ष के लिए, इकराम आत्मज शेख सुभराती थाना पिपलानी, नीरज उर्फ शूटर आत्मज कौशल थाना टीटी नगर, सोयेब आत्मज मु तार खां थाना एमपी नगर, सत्यदेव आत्मज वासुदेव थाना गोविन्दपुरा, दीपक बबन आत्मज खेमचंद बबन थाना टीटी नगर, परवेज उर्फ सलमान आत्मज मुन्ने खां थाना अशोका गार्डन, अफसर आत्मज नवाब खां थाना एमपी नगर तथा राजेश उर्फ छोटू आत्मज रामबकस मीना निवासी गोविन्दपुरा को छह- छह माह के लिए जिलाबदर किया गया है। इन सभी अपराधी आपराधिक गतिविधियों में लगातार लिप्त रहने, समाज विरोधी गतिविधियां घटित करने और तनाव के हालात पैदा करने के चलते जिलाबदर किया गया है। जारी आदेशों में खुलासा किया गया है कि इन अपराधियों का अच्छा खासा आपराधिक रिकार्ड है और इनके खिलाफ अनेक गंभीर किस्म के मामले कायम हैं। पुलिस द्वारा बार-बार कार्यवाही करने के बावजूद इनकी आपराधिक गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई। पुलिस द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में इन अपराधियों के खिलाफ मारपीट, अवैध शस्त्र रखने आदि के अपराध दर्ज किए जा चुके हैं। इनके खिलाफ की गई कार्यवाहियों के वावजूद यह अपराधी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने से बाज नहीं आये।