-आष्टा निवासी ज्योति व कुसुम के विवाह का प्रकरण
भोपाल।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नकीजहां कुरैशी ने आष्टा निवासी अशोक को सात दिन में उसकी बेटी ज्योति और कुसुम के बालिग होने के दस्तावेज देने को कहा है। ऐसा न होने पर शपथ पत्र के आधार पर दोनों का विवाह निरस्त किया जाएगा।
इसके बाद अशोक पर एफआईआर दर्ज करने के लिए एक पत्र नगर निगम को लिखा जाएगा। श्रीमती कुरैशी ने कहा, अशोक की दोनों बेटियों को विवाह मंडप से उठाकर अलग बिठलवा दिया था, उस समय उनके पिता अशोक ने शपथ पत्र दिया था। शपथ पत्र में उन्होंने दोनों लड़कियों के बालिग होने की जानकारी दी थी। जिसे अपर आयुक्त नगर निगम ने स्वीकार किया था। इसके बाद सात दिन के भीतर दोनों बच्चियों के बालिग होने के दस्तावे दिखाने को कहा था। उन्होंने कहा, अशोक यदि पुख्ता जानकारी नहीं दे पाता है तो कार्रवाई शुरू की जाएगी।
-तब कर दी थी शादी
अक्षय तृतीया के दिन त्रिवेणी मां वैष्णों दरबार समिति द्वारा रतन कालोनी में 501 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया था। बाल विवाह की सूचना पर टीम यहां पहुंची थी। परियोजना अधिकारी शाहीन खान के नेतृत्व में मौके पर पहुंची टीम ने सभी जोड़ों के दस्तावेज देखे। इसी में आष्टा निवासी अशोक की दोनों बेटियों ज्योति व कुसुम के दस्तावेज नहीं मिले। शाहीन खान ने तत्काल दोनों के विवाह रुकवाया और उन्हें अलग बैठा दिया। दोनों लड़कि यों का विवाह आष्टा निवासी शिवलाल के बेटे श्याम व मुकुन्द से हो रहा था। जब अशोक ने कोई दस्तावेज नहीं दिया तो विवाह पर रोक लगाने के निर्देश दे दिए। इसके बाद अशोक ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया और सात दिन में सभी दस्तावेज देने को कहा। शपथ पत्र में ज्योति की जन्म तिथि 3 जनवरी 1993 तथा कुसुम की उम्र 2 मार्च 1994 होना बताया। इसके बाद अपर आयुक्त प्रमोद शुक्ला ने सहमति दी और विवाह संपन्न हुआ।
भोपाल।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नकीजहां कुरैशी ने आष्टा निवासी अशोक को सात दिन में उसकी बेटी ज्योति और कुसुम के बालिग होने के दस्तावेज देने को कहा है। ऐसा न होने पर शपथ पत्र के आधार पर दोनों का विवाह निरस्त किया जाएगा।
इसके बाद अशोक पर एफआईआर दर्ज करने के लिए एक पत्र नगर निगम को लिखा जाएगा। श्रीमती कुरैशी ने कहा, अशोक की दोनों बेटियों को विवाह मंडप से उठाकर अलग बिठलवा दिया था, उस समय उनके पिता अशोक ने शपथ पत्र दिया था। शपथ पत्र में उन्होंने दोनों लड़कियों के बालिग होने की जानकारी दी थी। जिसे अपर आयुक्त नगर निगम ने स्वीकार किया था। इसके बाद सात दिन के भीतर दोनों बच्चियों के बालिग होने के दस्तावे दिखाने को कहा था। उन्होंने कहा, अशोक यदि पुख्ता जानकारी नहीं दे पाता है तो कार्रवाई शुरू की जाएगी।
-तब कर दी थी शादी
अक्षय तृतीया के दिन त्रिवेणी मां वैष्णों दरबार समिति द्वारा रतन कालोनी में 501 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया था। बाल विवाह की सूचना पर टीम यहां पहुंची थी। परियोजना अधिकारी शाहीन खान के नेतृत्व में मौके पर पहुंची टीम ने सभी जोड़ों के दस्तावेज देखे। इसी में आष्टा निवासी अशोक की दोनों बेटियों ज्योति व कुसुम के दस्तावेज नहीं मिले। शाहीन खान ने तत्काल दोनों के विवाह रुकवाया और उन्हें अलग बैठा दिया। दोनों लड़कि यों का विवाह आष्टा निवासी शिवलाल के बेटे श्याम व मुकुन्द से हो रहा था। जब अशोक ने कोई दस्तावेज नहीं दिया तो विवाह पर रोक लगाने के निर्देश दे दिए। इसके बाद अशोक ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया और सात दिन में सभी दस्तावेज देने को कहा। शपथ पत्र में ज्योति की जन्म तिथि 3 जनवरी 1993 तथा कुसुम की उम्र 2 मार्च 1994 होना बताया। इसके बाद अपर आयुक्त प्रमोद शुक्ला ने सहमति दी और विवाह संपन्न हुआ।
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