-कैचमेंट, ईदगाह, अर्बन सीलिंग व विमान प्राधिकरण की जमीनों पर नहीं मिलेगा पट्टा
भोपाल।
सरकारी जमीन पर झुग्गी बनाकर रहने वाले लोगों का सर्वे तो हा रहा है, लेकिन नाम जोडऩे के लिए चयन कुछ का ही हो रहा है। सर्वे में नाम मात्र लोगों के नाम जोडऩे का कारण उनकी झुग्गियां कैचमेंट, ईदगाह व अर्बन सीलिंग की जमीन पर तनीं हुई हैं। इन जगहों की झुग्गियों को सर्वे टीम सर्वे में शामिल ही नहीं कर रही है।
ऐसे अधिकांश मामले बैरागढ़ वृत्त में सामने आए हैं। यहां मर्जर व ईदगाह की जमीन हैं साथ ही इस पर सन २००० से ही विवाद चल रहा है। ऐसे में अफसर भी किसी प्रकार की मुसीबत मौल लेना नहीं चाहते, लिहाजा सर्वे के नाम पर खाना पूर्ति भर कर रहे हैं। उल्लेखनीय है शहरी क्षेत्र में 31 दिसंबर २०12 से पूर्व से निवास करने वाले व्यक्ति उसी जगह का पट्टा दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। इसी को लेकर जिला प्रशासन सर्वे करा रहा है, लेकिन यही परेशानी का सबब भी साबित हो रही है। शासन के द्वारा जारी सर्कुलर में साफ किया गया है कि पट्टे अस्थाई और स्थाई तौर पर दिए जाएंगे। सर्वे का काम राजस्व कर्मचारी करेंगे। अब सर्वे की इस स्थिति से लोगों को लाभ मिलता नहीं दिख रहा है।
-ऐसे स्थानों से दूरी
जिला प्रशासन के राजस्व अधिकारी ऐसी किसी भी भूमि पर झुग्गी का सर्वे नहीं करना चाहते जहां जमीन विवादित हो। आलम यह है कि कई वृत्तों में तो यह आंकड़ा सौ के अंदर सिमट गया है। सूत्रों के अनुसार जहां झुग्गियां बनी हुई हैं, वह जमीनें पुर्नवास, तालाब का कैचमेंट, विमान प्राधिकरण, अर्बन सीलिंग की हैं। इसके चलते ऐसे स्थानों पर सर्वे ही नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार के सबसे ज्यादा मामले बैरागढ़ वृत्त में सामने आए हैं। शहर वृत्त में अरेरा हिल्स व अर्जुन नगर की 50 झुग्गियां हैं, जिन्हें पट्टे देने की तैयारी की जा रही है। हुजूर में सर्वे कार्य 75 प्रतिशत पूरा कर लिया है। हुजूर एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने अपने क्षेत्र में सर्वे 25 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
-ये है सर्कुलर
शासन द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार शहरी क्षेत्र में सर्वे एक मई से शुरू होना था, वहीं इसे 31 मई तक पूरा करना था। लेकिन राजधानी में यह कार्य 11 मई तक शुरू हो सका है। ऐसे में 31 मई तक सर्वे के पूर्ण होने पर संकट बना हुआ है, जबकि कुछ जिलों में सर्वे पूर्ण होने के साथ साथ पट्टों का वितरण भी शुरू कर दिया गया है।
भोपाल।
सरकारी जमीन पर झुग्गी बनाकर रहने वाले लोगों का सर्वे तो हा रहा है, लेकिन नाम जोडऩे के लिए चयन कुछ का ही हो रहा है। सर्वे में नाम मात्र लोगों के नाम जोडऩे का कारण उनकी झुग्गियां कैचमेंट, ईदगाह व अर्बन सीलिंग की जमीन पर तनीं हुई हैं। इन जगहों की झुग्गियों को सर्वे टीम सर्वे में शामिल ही नहीं कर रही है।
ऐसे अधिकांश मामले बैरागढ़ वृत्त में सामने आए हैं। यहां मर्जर व ईदगाह की जमीन हैं साथ ही इस पर सन २००० से ही विवाद चल रहा है। ऐसे में अफसर भी किसी प्रकार की मुसीबत मौल लेना नहीं चाहते, लिहाजा सर्वे के नाम पर खाना पूर्ति भर कर रहे हैं। उल्लेखनीय है शहरी क्षेत्र में 31 दिसंबर २०12 से पूर्व से निवास करने वाले व्यक्ति उसी जगह का पट्टा दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। इसी को लेकर जिला प्रशासन सर्वे करा रहा है, लेकिन यही परेशानी का सबब भी साबित हो रही है। शासन के द्वारा जारी सर्कुलर में साफ किया गया है कि पट्टे अस्थाई और स्थाई तौर पर दिए जाएंगे। सर्वे का काम राजस्व कर्मचारी करेंगे। अब सर्वे की इस स्थिति से लोगों को लाभ मिलता नहीं दिख रहा है।
-ऐसे स्थानों से दूरी
जिला प्रशासन के राजस्व अधिकारी ऐसी किसी भी भूमि पर झुग्गी का सर्वे नहीं करना चाहते जहां जमीन विवादित हो। आलम यह है कि कई वृत्तों में तो यह आंकड़ा सौ के अंदर सिमट गया है। सूत्रों के अनुसार जहां झुग्गियां बनी हुई हैं, वह जमीनें पुर्नवास, तालाब का कैचमेंट, विमान प्राधिकरण, अर्बन सीलिंग की हैं। इसके चलते ऐसे स्थानों पर सर्वे ही नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार के सबसे ज्यादा मामले बैरागढ़ वृत्त में सामने आए हैं। शहर वृत्त में अरेरा हिल्स व अर्जुन नगर की 50 झुग्गियां हैं, जिन्हें पट्टे देने की तैयारी की जा रही है। हुजूर में सर्वे कार्य 75 प्रतिशत पूरा कर लिया है। हुजूर एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने अपने क्षेत्र में सर्वे 25 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
-ये है सर्कुलर
शासन द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार शहरी क्षेत्र में सर्वे एक मई से शुरू होना था, वहीं इसे 31 मई तक पूरा करना था। लेकिन राजधानी में यह कार्य 11 मई तक शुरू हो सका है। ऐसे में 31 मई तक सर्वे के पूर्ण होने पर संकट बना हुआ है, जबकि कुछ जिलों में सर्वे पूर्ण होने के साथ साथ पट्टों का वितरण भी शुरू कर दिया गया है।
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