मंगलवार, 21 मई 2013

ेजारी है अवैध प्लाटिंग का सिलसिला

-पार्षद पंकज चौकसे, सचिन गुप्ता, मनोज कुशवाह, सूरज मिलकर बेच रहे प्लाट
-प्रशासन कार्रवाई करने में मौन 
-100 रुपए के स्टॉप पर हो गई लिखा पढ़ी
-टीएंडसीपी से एप्रूवल न जमीन का डायर्वसन 
भोपाल। 
विदिशा रोड स्थित मालीखेड़ी में बिना डायवर्सन और बिना किसी वैधानिक अनुमति के प्लाटिंग का सिलसिला जारी है। अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे रहे हैं वार्ड क्रमांक-1३ से भाजपा पार्षद पंकज चौकसे, बिल्डर सचिन गुप्ता, मनोज कुशवाह और कपड़ा व्यापारी सूरज। अवैध प्लाटिंग को लेकर एसडीएम अमरजीत सिंह पवार, तहसीलदार निकिता तिवारी को कार्रवाई करना है। 
यह अपनी जिम्मेदारी से लगातार बच रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि हुजूर एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ग्रामीण और कोलार में अवैध प्लाटिंग करने वाले ऐसे ही ५२ कालोनाइजर की जमीन की खरीदी-बिकरी पर रोक लगा चुके हैं। हुजूर के बाद सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट गोविन्दपुरा वृत्त में चल रहे हैं। मामला कलेक्टर के सामने आने के बाद उन्होंने खुद इसकी जांच का जिम्मा लिया है। 

गोयाकी, यह चारों बिना वैधानिक अनुमति के प्लाटिंग कर रहे हैं। इन्होंने साथ ही किसान से इस जमीन की लिखा पढ़ी मात्र 100 रुपए के स्टॉम्प पर की गई। 
जमीन पर प्लाटिंग करने का काम इतनी चतुराई से किया जा रहा है कि किसी को ये पता भी न चले कि इस खेल में कौन-कौन शामिल हैं। इसके लिए ५०० रुपए के स्टॉम्प पर 'पॉवर ऑफ अटर्नीÓ मनोज कुशवाह और किसान मो. शमसेर पुत्र मो. रईस, श्रीमती आमनादी (आमनाबी) पत्नी करीम खां के बीच हुई। मालीखेड़ी के खसरा क्र.-११९/२-१२१ रकबा १.७९३ हैैक्टेयर (4.43 एकड़) भूमि पर अलग-अलग साइज के 202 प्लाट काटे हैं। शातिरों ने इतने ताबड़-तोड़ प्लाटों की विक्रय की २०२ प्लाटों में से करीब 70 प्लाट बेच भी दिए हैं, जबकि 'प्रेम सिटी' के नाम से इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ २८ अप्रैल, २०१३ (रविवार) को ही हुआ। इन्होंने विदिशा रोड पर रासला खेड़ी में अवैध कॉलोनी भी काटी है, जिसमें कुछ प्लाट सरकारी जमीन पर भी काट दिए। 

-इसलिए बचते हैं डायर्वसन से 
यह ग्राम मालीखेड़ी की पटवारी हल्का न.- 22 की खसरा क्र.-११९/२-१२१ रकबा १.७९३ हैैक्टेयर (4.43 एकड़) भूमि पर ४०१ से  ११५२ स्क्वॉयर फीट साइज के कुल 202 प्लाट काट रहे हैं। तीन दिन पहले २८ अप्रैल को 'प्रेम सिटीÓ के नाम से लांच किए गए इस प्रोजेक्ट के करीब 70 प्लाट बेच भी दिए। इस जमीन का नक्शा टीएंडसीपी से एप्रूवड नहीं है। वहीं भूमि का डायर्वसन (व्यापवर्तन) भी नहीं कराया गया है। वर्तमान में डायर्वसन शुल्क ५ लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से लग रहा है, यह राशि कॉलोनी काटने वाले बचते हैं। इससे पहले नक्शा टीएंडसीपी से एप्रूव होता है। इसके बाद ही आगे की अनुमतियां मिलती हैं। कालोनाइजर द्वारा दिया गया नक्शा व जमीन के संबंध में बताई गई जानकारी मानक स्तर पर खरी नहीं होती है तो इसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। 

-नाम बदला, खेल जारी 
अवैधानिक रूप से काटी जा रहे प्लाटों का खेल 'सफल प्रापर्टी एवं कंसल्टेंसी' के नाम से किया जा रहा है। इससे पहले 'वर्षा प्रापर्टी डीलर' के बैनर तले साईं धाम नाम से अवैध कालोनी काट चुके हैं। इसमें दिलीप यादव, नितीन गुप्ता, राजेश कटसे और रवि तायड़े शामिल थे। रासला खेड़ी में काटी गई भूमि की 'पावर ऑफ अटर्नी' रवि तायड़े के नाम से हुई थी। वहीं सचिन गुप्ता नितीन गुप्ता के भाई हैं। रासलाखेड़ी में काटी गई कालोनी की जमीन का भी डायर्वसन नहीं कराया था, न ही नगर तथा ग्राम निवेश (टीएंडसीपी) से इसका नक्शा अनुमोदित (एप्रूवड) था। 

-एक परिचय शातिरों का 
पंकज चौकसे:- वार्ड-1३ से भाजपा के पार्षद हैं। इनके द्वारा खुद को दिलीप सूर्यवंशी परिवार का दामाद बताया जाता है। 
सचिन गुप्ता:- इनकी छोला नाके पर वर्षा गिफ्ट एंड जनरल स्टोर नाम से शॉप है। 
प्रेम कुशवाह:- कैंची छोला में प्रेम टी-स्टॉल और प्रेम भोजनालय है। 
सूरज:- छोला नाके पर इनकी कपड़े की दुकान है। 

-ये अनुमतियां जरूरी 
१. टीएंडसीपी से जमीन का नक्शा एप्रूवड होना चाहिए।      
२. जहां जमीन है, उससे संबंधित क्षेत्र के एसडीएम (अनुविभागीय अधिकारी) द्वारा भूमि का डायर्वसन (व्यापवर्तन) आदेश पास होना चाहिए। 
३. नगर निगम से कालोनी विकास अनुमति होनी चाहिए।
४. संबंधित नजूल कार्यालय की नजूल एनओसी होना आवश्यक है। इसमें प्रमाणित हो कि उक्त भूमि शासकीय नहीं है तथा शासन का कोई पूर्व का राजस्व शेष नहीं है। शासन को इस भूमि पर कालोनी विकसित करने से कोई आपत्ति नहीं है। 
५. विक्रय पत्र का पंजीयन एवं अनुबंध का पंजीयन कराया जाना अनिवार्य है, जोकि जोकि के्रता के अधिकार का सुरक्षित करता है। इसे न्यायालयीन कार्रवाई में बतौर साक्ष्य प्रस्तुत किया जा सकता है। 
६. जो भी बिल्डर-कालोनाइजर कालोनी विकसित कर रहा है, उसके पास नगर निगम द्वारा जारी कालोनाइजर लायसेंस उक्त भूमि के लिए होना चाहिए। 

-वर्जन 
अवैध कालोनी काटने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसकी जांच कराउंगा। जमीन पर अवैधानिक रूप से प्लाटिंग करने की स्थिति में वैधानिक कार्रवाई करते हुए रोक लगाई जाएगी। 
निकुंज कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर, भोपाल

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