-कागजों में ग्राम पंचायत इस्लाम नगर का काम काज
भोपाल।
ग्राम पंचायत इस्लाम नगर में करोड़पति पंच का पूरा कुनबा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरी कर रहा है। दअरसल, मनरेगा के तहत करोड़पति किसान, लाखों रुपए फीस चुकाने वाले घर के ही छात्र और अन्य परिजनों मजदूरी करते दर्शाया गया है। इतना ही नहीं यह गरीब मजदूरों के खाद्यान्न पर भी डाका डाल रहे हैं। यह पूरा मामला जांच में सामने आया है।
यह जांच राजस्व और पंचायत विभाग की ग्राम पंचायत इस्लाम नगर ने किया है। जांच कलेक्टर की जनसुनवाई में की गई शिकायत के बाद एसडीएम हुजूर ने शुरू करवाई है। इसके लिए जिला पंचायत निरीक्षक राजेश मेहदेले और राजस्व निरीक्षक रमेश रघुवंशी की अगुवाई में दो टीमें बनाई गई हैं। दोनों टीमों को हफ्तेभर में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देनी है। सरपंच नारायणदास बैरागी और उप सरपंच रमाकांत मालवीय के खिलाफ शुरुआती जांच में सामने आया है कि अधिकांश विकास कार्य गुणवत्ताहीन हुए हैं, जैसे कि आंगनबाड़ी और स्कूल आदि के भवन में दरारें पड़ चुकी हैं और दरवाजे उखड़ रहे हैं, छत से रेत गिर रही है। सीमेंट कांक्रीटीकरण वाली सड़कें उखड चुकी हैं और धूल उड रही है। पंचायत से पारित प्रस्ताव के अनुसार कार्य कराए जाने के बजाए सरपंच ने मनमानी करते हुए दूसरे स्थान पर करवाए।
-सीबीआई जांच जारी
मनरेगा में भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। जानकारी के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा की लांबाखेड़ा ब्रांच में मनरेगा के मजदूरों के खाते खोले गए थे। इन खातों में सैकडों एकड़ जमीन और हार्वेस्टर रखने वाले किसानों, करोड़पतियों और सालाना लाखों रुपए फीस चुकाने वाले कॉलेज स्टॅूडेंट तक के नाम हैं। बैंक द्वारा यह जानकारी न देने और असलियत छुपाने की शिकायत जनसुनवाई में होने के बाद सीबीआई ने संज्ञान में ले लिया है।
-दस्तावेजी सुबूतों के साथ लगे आरोप
-पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित गोंड राजा के चमन महल की ऐतिहासिक दीवार को बुलडोजर से गिराकर अतिक्रमण कर मकान बनाए।
-चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में वैवाहिक स्थिति के बारे झूठी जानकारी दी गई, जबकि सरपंच की दो बीबियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
-मनरेगा में पंजीकृत मजदूरों में कई करोड़पति, कॉलेज स्टूडेंट के साथ ही ऐसे नाम भी हैं, जिनके बारे में पूरे गांव को ही नहीं पता है।
-बिल्डरों और कॉलोनाईजरों से सांठगांठ करके कायदे कानून को बलाए ताक रखते हुए पंचायत स्तर से ही परमीशन जारी कर दी गई।
-गांव में कराए गए लाखों रुपए के विकास कार्य सिर्फ कागजों पर हैं, जिनकी जानकारी लेने पर धमकाते हैं सरपंच और उप सरपंच।
-सरपंच के भतीजे के गांव के बाहर बने ढाबे के लिए सरकारी पैसे से बोर कराया गया, जबकि गांव के पंपों की मरम्मत तक नहीं कराई।
-वर्जन
सरपंच पर पुरातत्व विभाग के महल पर अतिक्रमण, चुनाव में दो पत्नियों की जानकारी न देने, भतीजे के ढाबे के पास बोर कराने सहित अन्य मामले सामने आए हैं। अब गांववालों के बयान लिए जा रहे हैं।
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर
भोपाल।
ग्राम पंचायत इस्लाम नगर में करोड़पति पंच का पूरा कुनबा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरी कर रहा है। दअरसल, मनरेगा के तहत करोड़पति किसान, लाखों रुपए फीस चुकाने वाले घर के ही छात्र और अन्य परिजनों मजदूरी करते दर्शाया गया है। इतना ही नहीं यह गरीब मजदूरों के खाद्यान्न पर भी डाका डाल रहे हैं। यह पूरा मामला जांच में सामने आया है।
यह जांच राजस्व और पंचायत विभाग की ग्राम पंचायत इस्लाम नगर ने किया है। जांच कलेक्टर की जनसुनवाई में की गई शिकायत के बाद एसडीएम हुजूर ने शुरू करवाई है। इसके लिए जिला पंचायत निरीक्षक राजेश मेहदेले और राजस्व निरीक्षक रमेश रघुवंशी की अगुवाई में दो टीमें बनाई गई हैं। दोनों टीमों को हफ्तेभर में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देनी है। सरपंच नारायणदास बैरागी और उप सरपंच रमाकांत मालवीय के खिलाफ शुरुआती जांच में सामने आया है कि अधिकांश विकास कार्य गुणवत्ताहीन हुए हैं, जैसे कि आंगनबाड़ी और स्कूल आदि के भवन में दरारें पड़ चुकी हैं और दरवाजे उखड़ रहे हैं, छत से रेत गिर रही है। सीमेंट कांक्रीटीकरण वाली सड़कें उखड चुकी हैं और धूल उड रही है। पंचायत से पारित प्रस्ताव के अनुसार कार्य कराए जाने के बजाए सरपंच ने मनमानी करते हुए दूसरे स्थान पर करवाए।
-सीबीआई जांच जारी
मनरेगा में भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। जानकारी के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा की लांबाखेड़ा ब्रांच में मनरेगा के मजदूरों के खाते खोले गए थे। इन खातों में सैकडों एकड़ जमीन और हार्वेस्टर रखने वाले किसानों, करोड़पतियों और सालाना लाखों रुपए फीस चुकाने वाले कॉलेज स्टॅूडेंट तक के नाम हैं। बैंक द्वारा यह जानकारी न देने और असलियत छुपाने की शिकायत जनसुनवाई में होने के बाद सीबीआई ने संज्ञान में ले लिया है।
-दस्तावेजी सुबूतों के साथ लगे आरोप
-पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित गोंड राजा के चमन महल की ऐतिहासिक दीवार को बुलडोजर से गिराकर अतिक्रमण कर मकान बनाए।
-चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में वैवाहिक स्थिति के बारे झूठी जानकारी दी गई, जबकि सरपंच की दो बीबियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
-मनरेगा में पंजीकृत मजदूरों में कई करोड़पति, कॉलेज स्टूडेंट के साथ ही ऐसे नाम भी हैं, जिनके बारे में पूरे गांव को ही नहीं पता है।
-बिल्डरों और कॉलोनाईजरों से सांठगांठ करके कायदे कानून को बलाए ताक रखते हुए पंचायत स्तर से ही परमीशन जारी कर दी गई।
-गांव में कराए गए लाखों रुपए के विकास कार्य सिर्फ कागजों पर हैं, जिनकी जानकारी लेने पर धमकाते हैं सरपंच और उप सरपंच।
-सरपंच के भतीजे के गांव के बाहर बने ढाबे के लिए सरकारी पैसे से बोर कराया गया, जबकि गांव के पंपों की मरम्मत तक नहीं कराई।
-वर्जन
सरपंच पर पुरातत्व विभाग के महल पर अतिक्रमण, चुनाव में दो पत्नियों की जानकारी न देने, भतीजे के ढाबे के पास बोर कराने सहित अन्य मामले सामने आए हैं। अब गांववालों के बयान लिए जा रहे हैं।
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर
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